अच्छे गाने में सुरीली आवाज़ का जादू बखेरने के लिए एक महिला गायक की आवश्यकता होती है जिसकी आवाज़ में मिठास घुली हो और जो गाना सुनते ही दिल पिघल सा जाये | तो आज हम आपके लिए ऐसी ही कुछ पार्श्व गायिकाओं की सूची लाये हैं जो सिर्फ और सिर्फ अपनी आवाज़ के लिए ही सम्पूर्ण भारतवर्ष ही नहीं अपितु विश्व के अन्य देशों में भी जानीजाती हैं |
संगीत और गीत हिन्दुस्तान के लोगो के दिलों में बसता है। यह भारतीय संस्कृति का एक अटूट अंग है। कई प्रतिभाशाली सिंगर्स हैं हमारे देश में और एक विशाल दर्शक समूह है जो महिला गायकों का बड़ा दीवाना है। मधुर गीत उनके मूड को ठीक करता है, उनकी गहरी मानवीय भावनाओं को छूता है और कई बार उनकी पुरानी यादों को भी ताज़ा करता है। ये महिला गायक करोड़ो लोगो के दिलों पर राज करती हैं। कई नई प्रतिभाएँ भी हैं जो सांस्कृतिक परिदृश्य और भारतीय फिल्म उद्योग में भी जगह बना रही हैं। बॉलीवुड ने भी बहुत सारी महिला गायकों को जन्म दिया है। यहां भारत की लोकप्रिय महिला गायकों की सूची दी गई है। इनमें से कुछ गायकों का अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में अधिक सफल कैरियर रहा है। उनके गीत आज भी भारत और विदेशों में लोकप्रिय हैं। आइये ऐसे ही कुछ महिला सिंगर्स से मिलतें हैं।
अपनी सुरीली आवाज से जादू बिखेरने वाली अलका यागनिक भारतीय सिनेमा की एक
प्रसिद्ध पार्श्वगायिका, का जन्म 20 मार्च 1966 पश्चिम बंगाल, भारत में
हुआ। घर में संगीत का माहौल होने के कारण अलका की रूचि संगीत की ओर हो गई
और उन्होंने अपने करियर की शुरूआत महज 6 साल की उम्र में कोलकाता आकाशवाणी
से कर दी थी। अलका अब तक लगभग 600 फिल्मों के लिए लगभग 20,000 गीत गा चुकी
हैं। वे आज भी फिल्म और संगीत जगत को अपनी दिलकश आवाज के जरिए सुशोभित कर
रही हैं। उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार के 36
नामांकनों में से 7 बार पुरस्कार मिल चुका है। उन्हें दो राष्ट्रीय
पुरस्कार भी प्राप्त हैं।
अलका यागनिक के बारे मे अधिक पढ़ें
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हिन्दी फ़िल्मों की मशहूर प्लेबैक सिंगर आशा भोंसले जिनको हम सब आशा जी
और आशा ताई के नाम से बुलाते हैं, का जन्म 8 सितम्बर 1933 को महाराष्ट्र
के ‘सांगली’ में हुआ। इनके पिता दीनानाथ मंगेसकर प्रसिद्ध गायक एवं नायक
थे। उनके पिता बेहद छोटी उम्र से ही संगीत की शिक्षा देना शुरू कर दिया था।
आशाजी ने अपना करियर 1943 में शुरू किया था और वे छह दशकों से गाती आ रहीं
हैं। आशाजी ने बॉलीवुड की करीब एक हजार फिल्मों में गाने गाए हैं। उनकी
विशेषता है कि इन्होंने शास्त्रीय संगीत, गजल और पॉप संगीत हर क्षेत्र में
अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है। उन्होंने अब तक के अपने फ़िल्मी सफर में लगभग
16000 गानों में अपनी आवाज दी है। वह सिर्फ हिंदी में नहीं बल्कि मराठी,
बंगाली, गुजराती, पंजाबी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषायोँ में गाने
गातीं हैं। 2011 में आशाजी को सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने के लिए गिनीस
बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स ने चुना। भारतीय सरकार द्वारा आशाजी को सन 2000
में “दादा साहेब फाल्के अवार्ड”और 2008 में “पद्म विभूषण”से सम्मानित किया।
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अपनी दमदार आवाज़ के लिए मशहूर 8 नवम्बर 1947 को मुंबई में जन्मीं उषा सन 1960 से फ़िल्मी, पॉप और प्लेबैक सिंगिंग करती हैं | 2012 में उन्हें सात खून माफ़ फिल्म के लिए फिल्मफेयर पुरुस्कार से नवाज़ा गया | हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम भाषाओँ में गाना गाने वाली उषा नौ वर्ष की उम्र से पब्लिक सिंगिंग एक्सपीरियंस कर चुकी थीं तथा इन्होने शुरूआती दौर में चेन्नई में नाईटक्लब्स में गाने गए | 1968 में इन्होने "Jambalaya" और "Greenback Dollars" दो अंग्रेजी पॉप सोंग्स भी गाये | सत्तर और अस्सी के दसाहक में इन्होने आर डी बर्मन साहब और बप्पी लाहिरी के लिए भी इन्होने गाने गाये |
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कनिका कपूर का जन्म 23 मार्च 1978 को लखनऊ में हुआ। वो बॉलीवुड, पंजाबी
तथा सूफी लोकगीतों की एक नवीनतम पार्श्व गायिका हैं। कनिका ने अपना पहला
संगीत विडियो 2012 में रिलीज़ किया था जिसका नाम जुगनी जी था। इन्होंने
अपना करियर हिन्दी संगीत में 2012 में शुरू किया। इनका “बेबी डॉल” नामक
गाना बहुत प्रसिद्ध हुआ। इसके बाद 2015 में आई फिल्म रॉय में इनका गाया हुआ
गाना “चिट्टियां कलाइयां” भी काफ़ी मशहूर हुआ।
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नीति मोहन, एक भारतीय पार्श्वगायिका का जन्म 17 फ़रवरी 1979 को नई
दिल्ली, भारत में हुआ। गाना गाने के अलावा वे कई फिल्मों में अभिनय भी कर
चुकी हैं। उनकी दो बहनें हैं और दोनों ही फिल्म अभिनेत्री हैं। नीति मोहन
ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर के “इश्क़ वाला लव” गाने
से की थी। ये गाना निति मोहन के अब तक के करियर का सबसे सफल गाना है। उसके
बाद नीति ने फिल्म जब तक है जान के लिए “जिया रे” गाना गाया। यह गाना भी
2012 में सुपरहिट साबित हुआ था। साल 2014 में नीति ने कई हिट गाने गए जिसके
लिए उन्हें अवार्ड्स के लिए नामंकित किया।
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नेहा कक्कड़ एक भारतीय पार्श्व गायिका, का जन्म 6 जून 1988 को उत्तराखंड
में हुआ है। इन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में गाने गए हैं। जब नेहा 4 साल
की थी तब से वो संगीत से जुड़ी हुई हैं। 2006 में इन्होंने भारतीय
टेलीविज़न शो “इंडियन आइडल सीजन 2” में हिस्सा लिया था। बॉलीवुड में इनको
सेल्फी क्वीन के नाम से भी बुलाते हैं। गानों के अलावा इनको डांसिंग और
मॉडलिंग का भी शौक है और इन्होंने अभी तक लगभग 1000 से भी ज्यादा लाइव शो
किये हैं। नेहा के भाई टोनी कक्कड़ भी बॉलीवुड संगीतकार हैं।
