भारत में राष्ट्रीय उद्यान

1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए. जुलाई 2019 में देश में राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या 104 थी, जिनका कुल क्षेत्रफल 40501.13 वर्गकिलोमीटर(15637.70 वर्गमील) है, जो भारत के सम्पूर्ण भू क्षेत्रफल का लगभग 1.23 प्रतिशत भाग है।

नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है –


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एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान

एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान Eravikulam National Park
एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, भारत के केरल राज्य के इड्डुक्की ज़िले में पश्चिमी घाट में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका क्षेत्रफल 97 वर्ग कि॰मी॰ है। यह केरल वन और वन्य जीव विभाग, मुन्नार वन्यजीव प्रभाग द्वारा प्रशासित किया जाता है जो पास के मथिकेत्तन शोला राष्ट्रीय उद्यान, अनामुडी शोला अभयारण्य, पंपाडुम शोला अभयारण्य, चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य और कुरिंजिमला अभयारण्य को भी प्रशासित करता है। पश्चिमी घाट, अन्नामलाई उप कुंज सहित एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान का पूरा इलाका यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति द्वारा एक विश्व विरासत स्थल के रूप में चयन के लिए विचाराधीन है।

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सुंदरबन नेशनल पार्क

सुंदरबन नेशनल पार्क Sundarban National Park
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी भाग में गंगा नदी के सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान, बाघ संरक्षित क्षेत्र एवं बायोस्फ़ीयर रिज़र्व क्षेत्र है। यह क्षेत्र मैन्ग्रोव के घने जंगलों से घिरा हुआ है और रॉयल बंगाल टाइगर का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि इस राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या 103है। यहां पक्षियों, सरीसृपों तथा रीढ़विहीन जीवों (इन्वर्टीब्रेट्स) की कई प्रजातियाँ भी पायी जाती हैं। इनके साथ ही यहाँ खारे पानी के मगरमच्छ भी मिलते हैं। वर्तमान सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान 1973 में मूल सुंदरवन बाघ रिज़र्व क्षेत्र का कोर क्षेत्र तथा 1977 में वन्य जीव अभयारण्य घोषित हुआ था। 4 मई 1984 को इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।

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3

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान Satpura National Park
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य के अंतर्गत होशंगाबाद ज़िले में स्थित है। यह 524 वर्ग कि॰मी॰ के क्षेत्र में फैला हुआ है। अपने आसपास बोरी और पचमढ़ी अभयारण्य के साथ, यह 1,427 वर्ग कि॰मी॰ का अद्वितीय मध्य भारतीय पार्वत्य देश (highland) पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है। यह 1981 में स्थापित किया गया था। राष्ट्रीय पार्क का इलाका अत्यंत दुर्गम है। और इसके अंतर्गत बलुआ पत्थर चोटियों, संकीर्ण घाटियों, नालों और घने जंगलों के इलाके हैं। इस इलाके की औसतन ऊँचाई 300 से 1352 मीटर है। इस उद्यान में 1350 मीटर ऊँची धूपगढ़ शिखर भी है, और सपाट मैदान भी हैं। राष्ट्रीय पार्क से निकटतम शहर पचमढ़ी है, और निकटतम रेलवे स्टेशन पिपरिया है, जो 55 किलोमीटर दूर है। इसकी राज्य की राजधानी भोपाल से दूरी 210 किलोमीटर है।

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सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान

Sariska National Park Sariska National Park
यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। 'सरिस्का' बाघ अभयारण्य भारत में सब से प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह राजस्थान के राज्य के अलवर जिले में स्थित है। इस क्षेत्र का शिकार पूर्व अलवर राज्य की शोभा थी और यह 1955 में इसे वन्यजीव आरक्षित भूमि घोषित किया गया था। 1978 में बाघ परियोजना योजना रिजर्व का दर्जा दिया गया।

