दर्शन जीवन के अर्थ की खोज, मानव अस्तित्व, उद्देश्य और कभी-कभी ब्रह्मांड से संबंधित विभिन्न तत्वों को गहराई से समझने की एक कला है। दर्शनशास्त्र को पाइथागोरस ने 570 – 495 ईसा पूर्व प्रचलित किया था और तब से कई महान दार्शनिकों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जन्म लिया है। इन दार्शनिकों ने कई गहन विचारों और विश्वासों पर अध्ययन किया है एवं तर्कसंगत सोच के लिए रास्ता साफ किया है। इन दार्शनिकों का प्रभाव अभी भी कई विश्वास प्रणालियों, प्रथाओं और सामान्य मान्यताओं में मजबूती से मौजूद है। यहां सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली गैर-भारतीय दार्शनिकों की सूची दी गई है। इन दार्शनिकों ने राजनीतिक व्यवस्था और कई बार वैज्ञानिक मान्यताओं को भी चुनौती दी है और दुनिया की व्यवस्था को एक सुन्दर आकार दिया है। मानव अस्तित्व, अंतर्दृष्टि, मानव मूल्यों, तर्क, मन और भाषा पर इनका अध्ययन आज भी विभिन्न अनुसंधानों में मार्गदर्शन कर रहा है।
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प्लोटिनस एक प्रमुख हेलेनिस्टिक दार्शनिक थे जो रोमन मिस्र में रहते थे। एन्नोइड्स में वर्णित उनके दर्शन में, तीन सिद्धांत हैं: एक, बुद्धि और आत्मा। उनके शिक्षक अम्मोनियस सैकस थे, जो प्लेटोनिक परंपरा के थे। 19 वीं शताब्दी के इतिहासकारों ने न... अधिक पढ़ें

अरस्तु (384 ईपू – 322 ईपू) यूनानी दार्शनिक थे। वे प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु थे। उनका जन्म स्टेगेरिया नामक नगर में हुआ था । अरस्तु ने भौतिकी, आध्यात्म, कविता, नाटक, संगीत, तर्कशास्त्र, राजनीति शास्त्र, नीतिशास्त्र, जीव विज्ञान... अधिक पढ़ें

सुकरात मौलिक शिक्षा और आचार द्वारा उदाहरण देना ही पसंद था। साधारण शिक्षा तथा मानव सदाचार पर वह जोर देता था और उन्हीं की तरह पुरानी रूढ़ियों पर प्रहार करता था। वह कहता था, ""सच्चा ज्ञान संभव है बशर्ते उसके लिए ठीक तौर पर प्रयत्न किया जाए; ज... अधिक पढ़ें

रेने डेकार्ट जो कि दार्शनिक होने के साथ साथ एक सुप्रसिद्घ गणितज्ञ थे, वे दर्शन को विज्ञान में परिवर्तित करना चाहते थे। आधुनिक पाश्चात्य दर्शन का जनक के रुप में इन्हें जाना जाता है, साथ ही साथ इन्होंने ज्ञान के लिए बुद्धि को सर्व... अधिक पढ़ें

इम्मैनुएल कांट (1724-1804) जर्मन वैज्ञानिक, नीतिशास्त्री एवं दार्शनिक थे। उसका वैज्ञानिक मत "कांट-लाप्लास परिकल्पना" (हाइपॉथेसिस) के नाम से विख्यात है। उक्त परिकल्पना के अनुसार संतप्त वाष्पराशि नेबुला से सौरमंडल उत्पन्न हुआ। कांट... अधिक पढ़ें

फ्रेडरिक नीत्शे (15, अक्टूबर, 1844 से 25, अगस्त 1900) जर्मनी का दार्शनिक था। मनोविश्लेषणवाद, अस्तित्ववाद एवं परिघटनामूलक चिंतन (Phenomenalism) के विकास में नीत्शे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। व्यक्तिवादी तथा राज्यवादी दोनों ... अधिक पढ़ें

कंफ्यूशियसी दर्शन की शुरुआत 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व चीन में हुई। जिस समय भारत में भगवान महावीर और बुद्ध धर्म के संबध में नए विचार रख रहें थे, चीन में भी एक महात्मा का जन्म हुआ, जिसका नाम कन्फ़्यूशियस था। उस समय झोऊ राजवंश का बसंत और... अधिक पढ़ें

जॉन लॉक (1632-1704) आंग्ल दार्शनिक एवं राजनैतिक विचारक थे। जॉन लॉक (29 अगस्त 1632 - 28 अक्टूबर 1704) एक अंग्रेजी दार्शनिक और चिकित्सक थे, जिन्हें व्यापक रूप से प्रबुद्धता के विचारकों के सबसे प्रभावशाली के रूप में माना जाता था और आ... अधिक पढ़ें