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पलक मुच्छल का जन्म 30 मार्च 1992 को मध्य प्रदेश, भारत में हुआ। पलक को संगीत का शौक बचपन से ही था इसीलिए उन्होंने महज चार साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था। वो हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ ही 17 भाषाओं में पूर्ण रूप से पारंगत हैं। पलक नें अपनी हिंदी फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 2011 में फिल्म दमादम से की।
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स्वर कोकिला के नाम से जानी जाने वालीं भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को इंदौर, मध्यप्रदेश में हुआ था। वे भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका हैं। उन्होंने स्वयं को पूरी तरह संगीत को समर्पित कर दिया है इसीलिए आजतक उन्होंने शादी नहीं की है। 6 दशकों के कार्यकाल में लता मंगेशकर ने 20 भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए हैं। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है। सन 1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का ‘गिनीज़ बुक रिकॉर्ड’ उनके नाम पर दर्ज है।
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सुरीली आवाज की मल्लिका श्रेया घोषाल एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं। इनका जन्म 12 मार्च 1984 को पश्चिम बंगाल, भारत में हुआ था। श्रेया की माँ उनकी गुरु हैं वे घर में बंगाली गाने गाया करती थीं, उन्होंने ही श्रेया को संगीत का पहला अर्थ समझाया। चार साल की उम्र से अपनी मां के साथ संगीत सीखना शुरू कर दिया था। श्रेया घोषाल ने हिंदी, तमिल, तेलगु, मलयालम, बंगाली, कन्नड, गुजराती, मराठी और भोजपुरी भाषाओं के गीतों को अपनी आवाज दी है। फिल्म देवदास में गायन के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।
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हिन्दी गानों के लिए लोकप्रिय एक भारतीय पार्श्वगायिका सुनिधि चौहान का
जन्म 14 अगस्त 1983 को नई दिल्ली, भारत में हुआ। उनके बचपन का नाम निधि
चौहान है। हर कोई आज उनको जानता है इसलिए वो किसी परिचय का मोहताज नहीं है।
उन्होंने हिंदी गानों के साथ-साथ मराठी, कन्नड़, तेलगु, तमिल, पंजाबी,
बंगाली, असमी, नेपाली, और उर्दू में भी गाने गाए हैं। इसके अलावा वो एक
फैशन आइकॉन भी हैं। उन्होंने साल 2013 में एशिया की टॉप 50 सेक्सिएस्ट
लेडीज में भी अपनी जगह बनाई। एक प्लेबैक सिंगर के तौर पर उन्होंने जो मुकाम
बनाया है, उसकी जितनी तारीफ की जाये वो कम है। अपने सिंगिंग करियर में
सुनिधि ने कई बेहतरीन गानों को अपनी आवाज़ दी है।
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सोना महापात्रा का जन्म 17 जून 1978 को कटक, ओडिशा में हुआ। सोना
महापात्रा एक भारतीय पार्श्व गायिका, संगीतकार हैं। सोना महापात्रा मुख्य
रूप से भारत में चर्चित हैं। इन्होंने दुनिया भर के अनेक संगीत समारोहों
में प्रदर्शन किया गया है और एलबम, संगीत वीडियो, बॉलीवुड फिल्मों और
विज्ञापनों में काम किया है। इन्होंने फिल्म डेली-बेली के “बेदर्दी राजा”
गाने में अपनी आवाज दी, जो दर्शकों को बेहद पसंद आई। उसके बाद इन्होंने
फुकरे में “अम्बरसरिया” गाने में अपनी आवाज दी, जिसे युवा लोगों ने बहुत
पसंद किया।
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अदिति सिंह शर्मा (जन्म 2 जून 1986) एक भारतीय पार्श्व गायक हैं। उन्होंने बॉलीवुड अनुराग कश्यप की देव डी.के. साथ पार्श्व गायन की शुरुआत की। उन्होंने अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित फिल्म देव डी में गीत "याहिन मेरी जिंदगी" के साथ एक पार्श्व गायिका के रूप में अपना करियर शुरू किया। उसने कई लाइव संगीत कार्यक्रमों में प्रदर्शन किया है। उसने एमटीवी के कोक स्टूडियो के लिए काम किया है और उसके एमटीवी अनप्लग्ड गानों को सकारात्मक समीक्षा मिली है।
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एंड्रिया जेरेमियाह एक भारतीय अभिनेत्री हैं, पार्श्व गायक और संगीतकार हैं। वह तमिल और मलयालम फिल्म उद्योगों में मुख्य रूप से काम करती हैं। 2005 में, उन्होंने फीचर फिल्मों में पार्श्व गायन में कदम रखा। उन्होंने संगीतकार हैरिस जयराज, युवान शंकर राजा, अनिरुद्ध रविचंदर, थमन, देवी श्री प्रसाद और जी वी प्रकाश कुमार के लिए कई लोकप्रिय गीत गाए हैं और उनमें से कुछ के लिए फिल्मफेयर और विजय पुरस्कार में नामांकन भी प्राप्त किया है। वह "मलाई नेरम" गीत को सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण मानती हैं जिसे उन्होंने गाया है।
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अलीशा चिनॉय एक भारतीय पॉप गायिका हैं, वह अपने कई निजी एल्बम तथा भारतीय सिनेमा में पार्श्व (प्लेबैक) गायन के लिए जानी जाती है।2005 में कजरा रे (बंटी और बबली) गाने के साथ वह अपने कैरियर के उच्चतम शिखर पर पहुँच गयी। इस हिट गाने के लिए एलिशा ने पहली और एकमात्र सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का फ़िल्म फेयर पुरस्कार अर्जित किया। अलीशा इंडियन आइडल 3 में जज थी।
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अनुराधा श्रीराम हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध गायिका हैं। अनुराधा ने पूरे भारत और अमेरिका में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया है, और 12 साल की उम्र से कई रेडियो और टीवी कार्यक्रम दिए हैं। अनुराधा श्रीराम ने पहली बार 1980 के तमिल फिल्म काली में बाल कलाकार के रूप में तमिल सिनेमा उद्योग में प्रवेश किया था। 1995 में, फिल्म बॉम्बे में "मालरोडु मलार्विंग" गाने के लिए उन्हें ए आर रहमान ने गायक के रूप में पेश किया।
