पूरी दुनिया में लगभग 7,000 भाषाएँ बोली जाती हैं। कुछ भाषाएँ एक विशाल क्षेत्र में लाखों लोगों द्वारा बोली जाती हैं जबकि कुछ एक छोटे से क्षेत्र में लोकप्रिय हैं लेकिन इन सभी भाषाओं का उद्देश्य एक ही है- एक साफ़ संदेश देना। इसके अलावा, प्रत्येक देश की अपनी आधिकारिक भाषा भी होती है। यह लोगों को एक दूसरे के साथ सुसंगत तरीके से संवाद करने में मदद करता है और ये भाषा किसी भी देश के अधिकांश लोगों द्वारा बोली जाती है। यहां, हमने दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं की एक सूची बनाई है। इनका अध्ययन करके आप किसी भी भाषा की लोकप्रियता के बारे में अंदाजा लगा सकते हैं। ये भाषाएं लोगों को एक सूत्र में जोड़ती हैं और गंभीर समस्याओं को हल करती हैं। बिना अपनी भाषा के कोई भी देश अपनी एक पहचान नहीं बना सकता।
यह सूची किसी भी भाषा कितने व्यक्तियों के लिए मात्रभाषा है, उनकी संख्या को ध्यान में रखकर बनायी गयी है |
हिन्दी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिंदी कहा जाता है, विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी है। यह हिंदुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिंदी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत के संविधान में किसी भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया है। एथनोलॉग के अनुसार हिन्दी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। भारत की जनगणना 2011 में 57.1% भारतीय आबादी हिंदी जानती है जिसमें से 43.63% भारतीय लोगों ने हिंदी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित किया था। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में 14 करोड़ 10 लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, व्याकरण के आधार पर हिन्दी के समान है, एवं दोनों ही हिंदुस्तानी भाषा की परस्पर-सुबोध्य रूप हैं। एक विशाल संख्या में लोग हिंदी और उर्दू दोनों को ही समझते हैं।
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मैंडरिन मूल रूप से उत्तरी यूरोप के अधिकांश हिस्सों में बोली जाने वाली साइनिटिक (चीनी) भाषाओं का एक समूह है। दक्षिण-पश्चिमी चीन। समूह में बीजिंग बोली, मानक चीनी के स्वर विज्ञान का आधार शामिल है। क्योंकि मैंडरिन की उत्पत्ति उत्तरी चीन में हुई थी और अधिकांश मंदारिन बोलियाँ उत्तर में पाई जाती हैं, इस समूह को कभी-कभी उत्तरी चीनी कहा जाता है।
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स्पेनी भाषा हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आने वाली एक भाषा है। ये दुनिया की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। लगभग 40 करोड़ लोग एक देशीय भाषा के रूप में स्पेनिश बोलते हैं। ये इन सभी देशों की मुख्य- और राजभाषा है: स्पेन, अर्जेन्टीना, चिली, बोलीविया, पनामा, परागुए, पेरु, मेक्सिको, कोस्टा रीका, एल सैलवाडोर, क्यूबा, उरुग्वे, वेनेजुएला, आदि।
दूसरी भाषा के रूप में लगभग 6 करोड़ लोग स्पेनिश बोलते हैं और विदेशी भाषा के रूप में लगभग 2 करोड़ छात्र स्पेनिश बोलते हैं। स्पेनिश (मैन्डरिन और अंग्रेजी के बाद), दुनिया की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है।स्पेनिश संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यूरोपीय संघ में स्पेनिश का एक आधिकारिक भाषा के रूप में प्रयोग किया जाता है।अमेरिकी-अंग्रेजी के देशी वक्ताओं द्वारा सीखी जाने वाली सबसे लोकप्रिय दूसरी भाषा स्पेनिश है। 20वीं सदी के अंतिम दशकों से, एक विदेशी भाषा के रूप में स्पेनिश के अध्ययन की काफी वृद्धि हुई है। 21वीं सदी के बाद से, यह यकीनन अंग्रेजी के बाद दूसरी सबसे अधिक अध्ययन करी जाने वाली भाषा बन गई है।
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अंग्रेजी भाषा हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिन्दी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का सम्बन्ध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेजी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है।
यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है।
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अरबी भाषा सामी भाषा परिवार की एक भाषा है। ये हिन्द यूरोपीय परिवार की भाषाओं से मुख़्तलिफ़ है, यहाँ तक कि फ़ारसी से भी। ये इब्रानी भाषा से सम्बन्धित है। अरबी इस्लाम धर्म की धर्मभाषा है, जिसमें क़ुरान-ए-शरीफ़ लिखी गयी है।
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जापानी भाषा जापान देश की मुख्यभाषा और राजभाषा है। द्वितीय महायुद्ध से पहले कोरिया, ताइवान और साख़ालिन में भी जापानी बोली जाती थी। अब भी कोरिया और फार्मोसा में जापानी जाननेवालों की संख्या पर्याप्त है, परंतु धीरे धीरे उनकी संख्या कम होती जा रही है। भाषाविद इसे 'अश्लिष्ट-योगात्मक भाषा' मानते हैं। जापानी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा-परिवार में नहीं आती। भाषाविद इसे ख़ुद की जापानी भाषा-परिवार में रखते हैं (कुछ इसे जापानी-कोरियाई भाषा-परिवार में मानते हैं)। ये दो लिपियों के मिश्रण में लिखी जाती हैं : कांजी लिपि (चीन की चित्र-लिपि) और काना (लिपि) (अक्षरी लिपि जो स्वयं चीनी लिपिपर आधारित है)। इस भाषा में आदर-सूचक शब्दों का एक बड़ा तंत्र है और बोलने में "पिच-सिस्टम" ज़रूरी होता है। इसमें कई शब्द चीनी भाषा से लिये गये हैं।
जापानी भाषा किस भाषा कुल में सम्मिलित है इस संबंध में अब तक कोई निश्चित मत स्थापित नहीं हो सका है। परंतु यह स्पष्ट है कि जापानी और कोरियाई भाषाओं में घनिष्ठ संबंध है और आजकल अनेक विद्वानों का मत है कि कोरियाई भाषा अलटाइक भाषाकुल में संमिलित की जानी चाहिए। जापानी भाषा में भी उच्चारण और व्याकरण संबंधी अनेक विशेषताएँ है जो अन्य अलटाइ भाषाओं के समान हैं परंतु ये विशेषताएँ अब तक इतनी काफी नहीं समझी जाती रहीं जिनमें हम निश्चित रूप से कह सकें कि जापानी भाषा अलटाइक भाषाकुल में ऐ एक है।
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पुर्तगाली भाषा एक यूरोपीय भाषा है। ये मूल रूप से पुर्तगाल की भाषा है और इसके कई भूतपूर्व उपनिवेशों में भी बहुमत भाषा है, जैसे ब्राज़ील। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसकी लिपि रोमन है। इस भाषा के प्रथम भाषी लगभग 20 करोड़ हैं।
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उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य जम्मू और कश्मीर की मुख्य प्रशासनिक भाषा है। साथ ही तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीयभाषा है।
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वू चीनी चीन के झेजिआंग प्रान्त, दक्षिणी जिआंगसु प्रान्त और शन्घाई शहर में बोलीं जाने वाली चीनी भाषा की उपभाषाओं का एक गुट है। इन भाषाओँ में प्राचीन चीनी भाषा की कुछ ऐसी चीज़ें अभी भी प्रयोग की जाती हैं जो आधुनिक चीनी की अन्य भाषाओँ में लुप्त हो चुकी हैं। अन्य चीनी भाषाएँ बोलने वालों को वू भाषा मुलायम और बहती हुई प्रतीत होती है। चीनी में एक 'वूनोंगरुआनयु' (吴侬软语, wúnóngruǎnyǔ) शब्द इस्तेमाल किया जाता है, जिसका मतलब है 'वू की नाज़ुक बोली'। चीन में लगभग 8 करोड़ लोग वू भाषाएँ बोलते हैं।
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कोरियाई भाषा दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया की आधिकारिक भाषा है और इसे बोलने वालों की संख्या लगभग 8 करोड़ है। इस भाषा का विकास 1443 ई0 में किंगसेजोंग के शासनकाल में हुआ। इस भाषा की लिपि हंगुल है। कोरियन में 한 (हान/Haan) का अर्थ है - कोरिया अथवा महान और 글/गुल/geul का अर्थ है - लिपि। इस प्रकार हंगुल का अर्थ हुआ - "महान लिपि" अथवा "कोरियन लिपि"।
कोरियायी भाषा अल्टाइक कुल की भाषा है जो चीनी की भाँति संसार की प्राचीन भाषाओं में गिनी जाती है। चीनी की भाँति यह भी दाए से बाई ओर लिखी जाती है। इसका इतिहास कोरिया के इतिहास की तरह ही 4000 वर्ष प्राचीन है। प्राचीन काल में चीनी लोग कोरिया में जाकर बस गए थे, इसलिये वहाँ की भाषा भी चीनी भाषा से काफी प्रभावित है।
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रूसी भाषा - पूर्वी स्लाविक भाषाओं में सर्वाधिक प्रचलित भाषा है। रूसी यूरोप की एक प्रमुख भाषा तो है ही, विश्व की प्रमुख भाषाओं में भी इस का विशेष स्थान है, हालाँकि भौगोलिक दृष्टि से रूसी बोलने वालों की अधिकतर संख्या यूरोप की बजाय एशिया में निवास करती है। रूसी भाषा रूसी संघ की आधिकारिक भाषा है। इसके अतिरिक्त बेलारूस, कज़ाकिस्तान, क़िर्गिस्तान, उक्राइनी स्वायत्त जनतंत्र क्रीमिया, जॉर्जियाई अस्वीकृत जनतंत्र अब्ख़ाज़िया और दक्षिणी ओसेतिया, मल्दावियाई अस्वीकृत जनतंत्र ट्रांसनीस्ट्रिया (नीस्टर का क्षेत्र) और स्वायत्त जनतंत्र गगऊज़िया नामक देशों और जनतंत्रों में रूसी भाषा सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार की गई है।