कार्ल हेनरिक मार्क्स ( 5 मई 1818 - 14 मार्च 1883) एक जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार, समाजशास्त्री, राजनीतिक सिद्धांतकार, पत्रकार और समाजवादी क्रांतिकारी थे। जर्मनी के ट्रायर में जन्मे मार्क्स ने विश्वविद्यालय में कानून और ... अधिक पढ़ें

सेण्ट थॉमस एक्विनास (Thomas Aquinas ; 1225 – 7 मार्च 1274) को मध्ययुग का सबसे महान राजनीतिक विचारक और दार्शनिक माना जाता है। वह एक महान विद्वतावादी (Scholastic) तथा समन्वयवादी था। प्रो॰ डनिंग ने उसको सभी विद्वतावादी दार्शनिक... अधिक पढ़ें

सिग्मंड फ्रायड ( 6 मई 1856 -- 23 सितम्बर 1939 ) आस्ट्रिया के तंत्रिकाविज्ञानी (neurologist) तथा मनोविश्लेषण के संस्थापक थे।उन्होंने 1881 में वियना विश्वविद्यालय में चिकित्सा के डॉक्टर के रूप में योग्यता प्राप्त की। फ्रायड द्वारा ... अधिक पढ़ें

जीन-पॉल सार्त्र ( नोबेल पुरस्कार साहित्य विजेता, 1964)अस्तित्ववाद के पहले विचारकों में से माने जाते हैं। वह बीसवीं सदी में फ्रान्स के सर्वप्रधान दार्शनिक कहे जा सकते हैं। कई बार उन्हें अस्तित्ववाद के जन्मदाता के रूप में भी देख... अधिक पढ़ें

पटहहोतेप 25 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के अंत और 24 वीं शताब्दी के प्रारंभ में मिस्र के ईसा पूर्व पाँचवें राजवंश के दौरान एक प्राचीन मिस्र का जादूगर था। पंहोटेप फिफ्थ राजवंश में फिरौन जिदकेरे इसेसी के शासनकाल के दौरान शहर के प्रशासक और... अधिक पढ़ें

डायोजनीज जिसे डायोजनीज़ द साइनिक भी कहा जाता है। निंदक दर्शन के संस्थापकों में। वह सिनोप में पैदा हुआ था, जो आधुनिक दिन तुर्की के काला सागर तट पर एक इयानियन कॉलोनी था, 412 या 404 ईसा पूर्व में और 323 ईसा पूर्व में कोरिंथ में मृत्यु हो गई थी।

सोली का क्रिसिपस एक ग्रीक स्टॉइस दार्शनिक था। वह सोली, सिलिसिया के मूल निवासी थे, लेकिन एथेंस में एक युवा के रूप में चले गए, जहां वे स्टोइक स्कूल में क्लीनथेस के शिष्य बन गए। जब क्लींथेस की मृत्यु हो गई, लगभग 230 ईसा पूर्व, क्रिसिपस स्कू... अधिक पढ़ें

चौदहवें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो (6 जुलाई, 1935 - वर्तमान) तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरू हैं। उनका जन्म 6 जुलाई 1935 को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले ये ओमान परिवार में हुआ था। दो वर्ष की अवस्... अधिक पढ़ें

फ़्योदर दस्ताएवस्की ( 11 नवम्बर 1821, मसक्वा [मास्को] — 9 फ़रवरी 1881, सांक्त पितेरबूर्ग [सेण्ट पीटर्सबर्ग] ) — रूसी भाषा के एक महान् साहित्यकार,विचारक, दार्शनिक और निबन्धकार थे, जिन्होंने अनेक उपन्यास और कहानियाँ लिखीं पर... अधिक पढ़ें

जार्ज विलहेम फ्रेड्रिक हेगेल (1770-1831) सुप्रसिद्ध दार्शनिक थे। वे कई वर्ष तक बर्लिन विश्वविद्यालय में प्राध्यापक रहे और उनका देहावसान भी उसी नगर में हुआ। हेगेल की प्रमुख उपलब्धि उनके आदर्शवाद की विशिष्ट अभिव्यक्ति... अधिक पढ़ें

मॉर्गन स्कॉट पेक (1936–2005) एक अमेरिकी मनोचिकित्सक और लेखक थे, जिन्होंने 1978 में प्रकाशित पुस्तक द रोड लेस ट्रैवल्ड लिखी थी। पेक का जन्म 22 मई, 1936 को, न्यूयॉर्क शहर में, एक वकील और न्यायाधीश, ज़ेबेथ (नी सविले) और डेविड वार्नर पेक के ... अधिक पढ़ें

जीन-जक्क़ुएस रूसो (1712 - 78) की गणना पश्चिम के युगप्रवर्तक विचारकों में है। किंतु अंतर्विरोध तथा विरोधाभासों से पूर्ण होने के कारण उसके दर्शन का स्वरूप विवादास्पद रहा है। अपने युग की उपज होते हुए भी उसने तत्कालीन मान्यताओं... अधिक पढ़ें