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5

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान Corbett National Park, Uttarakhand
जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है और 1936 में लुप्तप्राय [बंगाल बाघ] की रक्षा के लिए हैंली नेशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था। यह उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले के रामनगर नगर के पास स्थित है और इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। [बाघ परियोजना] पहल के तहत आने वाला यह पहला पार्क था। यह एक गौरवशाली पशु विहार है। यह रामगंगा की पातलीदून घाटी में 1318.54 वर्ग किलोमीटर में बसा हुआ है जिसके अंतर्गत 821.99 वर्ग किलोमीटर का [जिम कॉर्बेट व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र] भी आता है। पार्क में [तराई क्षेत्र|उप-हिमालयन बेल्ट] की भौगोलिक और पारिस्थितिक विशेषताएं हैं। यह एक इकोटोरिज़्म गंतव्य भी है और यहाँ पौधों की 488 [प्रजातियां] और जीवों की एक विविधता है। पर्यटन की गतिविधियों में वृद्धि और अन्य समस्याएं पार्क के पारिस्थितिक संतुलन के लिए एक गंभीर चुनौती पेश कर रहीं हैं। कॉर्बेट एक लंबे समय के लिए पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए अड्डा रहा है। कोर्बेट टाइगर रिजर्व के चयनित क्षेत्रों में ही पर्यटन गतिविधि को अनुमति दी जाती है ताकि लोगों को इसके शानदार परिदृश्य और विविध वन्यजीव देखने का मौका मिले। हाल के वर्षों में यहां आने वाले लोगों की संख्या में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। वर्तमान में, हर मौसम में 70,000 से अधिक आगंतुक पार्क में आते हैं। कॉर्बेट नेशनल पार्क में 520.8 वर्ग किमी (201.1 वर्ग मील) में पहाड़ी, नदी के बेल्ट, दलदलीय गड्ढे, घास के मैदान और एक बड़ी झील शामिल है। ऊंचाई 1,300 से 4,000 फीट (400 से 1,220 मीटर) तक होती है। यहाँ शीतकालीन रातें ठंडी होती हैं लेकिन दिन धूपदार और गरम होते हैं। यहाँ जुलाई से सितंबर तक बारिश होती है। घने नम पर्णपाती वन में मुख्य रूप से [साल (वृक्ष)|साल], हल्दु, पीपल, रोहिनी और आम के पेड़ होते हैं। जंगल पार्क का लगभग 73% हिस्सा घेरते हैं, इस क्षेत्र में 10% घास के मैदान होते हैं। यहाँ 110 पेड़ की पप्रजातियाँ, 50 स्तनधारियों की प्रजातियाँ, 580 पक्षी प्रजातियां और 25 सरीसृप प्रजातियां हैं।

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काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान Kaziranga National Park
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भारत के असम राज्य का एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान एक सींग का गैंडा (भारतीय गेंडा) के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

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रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान

रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान Ranthambore National Park
रणथंबोर राष्ट्रीय उद्यान उत्तर भारत के बड़े उद्यानों में से एक है। यह जयपुर से 130 किलोमीटर दक्षिण और कोटा से 110 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में राजस्थान के दक्षिणी जिले सवाई माधोपुर में स्थित है। इसका निकटतम रेलवे स्टेशन और कस्बा सवाई माधोपुर यहाँ से 11 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। रणथंभौर को भारत सरकार द्वारा 1955 में सवाई माधोपुर खेल अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था और 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व में से एक घोषित किया गया था। 1 नवंबर 1980 को रणथंभौर एक राष्ट्रीय उद्यान बन गया। 1984 में, समीप के ही जंगलों को सवाई मान सिंह अभ्यारण्य और केलादेवी अभयारण्य घोषित किया गया। 1992 में, उत्तर में निकटवर्ती केलादेवी अभयारण्य और दक्षिण में सवाई मानसिंह अभयारण्य सहित अन्य जंगलों को शामिल करने के लिए टाइगर रिजर्व का विस्तार किया गया। आज यह 1334 वर्ग किमी के क्षेत्र को आच्छादित करता है।