रूसी भूतपूर्व सोवियत संघ के सभी 15 सोवियत समाजवादी जनतंत्रों की राजकीय भाषा थी। सन् 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद भी इन सभी आधुनिक स्वतंत्र देशों में अपनी-अपनी राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ परस्पर आपसी व्यवहार के लिए सम्पर्क भाषा के रूप में रूसी भाषा का प्रयोग किया जाता है। इन 15 देशों में रहने वाले निवासियों में से भी अधिकांश की मातृभाषा रूसी ही है।
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तेलुगु भाषा भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों की मुख्यभाषा और राजभाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार के अन्तर्गत आती है। यह भाषा आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के अलावा तमिलनाडु, कर्णाटक, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में भी बोली जाती है।
आंध्र शब्द का प्रयोग ऋग्वेदीय ऐतरेय ब्राह्मण में मिलता है। तेलुगु शब्द का मूलरूप संस्कृत में "त्रिलिंग" है। इसका तात्पर्य आंध्र प्रदेश के श्रीशैल के मल्लिकार्जुन लिंग, कालेश्वर और द्राक्षाराम के शिवलिंग से है। इन तीनों सीमाओं से घिरा देश त्रिलिंगदेश और यहाँ की भाषा त्रिलिंग (तेलुगु) कहलाई। इस शब्द का प्रयोग तेलुगु के आदि-कवि "नन्नय भट्ट" के महाभारत में मिलता है।
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मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत की इकलौती अधिकारिक राजभाषा है। महाराष्ट्र के बहुसंख्य लोग मराठी बोलते है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है। मराठी भारत की प्रमुख भाषाओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा की राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राज्यभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में दसवें और भारत में तिसरे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग 10 करोड़ है। यह भाषा 2300 सालों से अस्तित्व में है और इसका मूल प्राकृत से है।
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पश्तो भाषा (अफ़्ग़ानी)
पश्तो, जिसे पख़्तो या अफ़्ग़ानी भी कहा जाता है, अफ़्ग़ानिस्तान और पाकिस्तान में रहने वाले पठान समुदाय की मुख्य भाषा है। यह केन्द्रीय और दक्षिणी अफ़्ग़ानिस्तान और उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के वासी हैं। भौगोलिक दृष्टि से यह आमू दरिया से दक्षिण और सिन्धु नदी से पश्चिम के क्षेत्रों में रहते हैं। पश्तो हिन्द-ईरानी भाषा-परिवार की ईरानी उपशाखा की सदस्य है और ईरानी भाषाओँ में इसे एक पूर्वी ईरानी भाषा माना जाता है। अनुमान किया जाता है कि विश्व-भर में क़रीब 5-6 करोड़ लोग पश्तो अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। अफ़्ग़ानिस्तान के संविधान ने दरी (फ़ारसी) के साथ-साथ पश्तो को भी एक राजभाषा होने का दर्जा दिया है।
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बाङ्ला भाषा अथवा बांग्ला भाषा या बंगाली भाषा, बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है। इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं। बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग 23 करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है। इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फैले हैं।
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जर्मन भाषा संख्या के अनुसार यूरोप की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। ये जर्मनी, स्विट्ज़रलैंड और ऑस्ट्रिया की मुख्य- और राजभाषा है। ये रोमन लिपि में लिखी जाती है (अतिरिक्त चिन्हों के साथ)। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में जर्मनिक शाखा में आती है। अंग्रेज़ी से इसका निकटवर्ती सम्बन्ध है। किन्तु रोमन लिपि के अक्षरों का इसकी ध्वनियों के साथ मेल अंग्रेज़ी की तुलना मे कहीं बेहतर है। आधुनिक मानकीकृत जर्मन को उच्च जर्मन कहते हैं।
जर्मन भाषा भारोपीय परिवार के जर्मेनिक वर्ग की भाषा, सामान्यत: उच्च जर्मन का वह रूप है जो जर्मनी में सरकारी, शिक्षा, प्रेस आदि का माध्यम है। यह आस्ट्रिया में भी बोली जाती है। इसका उच्चारण 1898 ई. के एक कमीशन द्वारा निश्चित है। लिपि, फ्रेंच और अंग्रेजी से मिलती-जुलती है। वर्तमान जर्मन के शब्दादि में अघात होने पर काकल्यस्पर्श है। तान (टोन) अंग्रेजी जैसी है। उच्चारण अधिक सशक्त एवं शब्दक्रम अधिक निश्चित है। दार्शनिक एवं वैज्ञानिक शब्दावली से परिपूर्ण है। शब्दराशि अनेक स्रोतों से ली गई हैं।
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मलय बोधगम्यता के प्रत्येक बिंदु के आधार पर पारस्परिक रूप से निकट भाषाओं का एक समूह है पर भाषाविद् इन सभी भाषाओं को अलग अलग मानते हैं। यह सभी भाषायें एक बड़े समूह जिसे "स्थानीय मलय" कहते है मे समूहीकृत किया गय है, इस बड़े समूह के एक भाग को ऑस्ट्रोनेशियाई भाषा परिवार की मलायो-पोलिनेशियाई शाखा के अन्तर्गत "मलायन" कहा जाता है। मलय भाषा विभिन्न रूपों में ब्रुनेई, इंडोनेशिया (जहाँ राष्ट्रीय भाषा, इन्डोनेशियाई, इसका एक रूप है), मलेशिया, सिंगापुर और दक्षिणी थाइलैंड में बोली जाती हैं।
मलय ब्रुनेई और मलेशिया की आधिकारिक भाषा है, जबकि सिंगापुर में इसे एक आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला हुआ है। इंडोनेशिया की राष्ट्रीय भाषा इन्डोनेशियाई है, जिसे औपचारिक रूप से बहासा इन्डोनेशिया (बहासा हिन्दी शब्द भाषा का तद्भव रूप है) कहा जाता है और जिसका शाब्दिक अर्थ "इन्डोनेशियाई भाषा" है। इसे बहासा केबंगसान (राष्ट्रीय भाषा) और बहासा पर्सातुआन/ पेमेरसतु (जोड़ने वाली भाषा) भी कहा जाता है। इन्डोनेशियाई सैन्य कब्जे में 20 वर्ष से अधिक रहने के कारण इन्डोनेशियाई पूर्वी तिमोर में भी बोली जाती है। मलेशिया में इस भाषा को अब आधिकारिक रूप से बहासा मलेशिया ("मलेशियाई भाषा") पुकारा जाता है, यद्यपि संवैधानिक नाम बहासा मेलायु है। सिंगापुर, ब्रुनेई और दक्षिणी थाईलैंड में इसे बहासा मेलायु ("मलय भाषा") ही कहा जाता है।
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फ़्रांसीसी भाषा एक रोमन भाषा है जो विश्वभर में लगभग 9 करोड़ लोगों द्वारा प्रथम भाषा के रूप में बोली जाती है। मूल रूप से इस भाषा को बोलने वाले अधिकांश लोग फ़्राँस में रहते हैं जहाँ इस भाषा का जन्म हुआ था। इस भाषा को बोलने वाले अन्य क्षेत्र ये हैं- अधिकांश कनाडा, बेल्जियम, स्विटज़रलैंड, अफ़्रीकी फ़्रेंकोफ़ोन, लक्ज़म्बर्ग और मोनाको। फ्रांसी भाषा 19 करोड़ लोगों द्वारा दूसरी भाषा के रूप में और अन्य 20 करोड़ द्वारा अधिग्रहित भाषा के रूप में बोली जाती है। विश्व के 54 देशों में इस भाषा को बोलने वालों की अच्छी भली संख्या है।
फ़्रांसीसी रोमन साम्राज्य की लैटिन भाषा से निकली भाषा है, जैसे अन्य राष्ट्रीय भाषाएँ - पुर्तगाली, स्पैनिश, इटालियन, रोमानियन और अन्य अल्पसंख्यक भाषाएँ जैसे कैटेलान इत्यादि। इस भाषा के विकासक्रम में इसपर मूल रोमन गौल की कैल्टिक भाषाओं और बाद के रोमन फ़्रैकिश आक्रमणकारियों की जर्मनेक भाषा का प्रभाव पड़ा।
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- पंजाबी (गुरमुखी. शाहमुखी ) एक हिंद-आर्यन भाषा है और ऐतिहासिक पंजाब क्षेत्र (अब भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित) के निवासियों तथा प्रवासियों द्वारा बोली जाती है। इसके बोलने वालों में सिख, मुसलमान और हिंदू सभी शामिल हैं। पाकिस्तान की 1998 की जनगणना और 2001 की भारत की जनगणना के अनुसार, भारत और पाकिस्तान में भाषा के कुल वक्ताओं की संख्या लगभग 9-13 करोड़ है, जिसके अनुसार यह विश्व की 11वीं सबसे व्यापक भाषा है। कम से कम पिछले 300 वर्षों से लिखित पंजाबी भाषा का मानक रूप, माझी बोली पर आधारित है, जो ऐतिहासिक माझा क्षेत्र की भाषा है।
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वियतनामी भाषा वियतनाम की राजभाषा है। जब वियतनाम फ्रांस का उपनिवेश था तब इसे अन्नामी (Annamese) कहा जाता था। वियतनाम के 86% लोगों की यह मातृभाषा है तथा लगभग 30 लाख वियतनामी बोलने वाले यूएसए में रहते हैं। यह ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार की भाषा है।
वियतनामी भाषा की अधिकांश शब्दराशि चीनी भाषा से ली गयी है। यह वैसे ही है जैसे यूरोपीय भाषाएं लैटिन एवं यूनानी भाषा से शब्द ग्रहण की हैं उसी प्रकार वियतनामी भाषा ने चीनी भाषा से मुख्यत: अमूर्त विचारों को व्यक्त करने वाले शब्द उधार लिये हैं। वियतनामी भाषा पहले चीनी लिपि में ही लिखी जाती थी (परिवर्धित रूप की चीनी लिपि में) किन्तु वर्तमान में वियतनामी लेखन पद्धति में लैटिन वर्णमाला को परिवर्तित (adapt) करके तथा कुछ डायाक्रिटिक्स (diacritics) का प्रयोग करके लिया जाता है।