Thales का जन्म ग्रीक के छोटे से राज्य माईलेट्स नगर में हुआ।इन्हें प्रथम यूनानी दार्शनिक माना जाता है। पाश्चात्य जगत में दर्शनशास्त्र के संस्थापक के रुप में भी इन्हें जाना जाता है। इनको यूनान के सप्त ऋषियों या सात बुद्धिमानों मे... अधिक पढ़ें

अर्नेस्ट शर्टलेफ़ होम्स (21 जनवरी, 1887 - 7 अप्रैल, 1960) एक अमेरिकी न्यू थॉट लेखक, शिक्षक और नेता थे। वह एक आध्यात्मिक आंदोलन के संस्थापक थे जिसे धार्मिक विज्ञान के रूप में जाना जाता था, न्यू थॉट आंदोलन का एक बड़ा भाग, जिसका... अधिक पढ़ें

टाकी एड-दीन एबाद इब्न अब्द अल-हलीम इब्न अब्द-अल-सलाम अल-नुमैरी अल-अराअन्नी के लिए संक्षेप में, एक मुस्लिम विद्वान मुहादिथ, धर्मशास्त्री, न्यायाधीश, न्यायविद्या, जो कुछ तर्क देते थे, एक दार्शनिक थे, और जिन्हें कुछ लोगों द्वारा ... अधिक पढ़ें

सामोस के पाईथोगोरस का जन्म 580 और 572 ई॰पू॰ के बीच हुआ और मृत्यु 500 और 490 ई॰पू॰ के बीच हुई), या फ़ीसाग़ोरस, एक अयोनिओयन ग्रीक गणितज्ञ और दार्शनिक थे और पाईथोगोरियनवाद (Pythagoreanism) नामक धार्मिक आन्दोलन के संस्थापक थे। उन्हें अक... अधिक पढ़ें

जॉन स्टुअर्ट मिल (20 मई 1806 - 7 मई 1873), आमतौर पर जे.एस. मिल के रूप में उद्धृत, एक अंग्रेजी दार्शनिक, राजनीतिक अर्थशास्त्री और नागरिक सेवक थे। शास्त्रीय उदारवाद के इतिहास में सबसे प्रभावशाली विचारकों में से एक, उन्होंने सामाजिक सिद्धांत, राजनीतिक सिद्धांत और राजनीतिक अर्थव्यवस्था में व्यापक रूप से योगदान दिया।

एडम स्मिथ (5जून 1723 से 17 जुलाई 1790) एक ब्रिटिश नीतिवेत्ता, दार्शनिक और राजनैतिक अर्थशास्त्री थे। उन्हें अर्थशास्त्र का पितामह भी कहा जाता है।आधुनिक अर्थशास्त्र के निर्माताओं में एडम स्मिथ (जून 5, 1723—जुलाई 17, 1790) का नाम सबसे... अधिक पढ़ें

लयूसिप्पुस कुछ प्राचीन स्रोतों में बताया गया है कि एक दार्शनिक थे जो परमाणुवाद के सिद्धांत को विकसित करने के लिए सबसे पहले यूनानी थे - यह विचार कि सब कुछ पूरी तरह से पूरी तरह से बना है। विभिन्न अपूर्ण, अविभाज्य तत्व जिन्हें परमाणु कहा जाता है। लेउसीपस अक्सर अपने शिष्य डेमोक्रिटस के गुरु के रूप में प्रकट होता है, एक दार्शनिक भी परमाणु सिद्धांत के प्रवर्तक के रूप में जाना जाता है।

लुडविग विट्गेन्स्टाइन (Ludwig Josef Johann Wittgenstein') (26 अप्रिल 1889 - 29 अप्रैल 1951) आस्ट्रिया के दार्शनिक थे। उन्होने तर्कशास्त्र, गणित का दर्शन, मन का दर्शन, एवं भाषा के दर्शन पर मुख्यतः कार्य किया। उनकी गणना बीस... अधिक पढ़ें

निकोलो मैकियावेली (Niccolò di Bernardo dei Machiavelli) (3 मई 1469 - 21 जून 1527) इटली का राजनयिक एवं राजनैतिक दार्शनिक, संगीतज्ञ, कवि एवं नाटककार था। पुनर्जागरण काल के इटली का वह एक प्रमुख व्यक्तित्व था। वह फ्लोरेंस रिप... अधिक पढ़ें

यूनानी तत्वदर्शी ज़ेनो (Zeno, 495-435 ईo पूo) का जन्म एलिया में हुआ था। गणितजगत् में इनकी प्रसिद्धि के मुख्य कारण अपने परम मित्र पार्मेनिदेस के तर्कों की रक्षा के निमित्त आविष्कृत चार असत्याभास (paradoxes) हैं, जिनमें सातत्य, अनंत एवं अत्यल्प के सामान्य विचार विद्यमान हैं। 435 ईo पूo में राजद्रोह अथवा ऐसे ही किसी अपराध के कारण इनको अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