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अंजलि मराठे एक भारतीय पार्श्व गायिका और हिंदुस्तानी गायक हैं। उन्होंने नौ साल की छोटी उम्र में डोगी (मराठी) से पहले चौकाट राजा (मराठी), साईंबा (मराठी) और धारावाहिक के शीर्षक गीत - झूटे सच गुड्डे बचे (हिंदी), ओलाक सांगना (मराठी) के लिए गाने रिकॉर्ड किए। उन्होंने बालोदन (बच्चों के लिए कार्यक्रम) के लिए ऑल इंडिया रेडियो पुणे के लिए गाने भी रिकॉर्ड किए।
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डॉ अनुराधा पौडवाल (जन्म 27 अक्टूबर 1954) हिन्दी सिनेमा की एक प्रमुख पार्श्वगायिका हैं। वे 1990 के दशक में अत्यन्त लोकप्रिय रहीं।
इन्होंने फिल्म कैरियर की शुरुआत की फ़िल्म अभिमान से, जिसमें इन्होंने जया भादुड़ी के लिए एक श्लोक गाया। यह श्लोक उन्होंने संगीतकार सचिन देव वर्मन के निर्देशन में गाया था। उसके बाद उन्होंने 1974 में अपने पति संगीतकार अरुण पौडवाल के संगीत निर्देशन में 'भगवान समाये संसार में' फ़िल्म में मुकेश ओर महेंद्र कपूर के साथ गाया।
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अनुष्का मनचंदा एक भारतीय गायक, मॉडल, अभिनेत्री और पूर्व वीजे हैं। अनुष्का मनचंदा (जन्म 11 फरवरी 1984) एक भारतीय गायिका, मॉडल, अभिनेत्री और पूर्व वीजे हैं। वह इंडिपॉप लड़की समूह चिरायु के एक सदस्य के रूप में प्रसिद्धि में आए! मनचंदा रियलिटी टेलीविजन सीरीज़ झलक दिखला जा और खतरों के खिलाड़ी 2 की विजेता में भी प्रतिभागी थीं। 2020 में उन्होंने बिग बॉस में भाग लिया।
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आरती अंकलीकर टिकेकर का जन्म 27 जनवरी, 1963 को विजयपुरा, कर्नाटक में हुआ। वह दो बार भारतीय शास्त्रीय गायन में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हैं। वह अधिकतर मराठी, कोंकणी और हिंदी फिल्म उद्योग में काम करती हैं। उन्हें उनके हाई-पिच गायन और शैली के लिए जाना जाता है, जो की उन्होंने आगरा घराना के साथ-साथ ग्वालियर घराना और जयपुर घराना से भी अर्जित किया गया हैं।
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असीस कौर (जन्म 26 सितंबर 1988) एक भारतीय गायिका हैं जिन्होंने इंडियन आइडल और अवध पंजाब दी जैसे विभिन्न गायन रियलिटी शो में भाग लिया है। बहुत कम उम्र में प्लेबैक सिंगर बनने की आकांक्षा। वह अपनी बहुमुखी गायन और सशक्त आवाज के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने 5 साल की उम्र में गुरबानी गाना शुरू किया था। उन्होंने तमंचे से “दिलदार रेप्रेज़” से बॉलीवुड में शुरुआत की। तब से, उन्होंने केसरी के “वी माही“, ड्राइव से “मखना“, “बंदेया रे बंदेया” और सिम्बा के “तेरे बिन“, “अख लाड जाव” और “चोगड़ा” सहित कई बॉलीवुड गीतों पर विभिन्न संगीतकारों के साथ काम किया है।
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बेंगलुरु राममूर्ति छाया, लोकप्रिय बी आर छाया के रूप में जाना जाता है, एक भारतीय पार्श्व गायिका, मंच कलाकार और कर्नाटक राज्य से एक लोकप्रिय संगीत गायक हैं।
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बॉम्बे जयश्री रामनाथ, संगीतकारों के एक परिवार में पैदा हुई, कर्णाटक की लोकप्रिय संगीतज्ञ हैं| उन्होंने तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और हिंदी फिल्मों सहित कई भाषाओं में गाया है। संगीतकारों के परिवार में जन्मी जयश्री अपने परिवार में संगीत की चौथी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं।
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सुंदरबाई का जन्म 1890 में हुआ था। सुंदरबाई एक प्रसिद्ध मराठी गायिका, संगीतकार और अभिनेत्री थीं। हालाँकि वह मुख्य रूप से एक गायन गायिका के रूप में जानी जाती हैं, उन्होंने ग़ज़ल, कव्वालियाँ, ठुमरी, भजन, होरी, कजरी आदि गाने गाए हैं। उनका मूल नाम सुंदरबाई जाधव था, लेकिन उन्हें विशेष रूप से 'बाई सुंदरबाई' के रूप में जाना जाता था। वह 'स्वर्गदेवता' सुंदरबाई के नाम से भी जानी जाती थीं। उनका पैतृक गाँव पुणे था।
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भवतारिनी राजा एक भारतीय तमिल गायक और संगीत निर्देशक हैं। वह फिल्म संगीतकार इलैयाराजा की बेटी हैं और उनके भाई प्रसिद्ध फिल्म संगीतकार कार्तिक राजा और युवान शंकर राजा हैं। उसने ज्यादातर अपने पिता और भाइयों के निर्देशन में गाने गाए हैं।
भावथरिनी के बारे मे अधिक पढ़ें
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बेला शेंडे एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं। उन्होंने बॉलीवुड और क्षेत्रीय फिल्मों में कई गीतों का प्रदर्शन किया। बेला शेंडे एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं। उन्होंने बॉलीवुड और क्षेत्रीय फिल्मों में कई गीतों का प्रदर्शन किया। फिल्म जोधा अकबर से "मान मोहना", फिल्म व्हाट्स योर राशी से "सु चे" ?, "वाजले की बात" और नटरंग के "अप्सरा आली" उनके कुछ प्रसिद्ध गीत हैं। 2014 में उन्हें मराठी फिल्म तुह्या धर्म कोंचा के गीत "खुरखुरा" के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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बैंगलोर नगर्थनम्मा (3 November 1878 – 19 May 1952) एक भारतीय कर्नाटक गायक, सांस्कृतिक कार्यकर्ता, विद्वान थीं | उन्होंने थिरुवयारू में कर्नाटक गायक त्यागराज की समाधि के ऊपर एक मंदिर बनाया और उनकी स्मृति में त्यागराज आराधना उत्सव की स्थापना में मदद की।
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सुरैया भारतीय सिनेमा की गायिका और अभिनेत्री थीं। उन्होंने 40 और 50 के दशक में हिन्दी सिनेमा में अपना योगदान दिया। उन्हें उनकी प्रतिभा के लिए उपमहाद्वीप की मलिका-ए-तरान्नुम से नवाज़ा गया। 31 जनवरी 2004 को सुरैया का निधन हो गया।
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स्वर्णलता एक भारतीय पार्श्व गायिका थीं। उनका कैरियर लगभग 22 वर्ष चला, जिसमें उन्होंने तमिल, मलयालम, तेलुगू, कन्नड़, हिंदी, उर्दू, बंगाली, उड़िया, पंजाबी सहित कई भाषाओं में 7000 से अधिक गीत रिकॉर्ड किये.