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तमिल एक भाषा है जो मुख्यतः तमिऴ नाडु तथा श्रीलंका में बोली जाती है। तमिऴ नाडु तथा पुदुचेरी में यह राजभाषा है। यह श्रीलंका तथा सिंगापुर की कई भाषाओं में से एक है। तमिल चार अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में महत्वपूर्ण अल्पसंख्यकों द्वारा बोली जाती है। यह मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस सहित कई देशों में पाए जाने वाले तमिल प्रवासी द्वारा भी बोली जाती है। तमिल भी मूल रूप से श्रीलंकाई मूवर्स द्वारा बोली जाती है।
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भोजपुरी शब्द का निर्माण बिहार का प्राचीन जिला भोजपुर के आधार पर पड़ा। जहाँ के राजा "राजा भोज" ने इस जिले का नामकरण किया था।भाषाई परिवार के स्तर पर भोजपुरी एक आर्य भाषा है और मुख्य रूप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में बोली जाती है। आधिकारिक और व्यवहारिक रूप से भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली है। भोजपुरी अपने शब्दावली के लिये मुख्यतः संस्कृत एवं हिन्दी पर निर्भर है कुछ शब्द इसने उर्दू से भी ग्रहण किये हैं। भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है जिसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाये गये मजदूर हैं जिनके वंशज अब जहाँ उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं। इनमे सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, फिजी आदि देश प्रमुख है। भारत के जनगणना (2001) आंकड़ों के अनुसार भारत में लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। पूरे विश्व में भोजपुरी जानने वालों की संख्या लगभग 4 करोड़ है. वक्ताओं के संख्या के आंकड़ों में ऐसे अंतर का संभावित कारण ये हो सकता है कि जनगणना के समय लोगों द्वारा भोजपुरी को अपनी मातृ भाषा नहीं बताई जाती है। भोजपुरी प्राचीन समय मे कैथी लिपि मे लिखी जाती थी।
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तगालोग दक्षिणपूर्वी एशिया के फिलीपींस देश में बोली जाने वाली ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा की एक भाषा है। इसे फिलीपींस के 25% लोग मातृभाषा के रूप में और उस देश के अधिकांश लोग द्वितीय भाषा के रूप में बोलते हैं, जो कि फिलीपींस की किसी भी अन्य भाषा से अधिक है। अंग्रेज़ी के साथ-साथ, तगालोग को फिलीपींस की राजभाषा होने का दर्जा प्राप्त है।
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मारवाड़ी राजस्थान में बोली जाने वाली एक क्षेत्रीय भाषा है। यह राजस्थान की एक मुख्य भाषाओं में से एक है। मारवाड़ी गुजरात, हरियाणा और पूर्वी पाकिस्तान में भी बोली जाती है। इसकी मुख्य लिपि देवनागरी है। इसकी कई उप-बोलियाँ भी है।
मारवाड़ी की ख़ुद की लिपि जिसे मोड़िया लिपि भी हैं। परन्तु इस लिपि के विकास में राजपुताने राजरस्थान के राजा-महाराजा (वर्तमान में राजस्थान राज्य) व राजस्थान सरकार ने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। हाल ही में बीकानेर से चयनित सांसद श्री अर्जुनराम मेघवाल ने मारवाड़ी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए बहुत प्रयास किये, लेकिन हिंदी भाषी लोगो के विरोध के चलते वे इसमें असफल रहे। पिछले 40-50 सालों से इस भाषा के विकास पर बातें तो बहुत होती रही है पर कार्य के मामले में कोई विशेष प्रगति नहीं दिखी। इन दिनों सन् 2011 से कोलकाता के श्री शम्भु चौधरी इस दिशा में काफी कार्य किया है। राजस्थानी भाषा कि लिपि के संदर्भ में यह गलत प्रचार किया जाता रहा कि इसकी लिपि देवनागरी है जबकि राजस्थान के पुराने दस्तावेजों से पता चलता है कि इसकी लिपि मोड़िया है। उस लिपि को महाजनी भी कहा जाता है। हांलाकि मोड़िया लिपि को भी महाजनी लिपि कहा जाता हैं। कुछ लोग मोड़ी लिपि को ही मोड़िया लिपि मानते रहे। जब इसके विस्तार में देखा गया तो दोनों लिपि में काफी अन्तर है।
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मगही या मागधी भाषा भारत के मध्य पूर्व में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। इसका निकट का संबंध अवधी भोजपुरी और मैथिली भाषा से है और अक्सर ये भाषाएँ एक ही साथ बिहारी भाषा के रूप में रख दी जाती हैं। इसे देवनागरी अथवा कयथी लिपि में लिखा जाता है। मगही बोलनेवालों की संख्या (2002) लगभग 1 करोड़ 30 लाख है। मुख्य रूप से यह बिहार के गया, पटना, राजगीर ,नालंदा ,जहानाबाद,अरवल,नवादा,शेखपुरा,लखीसराय,जमुई ,मुंगेर, औरंगाबाद के इलाकों में बोली जाती है।
मगही का धार्मिक भाषा के रूप में भी पहचान है। कई जैन धर्मग्रंथ मगही भाषा में लिखे गए हैं। मुख्य रूप से वाचिक परंपरा के रूप में यह आज भी जीवित है। मगही का पहला महाकाव्य गौतम महाकवि योगेश द्वारा 1960-62 के बीच लिखा गया। दर्जनो पुरस्कारो से सम्मानित योगेश्वर प्रसाद सिन्ह योगेश आधुनिक मगही के सबसे लोकप्रिय कवि माने जाते है। 23 अक्तुबर को उनकी जयन्ति मगही दिवस के रूप मे मनाई जा रही है।
मगही भाषा में विशेष योगदान हेतु सन् 2002 में डॉ॰रामप्रसाद सिंह को साहित्य अकादमी भाषा सम्मान दिया गया। ऐसा कुछ विद्वानों का मानना है कि मगही संस्कृत भाषा से जन्मी हिन्द आर्य भाषा है, परंतु महावीर और बुद्ध दोनों के उपदेश की भाषा मागधी ही थी। बुद्ध ने भाषा की प्राचीनता के सवाल पर स्पष्ट कहा है- ‘सा मागधी मूल भाषा’। अतः मगही ‘मागधी’ से ही निकली भाषा है।इसकी लिपी कैथी है।
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थाई भाषा थाईलैंड की मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है और यहाँ के 95% लोग यही भाषा बोलते हैं। थाई भाषा थाईलैंड, उत्तरी मलेशिया, कंबोडिया, दक्षिणी म्यानमार और लाओस में बोली जाती है। थाई भाषा थाईलैंड, उत्तरी मलेशिया, कंबोडिया, दक्षिणी म्यानमार और लाओस में बोली जाती है। थाई भाषा बोलने वालों की संख्या 6 से 6.5 करोड़ है।
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गुजराती भारत की एक भाषा है जो गुजरात राज्य, दीव और मुंबई में बोली जाती है। गुजराती साहित्य भारतीय भाषाओं के सबसे अधिक समृद्ध साहित्य में से है। भारत की दूसरी भाषाओं की तरह गुजराती भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ हैं। दूसरे राज्य एवं विदेशों में भी गुजराती बोलने वाले लोग निवास करते हैं। जिन में पाकिस्तान, अमेरिका, यु.के., केन्या, सिंगापुर, अफ्रिका, ऑस्ट्रेलीया मुख्य है। महात्मा गांधी एवं वल्लभ भाई पटेल। गुजराती बोलने वाले भारत के दूसरे महानुभावों में भीमराव आम्बेडकर, मुहम्मद अली जिन्ना, दयानंद सरस्वती, मोरारजी देसाई, धीरूभाई अंबानी भी सम्मिलित हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (2014 - हाल) भी गुजरात के वडनगर के रहने वाले हैं और उनकी मातृभाषा भी गुजराती है |
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मलयालम या कैरली भारत के केरल प्रान्त में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है। केरल के अलावा ये तमिलनाडु के कन्याकुमारी तथा उत्तर में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला, लक्षद्वीप तथा अन्य कई देशों में बसे मलयालियों द्वारा बोली जाती है।
मलयालं, भाषा और लिपि के विचार से तमिल भाषा के काफी निकट है। इस पर संस्कृत का प्रभाव ईसा के पूर्व पहली सदी से हुआ है। संस्कृत शब्दों को मलयालम शैली के अनुकूल बनाने के लिए संस्कृत से अवतरित शब्दों को संशोधित किया गया है। अरबों के साथ सदियों से व्यापार संबंध अंग्रेजी तथा पुर्तगाली उपनिवेशवाद का असर भी भाषा पर पड़ा है।
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ओड़िआ, उड़िया या ओड़िया भारत के ओड़िशा प्रान्त में बोली जाने वाली भाषा है। यह यहाँ के राज्य सरकार की राजभाषा भी है। भाषाई परिवार के तौर पर ओड़िआ एक आर्य भाषा है और नेपाली, बांग्ला, असमिया और मैथिली से इसका निकट संबंध है। ओड़िशा की भाषा और जाति दोनों ही अर्थो में उड़िया शब्द का प्रयोग होता है, किंतु वास्तव में ठीक रूप ओड़िआ होना चाहिए। इसकी व्युत्पत्ति का विकासक्रम कुछ विद्वान् इस प्रकार मानते हैं ओड्रविषय, ओड्रविष, ओडिष, आड़िषा या ओड़िशा। सबसे पहले भरत के नाट्यशास्त्र में उड्रविभाषा का उल्लेख मिलता हैं।
शबराभीरचांडाल सचलद्राविडोड्रजाः।
हीना वनेचराणां च विभाषा नाटके स्मृताः ॥ भाषातात्विक दृष्टि से ओड़िआ भाषा में आर्य, द्राविड़ और मुंडारी भाषाओं के संमिश्रित रूपों का पता चलता है, किंतु आज की ओड़िआ भाषा का मुख्य आधार भारतीय आर्यभाषा है। साथ ही साथ इसमें संथाली, मुंडारी, शबरी, आदि मुंडारी वर्ग की भाषाओं के और औराँव, कुई (कंधी) तेलुगु आदि द्राविड़ वर्ग की भाषाओं के लक्षण भी पाए जाते हैं।
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फ़ुला भाषा या फ़ुलानी भाषा पश्चिम अफ़्रीका में फ़ुला समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक भाषा है। यह नाइजर-कांगो भाषा-परिवार की सेनेगाम्बियाई शाखा की सदस्या है। फ़ुला लोग पश्चिमी अफ़्रीका के तटवर्ती क्षेत्रों से लेकर साहेल पट्टी पर पूर्व में इथियोपिया और सूडान तक फैले हुए हैं और इस कारणवश यह भाषा भी कई उपभाषाओं में विभाजित मिलती है।