डेविड ह्यूम (1711-1776) आधुनिक काल के विश्वविख्यात दार्शनिक थे। वे स्काटलैंड (एडिनबरा) के निवासी थे। आपके मुख्य ग्रंथ हैं - 'मानव प्रज्ञा की एक परीक्षा' (An Enquiry Concerning Human Understanding) और 'नैतिक सिद्धांतों की एक परीक्षा... अधिक पढ़ें

प्रोटागोरस एक पूर्व-सुकराती ग्रीक दार्शनिक थे। प्लेटो द्वारा उन्हें एक परिष्कारक के रूप में गिना जाता है। अपने संवाद प्रोटोगोरस में, प्लेटो ने पेशेवर परिष्कारक की भूमिका का आविष्कार करने का श्रेय उसे दिया। माना जाता है कि प्र... अधिक पढ़ें

खलील जिब्रान ( 6 जनवरी, 1883 – 10 जनवरी, 1931) एक लेबनानी-अमेरिकी कलाकार, कवि तथा न्यूयॉर्क पेन लीग के लेखक थे। उन्हें अपने चिंतन के कारण समकालीन पादरियों और अधिकारी वर्ग का कोपभाजन होना पड़ा और जाति से बहिष्कृत करके देश निकाल... अधिक पढ़ें

विलियम जेम्स ( 11 जनवरी, 1842 – 26 अगस्त, 1910) अमेरिकी दार्शनिक एवं मनोवैज्ञानिक थे जिन्होने चिकित्सक के रूप में भी प्रशिक्षण पाया था। इन्होंने मनोविज्ञान को दर्शनशास्त्र से पृथक किया था, इसलिए इन्हें मनोविज्ञान का जनक भी माना ज... अधिक पढ़ें

चार्ल्स सैंडर्स पियर्स अमेरिकी दार्शनिक , तर्कशास्त्री , गणितज्ञ , और वैज्ञानिक थे। एक रसायनज्ञ के रूप में शिक्षित और तीस साल के लिए एक वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत, पीयरस ने खुद को, पहले और सबसे महत्वपूर्ण, एक तर्कशास्... अधिक पढ़ें

गाटफ्रीड विलहेल्म लाइबनिज ( 1 जुलाई 1646 - 14 नवम्बर 1716) जर्मनी के दार्शनिक, वैज्ञानिक, गणितज्ञ, राजनयिक, भौतिकविद्, इतिहासकार, राजनेता, विधिकार थे। उनका पूरा नाम 'गोतफ्रीत विल्हेल्म फोन लाइब्नित्स' था। गणित के इतिहास तथा दर्शन के इतिहास में उनका प्रमुख स्थान है।

रिचर्ड जॉन कोच (जन्म 28 जुलाई 1950 को लंदन में) एक ब्रिटिश प्रबंधन सलाहकार, उद्यम पूंजी निवेशक और प्रबंधन, विपणन और जीवन शैली पर पुस्तकों के लेखक हैं। कोच ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम.ए. और व्हार्टन स्कूल से एम.बी.ए. प्रारंभ... अधिक पढ़ें

टॉम बटलर-बाउडन (जन्म; 1967) ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड में स्थित एक गैर-कथा लेखक है। बटलर-बोडन का जन्म एडिलेड में हुआ था। उन्होंने सिडनी विश्वविद्यालय (बीए ऑनर्स, सरकार और इतिहास) और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एमएससी पॉलिटिक्स ऑफ द वर्ल्ड इकोनॉमी) से स्नातक किया।

विलियम शेक्सपीयर (23 अप्रैल 1564 - 23 अप्रैल 1616 ) अंग्रेजी के कवि, काव्यात्मकता के विद्वान नाटककार तथा अभिनेता थे। उनके नाटकों का लगभग सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हुआ है।शेक्सपियर में अत्यंत उच्च कोटि की सृजनात्मक प्रत... अधिक पढ़ें

इब्न रश्द, लैटिन भाषा में आवेररोस (पूरा नाम :अबू इ-वालिद मुहम्मद इब्न ' अहमद इब्न रुस्द) को इस नाम से पुकारा जाता है। एक एंडलुसियन दार्शनिक और विचारक थे जिन्होंने दर्शन, धर्मशास्त्र, चिकित्सा, खगोल विज्ञान, भौतिकी, इस्लामी न्यायशास... अधिक पढ़ें

थॉमस हॉब्स (Thomas Hobbes ; 1588 ई0 - 1679 ई0) प्रसिद्ध आंग्ल दार्शनिक एवं राजनीतिक विचारक। थॉमस हॉब्स का दर्शन गैलीलियो, केप्लर, डेकार्ट तथा गैसेंडी जैसे वैज्ञानिकों की धारणाओं से अनुप्राणित है। कहा जाता है कि संपूर्ण मानवज्ञान को... अधिक पढ़ें