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फाल्गुनी पाठक भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण एकल तथा पार्श्वगायिका हैं। उनका संगीत भारतीय राज्य गुजरात के पारंपरिक संगीत रूपों पर आधारित है। 1987 में अपने पेशेवर शुरुआत के बाद से, वह पूरे भारत में एक बड़े प्रशंसक आधार के साथ एक कलाकार के रूप में विकसित हुई।
फाल्गुनी पाठक के बारे मे अधिक पढ़ें
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चिनमयी श्रीपदा एक भारतीय तमिल पार्श्वगायक हैं जो मुख्य रूप से तमिल फ़िल्मों में ही कार्य करती है। इनके अलाव चिनमयी ने कई हिंदी फ़िल्मों भी गाने गाये हैं। वह राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म कन्नथिल मुथमित्तल से अपने समीक्षकों द्वारा प्रशंसित गीत "ओरु देवम थांथा पोवाए" के लिए प्रसिद्धि के लिए बढ़ी।
चिनमयी के बारे मे अधिक पढ़ें
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ध्वनि भानुशाली एक भारतीय गायिका हैं। उन्होंने 2018 का हिट गाना, "दिलबर" फिल्म सत्यमेव जयते से रिकॉर्ड किया। उन्होंने अपने संगीत करियर की शुरुआत फिल्म वेलकम टू न्यूयॉर्क के गीत "इश्तेहार" से की थी। बद्रीनाथ की दुल्हनिया से हमसफ़र ध्वनिक ", वीरे दी वेडिंग से" वीरे "और फ़िल्म वेलकम टू न्यूयॉर्क से" इश्तिहार "। वह गुरु रंधावा के साथ "इशारे तेरे" गाने में आई थीं। लोग उसे डीबी भी कहते हैं।
ध्वनि भानुशाली के बारे मे अधिक पढ़ें
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उनका जन्म 1872 में एक प्रसिद्ध देवदासी गायक वेंगामल से हुआ था और उनका नाम पलानीकुंजाराम था। 1908 में, वह मद्रास में सबसे लोकप्रिय गायकों में से एक थीं। वे एक विपुल रिकॉर्डिंग कलाकार भी थीं|
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धनकोटि अम्मल दक्षिण भारत के शुरुआती रिकॉर्डिंग सितारों में से थीं| वे अपनी बहन कामाक्षी के साथ ' धनकोटि सिस्टर्स' के रूप में भी सक्रिय रहीं |
धनकोटि अम्मल के बारे मे अधिक पढ़ें
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सुमन कल्यानपुर हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध गायिका हैं। उनकी आवाज़ को सुनकर अक्सर नए श्रोताओं को 'लता मंगेशकर' की आवाज़ का धोका होता है। शुरू में उन्हें लता के विकल्प के तौर पर ही देखा गया; जो कि सर्वथा ग़लत था। सुमन जी की अपनी अलग पहचान है। सुमन कल्याणपुर का करियर 1954 में शुरू हुआ और 1960 और 1970 के दशक में बहुत लोकप्रिय गायिका थी। उन्होंने हिंदी, मराठी, असमिया, गुजराती, कन्नड़, मैथिली, भोजपुरी, राजस्थानी, बंगाली, ओडिया और पंजाबी के अलावा कई भाषाओं में फ़िल्मों के लिए गाने रिकॉर्ड किए। सुमन कल्याणपुर को रफ़ी, लता, मुकेश, गीतादत्त, आशा भोसले, हेमंत कुमार, तलत महमूद, किशोर कुमार, मन्ना डे, महेंद्र कपूर और शमशाद बेगम, के साथ-साथ हिंदी फ़िल्म संगीत के सुनहरे युग (Golden Era) के लोकप्रिय गायकों में से एक माना जाता है। सुमन ने कुल 857 हिंदी गाने गाए हैं।
सुमन कल्याणपुर के बारे मे अधिक पढ़ें
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गीता दत्त (जन्म: गीता घोष रॉय चौधरी; 23 नवंबर 1930 – 20 जुलाई 1972) विख्यात भारतीय गायिका थीं। इनका जन्म भारत के विभाजन से पहले फरीदपुर में हुआ। उन्होंने हिंदी सिनेमा में एक पार्श्व गायिका के रूप में विशेष पहचान पाई।
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गौहर जान कलकत्ता की एक भारतीय गायिका एवं नर्तिका थीं।वे 78 आरपीएम रिकॉर्ड पर संगीत रिकॉर्ड करने वाली भारत की पहली कलाकारों में से एक थीं जिसे ग्रामोफ़ोन रिकॉर्ड पर ग्रामोफोन कंपनी जारी किया गया। 1902 और 1920 के बीच दस से अधिक भाषाओं में 600 से अधिक गाने रिकॉर्ड करने के बाद, जान को इस अवधि के दौरान ठुमरी, दादरा, कजरी, तराना जैसे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है।
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गंगूबाई हंगल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की प्रख्यात गायिका थीं। उन्होने स्वतंत्र भारत में खयाल गायिकी की पहचान बनाने में महती भूमिका निभाई। भारतीय शास्त्रीय संगीत की नब्ज पकड़कर और किराना घराना की विरासत को बरकरार रखते हुए परंपरा की आवाज का प्रतिनिधित्व करने वाली गंगूबाई हंगल ने लिंग और जातीय बाधाओं को पार कर व भूख से लगातार लड़ाई करते हुए भी उच्च स्तर का संगीत दिया। उन्होंने संगीत के क्षेत्र में आधे से अधिक सदी तक अपना योगदान दिया। इनकी आत्मकथा 'नन्ना बदुकिना हादु' शीर्षक से प्रकाशित हुई है।
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गिरिजा देवी सेनिया और बनारस घरानों की एक प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय गायिका थीं। वे शास्त्रीय और उप-शास्त्रीय संगीत का गायन करतीं थीं। ठुमरी गायन को परिष्कृत करने तथा इसे लोकप्रिय बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान है। गिरिजा देवी को सन 2016 में पद्म विभूषण एवं 1989 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
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तरन कौर ढिल्लों, अपने मंच नाम के हार्ड कौर से भी जाना जाता है, एक भारतीय रैपर और हिप हॉप गायक हैं, और साथ ही पार्श्व गायक और बॉलीवुड में अभिनेत्री। उसने "एक ग्लासी" गीत रिकॉर्ड किया और ब्रिटेन में उसके बाद 2007 में श्रीराम राघवन की फिल्म जॉनी गद्दार के गीत "पायसा फेक (मूव योर बॉडी)" के लिए रैप किया। तब से उन्होंने अग्ली और पगली ("तल्ली"), सिंह इज किंज, किस्मत कोन्नने, बचना ऐ हसीनों, राम गोपाल वर्मा की आग, अजब प्रेम की गजब कहानी, और प्रिंस जैसी फिल्मों में गाया है।
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कृष्णन नायर शान्तिकुमारी चित्रा एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं। वे भारतीय शास्त्रीय संगीत, भक्ति और लोकप्रिय संगीत भी गाती है। उन्होंने मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, उड़िया, हिंदी, असमिया, बंगाली, संस्कृत, उर्दू और पंजाबी गीतों के लिए आवाज दी है। वे छह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, पाँच फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और 31 अलग -अलग राज्य फिल्म पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता है। वे सभी दक्षिण भारतीय राज्य फिल्म पुरस्कार जीत चुकी है। उनको दक्षिण भारत की छोटी बुलबुल एवम केरल की बुलबुल कहा जाता है।
के॰ एस॰ चित्रा के बारे मे अधिक पढ़ें
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हेमलता भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण पार्श्वगायिका है। 1970 के दशक के अंत से बॉलीवुड में एक प्रमुख पार्श्व गायिका रही हैं। वह शास्त्रीय रूप से प्रशिक्षित है। उन्होंने खुद को फिल्म, संगीत गोष्ठी, टेलीविजन और संगीत में स्थापित किया है।