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अज़रबैजानी या अज़ेरी, अज़रबैजान और पश्चिमोत्तरी ईरान में अज़रबैजानी लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक तुर्की भाषा है। यह तुर्की भाषा-परिवार की ओग़ुज़ शाखा की एक भाषा है और तुर्की, क़शक़ाई और तुर्कमेन भाषा से काफ़ी समानताएँ रखती है। विश्व भर में अज़ेरी बोलने वालों की संख्या 2.5 से 3.5 करोड़ अनुमानित की गई है।
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बलोची या बलोच भाषा दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान, पूर्वी ईरान और दक्षिणी अफ़्ग़ानिस्तान में बसने वाले बलोच लोगों की भाषा है। यह ईरानी भाषा परिवार की सदस्य है और इसमें प्राचीन अवस्ताई भाषा की झलक नज़र आती है, जो स्वयं वैदिक संस्कृत के बहुत करीब मानी जाती है। उत्तरपश्चिम ईरान, पूर्वी तुर्की और उत्तर इराक़ में बोले जानी कुर्दी भाषा से भी बलोची भाषा की कुछ समानताएँ हैं। बलोची पाकिस्तान की नौ सरकारी भाषाओँ में से एक है। अनुमानतः इसे पूरे विश्व में लगभग 80 लाख लोग मातृभाषा के रूप में बोलते हैं।
पाकिस्तान में इसे अधिकतर बलोचिस्तान प्रान्त में बोला जाता है, लेकिन कुछ सिंध और पंजाब में बसे हुए बलोच लोग भी इसे उन प्रान्तों में बोलते हैं। ईरान में इसे अधिकतर सिस्तान व बलुचेस्तान प्रान्त में बोला जाता है। ओमान में बसे हुए बहुत से बलोच लोग भी इसे बोलते हैं। समय के साथ बलोची पर बहुत सी अन्य भाषाओँ का भी प्रभाव पड़ा है, जैसे की हिन्दी-उर्दू और अरबी।
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उज़बेक भाषा मध्य एशिया में और विशेषकर उज़बेकिस्तान में, उज़बेक लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक तुर्की भाषा है। सन् 1995 में इसे मातृभाषा के रूप में बोलने वालों की संख्या लगभग 2 करोड़ अनुमानित की गई थी। हालाँकि यह एक तुर्की भाषा है, फिर भी इसमें फ़ारसी, अरबी और रूसी भाषा का प्रभाव मिलता है। उज़बेक और उइग़ुर भाषा में बहुत समानताएँ हैं, लेकिन उइग़ुर की तुलना में उज़बेक पर फ़ारसी का प्रभाव ज़्यादा गहरा है। सन् 1927 तक उज़बेक को लिखने के लिए अरबी-फ़ारसी वर्णमाला का प्रयोग किया जाता था, लेकिन उसके बाद उज़बेकिस्तान का सोवियत संघ में विलय होने से वहाँ सिरिलिक लिपि इस्तेमाल करने पर ज़ोर दिया गया। चीन के उज़बेक समुदाय अभी भी अरबी-फ़ारसी लिपि में उज़बेक लिखते हैं। सोवियत संघ का अंत होने के बाद उज़बेकिस्तान में कुछ लोग सन् 1992 के उपरान्त लैटिन वर्णमाला का भी प्रयोग करने लगे।
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इगबो, जो इबो भी कहलाती है, दक्षिण-पूर्वी नाइजीरिया के इगबो लोगों की प्रमुख भाषा है। इस भाषा को बोलने वालों की कुल संख्या 2.5 करोड़ के लगभग है, जिनमें से नाइजीरिया में हैं। इबो भाषा को रोमन लिपि में लिखा जाता है जो ब्रितानी उपनिवेश में प्रस्तावित हुयी। इगबो भाषा नाइजर-कांगो भाषा-परिवार की वोल्टा-नाइजर शाखा की एक सदस्य है।
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अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है। यह उत्तर प्रदेश के "अवध क्षेत्र" (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, अयोध्या, जौनपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा,बस्ती, बहराइच,बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती तथा फतेहपुर में बोली जाती है। इसके अतिरिक्त इसकी एक शाखा बघेलखंड में बघेली नाम से प्रचलित है। 'अवध' शब्द की व्युत्पत्ति "अयोध्या" से है। इस नाम का एक सूबा के राज्यकाल में था। तुलसीदास ने अपने "मानस" में अयोध्या को 'अवधपुरी' कहा है। इसी क्षेत्र का पुराना नाम 'कोसल' भी था जिसकी महत्ता प्राचीन काल से चली आ रही है।भाषा शास्त्री डॉ॰ सर "जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन" के भाषा सर्वेक्षण के अनुसार अवधी बोलने वालों की कुल आबादी 1615458 थी जो सन् 1971 की जनगणना में 28399552 हो गई। मौजूदा समय में शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 6 करोड़ से ज्यादा लोग अवधी बोलते हैं। भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त के 19 जिलों- सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, रायबरेली, उन्नाव, लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, अयोध्या व अंबेडकर नगर में पूरी तरह से यह बोली जाती है। जबकि 7 जिलों- जौनपुर, मिर्जापुर, कानपुर, शाहजहांपुर, आजमगढ़,सिद्धार्थनगर, बस्ती और बांदा के कुछ क्षेत्रों में इसका प्रयोग होता है।
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डच भाषा नीदरलैंड देश की मुख्यभाषा और राजभाषा है। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की जर्मैनी शाखा में आती है। क्योंकि ये एक निम्न जर्मनिक भाषा है, इसलिये ये अंग्रेज़ी से काफ़ी मेल खाती है। इसकी लिपि रोमन लिपि है।
नीदरलैंड के अतिरिक्त यह बेल्जियम के उत्तरी आधे भाग में, फ्रांस के नार्ड जिले के ऊपरी हिस्से में तथा यूरोप के बाहर डच न्यूगिनी आदि क्षेत्रों में बोली जाती है। संयुक्त राज्य अमरीका तथा कनाडा में रहनेवाले डच नागरिकों की भी यह मातृभाषा है। दक्षिण अफ्रिकी यूनियन राज्य में भी बहुत से डच मूल के नागरिक रहते हैं और उनकी भाषा भी डच भाषा से बहुलांश में मिलती-जुलती है, यद्यपि अब वह एक स्वतंत्र भाषा के रूप में विकसित हो गई है।
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कुर्दी ईरान, तुर्की, ईराक़, सीरिया और दक्षिणी कॉकस क्षेत्र में रहने वाले कुर्दी लोगों की भाषा है। यह हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की हिन्द-ईरानी शाखा की ईरानी उपशाखा की एक सदस्य है। यह आधुनिक फ़ारसी भाषा से काफ़ी मिलती-जुलती है। दुनिया भर में कुर्दी बोलने वालों की संख्या 1.6 करोड़ अनुमानित की गई है। तुर्की में इसे मातृभाषा या दूसरी भाषा बोलने वाले उस देश की कुल आबादी के लगभग 12% अनुमानित किये गए हैं। वास्तव में कुर्दी एक भाषा नहीं बल्कि बहुत सी कुर्दी उपभाषाओं का गुट है।
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मालागासी माडागास्कर देश की भाषा है। यह ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा की सदस्या है और इसका अफ़्रीका की अन्य भाषाओं से कोई सम्बन्ध नहीं है। माडागास्कर की अधिकांश जनता, जो मालागासी समुदाय का भाग है, इसे पहली भाषा के रूप में प्रयुक्त करती है, वहीं दुनिया के दूसरे कोनों में रहने वाले मालागासी प्रवासी भी इस भाषा को बोलचाल में इस्तेमाल करते हैं। माडागास्कर की लगभग पूरी आबादी, यानि क़रीब 1.5 करोड़ लोग, मालागासी को अपनी मातृभाषा के रूप में प्रयोग करते हैं।
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सिंहली भाषा श्रीलंका में बोली जाने वाली सबसे बड़ी भाषा है। सिंहली के बाद श्रीलंका में सबसे ज्यादा बोली जानेवाली भाषा तमिल है। प्राय: ऐसा नहीं होता कि किसी देश का जो नाम हो, वही उस देश में बसने वाली जाति का भी हो और वही नाम उस जाति द्वारा व्यवहृत होने वाली भाषा का भी हो। सिंहल द्वीप की यह विशेषता है कि उसमें बसने वाली जाति भी "सिंहल" कहलाती चली आई है और उस जाति द्वारा व्यवहृत होने वाली भाषा भी "सिंहल"।
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ज़ुआंग भाषाएँ एक दर्जन से अधिक ताई भाषाएँ हैं जो दक्षिणी चीन के ज़ुआंग लोगों द्वारा गुआंग्शी और युन्नान और गुआंगडोंग के निकटवर्ती भागों में बोली जाती हैं। ज़ुआंग भाषाएँ एक संघीय भाषाई इकाई नहीं बनाती हैं, क्योंकि उत्तरी और दक्षिणी ज़ुआंग भाषाएँ एक दूसरे की तुलना में अन्य ताई भाषाओं के अधिक निकट हैं।
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तुर्कमेन तुर्कमेनिस्तान की राष्ट्रीय भाषा है। यह तुर्कमेनिस्तान में रहने वाले करीबन तीस लाख लोगो के अलावा उत्तरी पश्चिमी अफगानिस्तान में रहने वाले करीबन चार लाख और उत्तरी पूर्वी ईरान में रहने वाले करीबन पांच लाख लोगो द्वारा बोली जाती है। तुर्कमेन विवादास्पद अल्टियाक भाषा परिवार की तुर्किक शाखा से संबद्ध है। यह दक्षिणी पश्चिमी तुर्किक उप शाखा खासतौर से पूर्वी ओगुज समूह का सदस्य है। तुर्कमेन तुर्किश और अजरबैजानी से निकट से जुड़ी हुई है।
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आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की शृंखला में पूर्वी सीमा पर अवस्थित असम की भाषा को असमी, असमिया अथवा आसामी कहा जाता है। असमिया भारत के असम प्रांत की आधिकारिक भाषा तथा असम में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। इसको बोलने वालों की संख्या डेढ़ करोड़ से अधिक है।भाषाई परिवार की दृष्टि से इसका संबंध आर्य भाषा परिवार से है और बांग्ला, मैथिली, उड़िया और नेपाली से इसका निकट का संबंध है। गियर्सन के वर्गीकरण की दृष्टि से यह बाहरी उपशाखा के पूर्वी समुदाय की भाषा है, पर सुनीतिकुमार चटर्जी के वर्गीकरण में प्राच्य समुदाय में इसका स्थान है। उड़िया तथा बंगला की भांति असमी की भी उत्पत्ति प्राकृत तथा अपभ्रंश से भी हुई है।