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कान्हा राष्ट्रीय उद्यान

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान Kanha National Park
यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। मध्य प्रदेश अपने राष्ट्रीय पार्को और जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और वास्तुकला के लिए विख्यात कान्हा पर्यटकों के बीच हमेशा ही आकर्षण का केन्द्र रहा है। कान्हा शब्द कनहार से बना है जिसका स्थानीय भाषा में अर्थ चिकनी मिट्टी है। यहां पाई जाने वाली मिट्टी के नाम से ही इस स्थान का नाम कान्हा पड़ा। इसके अलावा एक स्थानीय मान्यता यह रही है कि जंगल के समीप गांव में एक सिद्ध पुरुष रहते थे। जिनका नाम कान्वा था। कहा जाता है कि उन्‍हीं के नाम पर कान्हा नाम पड़ा। कान्हा जीव जन्तुओं के संरक्षण के लिए विख्यात है। यह अलग-अलग प्रजातियों के पशुओं का घर है। जीव जन्तुओं का यह पार्क 940वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। रूडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध किताब और धारावाहिक जंगल बुक की भी प्रेरणा इसी स्‍थान से ली गई थी। सन् 1968 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत इस उद्यान का 917.43 वर्ग कि. मी. का क्षेत्र कान्हा व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया गया।यहाँ के वन्य प्राणियों को देखने और कुछ अच्छा समय व्यतीत करने के लिए सोनाक्षी सिन्हा और महेंद्र सिंह धोनी जैसे बड़े सितारे भी आ चुके हैं।

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पेंच राष्ट्रीय उद्यान

पेंच राष्ट्रीय उद्यान Pench National Park
पेंच राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। यह मध्य प्रदेश के सिवनी और छिन्दवाड़ा जिलों में स्थित है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान को मोगली लैण्ड कहा जाता है। रुडयार्ड किपलिंग की भारत के जंगलों पर आधारित कथाएँ यहीं से प्रेरित मानी जाती हैं और विशेषकर "द जंगल बुक" (जिसके प्रमुख पात्र का नाम मोगली है) का इस क्षेत्र से सम्बन्ध है।

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गिर वन राष्ट्रीय उद्यान

गिर वन राष्ट्रीय उद्यान Gir Forest National Park
गिर वन्यजीव अभयारण्य भारत के गुजरात में राज्य स्थित राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यप्राणी अभयारण्य है, जो एशिया में सिंहों का एकमात्र निवास स्थान होने के कारण जाना जाता है। गिर अभयारण्य 1424 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है जिसमें, 258 वर्ग किलोमीटर में राष्ट्रीय उद्यान और 1153 वर्ग किलोमीटर वन्यप्राणियों के लिए आरक्षित अभयारण्य विस्तार है। इसके अतिरिक्त पास में ही मितीयाला वन्यजीव अभयारण्य है जो 18.22 किलोमीटर में फैला हुआ है। ये दोनों आरक्षित विस्तार गुजरात में जूनागढ़, अमरेली और गिर सोमनाथ जिले के भाग है। सिंहदर्शन के लिए ये उद्यान एवं अभयारण्य विश्व में प्रवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। विश्व में सिंहों की कम हो रही संख्या की समस्या से निपटने और एशियाटिक सिंहों के रक्षण हेतु सिंहों के एकमेव निवासस्थान समान इस विस्तार को आरक्षित घोषित किया गया था। विश्व में अफ़्रीका के बाद इसी विस्तार में सिंह बचे हैं। गिर के जंगल को सन् 1969 में वन्य जीव अभयारण्य घोषित किया गया और इसके छह वर्ष बाद इसका 140.4 वर्ग किलोमीटर में विस्तार करके इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में स्थापित कर दिया गया। यह अभ्‍यारण्‍य अब लगभग 258.71 वर्ग किलोमीटर तक विस्तृत हो चुका है। वन्य जीवों को संरक्षण प्रदान करने के कई प्रयासों के फलस्वरूप इस अभ्यारण्य में शेरों की संख्या बढकर अब 312 हो गई है।