रोलैंड बर्थ (1915 - 1980) फ्रांस के प्रमुख साहित्यिक आलोचक, साहित्यिक और सामाजिक सिद्धांतकार, दार्शनिक और लाक्षण-विज्ञानी थे। संरचनावाद, लाक्षण-विज्ञान, समाजशास्त्र, डिज़ाइन सिद्धांत, नृविज्ञान और उत्तर-संरचनावाद जैसे सिद्धांत उनके विविध विचारों से प्रभावित थे।

थॉमस जेफ़र्सन (13 अप्रैल 1743 - 4 जुलाई 1826) संयुक्त राज्य अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति (1801–1809) तथा अमेरिकी 'स्वतंत्रता की घोषणा' के मुख्य लेखक (1776) थे। जेफरसन एक राजनैतिक दार्शनिक तथा विद्वान व्यक्ति थे। ये डेमोक्रेटिक- र... अधिक पढ़ें

यह थेल्स का शिष्य था। उसने सर्वप्रथम एक बेबीलोनियन यन्त्र नोमोन बनाया बनाया जो सूर्य घड़ी का कार्य करता था। अनेग्जीमेण्डर ईसा से 610-546 वर्ष पूर्व युनानी विद्वान था। इसने ब्रह्माण्डविज्ञान को विकसित किया। इसने ब्रह्माण्ड उत्पत्ति क... अधिक पढ़ें

मार्कस ऑरेलियस ( 26 April 121 – 17 March 180 AD) रोम का सम्राट था जिसने 161 से 180 ई॰ तक शासन किया। वह उन पाँच सम्राटों में अन्तिम सम्राट था जिन्हें 'पाँच अच्छे सम्राट' कहा जाता है। वह स्टोइक दर्शन का अभ्यासी था। उसने बिना श... अधिक पढ़ें

राल्फ वाल्डो इमर्सन (1803-1882) प्रसिद्ध निबंधकार, वक्ता तथा कवि थे। उन्हें अमरीकी नवजागरण का प्रवर्तक माना जाता है। आपने मेलविन, ह्विटमैन तथा हाथार्न जैसे अनेक लेखकों ओर विचारकों को प्रभावित किया। आप लोकोत्तरवाद के नेता थे ज... अधिक पढ़ें

अबू अली सीना फारस के विद्वान, दार्शनिक एवं चिकित्सक थे। उन्होने विविध विषयों पर लगभग 450 पुस्तकें लिखी जिसमें से 240 अब भी प्राप्य हैं। इसमें से 15 पुस्तकें चिकित्सा विज्ञान से संबंधित हैं। उनकी विश्वविख्यात किताब का नाम क़ानून है। यह... अधिक पढ़ें

एपिक्टेटस एक ग्रीक स्टोइक दार्शनिक था। उनका जन्म हायरपोलिस, फ़्रीगिया (वर्तमान पॉमुकले, तुर्की) में एक दास के रूप में हुआ था और वे अपने निर्वासन तक रोम में रहे, जब वे अपने पूरे जीवन के लिए पश्चिमोत्तर ग्रीस के निकोपोलिस गए थे। उनकी शिक्षाओं को उनके शिष्य एरियन ने अपने प्रवचनों और एनकिरिडियन में लिखा और प्रकाशित किया।

पॉल को आमतौर पर एपोस्टोलिक युग के सबसे महत्वपूर्ण आंकड़ों में से एक माना जाता है और 30 के दशक के मध्य से लेकर 50 के दशक के मध्य तक उन्होंने एशिया माइनर और यूरोप में कई ईसाई समुदायों की स्थापना की।

जानोस फ़ार्कस (27 मार्च 1942 को बुडापेस्ट में - 29 सितंबर 1989 को बुडापेस्ट एक हंगेरियन फुटबॉलर था। अपने क्लब कैरियर के दौरान उन्होंने वास एससी के लिए खेला। उन्होंने 1961 से 1969 तक हंगरी राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए 33 कैप अर्जित क... अधिक पढ़ें

ज़ीनो ऑफ़ सिटियम फियोनियन मूल का एक हेलेन दार्शनिक था, सिटियम ,साइप्रस से। ज़ेनो दर्शनशास्त्र के स्टोइक स्कूल के संस्थापक थे, जो उन्होंने लगभग 300 ईसा पूर्व एथेंस में पढ़ाया था। Cynics के नैतिक विचारों के आधार पर, स्टोकिज्म न... अधिक पढ़ें

रॉबर्ट बॉयस ब्रैंडोम (जन्म 13 मार्च 1950) एक अमेरिकी दार्शनिक हैं जो पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं। वह मुख्य रूप से भाषा के दर्शन, मन के दर्शन और दार्शनिक तर्क में काम करता है, और उसका अकादमिक आउटपुट इन विषयों में व्यवस... अधिक पढ़ें