यद्यपि असमिया भाषा की उत्पत्ति सत्रहवीं शताब्दी से मानी जाती है किंतु साहित्यिक अभिरुचियों का प्रदर्शन तेरहवीं शताब्दी में रुद्र कंदलि के द्रोण पर्व (महाभारत) तथा माधव कंदलि के रामायण से प्रारंभ हुआ। वैष्णवी आंदोलन ने प्रांतीय साहित्य को बल दिया। शंकर देव (1449-1568) ने अपनी लंबी जीवन-यात्रा में इस आंदोलन को स्वरचित काव्य, नाट्य व गीतों से जीवित रखा।
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मदुराई, मदुरा द्वीप और पूर्वी जावा, इंडोनेशिया के मधुरियों लोगों की एक भाषा है; यह पड़ोसी छोटे कांगियन द्वीपों और सपुदी द्वीपों पर, साथ ही साथ इंडोनेशिया के अन्य भागों में प्रवासियों द्वारा भी कहा जाता है, अर्थात् जावा, मसालम्बु द्वीप और यहां तक कि कुछ कालीमंतन पर भी। कांगियन बोली एक अलग भाषा हो सकती है।
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सोमाली सामी-हामी भाषा-परिवार की एक भाषा है। एह बड़े सोमालिया और सोमाली विकीर्णन के सोमाली लोगों के द्वारा मात्र भाषा के तौर पर बोली जाती है। यह सोमालिया की सरकारी भाषा है, जिबूती की राष्ट्री भाषा है और इथियोपिया मे प्रयोग भाषा है।
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हरियाणवी उत्तर भारत में बोली जाने वाली भाषाओं का एक समूह है।, इसे भाषा नहीं कहा जा सकता...वैसे तो हरियाणवी में कई लहजे हैं साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में बोलियों की भिन्नता है। उत्तर हरियाणा में बोली जाने वाली हरियाणवी थोड़ा सरल होती है तथा हिन्दी भाषी व्यक्ति इसे थोड़ा बहुत समझ सकते हैं। दक्षिण हरियाणा में बोली जाने वाली बोली को ठेठ हरियाणवी कहा जाता है। यह कई बार उत्तर हरियाणा वालों को भी समझ में नहीं आती। इसके अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में हरियाणवी भाषा समूह के कई रूप प्रचलित हैं जैसे बाँगर, राँघड़ी आदि।
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हंगेरियाई भाषा, हंगरी की आधिकारिक भाषा है। यह फिन्नो-उग्रिक भाषा परिवार का हिस्सा है और, यूरोप में सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली गैर भारोपीय भाषा है। यह हंगरी की आधिकारिक भाषा है और यूरोपीय संघ की 24 आधिकारिक भाषाओं में से एक है। हंगरी के बाहर, यह वर्तमान समय में स्लोवाकिया, पश्चिमी यूक्रेन (सबकारपैथिया), मध्य और पश्चिमी रोमानिया (ट्रांसिल्वेनिया), उत्तरी सर्बिया (वोज्वोडिना), उत्तरी क्रोएशिया, उत्तरपूर्वी स्लोवेनिया (मुर क्षेत्र) और पूर्वी ऑस्ट्रिया में हंगरी के समुदायों द्वारा बोली जाती है।
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छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली एक अत्यन्त ही मधुर व सरस भाषा है। यह हिन्दी के अत्यन्त निकट है और इसकी लिपि देवनागरी है। छत्तीसगढ़ी का अपना समृद्ध साहित्य व व्याकरण है। छत्तीसगढ़ी 2 करोड़ लोगों की मातृभाषा है। यह पूर्वी हिन्दी की प्रमुख बोली है और छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख भाषा है। राज्य की 82.56 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में तथा शहरी क्षेत्रों में केवल 17 प्रतिशत लोग रहते हैं। यह निर्विवाद सत्य है कि छत्तीसगढ़ का अधिकतर जीवन छत्तीसगढ़ी के सहारे गतिमान है। यह अलग बात है कि गिने-चुने शहरों के कार्य-व्यापार राष्ट्रभाषा हिन्दी व उर्दू, पंजाबी, उड़िया, मराठी, गुजराती, बाँग्ला, तेलुगु, सिन्धी आदि भाषा में एवं आदिवासी क्षेत्रों में हलबी, भतरी, मुरिया, माडिया, पहाड़ी कोरवा, उराँव आदि बोलियो के सहारे ही संपर्क होता है। इस सबके बावजूद छत्तीसगढ़ी ही ऐसी भाषा है जो समूचे राज्य में बोली, व समझी जाती है। एक दूसरे के दिल को छू लेने वाली यह छत्तीसगढ़ी एक तरह से छत्तीसगढ़ राज्य की संपर्क भाषा है। वस्तुतः छत्तीसगढ़ राज्य के नामकरण के पीछे उसकी भाषिक विशेषता भी है।
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चेवा एक बंटू भाषा है जो दक्षिणी, दक्षिणपूर्व और पूर्वी अफ्रीका के बहुत से हिस्सों में बोली जाती है, अर्थात् मलावी और ज़ाम्बिया के देश, जहाँ यह एक आधिकारिक भाषा है, और मोज़ाम्बिक और ज़िम्बाब्वे है जहाँ यह एक मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक भाषा है।
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बरार-डेक्कन मराठी, मराठी-कोंकणी समूह की एक संभावित भाषा है, या शायद सिर्फ मराठी की एक क्षेत्रीय बोली है। Glottolog की रिपोर्ट है कि यह Varhadi-Nagpuri से निकटता से संबंधित है। बोलियाँ बीजापुरी और कलवाड़ी हैं। इन्हें मराठी बोलियों में गिना जाता है,
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अकान एक मध्य तनो भाषा है और घाना के अकान लोगों की प्रमुख मूल भाषा है, जो घाना के दक्षिणी भाग के अधिकांश हिस्से में बोली जाती है। घाना की आबादी का लगभग 80% अकान बोल सकता है, घाना के लगभग 44% मूल निवासी हैं। यह कोटे डी आइवर के कुछ हिस्सों में भी बोली जाती है।
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कज़ाख़ ( क़ाज़ाक़ तिलि) भाषा मध्य एशिया में कज़ाख़ लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक तुर्की भाषा है। यह तुर्की भाषा-परिवार की पश्चिमी या किपचक शाखा की भाषा है और क़ाराक़ालपाक़ और नोगाई भाषाओँ से मिलती-जुलती है। 2009 की जनगणना के अनुसार इसे कज़ाख़स्तान में लगभग 1 करोड़ लोग बोलते हैं और 2000 में इसे कज़ाख़स्तान से बाहर बोलने वालों की संख्या 30 लाख अनुमानित की गई थी। कज़ाख़ को कज़ाख़स्तन में राष्ट्रभाषा होने का दर्जा हासिल है। कज़ाख़स्तान के अलावा इसे चीन, मंगोलिया, अफ़्ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, युक्रेन, रूस और ईरान के कुछ समुदाय भी बोलते हैं। भौगोलिक दृष्टि से कज़ाख़ तियन शान पर्वतों से लेकर कैस्पियन सागर तक के विशाल क्षेत्र में बोली जाती है।
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नॉर्दन मिन, पारस्परिक रूप से समझदार मिन किस्मों का एक समूह है जो उत्तर पश्चिमी फ़ुज़ियान के नानपिंग प्रान्त में बोली जाती है।
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सिलेटी भाषा (असमिया : छिलठीया भाषा), बांग्लादेश के उत्तर-पूर्वाञ्चल में अवस्थित सिलेट विभाग, असम के होजाइ जिला और बराक उपत्यका, तथा त्रिपुरा के कुछ भागों में प्रचलित है। यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य और खाड़ी के देशों में बसने वाले अधिकतर बंगलादेशी यह भाषा बोलते हैं।
सिलेटी को प्रायश ही बंगाली भाषा की एक बोली माना जाता है और कभी-कभी पारस्परिक अस्पष्टता के कारण इसे कभी कभी एक अलग भाषा भी माना जाता है। सिलहट पहले कामरूप राज्य का हिस्सा था और असमिया भाषा के साथ सिलेटी बहुत मेल खाता है। पहले यह भाषा अपने लिपि में लिखी जाती थी, पर अब यह बंगाली लिपि में ही लिखी जाती है।
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ज़ुलु या इसिज़ुलु अफ़्रीका के दक्षिणी भाग में लगभग 1 करोड़ लोगो द्वारा बोली जाने वाली एक भाषा है। इसे बोलने वाले 95% लोग दक्षिण अफ़्रीका देश में रहते हैं जहाँ यह लगभग 25% जनसंख्या की मातृभाषा है और जहाँ के लगभग 50% लोग इसे समझ-बोल सकते हैं। सन् 1994 में यह दक्षिण अफ़्रीका की 11 राजभाषाओं में से एक बन गई।
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चेक एक पश्चिम स्लोवियाई भाषा है, यह चेक गणराज्य में बहुमत भाषा और चेक द्वारा बोली जाने वाली विश्वव्यापी भाषा है। चेक भाषा यूरोपीय संघ में 23 आधिकारिक भाषाओं में से एक है। चेक पश्चिमी स्लावोनिक समुदाय की हैं और एक दूसरे से अत्यंत मिलती जुलती हैं। चेक भाषा बोहीमिया और मोराविया प्रांतों में और स्लोवाक भाषा स्लोवाकिया नामक प्रांत में बोली जाती है।
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ढूंढाड़ी एक इंडो-आर्यन भाषा है जो पूर्वोत्तर राजस्थान के ढूंढाड़ क्षेत्र में बोली जाती है। ढूंढाड़ी बोलने वाले मुख्य रूप से तीन जिलों – जयपुर, करौली, डीग, सवाई माधोपुर, दौसाऔर टोंक में रहतें है। इस नाम की व्युत्पत्ति दो मतों के अनुसार हो सकती है, पहले मत के अनुसार माना जाता है कि ढूंढाड़ी भाषा का नाम ढूंढ या ढूंढकृति पहाड़ से लिया गया है जो कि जयपुर जिले के जोबनेर में स्थित है। दूसरी राय यह है कि यह है नाम ढूंढ नदी के नाम से लिया गया है जो ढूंढाड़ क्षेत्र मे बहती है। 1991 की जनगणना के अनुसार, ढूंढाड़ी भाषा बोलने वालों कि कुल जनसंख्या 965,008 है। ढूंढाड़ी के वैकल्पिक नाम हैं: ढूंढाली, ढूंढाडी, झडशाइ बोली, और काई-कुई बोली और जयपुरी।