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हीराभाई बादोडेकर को कला के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1970 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र राज्य से थीं। 'तार सा' का उनका अद्भुत गायन बहुत लोकप्रिय था और यह उनकी पहचान बन गई। उन्होंने किराना घराने को अधिक लोकप्रिय और समृद्ध बनाया।
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हर्षदीप कौर, एक भारतीय पाशर्व गायिका हैं। 2 संगीत रियलिटी शो जीतने के बाद हर्षदीप ने बॉलीवुड उद्योग में बतौर गायिका अपनी पहचान बनाई। उन्होंने काफी भारतीय भाषाओ में गाने रिकॉर्ड किये हैं, और खुद को भारतीय सिनेमा के अग्रणी पाशर्वगायकों की सूची में स्थापित किया।
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'एस जानकी भारत की प्रसिद्ध पार्श्वगायिका हैं। जानकी ने तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और हिन्दी भाषाओं में 20 हजार से अधिक गीत गाए हैं। उन्होंने पिछले 55 सालों कई भाषाओं में कई प्रकार के गीत गाए हैं। उन्हें दक्षिण भारत की 'सुर कोकिला' कहा जाता है।
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कोडुमुडी बालमबल सुंदरमबल (1908-1980) इरोड जिले, तमिलनाडु के एक भारतीय रंगमंच और फिल्म अभिनेत्री और गायक थीं। उन्होंने तमिल सिनेमा में प्रदर्शन किया और उन्हें "भारतीय मंच की रानी" कहा गया। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक राजनीतिक कार्यकर्ता, के.बी. सुंदरमबल भारत में एक राज्य विधायिका में प्रवेश करने वाले पहले फिल्म व्यक्तित्व थीं।
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ईला अरुण हिन्दी फ़िल्मों की एक पार्श्व गायिका एवं अभिनेत्री हैं। इला अरुण एक भारतीय अभिनेत्री, टीवी व्यक्तित्व और राजस्थानी लोक और लोक-गायक हैं। वह कई प्रमुख बॉलीवुड फिल्मों जैसे लम्हे, जोधा अकबर, शादी के साइड इफेक्ट्स और बेगम जान में दिखाई दी हैं। उन्होंने कई सफल सिंगल्स का निर्माण किया है जैसे "वोट फॉर घाघरा"। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रॉयल्स टीम के लिए राजस्थान के प्रमोशनल हिट गीत हल्ला बोल भी गाया और वह अपने एल्बम और फिल्मों में राजस्थानी गाने गाती हैं।
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हेमा सरदेसाई एक भारतीय पार्श्व गायक और गीतकार हैं। हेमा भारत के तटीय राज्य गोवा में रहती हैं और उनका जन्म मुंबई में हुआ था। वह बीवी नंबर 1 और जानम समझा करो जैसी फिल्मों से गाने के साथ 1990 के दशक में प्रसिद्ध हुई।
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जानकी बाई ( जानकी बाई इलाहबाद) , जिन्हें छप्पन छुरी भी कहा जाता था, क्यूंकि उनके चेहरे पर 56 जख्मों के निशान थे, ग्रामोफोन की सर्वाधिक लोकप्रिय गायक थीं | उन्होंने दीवान - ए - जानकी नमक एक पुस्तक भी लिखी थी |
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श्रीमती मदुरै षण्मुखवडिवु सुब्बुलक्ष्मी (16 सितंबर, 1916-2004) कर्णाटक संगीत की मशहूर संगीतकार थीं। आप शास्तीय संगीत की दुनिया में एम. एस. अक्षरों से जानी जाती थी। आप ने छोटी आयु से संगीत का शिक्षण आरंभ किया और दस साल की उम्र में ही अपना पहला डिस्क रिकॉर्ड किया। इसके बाद आपनी मा शेम्मंगुडी श्रीनिवास अय्यर से कर्णाटक संगीत में, तथा पंडित नारायणराव व्यास से हिंदुस्तानी संगीत में उच्च शिक्षा प्राप्त की। आपने सत्रह साल की आयु में चेन्नई ही विख्यात 'म्यूज़िक अकाडमी' में संगीत कार्यक्रम पेश किया। इसके बाद आपने मलयालम से लेकर पंजाबी तक भारत की अनेक भाषाओं में गीत रिकॉर्ड किये।
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विदुषी कौशिकी चक्रवर्ती एक भारतीय शास्त्रीय गायिका हैं और अजॉय चक्रबर्ती की बेटी हैं। वह पटियाला घराने के से आती हैं। वह कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की प्राप्तकर्ता रही हैं| वह एशिया-प्रशांत श्रेणी में विश्व संगीत के लिए 2005 के बीबीसी रेडियो 3 पुरस्कार प्राप्तकर्ता हैं। वह हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक, अजॉय चक्रवर्ती की बेटी हैं और उन्होंने अपने पति पार्थसारथी देसिकन के साथ प्रदर्शन किया है।
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ईमान चक्रवर्ती (जन्म 13 सितंबर 1989) एक भारतीय गायक हैं। चक्रवर्ती ने अपने बंगाली गीत "तुमी जाके भालोबशो" के लिए वर्ष 2017 में सर्वश्रेष्ठ महिला प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता, जो कि फिल्म साउंडट्रैक के लिए अपने गायकों को उधार देने वाले गायकों के लिए भारत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। तदनुसार वह उन कुछ गायकों में से एक हैं, जिन्होंने भारत में पहली बार फिल्मी गीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है।
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कविता कृष्णमूर्ति (जन्म:1958) भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण पार्श्वगायिका है। कविता जब आठ साल की थीं तो उन्होंने एक गायन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता। तभी से वह बड़ी होकर एक मशहूर गायिका बनने का सपना देखने लगी थीं। 2005 को उन्हें पद्मश्री से पुरस्कृत किया गया।
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मोनाली ठाकुर (का जन्म 3 नवम्बर 1985 को कोलकत्ता, भारत में हुआ) एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं जो मुख्य रूप से बॉलीवुड फिल्मों में गाती हैं। और मोनाली ने लक्ष्मी नामक फिल्म में भी काम किया है। जो 2012 में रिलीज हुईं। आइफा पुरस्कारों में उन्हें "ज़रा ज़रा टच मी" गाने के लिए सर्वश्रेष्ठ गायक की श्रेणी में भी नामांकित किया गया।
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कविता सेठ एक भारतीय गायिका हैं। कविता सेठ (जन्म 1970) एक भारतीय गायिका हैं, जिन्हें हिंदी सिनेमा में एक पार्श्व गायिका के रूप में जाना जाता है, साथ ही वह ग़ज़ल और सूफी संगीत की एक कलाकार हैं, और एक सूफी संगीत समूह, कारवाँ समूह का नेतृत्व करती हैं। फिल्म वेक अप सिड (2009) के लिए 2010 में उनके शास्त्रीय सूफी गायन "गुंजा सा कोइ इकतारा" के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका। उन्होंने उसी गीत के लिए सर्वश्रेष्ठ फीमेल प्लेबैक के लिए स्टार स्क्रीन अवार्ड भी जीता, जो 2009 में सबसे बड़े चार्टबस्टर्स में से एक था।
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जसपिंदर नरूला पंजाबी गायिका और बॉलीवुड पार्श्व गायिका हैं। 1998 की फिल्म प्यार तो होना ही था के शीर्षक गीत को रेमो फर्नांडीस के साथ जुगलबंदी में गाए गए गीत से उन्हें अत्यंत प्रसिद्धि प्राप्त हुई। इसके लिए उन्होंने 1999 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार जीता था। उन्होंने कुछ समय के लिये आम आदमी पार्टी की सदस्यता भी ली थी।
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मंजरी एक भारतीय पार्श्व गायिका और हिंदुस्तानी गायिका हैं। शिवा (एक बैंड ) के साथ उनका पहला स्टेज प्रदर्शन कोलकाता के रॉक-आधारित था, जब वह कक्षा आठ में थीं।