जुरगेन हबेर्मस एक जर्मन दार्शनिक और समाजशास्त्री है जो आलोचनात्मक सिद्धांत की परंपरा में है; व्यावहारिकता। उनका कार्य संप्रेषणीयता और सार्वजनिक क्षेत्र को संबोधित करता है। फ्रैंकफर्ट स्कूल से संबद्ध, हेबरमास का काम महामारी ... अधिक पढ़ें

हरबर्ट मार्कुस ( जुलाई 19, 1898 - 29 जुलाई, 1979) फ्रैंकफर्ट स्कूल ऑफ़ क्रिटिकल थ्योरी से जुड़े एक जर्मन-अमेरिकी दार्शनिक, समाजशास्त्री और राजनीतिक सिद्धांतकार थे। बर्लिन में जन्मे, मार्क्युज़ ने बर्लिन के हम्बोल्ट विश्वविद... अधिक पढ़ें

पियरे बॉर्डियू (1 अगस्त 1930 - 23 जनवरी 2002) एक फ्रांसीसी समाजशास्त्री, मानवविज्ञानी, दार्शनिक और सार्वजनिक बुद्धिजीवी थे। शिक्षा के समाजशास्त्र में बॉर्डियू के प्रमुख योगदान, समाजशास्त्र के सिद्धांत और सौंदर्यशास्त्र के समाजशास्त... अधिक पढ़ें

ऍगस्टीन (354 ई॰ - 430 ई॰) एक इसाई दार्शनिक थे। इनका जन्म 13 नवम्बर संन 354 में रोमन अफ्रीका के नुमिडिया प्रांत के थागास्ते नमाक शहर में हुआ था। मध्य युग मै इनका कार्य सराहनीय रहा है। इनके द्वारा लैटिन भाषा में लेखी गयी प्रमुख किताबे थी - दे सिविअताते दी (अंग्रेजी में इसे सिटी ऑफ़ गॉड के नाम से जाना जाता हैं) और कंफेशंस।

सिमोन द बुआ (फ़्रांसीसी: Simone de Beauvoir) (जन्म: 9 जनवरी 1908 - मृत्यु : 14 अप्रैल 1986) एक फ़्रांसीसी लेखिका और दार्शनिक हैं। स्त्री उपेक्षिता (फ़्रांसीसी: Le Deuxième Sexe, जून 1949) जैसी महत्वपूर्ण पुस्तक लिखने वाली सिमो... अधिक पढ़ें

सोरेन कीर्केगार्ड का जन्म 15 मई,1813 को कोपेनहेगन में हुआ था। अस्तित्ववादी दर्शन के पहले समर्थक हलाकि उन्होने अस्तित्ववाद शब्द का प्रयोग नहीं किया। सोरेन कीर्केगार्ड का देहांत 4 नवंबर 1855 को हुआ।

ग्राहम प्रीस्ट (जन्म 1948) ग्रेजुएट सेंटर में दर्शनशास्त्र के प्रतिष्ठित प्रोफेसर हैं, साथ ही मेलबर्न विश्वविद्यालय में एक नियमित आगंतुक हैं, जहां वह बॉयस गिब्सन प्रोफेसर ऑफ फिलॉसफी और सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय में भी थे।

आर्थर शोपेनहावर (Arthur Schopenhauer) (22 फ़रवरी 1788 - 21 सितम्बर 1860) जर्मनी के प्रसिद्ध दार्शनिक थे। वे अपने 'नास्तिक निराशावाद' के दर्शन के लिये प्रसिद्ध हैं। उन्होने 25 वर्ष की आयु में अपना शोधपत्र पर्याप्त तर्क क... अधिक पढ़ें

एपिकुरस प्राचीन युनान के दार्शनिक थे। ये आनंदवाद के संस्थापक थे। एपिकुरस का जन्म 342/1 ईसापूर्व समोस में हुआ था। एपिकुरस (341-2 BC0 ईसा पूर्व) एक प्राचीन यूनानी दार्शनिक और ऋषि थे जिन्होंने एपिकुरिज्म की स्थापना की, जो दर्शन का एक अत्... अधिक पढ़ें

हेरक्लिटस (535 ईसा पूर्व -475 ईसा पूर्व) यूनानी दार्शनिक था। इफिसुस का हेरक्लिटस (सी 535 - सी 475 ई.पू., 500 ईसा पूर्व) एक प्राचीन यूनानी, पूर्व-सुकराती, इयानियन दार्शनिक और इफिसुस शहर का मूल निवासी था, जो फारसी साम्राज्य का हिस्सा था। उनके दृष्टिकोण और शानदार अभिव्यक्ति के लिए सराहना, साथ ही उनके दर्शन में विरोधाभासी तत्व, उन्हें पुरातनता से "द ऑबस्क्योर" के रूप में अर्जित किया।