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हाईटियन आमतौर पर सिर्फ के रूप में भेजा क्रियोल एक, है फ्रेंच आधारित क्रियोल भाषा बोली जाने वाली दुनिया भर में 10 से 12 मिलियन लोग, और हैती की दो आधिकारिक भाषाओं में से एक है , जहां यह अधिकांश आबादी की मूल भाषा है।
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मीन दोंग या पूर्वी मीन (闽东, Min Dong) चीन के फ़ूज्यान प्रांत के पूर्वी हिस्से में बोली जाने वाली एक भाषा है। इसे उस प्रांत की राजधानी, फ़ूझोउ और निन्गदे शहरों के इलाक़ों में बोला जाता है। 1984 में इसे अनुमानित 91 लाख लोग बोलते थे। फ़ूझोउ शहर में बोली जाने वाली मीन दोंग उपभाषा इसकी मानक बोली मानी जाती है। यह मीन भाषा-परिवार की सदस्य है, जो स्वयं चीनी भाषा-परिवार की एक शाखा है।
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इलोकानो (Ilocano) दक्षिणपूर्वी एशिया के फिलीपींस देश में बोली जाने वाली ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा की एक भाषा है। यह उत्तरी फ़िलिपीन्ज़ के लूज़ोन द्वीप के एक विस्तृत भाग में बोली जाती है। सन् 2015 में इसे फ़िलिपीन्ज़ के 91 लाख लोग मातृभाषा के रूप में बोलते थे, जिसके आधार पर यह फ़िलिपीन्ज़ की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। 2012 में इलोकोस क्षेत्र के ला युनियोन प्रान्त ने इसे आधिकारिक प्रान्तीय भाषा देने का विधेयक पारित करा। यह उस देश की पहली स्थानीय भाषा है जिसे ऐसा दर्जा प्राप्त हुआ है। इसका तगालोग भाषा से गहरा सम्बन्ध है जो अंग्रेज़ी के साथ-साथ फिलीपींस की राष्ट्रभाषा होने का दर्जा रखती है।
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क्वेशुआ (Quechua) दक्षिण अमेरिका के एण्डीज़ पर्वत क्षेत्र के मूल निवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं का एक परिवार है। यह सभी एक विलुप्त आदि-क्वेशुआ भाषा की वंशज हैं और आधुनिक युग में लगभग 90 लाख लोगों द्वारा बोली जाती हैं। स्पेनियों ने 1780 के दशक की स्वतंत्रता के लिए पेरू के संघर्ष तक इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया। नतीजतन, क्वेचुआ वेरिएंट आज भी व्यापक रूप से बोली जाती है, कई क्षेत्रों की सह-आधिकारिक भाषा और पेरू में दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा परिवार है।
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किरुण्डी, जिसे कभी-कभी केवल रुण्डी भी कहा जाता है, मध्य अफ़्रीका में स्थित बुरुण्डी देश की राजभाषा है। यह रुआण्डा-रुण्डी भाषा की एक उपभाषा है, जो स्वयं रुआण्डा, बुरुण्डी व युगांडा में लगभग 2 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। रुआण्डा-रुण्डी भाषा की एक अन्य उपभाषा, किन्यारुआण्डा, रुआण्डा की राजभाषा है। किन्यारुआण्डा और किरुण्डी बोलने वाले एक-दूसरे को समझ सकते हैं हालांकि दोनों उपभाषाओं में ज़रा अंतर है।
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स्वीडिश, मुख्य रूप से स्वीडन और फ़िनलैण्ड के कुछ हिस्सों में 90 लाख लोगो द्वारा स्वाभाविक रूप से बोली जाने वाली एक उत्तर जर्मन भाषा है। स्वर और उच्चारण में अंतर के कारण लिखित नार्वेजियन और डेनिश आमतौर पर स्वीडिश वक्ताओं द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं की तुलना में अधिक आसानी से समझ में आते हैं।
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हमोंग / मोंग, चीन में मियाओ के रूप में जाना जाता है, सिचुआन, युन्नान, गुइझोउ, ग्वांग्शी, हैनान, उत्तरी वियतनाम, थाईलैंड, और लाओस के हमोंग द्वारा बोली जाने वाली हमोंग भाषा की पश्चिम हमोंगिक शाखा की एक निरंतरता है।
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शोना (chiShona) ज़िम्बाब्वे के शोना लोगों की बंटू भाषा है। यह सबसे अधिक बोली जाने वाली बंटू भाषाओं में से एक है। एथनोलॉग के अनुसार, शोना, जिसमें करंगा, ज़ेज़ुरु और कोरेकोर बोली शामिल हैं, लगभग 10.8 मिलियन लोगों द्वारा बोली जाती है।
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मोस्सी भाषा ओटी-वोल्टा शाखा की एक गुरू भाषा है और बुर्किना फासो की दो आधिकारिक क्षेत्रीय भाषाओं में से एक है, जो घाना के उत्तरी भाग में सीमा के ठीक सामने बोली जाने वाली फाफरा भाषा से संबंधित है और दगाबनी और ममपुरी के करीब-करीब कम है। यह मोर्सी लोगों की भाषा है, जिसे बुर्किना फासो में लगभग 5 मिलियन लोगों द्वारा बोली जाती है, साथ ही माली और टोगो में एक और 60,000+ लोग हैं।
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कोसा दक्षिण अफ़्रीका की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह लगभग 76 लाख लोगों द्वारा बोली जाती है, अर्थात दक्षिण अफ़्रिका की आबादी के लगभग 18% लोग द्वारा। अधिकांश बाँतू भाषाओं की तरह कोसा एक ध्वन्यात्मक भाषा है। इस भाषा का सबसे विशेष लक्षण है कि इसमें टिकटिक या खटखट करने वाले व्यंजन; वास्तव में कोसा (Xhosa) शब्द ही एक टिक की ध्वनि से आरम्भ होता है।
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बेलारूसी, बेलारूसियों द्वारा बोली जाने वालीएक पूर्व स्लाव भाषा है । यह मौजूदा संविधान (अनुच्छेद 17) केतहत बेलारूस गणराज्य में दो आधिकारिक भाषाओं में से एक है, रूसी के साथ। इसके अतिरिक्त, यह रूस , लिथुआनिया , लातविया , पोलैंड और यूक्रेन के कुछ हिस्सों में उन देशों में बेलारूसी अल्पसंख्यकों द्वाराबोली जाती है।
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कोंकणी गोवा, महाराष्ट्र के दक्षिणी भाग, कर्नाटक के उत्तरी भाग, केरल के कुछ क्षेत्रों में बोली जाती है। भाषायी तौर पर यह 'आर्य' भाषा परिवार से संबंधित है और मराठी से इसका काफी निकट का संबंध है। राजनैतिक तौर पर इस भाषा को अपनी पहचान के लिये मराठी भाषा से काफी संघर्ष करना पड़ा है। अब भारतीय संविधान के तहत कोंकणी को आठवीं अनुसूची में स्थान प्राप्त है।
1987 में गोवा में कोंकणी को मराठी के बराबर राजभाषा का दर्जा दिया गया किन्तु लिपि पर असहमति के कारण आजतक इस पर अमल नहीं किया जा सका।कोंकणी अनेक लिपियों में लिखी जाती रही है; जैसे - देवनागरी, कन्नड, मलयालम और रोमन। गोवा को राज्य का दर्जा मिलने के बाद दवनागरी लिपि में कोंकणी को वहाँ की राजभाषा घोषित किया गया है।
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यू दक्षिणी चीन में बोली जाने वाली चीनी की प्राथमिक शाखा है, विशेष कर गुआंगदोंग और गुआंगशी में इसके बोलने वाले रहते हैं। यू दक्षिणी चीन में बोली जाने वाली समान सिनिटिक भाषाओं का एक समूह है, विशेष रूप से लियांगगैंग (ग्वांगडोंग और गुआंग्शी प्रांत) में।कैंटोनीज़ नाम का उपयोग अक्सर पूरे समूह के लिए किया जाता है, लेकिन भाषाविद् उस नाम को आरक्षित करना पसंद करते हैं, जो कि गुआंगज़ौ (कैंटन), वुझो (नॉचो), हांगकांग और मकाऊ में इस्तेमाल की जाने वाली विविधता के लिए है, जो कि प्रतिष्ठा बोली है।
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जिन चीनी बोलियों या उत्तरी चीन में लगभग 63 मिलियन लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं का समूह है। इसका भौगोलिक वितरण निचली फेन नदी घाटी, मध्य भीतरी मंगोलिया के अधिकांश और हेबै, हेनान, और शानक्सी प्रांतों को छोड़कर अधिकांश शांक्सी प्रांत को कवर करता है।
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गण, गान या कान चीन के जियांग्शी प्रांत में कई लोगों द्वारा मूल रूप से बोली जाने वाली साइनिटिक भाषाओं का एक समूह है, साथ ही हुनान, हुबेई, अनहुइ और फुजियान जैसे आसपास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण आबादी की भाषा है।
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यूनानी या ग्रीक, हिन्द-यूरोपीय (भारोपीय) भाषा परिवार की स्वतंत्र शाखा है, जो ग्रीक (यूनानी) लोगों द्वारा बोली जाती है। दक्षिण बाल्कन से निकली इस भाषा का अन्य भारोपीय भाषा की तुलना में सबसे लंबा इतिहास है, जो लेखन इतिहास के 34 शताब्दियों में फैला हुआ है। अपने प्राचीन रूप में यह प्राचीन यूनानी साहित्य और ईसाईयों के बाइबल के न्यू टेस्टामेंट की भाषा है। आधुनिक स्वरूप में यह यूनान और साइप्रस की आधिकारिक भाषा है और करीबन 2 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। लेखन में यूनानी अक्षरों का उपयोग किया जाता है।
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किन्यारुआण्डा, जिसे कभी-कभी केवल रुआण्डा भी कहा जाता है और जो यूगांडा में फ़ुमबारी कहलाती है, मध्य अफ़्रीका में स्थित रुआण्डा देश की राजभाषा है। यह रुआण्डा-रुण्डी भाषा की एक उपभाषा है, जो स्वयं रुआण्डा, बुरुण्डी व युगांडा में लगभग 2 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। रुआण्डा-रुण्डी भाषा की एक अन्य उपभाषा, किरुण्डी, बुरुण्डी की राजभाषा है। किन्यारुआण्डा और किरुण्डी बोलने वाले एक-दूसरे को समझ सकते हैं हालांकि दोनों उपभाषाओं में ज़रा अंतर है।