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दुधवा राष्ट्रीय उद्यान

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान Dudhwa National Park
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश (भारत) के लखीमपुर खीरी जनपद में स्थित संरक्षित वन क्षेत्र है। यह भारत और नेपाल की सीमाओं से लगे विशाल वन क्षेत्र में फैला है। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एवं समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय उद्यान बाघों और बारहसिंगा के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

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गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान

गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान Gangotri National Park
गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान उत्तरकाशी, उत्तराखंड, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इस राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल 1553 वर्ग कि॰मी॰ है। यह उद्यान शंकुधारी वनों की सुन्दरता और हिमनदों की दुनिया की भव्यता को हरे-भरे घास के मैदानों के साथ संयुक्त रूप से प्रदान करता है।

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गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान

गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान Gorumara National Park
गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान (बंगाली:গরুমারা জাতীয় উদ্যান गोरुमारा जातियो उद्दान) भारत के पश्चिम बंगाल के उत्तर बंगाल प्रान्त के जलपाईगुड़ी ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है।

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ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान

ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान Great Himalayan National Park
महान हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान (जीएचएनपी) हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में है। विश्व विरासत समिति ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र (जीएचएनपीसीए) को विश्व विरासत सूची में सम्मिलित किया है।यह उद्यान कुल्लू जिले के पश्चिमी भाग में स्थित है। 1984 में बनाए गए इस पार्क को 1999 में राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था। यह पार्क अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। इसमें 25 से अधिक प्रकार के वन, 800 प्रकार के पौधे औऱ 180 से अधिक पक्षी प्रजातियों का वास है। हिमालय के भूरे भालू के क्षेत्र वाला यह नेशनल पार्क कुल्‍लू जिले में 620 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और यहां समशीतोष्‍ण एवं एलपाइन वन पाए जाते हैं। यहां कुछ वर्जिन कोनीफेरस वन है। एलपाइन चारागाह और ग्‍लेशियर का विशाल क्षेत्र इस पार्क का बड़ा हिस्‍सा है। यहां पश्चिमी हिमालय की अनेक महत्‍वपूर्ण वन्‍य प्रजातियां पाई जाती है जैसे मस्‍क डीयर, ब्राउन बीयर, गोराल, थार, चीता, बरफानी चीता, भराल, सीरो, मोनल, कलिज, कोकलास, चीयर, ट्रागोपान, बरफानी कौआ आदि। रक्तिसार की चढ़ाई, सैंज नदी का उदगम और अलपाइन चारागाहों में कैम्‍प लगाना अविस्‍मरणीय अनुभव हैं। इसी प्रकार तीर्थ की ओर चढ़ाई का रास्‍ता तीर्थन नदी का उदगम है। कुल्लू घाटी में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा काफी पुरानी है। घाटी में कई स्थानों के नाम उन संतों के नाम पर हैं जो इस महान हिमालय क्षेत्र में साधना के लिए आए थे। कुछ अभ्यारणयों को आज भी उपवन के रूप में संरक्षित रखा गया है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र में जीएचएनपी (754.4 वर्ग कि.मी.), सैन्ज (90 वर्ग किलोमीटर) तथा तीर्थान (61 वर्ग किलोमीटर) वन्यजीव अभ्यारण तथा 905.40 वर्ग किलोमीटर के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र में ऊपरी ग्लैशियर तथा जैवानल, सैन्ज तथा तीर्थान नदियां तथा उत्तरी-पश्चिम की ओर बहने वाली पार्वती नदी का जल उद्गम शामिल है।

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खीरगंगा नेशनल पार्क

खीरगंगा नेशनल पार्क Khirganga National Park

खीरगंगा राष्ट्रीय उद्यान हिमाचल प्रदेश का एक राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे 2010 में स्थापित किया गया था। खिरगंगा राष्ट्रीय उद्यान कुल्लू में स्थित है और देश के सबसे खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यानों में से एक माना जाता है।