उमर खय्याम (1048–1131) फ़ारसी साहित्यकार, गणितज्ञ एवं ज्योतिर्विद थे। इनका जन्म उत्तर-पूर्वी फ़ारस के निशाबुर (निशापुर) में 18 सदी में एक ख़ेमा बनाने वाले परिवार में हुआ था। इन्होंने इस्लामी ज्योतिष को एक नई पहचान दी और इसके सु... अधिक पढ़ें

एलबर्ट केमस (1913-1960) एक फ्रेंच लेखक थे जिन्हें 1957 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कैमस का जन्म अल्जीरिया में (उस समय एक फ्रांसीसी उपनिवेश) में फ्रेंच पिड्स नायर के माता-पिता के यहां हुआ था। उनकी नागरिकता फ्रां... अधिक पढ़ें

मार्टिन हाइडेगर एक जर्मन दार्शनिक थे | वह 26 सितंबर, 1889 को पैदा हुआ था। वे 26 मई, 1976 को निधन हो गया। वे वर्तमान काल के प्रसिद्ध अस्तित्ववादी दार्शनिक है किन्तु वे अपने सिद्धांत को अस्तित्ववादी सिद्धांत कहलाने से इंकार क... अधिक पढ़ें

मैरी वुलस्टोनक्राफ़्ट ( 27 अप्रैल 1759 - 10 सितंबर 1797) महिलाओं के अधिकारों के लिये लिखने वाली एक अंग्रेजी लेखक, दार्शनिक, और समर्थक थीं। अपने संक्षिप्त कार्यकाल के दौरान, वह उपन्यास, चरक, एक यात्रा कथा, फ्रांसीसी क्रांति, एक... अधिक पढ़ें

प्लोटिनस एक प्रमुख हेलेनिस्टिक दार्शनिक थे जो रोमन मिस्र में रहते थे। एन्नोइड्स में वर्णित उनके दर्शन में, तीन सिद्धांत हैं: एक, बुद्धि और आत्मा। उनके शिक्षक अम्मोनियस सैकस थे, जो प्लेटोनिक परंपरा के थे।19 वीं शताब्दी के इतिहासकारों न... अधिक पढ़ें

जेनी यू-फॉन यांग एक अमेरिकी रसायनज्ञ हैं। वह कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, इरविन में रसायन विज्ञान की सहायक प्रोफेसर हैं, जहां वह अकार्बनिक रसायन विज्ञान, कैटेलिसिस और सौर ईंधन पर केंद्रित एक शोध समूह का नेतृत्व करती हैं। यांग कई ... अधिक पढ़ें

शाह निमतुल्लाह वली, जिन्हें नेमतुल्लाह के नाम से भी जाना जाता है और 14 से 15 साल तक निमतुल्लाह एक फारसी सूफी मास्टर और कवि थे। वह सुन्नी इस्लाम द्वारा एक संत के रूप में और निमतुल्लाहि तारिक़ के रूप में पूजनीय हैं, जो उन्हें अपना संस्थापक मानते हैं।

अबू हामिद मुहम्मद इब्न मुहम्मद अल-गज़ाली (c. 1058–1111), पश्चिम में अल-ग़ज़ाली या अलगाज़ेल के नाम से मशहूर, एक मुस्लिम तत्वग्नानी, सूफ़ी जो पर्शिया से थे। इस्लामी दुनिया में हज़रत मुहम्मद के बाद अगर कोई मुस्लिम समूह को आकर्शित किया... अधिक पढ़ें

जॉन केल्विन मैक्सवेल (जन्म 20 फरवरी, 1947) एक अमेरिकी लेखक, वक्ता और पादरी हैं, जिन्होंने मुख्य रूप से नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई किताबें लिखी हैं। टाइटल में लीडरशिप के 21 अकाट्य कानून और एक लीडर के 21 अपरिहार्य गुण शामिल हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्ट सेलर लिस्ट में कुछ के साथ उनकी पुस्तकों की लाखों प्रतियां बिक चुकी हैं।

जकोब जोहान फ़्रीह्र्र वॉन उसेक्सुएल (8 सितंबर [ O.S 27 अगस्त] 1864 - 25 जुलाई 1944) एक बाल्टिक जर्मन जीवविज्ञानी थे, जो मांसपेशियों के शरीर विज्ञान, पशु व्यवहार अध्ययन और साइबरनेटिक्स के क्षेत्र में काम करते थे। जि... अधिक पढ़ें

मिशेल डी मोंटेनेगी (Michel de Montaigne ; 1533-1592) फ्रांसीसी पुनर्जागरण का सबसे प्रभावी लेखक था। माना जाता है कि उसने ही निबन्ध को साहित्य की एक विधा के रूप में प्रचलित किया। उसे आधुनिक संशयवाद (skepticism) का जनक भी माना जाता है।