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उइग़ुर, जिसे उइग़ुर में उइग़ुर तिलि या उइग़ुरचे कहा जाता है, चीन का शिंच्यांग प्रांत की एक प्रमुख भाषा है, जिसे उइग़ुर समुदाय के लोग अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। उइग़ुर भाषा और उसकी प्राचीन लिपि पूरे मध्य एशिया में और कुछ हद तक भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में भी, बहुत प्रभावशाली रहे हैं। सन् 2005 में अनुमानित किया गया था कि उइग़ुर मातृभाषियों कि संख्या लगभग 1 से 2 करोड़ के बीच है। उईग़ुर भाषा तुर्की भाषा-परिवार की सदस्य मानी जाती है। यह भाषा-परिवार स्वयं अल्ताई भाषा-परिवार की एक शाखा माना जाता है।
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हिलिगायनोन, जो अनौपचारिक रूप से इलोंगो भी कहलाती है, दक्षिणपूर्वी एशिया के फ़िलीपींस देश में बोली जाने वाली ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा की एक भाषा है। इसे 2010 में लगभग 91 लाख बोलते थे, जो प्रमुखतः फ़िलिपिन्ज़ के पश्चिमी विसाया, पश्चिमी नेग्रोस द्वीप क्षेत्र और सोकसारजेन प्रशासनिक क्षेत्रों के निवासी हैं। हिलिगायनोन विसाया भाषा-परिवार की सदस्या है और, सिबुआनो भाषा के बाद, उसकी दूसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है।
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जावा भाषा इण्डोनेशिया के जावा द्वीप के पूर्वी एवं केन्द्रीय भाग के लोगों की भाषा है। पश्चिमी जावा के उत्तरी भाग में भी कुछ स्थानों पर यह भाषा बोली जाती है। जावा भाषा लगभग 7.55 करोड़ लोगों की मातृभाषा है जो इण्डोनेशिया के कुल जनसंख्या के लगभग 30% हैं। मलेशिया, सिंगापुर तथा सूरीनाम में भी कुछ लोगों द्वारा यह भाषा बोली जाती है।
जावा भाषा अपने पड़ोसी भाषाओं मलय, सुन्दनी (Sundanese), मदुरी (Madurese), बाली आदि से मिलती जुलती है। इसे वर्गीकृत करना कठिन है। इसे आस्ट्रेलियाई-एशियाई परिवार में रखा गया है। संस्कृत का इस पर अमिट प्रभाव है। पुरानी जावा-अंग्रेजी शब्दकोश में 255000 प्रविष्टियाँ हैं जिनमें से 12600 सम्स्कृत मूल के हैं। पुरानी जावा भाषा के साहित्यिक रचनाओं में 25% से अधिक शब्द संस्कृत के हैं। जावा के लोगों के नाम में भी संस्कृत की छाप देखी जा सकती है। संस्कृत शब्दों का आज भी खूब प्रयोग होता है। जावा भाषा पर डच और मलय भाषाओं का भी प्रभाव पड़ा है किन्तु संस्कृत जितना बिलकुल नहीं।
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तुर्की भाषा, आधुनिक तुर्की और साइप्रस की प्रमुख भाषा है। पूरे विश्व में कोई 6.3 करोड़ लोग इस मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। यह तुर्क भाषा परिवार की सबसे व्यापक भाषा है जिसका मूल मध्य एशिया माना जाता है। बाबर, जो मूल रूप से मध्य एशिया (आधुनिक उज़्बेकिस्तान) का वासी था, चागताई भाषा बोलता था जो तुर्क भाषा परिवार में ही आती है।
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इतालवी (अथवा इटैलियन) भाषा इटली की मुख्य और राजभाषा है। ये हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की रोमांस शाखा में आती है। इसकी जननी लातिनी है। इसकी लिपि रोमन लिपि है। ये स्विट्ज़रलैंड के दो कैण्टन की भी राजभाषा है। कोर्सिका (फ्रांसीसी), त्रियेस्ते (यूगोस्लाविया) के कुछ भाग तथा सानमारीनो के छोटे से प्रजातंत्र में भी इतालवी बोली जाती है।
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मिनान या बनलम, भाषाई रूप से समान और ऐतिहासिक रूप से संबंधित साइनिटिक भाषाओं का एक समूह है जो फ़ुज़ियान, ताइवान के अधिकांश, पूर्वी ग्वांगडोंग, हैनान और दक्षिणी झेजियांग में बोली जाने वाली मिन चीनी की एक शाखा बनाती है।
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फ़ारसी, एक भाषा है जो ईरान, ताजिकिस्तान, अफ़गानिस्तान और उज़बेकिस्तान में बोली जाती है। यह ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान की राजभाषा है और इसे 7.5 करोड़ लोग बोलते हैं। भाषाई परिवार के लिहाज़ से यह हिन्द यूरोपीय परिवार की हिन्द ईरानी (इंडो ईरानियन) शाखा की ईरानी उपशाखा का सदस्य है और हिन्दी की तरह इसमें क्रिया वाक्य के अंत में आती है। फ़ारसी संस्कृत से क़ाफ़ी मिलती-जुलती है और उर्दू (और हिन्दी) में इसके कई शब्द प्रयुक्त होते हैं। ये अरबी-फ़ारसी लिपि में लिखी जाती है। अंग्रेज़ों के आगमन से पहले भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी भाषा का प्रयोग दरबारी कामों तथा लेखन की भाषा के रूप में होता है। दरबार में प्रयुक्त होने के कारण ही अफ़गानिस्तान में इस दरी कहा जाता है।
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पोलिश भाषा मध्य यूरोप में पोलैंड में और दुनिया-भर में रहने वाले पोलिश लोगों द्वारा बोली जाने वाली एक पश्चिमी स्लावी भाषा है जो उस भाषा परिवार की लेकितिक (Lechitic) उपशाखा की सदस्य है। यह पोलैंड की राष्ट्रभाषा है और रूसी भाषा के बाद विश्व में दूसरी सब से ज़्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली स्लावी भाषा है। पोलिश भाषा प्रतिदिन 45 मिलियन लोगों द्वारा बोली जाती है और लैटिन वर्णमाला पर आधारित होती है।
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कन्नड भारत के कर्नाटका राज्य में बोली जानेवाली भाषा तथा कर्नाटक की राजभाषा है। यह भारत की उन 22 भाषाओं में से एक है जो भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में साम्मिलित हैं। यह भारत की सबसे अधिक प्रयोग की जाने वाली भाषाओं में से एक है। 4.50 करोड़ लोग कन्नड भाषा प्रयोग करते हैं। एन्कार्टा के अनुसार, विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली 30 भाषाओं की सूची में कन्नड 27वें स्थान पर आती है। यह द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है पर इसमें संस्कृत के भी बहुत से शब्द हैं। कन्नड भाषी लोग इसको 'सिरिगन्नड' कहते हैं। कन्नड भाषा का अस्तित्व कोई 2500 वर्ष पूर्व से है तथा कन्नड लिपि का प्रयोग कोई 1900 वर्ष से हो रहा है। कन्नड अन्य द्रविड़ भाषाओं की तरह है और तेलुगु, तमिल और मलयालम इस भाषा से मिलली-जुलती हैं। कन्नड संस्कृत भाषा से बहुत प्रभावित है और संस्कृत के बहुत सारे शब्द कन्नड में भी उसी अर्थ में प्रयुक्त होते हैं। भारत सरकार ने कन्नड को भी भारत की एक शास्त्रीय भाषा (क्लासिकल लैंगवेज) घोषित किया है।
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जियांग या ह्सियांग, भाषाई रूप से समान और ऐतिहासिक रूप से संबंधित साइनिटिक भाषाओं का एक समूह है, जो मुख्य रूप से हुनान प्रांत में और उत्तरी ग्वांग्शी और पड़ोसी गुइझोऊ और हुबेई प्रांतों के कुछ हिस्सों में बोली जाती है। विद्वानों ने जियांग को पांच उपसमूहों में विभाजित किया, चांग-यी, लू-शाओ, हेंगझोऊ, चेन-जू और योंग-क्वान।
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सुन्दा भाषा (Basa Sunda) जावा के पश्चिमी एक तिहाई भाग के लोगों की भाषा है। इसे लगभग 2 करोड़ 70 लाख लोग बोलते हैं जो इण्डोनेशिया की जनसंख्या का लगभग 15% है। अमेरिकी भाषाविद् रॉबर्ट ब्लस्ट के अनुसार, यह मलयिक भाषाओं से निकटता के साथ-साथ बोर्नियो में बोली जाने वाली भाषा समूहों जैसे कि भूमि दयाक भाषाओं या कयन-मुरीक भाषाओं में हैं, जो इन भाषाओं के बीच उच्च शाब्दिक समानता पर आधारित है।
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हाउसा भाषा पश्चिमी अफ़्रीका में बोली जाने वाली एक भाषा है। यह अफ़्रो-एशियाई भाषा-परिवार की चाडी शाखा की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसे 3.5 करोड़ लोग मातृभाषा के रूप में और करोड़ों अन्य द्वितीय भाषा के रूप में बोलते हैं। शुरु में यह दक्षिणी नाइजर और उत्तरी नाइजीरिया के हाउसा समुदाय की भाषा हुआ करती थी लेकिन समय के साथ-साथ फैलकर पूरे पश्चिमी अफ़्रीका के एक बड़े भूभाग की सम्पर्क भाषा बन गई। यह एक सुरभेदी भाषा है और सुरों के अंतर के आधार पर इसे कई पारम्परिक उपभाषाओं में बांटा जाता है। आरम्भ में हाउसा भाषा को "अजमी" कहलाने वाले अरबी लिपि के एक परिवर्तित रूप में लिखा जाता था लेकिन अब इसे "बोको" कहलाने वाले रोमन लिपि के एक रूप में लिखा जाता है।
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बर्मी भाषा, स्वतंत्र देश म्यांमार (बर्मा) की राजभाषा है। यह मुख्य रूप से ब्रह्मदेश (बर्मा का संस्कृत नाम) में बोली जाती है। म्यांमार की सीमा से सटे भारतीय राज्यों असम, मणिपुर एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी कुछ लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं।
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हक्का चीनी की किस्मों का एक भाषा समूह है , जो दक्षिणी चीन , ताइवान , हांगकांग , मकाऊ और पूरे पूर्वी एशिया , दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवासी क्षेत्रों और दुनिया भर में विदेशी चीनी समुदायों में हक्का लोगों द्वारा मूल रूप से बोली जाती है।