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महालक्ष्मी अय्यर एक भारतीय हिन्दी तथा तमिल की पार्श्वगायिका हैं। इन्होंने कई हिन्दी ,तमिल के अलावा बंगाली तेलुगु इत्यादि भाषाओं में गीत गाये है। गायक के रूप में उनका पहला गीत 1996 में असमिया एल्बम ज़ुबेनोर गान से आया था। उन्होंने मणिरत्नम की दिल से में ए आर रहमान के लिए उदित नारायण के साथ ट्रैक ऐ अजनबी को गाया था .. जो कि एक पार्श्व गायक के रूप में उनकी पहली रिलीज़ थी और इसे उनकी पहली फिल्म माना गया।
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केसरबाई केरकर को कला क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1969 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। मशहूर शास्त्रीय संगीतकार केसरबाई केरकर का जन्म 13 जुलाई 1892 मे गोवा मे हुआ था । वे जयपुर धराने के संस्थापक उस्ताद अल्लादिया खां की शिष्या थी उन्होंने सिर्फ आठ साल की उम्र मे ही गाना शुरू कर दिया था ।
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सोनू कक्कड़ एक भारतीय पार्श्व गायिका है।
उनका जन्म ऋषिकेश,उत्तराखंड में हुआ था। उन्होंने 5 वर्ष की आयु से जागरण में गाना शुरू कर दिया था, जब उनके माता-पिता दिल्ली स्थानान्तरित हुए। वह बाद में मुंबई स्थानांतरित हो गयी जहां बॉलीवुड संगीत निर्देशक संदीप चौटा ने उन्हें एक गायन प्रतियोगिता में गाते हुए सुना और उन्हें गीत 'बाबू जी जरा धीरे चलो' गाने का मौका दिया। वह गायिका नेहा कक्कड़ की बड़ी बहन है जो एक प्रमुख बॉलीवुड गायिका है।
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वह अपनी पीढ़ी की सबसे अधिक दर्ज की गई कलाकार में से एक थीं | 1910-1920 के दौरान वह अपने चरम पर थीं | वह दक्षिण कोलकाता के कालीघाट क्षेत्र की रहने वाली थीं, जहाँ पेशेवर गायन महिलाएँ उन यात्रियों का मनोरंजन कर रही थीं, जो भारत के सभी भागों से काली मंदिर में आए थे।
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किशोरी आमोनकर हिंदुस्तानी संगीत की विख्यात गायिका थीं जिनका सम्बन्ध अतरौली जयपुर घराने से हैं। इनकी माता श्रीमती मोगुबाई कुर्डीकर भी इसी घराने की मशहूर शास्त्रीय गायिका थीं।। इनको पद्म विभूषण से सम्मनित किया गया है।
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नेहा भसीन कई पुरस्कार प्राप्त भारतीय पार्श्वगायिका और पॉप संगीत गायिका हैं। नई दिल्ली में पैदा हुई नेहा ने हिन्दी के अलावा तमिल, तेलुगू और पंजाबी में भी गाने गाए हैं। मेरे ब्रदर की दुल्हन, गुंडे, नीरजा सुल्तान और टाइगर जिंदा है जैसे सरीखी फ़िल्मों के लिये गीत गाए हैं। सुल्तान के गीत जग घूमेया के लिये उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार प्राप्त हुआ।
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पी सुशीला को सन 2008 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये तमिलनाडु से हैं। पी सुशीला को कई भाषाओं में सर्वाधिक गानों की रिकॉर्डिंग के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। पी सुशीला बहुभाषी प्रसिद्ध गायिका हैं।
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पालिवई भानुमति रामकृष्ण
पालिवई भानुमति रामकृष्ण को सन 2001 में भारत सरकार ने कला क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये तमिलनाडु से हैं। पी भानुमति रामकृष्ण (7 सितंबर 1924 - 24 दिसंबर 2005) एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री, निर्देशक, संगीत निर्देशक, गायक, निर्माता, उपन्यासकार और गीतकार थीं। व्यापक रूप से तेलुगु सिनेमा और दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग की पहली महिला सुपर स्टार के रूप में जानी जाती हैं, वह तमिल सिनेमा में अपने कामों के लिए भी जानी जाती थीं। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए उन्हें 2003 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें भारत के 30 वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में "वीमेन इन सिनेमा" के बीच सम्मानित किया गया।
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बड़ी मलका जान एक गायक, कत्थक नर्तक थीं जिनका असली नाम Victoria Hemmings था| वे बनारस में रहती थीं और बाद में कलकत्ता रहने लगीं | वह आजमगढ़ में जन्मी, उसने आगरा के कई उस्तादों के तहत अध्ययन किया। बाद में वह कलकत्ता में नवाब वाजिद अली शाह के दरबार में एक दरबारी संगीतकार बन गईं। मलका जान आग्रेवाली अपनी नई पूर्ण ठुमरी गायन शैली के विकास के लिए लोकप्रिय हो गईं।
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नीलांजना सरकार उर्फ नीलांजना सब्यसाची ठाकुर एक पार्श्व गायिका हैं | उन्हें 57 वाँ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (2009) प्राप्त है। नीलांजना सरकार उर्फ नीलांजोना सब्यसाची ठाकुर एक पार्श्व गायिका हैं, जिन्हें बंगाली फिल्म हाउसफुल में उनके गीत के लिए 57 वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (2009) मिला। उन्होंने 2 दिसंबर, 2018 को सब्यसाची चक्रवर्ती ठाकुर से शादी की।
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पूर्णिमा ( सुषमा श्रेष्ठ )
पूर्णिमा श्रेष्ठ एक प्रसिद्ध बॉलीवुड पार्श्व गायिका है जिन्होंने भारतीय संगीत उद्योगों में कई सुपरहिट गाने गाए हैं। उन्हें सुषमा श्रेष्ठ नाम से अधिक जाना जाता है। सुषमा ने रमेश सिप्पी की 1971 की फिल्म अंदाज़ में एक बाल गायिका के रूप में अपना करियर शुरू किया। उस फिल्म में, उन्होंने शंकर जयकिशन के संगीत निर्देश में "है ना बोलो बोलो" गीत मोहम्मद रफी, सुमन कल्याणपुर और प्रतिभा के साथ गाया। उन्हें इस समय ज्यादातर उनके गीतों "तेरा मुझसे है पहले" आ गले लग जा से (1973) और "क्या हुआ तेरा वादा" हम किसी से कम नहीं (1977) से के लिये याद किया जाता है। दोनों के लिये उन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार में नामांकित किया गया। संगीतकार जोड़ी आनंद-मिलिंद 90 के दशक की शुरुआत में उनकी आवाज़ के बहुत कायल थे और उन्होंने उन्हें अपने गीत गाने के कई मौके दिए। पूर्णिमा ने डेविड धवन की फिल्मों की श्रृंखला में कई लोकप्रिय गीत गाए हैं, जैसे कि कुली नं॰ 1 (1995), जुड़वा (1997), हीरो नं॰ 1 (1997) और बीवी नं॰ 1 (1999)। वह मूल रूप से नेपाल से हैं।
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रेखा भारद्वाज एक विख्यात भारतीय पार्श्वगायिका हैं। वे बॉलीवुड में अपने अनूठे लहज़े, गायन शैली एवं गीतों के चुनाव के लिए जानी जाती हैं।
भारद्वाज ने फ़िल्मी उद्योग में खुद को एक सफ़ल गायिका के तौर पर स्थापित किया है। उन्हें अब तक दो फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार और एक राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिल चुके हैं।