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डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान

डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान Dibru-Saikhowa National Park
डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान भारत में असम राज्य के पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट में स्थित जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है। मुख्यतः नमीदार मिश्रित अर्ध-सदाबहार वन, नमीदार मिश्रित पतझड़ीय वन तथा घास के मैदानों का यह क्षेत्र असम के तिनसुकिया ज़िले में स्थित है। डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान विश्व के 19 जैव विविध हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में से एक है। ब्रह्मपुत्र के गोद में स्थित डिब्रू-सैखोवा दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों और जैविक विषमताओं को समेटे हुए हैं। यह क्षेत्र अपने प्राकृतिक सौन्दर्य और विविध वन्य-जीवन के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। विश्व के अनेक देशों से पर्यटक और विज्ञानी यहाँ घुमने और अध्ययन के लिए आते हैं। जंगली घोड़ा और वुड डक इस पार्क के मुख्य आकर्षण है। बारहमासी बड़ी नदियाँ और अत्यधिक वर्षा यहाँ के वनस्पति को सदाबहार और चमकीला बनाये रखता है और वन्य जीवन भी लाभान्वित होता है।

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अंशी राष्ट्रीय उद्यान

अंशी राष्ट्रीय उद्यान Anshi National Park

अंशी राष्ट्रीय उद्यान (कन्नड़: ಅಣಶಿ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಉದ್ಯಾನ) भारत में कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ ज़िले में गोवा राज्य की सीमा पर स्थित है। अन्य विशिष्ट पशुवर्ग के अलावा यह पार्क बंगाल बाघ, काले तेंदुए और भारतीय हाथियों का निवास स्थान है।

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कैम्पबॅल बे राष्ट्रीय उद्यान

कैम्पबॅल बे राष्ट्रीय उद्यान Campbell Bay National Park

कैम्पबेल बे राष्ट्रीय उद्यान सुमात्रा के लगभग 110 किलोमीटर उत्तर में पूर्वी हिंद महासागर में भारत के निकोबार द्वीप समूह के सबसे बड़े द्वीप ग्रेट निकोबार पर स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसे सन् 1992 में भारत के एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में राजपत्रित किया गया और अब यह ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा है।

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गैलेथिआ राष्ट्रीय उद्यान

गैलेथिआ राष्ट्रीय उद्यान Galathea National Park
गैलेथिआ राष्ट्रीय उद्यान भारत के केन्द्र शासित राज्य अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह निकोबार द्वीप समूह के ग्रेट निकोबार के द्वीप पर स्थित है जो पूर्वी हिंद महासागर (बंगाल की खाड़ी) में स्थित है। पार्क का कुल क्षेत्रफल लगभग 110 वर्ग कि॰मी॰ है और यह एक 12 कि॰मी॰ चौड़े वन बफर ज़ोन से और बड़े कैम्पबॅल बे राष्ट्रीय उद्यान से अलग होता है।

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गोविंद पशु विहार नेशनल पार्क और सैंचुरी

गोविंद पशु विहार नेशनल पार्क और सैंचुरी Govind Pashu Vihar National Park

गोविंद पशू विहार राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य उत्तराखंड में एक राष्ट्रीय उद्यान है, भारत ने 1955 में शुरू में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया था, और बाद में इसे राष्ट्रीय उद्यान में बदल दिया गया था।

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राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान

राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान Rajiv Gandhi National Park (Rameswaram)

राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान कडप्पा जिले, आंध्र प्रदेश, भारत के रामेश्वरम में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इसका क्षेत्रफल लगभग 2.4 वर्ग किलोमीटर उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती जंगल है जो ज्यादातर रेतीली मिट्टी पर उगता है। यह पेन्ना नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है।