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उक्रेनी भाषा, उक्रेनी जनता की भाषा है जो मूलतः यूक्रेन में रहती है। इसका विकास प्राचीन रूसी भाषा से हुआ। यह स्लेवोनिक भाषाओं की पूर्वी शाखा में हे जिसमें इसके अतिरिक्त रूसी एवं बेलोरूसी भाषाएँ सम्मिलित हैं। इस भाषा के बोलनेवालों की संख्या 3 करोड़ 28 लाख से अधिक है। इसकी बोलियों के तीन मुख्य समूह हैं - उत्तरी उपभाषा, दक्षिण-पश्चिमी उपभाषा और दक्षिण-पूर्वी उपभाषा। आधुनिक साहित्यिक उक्रेनी का विकास दक्षिण-पूर्वी उपभाषा के आधार पर हुआ।
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योरुबा पश्चिमी अफ़्रीका, विशेषकर नाइजीरिया में बोले जाने वाली एक भाषा है। इसे लगभग 3 करोड़ लोग बोलते हैं, जिनमें से कई योरुबा समुदाय के सदस्य हैं। यह एक बहुकेन्द्रीय भाषा है जिसके भिन्न मानक रूप नाइजीरिया और बेनिन में बोले जाते हैं। यह नाइजर नदी के नदीमुख क्षेत्र में बोली जाने वाली इत्सेकिरी भाषा और मध्य नाइजीरिया में बोली जाने वाली इगाला भाषा से सम्बन्धित है।
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मैथिली भारत के बिहार और झारखंड राज्यों और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की सदस्य है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द "तत्सम" वा "तद्भव" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगता है। मैथिली भारत में मुख्य रूप से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, शिवहर, भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, सुपौल, वैशाली, सहरसा, रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और देवघर जिलों में बोली जाती है|
नेपाल के आठ जिलों धनुषा,सिरहा,सुनसरी, सरलाही, सप्तरी, मोहतरी,मोरंग और रौतहट में भी यह बोली जाती है। बँगला, असमिया और ओड़िया के साथ साथ इसकी उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुई है। कुछ अंशों में ये बंगला और कुछ अंशों में हिंदी से मिलती जुलती है। वर्ष 2003 में मैथिली भाषा को भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया। तात्कालिन प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयीजी ने मैथिली भाषा को 8वीं अनुसूची में सम्मिलित करने की घोषणा सुपौल जिला के निर्मलीमे किए थे।
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सिंधी भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से सिंध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। यह सिंधी हिंदू समुदाय(समाज) की मातृ-भाषा है। गुजरात के कच्छ जिले में सिंधी बोली जाती है और वहाँ इस भाषा 'कच्छी भाषा' कहते हैं। इसका सम्बन्ध भाषाई परिवार के स्तर पर आर्य भाषा परिवार से है जिसमें संस्कृत समेत हिन्दी, पंजाबी और गुजराती भाषाएँ शामिल हैं। अनेक मान्य विद्वानों के मतानुसार, आधुनिक भारतीय भाषाओं में, सिन्धी, बोली के रूप में संस्कृत के सर्वाधिक निकट है। सिन्धी के लगभग 70 प्रतिशत शब्द संस्कृत मूल के हैं।
सिंधी भाषा सिंध प्रदेश की आधुनिक भारतीय-आर्य भाषा है जिसका सम्बन्ध पैशाची नाम की प्राकृत और व्राचड नाम की अपभ्रंश से जोड़ा जाता है। इन दोनों नामों से विदित होता है कि सिंधी के मूल में अनार्य तत्व पहले से विद्यमान थे, भले ही वे आर्य प्रभावों के कारण गौण हो गए हों। सिंधी के पश्चिम में बलोची, उत्तर में लहँदी, पूर्व में मारवाड़ी और दक्षिण में गुजराती का क्षेत्र है। यह बात उल्लेखनीय है कि इस्लामी शासनकाल में सिन्ध और मुलतान (लहँदीभाषी) एक प्रान्त रहा है और 1843 से 1936 ई. तक सिन्ध, बम्बई प्रांत का एक भाग होने के नाते गुजराती के विशेष सम्पर्क में रहा है।
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अम्हारी या अम्हारिक उत्तर-मध्य इथियोपिया में अम्हारा द्वारा बोली जाने वाली भाषा है, जिसे इथियोपिया संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य में आधिकारिक कामकाजी भाषा का दर्जा दिया गया है। अरबी के बाद, यह दुनिया की दूसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वालि सामी भाषा है। इथियोपिया के अलावा मिस्र, इज़राइल और स्वीडन में बसने वाले 27 लाख लोग इसे बोलचाल में प्रयुक्त करते हैं।
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रोमानियाई या दाको-रोमानियाई एक रोमांस भाषा है, जिसे दुनियाभर में, विशेषतौर से रोमानिया और मोल्दोवा में, करीबन ढाई करोड़ लोग बोलते हैं। इसे रोमानिया, मोल्दोवा गणराज्य और सर्बिया के वोज्वूदिना स्वायत्त प्रांत में आधिकारिक दर्जा प्राप्त है। मोल्दोवा में इसे राजनैतिक कारणों से लिम्बा मोल्दोवेन्सका (मोल्दोवियाई) कहा जाता है।
रोमानियाई भाषी पूरी दुनिया में, खासतौर से इटली, स्पेन, रूस, यूक्रेन, इजराइल, पुर्तगाल, युनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और जर्मनी में फैली हुए हैं।
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ओरोमो एक अफ्रोसैटिक भाषा है जो कुशिटिक शाखा से संबंधित है। यह ओरोमिया के इथियोपियाई राज्य का मूल निवासी है और मुख्यतः ओरोमो लोगों और पड़ोसी जातीय समूहों द्वारा हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका में बोली जाती है। 33.8% ओरोमो स्पीकर्स के साथ, 29.3% एम्हरिक स्पीकर्स के साथ, ओरोमो इथियोपिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
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सिबुआनो, जिसके अधिकतर वक्ता इसे बिसाया कहते हैं, दक्षिणपूर्वी एशिया के फिलिपींस देश में बोली जाने वाली ऑस्ट्रोनीशियाई भाषा परिवार की मलय-पोलेनीशियाई शाखा की एक भाषा है। इसे 2007 में लगभग 2.1 करोड़ लोग बोलते थे और, तगालोग भाषा के बाद यह देश की दूसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है।सिबुआनो का नाम सिबु द्वीप पर पड़ा है और माना जाता है कि भाषा वहीं से फैली थी। वर्तमान काल में यह मध्य विसाया, पूर्वी नेग्रोस द्वीप क्षेत्र, पूर्वी विसाया के पश्चिमी भाग और मिन्दनाओ के अधिकतर भागों में बोली जाती है। विसाया भाषाओं में यही सर्वाधिक बोली जाने वाली बोली है, जिसके कारण इसका एक अन्य नाम ही "बिसाया" पड़ गया है।
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सर्बो-क्रोएशिया-बोस्नियाई ( SCB ), बोस्नियाई-क्रोएशियाई-सर्बियाई ( BCS ), और बोस्नियाई-क्रोएशियाई-मोंटेनिग्रिन-सर्बियाई ( BCMS ) एक दक्षिण स्लाव भाषा और सर्बिया , क्रोएशिया , बोस्निया और हर्जेगोविना और मोंटेनेग्रो की प्राथमिक भाषा है । यह चार पारस्परिक रूप से समझदार मानक किस्मों , अर्थात् सर्बियाई , क्रोएशियाई , बोस्नियाई और मोंटेनिग्रिन के साथ एक बहुभाषी भाषा है ।
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सराइकी भारतीय-आर्य परिवार की एक भाषा है। यह पाकिस्तान के पंजाब के दक्षिणि भागों, उसके सीमावर्ती सिंध में, पंजाब के उत्तरी-पश्चिमी भाग आदि में बोली जाती है। भारत में राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर व श्री गंगानगर जिलो में भी पांच लाख के करीब लोग सराइकी बोलते हैं। इसके बोलने वालों की संख्या लगभग डेढ़ करोड़ है।
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नेपाली, नेपाल की राष्ट्रभाषा है और भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं में से एक है। इसे 'खस कुरा', 'खस भाषा' या 'गोर्खा खस भाषा' भी कहते हैं तथा कुछ सन्दर्भों में 'गोर्खाली' एवं 'पर्बतिया' भी।
खस भाषा और नेपाल भाषा ( नेवा), नेपाल के राष्ट्रीय भाषाएँ हैं। यह भाषा नेपाल की लगभग 33% लोगों की मातृभाषा भी है। यह खस भाषा नेपाल के अतिरिक्त भारत के सिक्किम, पश्चिम बंगाल, उत्तर-पूर्वी राज्यों (आसाम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय) तथा उत्तराखण्ड के अनेक भारतीय लोगों की मातृभाषा है। भूटान, तिब्बत और म्यानमार के भी अनेक लोग यह भाषा बोलते हैं।
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चटगाँवी भाषा या चाँटगाँइया एक भारोपीय भाषा है और बांग्लादेश के चिटगाँव एवं दक्षिणपूर्वी अधिकांश भाग में बोली जाती है। यह बंगाली से निकट सम्बन्ध रखती है और प्रायः इसे बांग्ला का अमानक उपभाषा माना जाता है। किन्तु बंगाली और चाँटगाइयाँ परस्पर समझ में नहीं आतीं।
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ख्मेर या कम्बोडियाई भाषा, खमेर जाति की भाषा है। यह कम्बोडिया की अधिकारिक भाषा भी है। वियतनामी भाषा के बाद यह सर्वाधिक बोली जाने वाली ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा है। हिन्दू और बौद्ध धर्म के के कारण खमेर भाषा पर संस्कृत और पालि का गहरा प्रभाव है।
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दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाएँ देशी वक्ताओं की संख्या से भाषाओं की सूची दुनिया में लोगों द्वारा शीर्ष बोली जाने वाली भाषाएँ दुनिया भर में ज्यादातर इस्तेमाल की जाने वाली भाषाएँ