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साधना सरगम (जन्म: 7 जुलाई 1962, असली नाम: साधना पुरुषोत्तम घाणेकर) भारतीय सिनेमा में काम करने वाली महिला पार्श्वगायिका हैं। साधना चार साल की आयु से गाने गा रही है। विश्वात्मा के "सात समुंदर पार" गाने से उन्हें ख्याति मिली। उनका जन्म महाराष्ट्र के दाभोल में संगीतकारों के परिवार में हुआ। "पहला नशा पहला खुमार", "दर्द करारा", "साईं राम साईं श्याम साईं भगवान", "बिन साजन झूला झूलूं", "धीरे धीरे आप मेरे", "चंदा रे चंदा रे", "हमको मालूम है", "माही वे", "क्या मौसम आया है", "सलाम-ए-इश्क", "अंगना में बाबा", "मेरी नींद मेरा चैन", "तेरा नाम लेने की", "तुझसे क्या चोरी है", "आइये आपका इंतजार था", "सुनो मियां सुनो", "ऐतबार नहीं करना" उनके मशहूर हिन्दी गीत है। उन्होंने लगभग हर भारतीय भाषा में गाने गाए हैं।
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डॉ प्रभा अत्रे किराना घराने से एक भारतीय शास्त्रीय गायक हैं। प्रभा आबासाहेब और इन्दिराबाई अत्रे कि पुत्रि हैं। उनका जनम पुणे मे हुआ। उन्होने शास्त्रीय संगीत शुरू में श्री विजय करंदीकरसे सीखा। फिर, उन्नत प्रशिक्षण लिए किराना स्कूल से प्रसिद्ध संगीतकार श्री सुरेश बाबु माने और श्रीमती. हिराबाई बरोदेकर से ।
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नूरजहां (1926-2000) उर्दू और हिन्दी फिल्म की सुप्रसिद्ध गायिका और अभिनेत्री थीं जिन्होंने अपनी दिलकश आवाज़ और अभिनय से लगभग चार दशक तक श्रोताओं के दिल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। वर्ष 1930 में नूरजहां को इंडियन पिक्चर के बैनर तले बनी एक मूक फिल्म 'हिन्द के तारे' में काम करने का मौका मिला। इसके कुछ समय के बाद उनका परिवार पंजाब से कोलकाता चला आया। इस दौरान उन्हें करीब 11 मूक फिल्मों मे अभिनय करने का मौका मिला। वर्ष 1931 तक नूरजहां ने बतौर बाल कलाकार अपनी पहचान बना ली थी।
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मैथिली ठाकुर एक भारतीय गायिका हैं। वह 2017 में प्रसिद्धि के लिए बढ़ी जब उसने राइजिंग स्टार के सीज़न 1 में भाग लिया। मैथिली शो की पहली फाइनलिस्ट थी, उन्होंने ओम नमः शिवाय गाया, जिसने फाइनल में उनकी सीधे प्रवेश किया। वह दो वोटों से हारकर दूसरे स्थान पर रही। शो के बाद, उनकी इंटरनेट लोकप्रियता बढ़ गई। YouTube और Facebook पर उनके वीडियो अब 70,000 से 7 मिलियन के बीच मिलते हैं। वह मैथिली और भोजपुरी गाने गाती है जिसमें छठ गीत और कजरी शामिल हैं। वह अन्य राज्यों से कई तरह के बॉलीवुड कवर और अन्य पारंपरिक लोक संगीत भी गाती हैं।
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शक्तिश्री गोपालन एक भारतीय गायक, गीतकार और कलाकार हैं, जो ए आर रहमान जैसे शीर्ष दक्षिण-भारतीय संगीत निर्देशकों / संगीतकारों के साथ सहयोग के लिए प्रसिद्ध हैं। वह पेशे से आर्किटेक्ट हैं, स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग से स्नातक हैं।
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वाणी जयराम जिन्हें आधुनिक भारत की मीरा भी कहा जाता है, एक भारतीय गायिका हैं। वह दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक पार्श्व गायिका के रूप में जानी जाती हैं। वाणी का करियर 1971 में शुरू हुआ और चार दशकों में फैला हुआ है। वाणी अक्सर 1970 के दशक से लेकर 1990 के दशक के अंत तक भारत भर के कई संगीतकारों की पसंद रही। हिन्दी के अलावा, उन्होंने कई भारतीय भाषाओं, जैसे तेलुगू, तमिल, मलयालम, कन्नड़, मराठी, ओड़िया, गुजराती और बंगाली भाषाओं में गाया है।
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शमशाद बेगम एक भारतीय गायिका थीं, जो हिन्दी सिनेमा उद्योग में आरंभिक पार्श्वगायिका के रूप में आयी थीं। शमशाद बेगम एक बहुमुखी कलाकारा थीं, जिन्होंने हिन्दी के अलावा बंगाली, मराठी, गुजराती, तमिल एवं पंजाबी भाषाओं में लगभग 6000 से अधिक गाने गाये थे।
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शाल्मली खोलगडे एक भारतीय पार्श्वगायिका हैं जो मुख्यतः हिंदी भाषीय फिल्मों के लिए गाती हैं। हिंदी फिल्मों में गाने के अलावा वे दक्षिण भारतीय फिल्मों के लिए भी गाती हैं जिनमें विशेषकर मराठी, तेलुगु और बंगाली भाषाएं शामिल हैं। उन्हें अपने सफल व्यावसायिक जीवन के दौरान एक फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिल चुका है और उन्होंने खुद को भारत के अग्रणी पार्श्वगायकों में शामिल किया है। उनके कुछ हिट गानों में से हैं — "परेशान" फ़िल्म इशकजादे से, "बलम पिचकारी" ये जवानी है दीवानी से, रेस 2 से "लत लग गयी" और सुल्तान फ़िल्म से "बेबी को बेस पसंद है"।
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शिल्पा राव एक भारतीय गायिका हैं। जमशेदपुर में जन्मी और पली बढ़ी राव 13 वर्ष की उम्र में मुंबई चली गई, जहाँ उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से एप्लाइड स्टैटिस्टिक्स में मास्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद तीन साल तक जिंगल गायिका के रूप में काम किया। उनके कॉलेज के दिनों में संगीतकार मिथुन ने उन्हें अनवर (2007) के गीत "जावेदाँ ज़िंदगी" को गाने की पेशकश की, जो उनका पहला बॉलीवुड गीत हुआ।
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श्वेता मोहन एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं। वह कई भाषाओं मलयालम, तमिल, तेलुगु, हिंदी व कन्नड़ की एक प्रमुख पार्श्व गायिका हैं| श्वेता मोहन (जन्म 19 नवंबर 1985) एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं। उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के लिए चार फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण, एक केरल राज्य फिल्म पुरस्कार और एक तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार मिला है। उन्होंने हिंदी फिल्मों के अलावा सभी चार दक्षिण भारतीय भाषाओं अर्थात् मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ में फिल्म संगीत और एल्बमों के लिए गाने रिकॉर्ड किए हैं और खुद को दक्षिण भारतीय सिनेमा के अग्रणी पार्श्व गायक के रूप में स्थापित किया है।
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ऋचा शर्मा एक भारतीय फिल्म प्लेबैक सिंगर होने के साथ-साथ एक भक्ति गायिका भी हैं। 2006 में, उन्होंने बॉलीवुड का सबसे लंबा ट्रैक, बिदाई गीत, फिल्म बाबुल में गाया। ऋचा शर्मा (जन्म 29 अगस्त 1974) एक भारतीय फिल्म पार्श्व गायिका होने के साथ-साथ एक भक्ति गायिका भी हैं। 2006 में, उन्होंने बॉलीवुड का सबसे लंबा ट्रैक, बिदाई गीत, फिल्म बाबुल (2006) में गाया। पंडित आसकरण शर्मा के संरक्षण में, ऋचा ने भारतीय शास्त्रीय और हल्के संगीत में उचित प्रशिक्षण प्राप्त किया।
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शोभा गुर्टू को सन 2002 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से थी। उन्होंने मराठी और हिंदी सिनेमा में भी संगीत दिया। एक पार्श्व गायिका के रूप में, उन्होंने सबसे पहले कमल अमरोही की फिल्म पाकीज़ा (1972) में काम किया, उसके बाद फागुन (1973), जहाँ उन्होंने गाया, 'बेदर्दी बन जाए तो जाऊ मन जाए और जियावन'। उन्होंने हिट फिल्म मेन तुलसी तेरे आंगन की (1978) के गीत "सइयां रूप गाई" के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के रूप में फिल्मफेयर नामांकन अर्जित किया।