ये एक रोमन दार्शनिक थे। ये नव-प्लातोवादी दार्शनिक थे। एनीसियस मैनलियस सेवरिनस बोथियस, जिसे आमतौर पर बोथियस (c 477 - 524 ईस्वी) कहा जाता है, एक रोमन सीनेटर, कौंसल, मजिस्ट्रेट ऑफ़िसियोरम, और 6 ठी शताब्दी के दार्शनिक थे। जेल में रहते हुए, बोथियस ने अपने सांत्वना दर्शन, भाग्य, मृत्यु और अन्य मुद्दों पर एक दार्शनिक ग्रंथ की रचना की, जो मध्य युग के सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली कार्यों में से एक बन गया।

मोसेस मैमोनिदेस (1135-1204) मध्य युग के यहूदी दार्शनिक थे। इन्होने गाइड तो दौब्टिंग (अंग्रेजी में - Guide to Doubting) नामक पुस्तक लिखी थी। इस पुस्तक में ये धर्ममीमांसा(theology) को पूरी तरह से तर्कसंगत करने की कोशिश करते हैं।

ज़ाक लैकन ( 13 अप्रैल 1901 – 9 सितंबर 1981) एक फ़्रान्सीसी मनोविश्लेषक और मनोविकारविज्ञानी थे जिन्हें "फ़्रोइड के बाद सबसे विवादास्पद मनोविश्लेषक" कहा जाता है। 1953 से 1981 तक पेरिस में वार्षिक सेमिनार देने के द्वारा लाकाँ ने 196... अधिक पढ़ें

पारमेनीडेस(515 ईसा पूर्व- 460 ईसा पूर्व) यूनानी दार्शनिक था। पारमेनीडेस को तत्वमीमांसा या ऑन्कोलॉजी का संस्थापक माना जाता है और इसने पश्चिमी दर्शन के पूरे इतिहास को प्रभावित किया है। वह दर्शनशास्त्र के एलैटिक स्कूल के संस्थापक थे,... अधिक पढ़ें

जैक्स डेरिडा (15 जुलाई 1930 – 8 अक्टूबर 2004) अल्जीरिया में जन्में एक फ्रांसीसी दार्शनिक थे जिन्हें विरचना (deconstruction) के सिद्धान्त के लिए जाना जाता है। उनके विशाल लेखन कार्य का साहित्यिक और यूरोपीय दर्शन पर गहन प्रभाव पड़ा है। Of Grammatology उनकी सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक मानी जाती है।

एडमंड गुस्ताव अल्ब्रेक्ट हुसेरेल: जर्मन 23 अप्रैल 59 - 19 अप्रैल 93 एक जर्मन दार्शनिक थे, जिन्होंने घटना विज्ञान के स्कूल की स्थापना की। अपने शुरुआती काम में, उन्होंने तर्कवाद के विश्लेषण के आधार पर तर्कवाद में ऐतिहासिकता और म... अधिक पढ़ें

डेमोक्रिटस यूनान के दार्शनिक थे। ये आण्विक तथ्य के जन्मदाता थे। इन्होंने पदार्थ के गठन के सम्बन्ध में खोज किया। डेमोक्रिटस का जन्म एबर्डा, थ्रेस, के आसपास 460 ईसा पूर्व में हुआ था, हालांकि सटीक वर्ष को लेकर असहमति है। उनके सटीक योगदा... अधिक पढ़ें

जेरेमी बेन्थम (15 फ़रवरी 1748 – 6 जून 1832) इंग्लैण्ड का न्यायविद, दार्शनिक तथा विधिक व सामाजिक सुधारक था। वह उपयोगितावाद का कट्टर समर्थक था। वह प्राकृतिक विधि तथा प्राकृतिक अधिकार के सिद्धान्तों का कट्टर विरोधी था। सन् 1776 में... अधिक पढ़ें

बारूक डी स्पिनोज़ा (Baruch De Spinoza) (24 नवम्बर 1632 - 21 फ़रवरी 1677) यहूदी मूल के डच दार्शनिक थे। उनका परिवर्तित नाम 'बेनेडिक्ट डी स्पिनोजा' (Benedict de Spinoza) था। उन्होने उल्लेखनीय वैज्ञानिक अभिक्षमता (aptitude) का परिचय दिया किन्तु उनके कार्यों का महत्व उनके मृत्यु के उपरान्त ही सम्झा जा सका।

एंटोनियो ग्राम्स्की (1891- 1937) इटली की कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक, मार्क्सवाद के सिद्धांतकार तथा प्रचारक थे। बीसवीं सदी के आरंभिक चार दशकों के दौरान दक्षिणपंथी फ़ासीवादी विचारधारा से जूझने और साम्यवाद की पक्षधरता के लिए विख्यात हैं। एंटोनि... अधिक पढ़ें

एरिक लेस्ली बार्कर (12 फरवरी 1912 - 1 जून 1990) एक अंग्रेजी हास्य अभिनेता थे। उन्हें लोकप्रिय ब्रिटिश कैरी ऑन फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए याद किया जाता है, हालांकि वे केवल श्रृंखला में शुरुआती फिल्मों में दिखाई दिए, इसके अला... अधिक पढ़ें