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शुभा मुद्गल भारत की एक प्रसिद्ध हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत, खयाल, टुमरी, दादरा और प्रचलित पॉप संगीत गायिका हैं। इन्हें 1996 में सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म संगीत निर्देशन का नेशनल अवार्ड अमृत बीज के लिये मिला था। 1998 में संगीत में विशेष योगदान हेतु गोल्ड प्लाक अवार्ड, 34वें शिकागो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में उनकी फिल्म डांस ऑफ द विंड (1997) के लिये मिला था। इसके अलावा इन्हें 2000 में पद्मश्री भी मिल चुका है।
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सुजाता मोहन एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं जो मलयालम और तमिल फिल्मों में गायन के लिए लोकप्रिय हैं। उन्होंने तेलुगू, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों के लिए भी गाने गाए हैं।
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वीणा सहस्त्रबुद्धे प्रमुख भारतीय गायिका और कानपुर से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की संगीतकार थीं। सहस्रबुद्धे को ख़याल और भजन की गायिका के रूप में भी जाना जाता है। वीणा सहस्रबुद्धे का जन्म संगीत परिवार में हुआ था। उनके पिता शंकर श्रीपाद बोदस गायक विष्णु दिगंबर पलुस्कर के शिष्य थे। उन्होंने अपने पिता के तहत अपनी संगीत की प्रारंभिक शिक्षा शुरू की और फिर अपने भाई काशीनाथ शंकर बोडस से परिक्षण लिया। उन्होंने बचपन में कथक नृत्य भी सीखा था। वीणा ने गायन और संस्कृत दोनों में स्नातक और परास्नातक किया था।
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शर्ली सेतिया, न्यूजीलैंड की एक गायिका और अभिनेत्री हैं। शर्ली ऑकलैंड, न्यूजीलैंड से हैं। शर्ली सेतिया, अभिमन्यु दासानी के संग आने वाली फिल्म निकम्मा से बॉलीवुड में पदार्पण करेंगी। उन्हें हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा भारत की YouTube सनसनी और TVNZ द्वारा न्यूजीलैंड के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय कलाकारों में से एक के रूप में भी स्वीकार किया गया।
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तुलसी कुमार बॉलीवुड फ़िल्मों में भारतीय पार्श्वगायिका हैं। यह टी-सीरीज़ के मालिक गुलशन कुमार की बेटी हैं और इन्हॉने हाल ही में आशिकी 2 के लिए दो गीत गाए हैं और इन्होंने गुरु रंधावा के साथ रात कमाल है गाना भी गाया है। उनका कहना है कि इन गीतों के लिये आवाज़ देना उनके लिये भावुक था क्योंकि आशिकी से उनके पिता जुड़े थे। उन्होंने यह भी कहा की गायकी में उन्हें प्यार-मोहब्बत के गीत पसन्द हैं। इनकी आवाज बहुत ही मधुर है। आशिकी 2 में इन्होंने अपनी आवाज दी। उसके बाद ये बहुत ही प्रसिद्ध हुई।
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तरली सर्मा असम की एक गायिका हैं, जिन्होंने वर्ष 2003 में असमिया फिल्म आकाशीथर कोठारे के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। उनके पिता प्रभात सरमा हैं, जो एक लोक प्रतिपादक, फ्लूटिस्ट, संगीत निर्देशक और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता हैं। ताराली असमिया फिल्म उद्योग में एक बहुमुखी गायक और संगीत निर्देशक हैं।
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वसुंधरा दास, एक भारतीय अभिनेत्री और गायिका हैं। वसुंधरा दास (जन्म 27 अक्टूबर 1977) एक भारतीय गायक, अभिनेत्री, संगीतकार, उद्यमी, वक्ता, गीतकार और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं।
वसुंधरा की फिल्मों में हे राम (तमिल / हिंदी), मानसून वेडिंग (अंग्रेजी), नागरिक (तमिल), रावण प्रभु (मलयालम), लंकेश पत्रिके (कन्नड़) और कई अन्य शामिल हैं। वसुंधरा ने ए आर रहमान, विजया भास्कर, युवान शंकर राजा और जी वी प्रकाश कुमार जैसे संगीतकार के साथ काम किया है।
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उषा मंगेशकर मशहूर गायिका लता मंगेशकर तथा आशा भोंसले की छोटी बहन हैं और हिन्दी फ़िल्मी गीतों की पार्श्व गायिका हैं। उषा मंगेशकर (15 दिसंबर 1935) एक भारतीय गायिका हैं, जिन्होंने कई हिंदी, बंगाली, मराठी, कन्नड़, नेपाली, भोजपुरी, गुजराती और असमिया गीत रिकॉर्ड किए हैं। उषा की चित्रकला में गहरी रुचि है। वह अपने प्रसिद्ध गीत "मुंगडा" और मराठी फिल्म पिंजरा के गीतों के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने दूरदर्शन के लिए संगीत नाटक फूलवंती का भी निर्माण किया था।
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सिद्धेश्वरी देवी प्रसिद्ध हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायिका थीं। ये वाराणसी से थीं। ये उपनाम माँ से प्रसिद्ध थीं। इनका जन्म 1908 में हुआ और इनके माता पिता जल्दी ही स्वर्गवासी हो गये और तब इन्हें इनकी मौसी गायिका राजेश्वरी देवी ने लालन पालन किया।
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सोनल मानसिंह भारत सरकार ने 1992 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये दिल्ली से हैं। उन्होंने चार साल की उम्र में मणिपुरी नृत्य, नागपुर के एक शिक्षक से अपनी बड़ी बहन के साथ सीखना शुरू कर दिया, फिर सात साल की उम्र में उन्होंने पांडानल्लुर स्कूल के विभिन्न गुरूओं से भरतनाट्यम सीखना शुरू किया, बॉम्बे में कुमार जयकर सहित।
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जोहरा बाई (जोहरा बाई आगरेवाली) (1868-1913) 1900 के प्रारंभ से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के सबसे विख्यात और प्रभावशाली गायकों में से एक थीं। वह गायन की अपनी मर्दाना शैली के लिए जानी जाती हैं।
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राजकुमारी दुबे(1924 -2000) जिन्हें इनके पहले नाम "राजकुमारी" के नाम से ज्यादा बेहतर जाना जाता है, एक भारतीय पार्श्व गायिका थी, जो कई हिन्दी फिल्मों में 1930 से 1940 के दशक तक काम की थी। इन्हें इनके बावरे नैन (1950) के गाने "सुन बैरी बालम सच बोल", महल (1949) के गाने "घबराना के जो हम सर को टकरायन" और पाकीज़ा (1972) के गाने "नजरिया की मारी के कारण काफी जानी जाती हैं।
इनका जन्म बनारस (वाराणसी) में हुआ था और मात्र 11 वर्ष की आयु में ही इन्होंने हिन्दी सिनेमा से जुड़ गई थी। एक बाल कलाकार के रूप में इन्होंने राधे श्याम और ज़ुल्मी हंस (1932) में काम किया। इसके बाद फिल्मों में आने से पहले, कुछ सालों तक ये थियेटर में काम करने लगी और प्रकाश पिक्चर्स में अभिनेत्री और गायिका के रूप में जुड़ गईं। उस समय के बड़ी बड़ी गायिकाओं में सबसे अधिक उच्च आवाज इनकी थी। अगले दो दशकों में इन्होंने कुल 100 फिल्मों में गया था। लगभग 1950 के दशक में लता मंगेशकर के आने के बाद स्थिति बदल गई।
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