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बलफकरम राष्ट्रीय उद्यान

बलफकरम राष्ट्रीय उद्यान Balphakram National Park

बलफकरम राष्ट्रीय उद्यान समुद्र स्तर से लगभग 3,000 मीटर ऊपर भारत के मेघालय राज्य में गारो हिल्स में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इसका क्षेत्रफल 220 वर्ग कि॰मी॰ का है। यह राष्ट्रीय उद्यान काकड़ (Barking Deer) और जंगली बिल्ली का घर है।

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राजबारी नेशनल पार्क

राजबारी नेशनल पार्क Rajbari National Park

राजबाड़ी राष्ट्रीय उद्यान त्रिशना वन्यजीव अभयारण्य, त्रिपुरा, भारत में एक राष्ट्रीय उद्यान है। इसमें लगभग 31.63 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र शामिल है।

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गुगामल राष्ट्रीय उद्यान

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान Gugamal National Park

गुगामल नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 1673.93 वर्ग किलोमीटर है। 22 फरवरी 1974 का बने इस पार्क में स्थित है Chikhaldara और Dharni तहसील के अमरावती जिला, महाराष्ट्र , भारत । यह मेलघाट टाइगर रिजर्व का हिस्सा है ।

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गुइंडी राष्ट्रीय उद्यान

गुइंडी राष्ट्रीय उद्यान Guindy National Park
गुइंडी राष्ट्रीय उद्यान भारत के तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका क्षेत्रफल 2.82 वर्ग कि॰मी॰ है।

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संजय राष्ट्रीय उद्यान

संजय राष्ट्रीय उद्यान Sanjay National Park
संजय राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य में सीधी जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इस उद्यान का विस्तार 466.657 वर्ग कि॰मी॰ का है और यह संजय-डुबरी टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत पड़ता है। जिसे 2008 में बाघ आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है।संजय टाइगर रिज़र्व से ही सोन घड़ियाल अभयारण्य एवं बगदरा अभयारण्य संबद्ध हैं। जो कि खासे आकर्षण का केंद्र हैं।

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आनेमलई बाघ अभयारण्य

आनेमलई बाघ अभयारण्य Anamalai Tiger Reserve
आनेमलई बाघ अभयारण्य (Anamalai Tiger Reserve), जिसका पुराना नाम इंदिरा गांधी वन्य जीवन अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान (Indira Gandhi Wildlife Sanctuary and National Park) था, भारत के तमिल नाडु राज्य के कोयम्बतूर ज़िले और तिरुपुर ज़िले में विस्तारित आनेमलई पहाड़ियों में स्थित एक संरक्षित क्षेत्र है।

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इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान Indravati National Park
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह इंद्रावती नदी के किनारे बसा हुआ है जिससे इसको अपना नाम मिला है। यह दुर्लभ जंगली भैंसे, की अंतिम आबादी वाली जगहों में से एक है। इसका कुल क्षेत्रफल 2799 वर्ग कि॰मी॰ है। स्थापना-1978 जिला- बीजापुर (छत्तीसगढ़) क्षेत्रफ़ल- 1258 sq-km टाइगर रिज़र्व - 2009 प्रॉजेक्ट टाइगर- 1983 इंद्रावती नदी के तट पर कुटरू गेम सेंचुरी

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महावीर हरिण वनस्थली राष्ट्रीय उद्यान

महावीर हरिण वनस्थली राष्ट्रीय उद्यान Mahavir Harina Vanasthali National Park
महावीर हरिण वनस्थली राष्ट्रीय उद्यान भारत के आंध्र प्रदेश राज्य की राजधानी हैदराबाद में वनस्थलीपुरम इलाके में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। पार्क का नाम महावीर के नाम पर रखा गया था, जो जैन संत थे, जिन्होंने अपनी 2500 वीं निर्वाण वर्षगांठ के उपलक्ष्य में वर्ष 1975 में मनाया था। यह स्थान जहाँ कभी पार्क स्थित था, वह हैदराबाद के शासकों निजाम के लिए एक निजी शिकारगाह था। इस बहुमूल्य धरोहर को संरक्षित करने और इसके पुनर्वास के लिए एक हिरण पार्क की स्थापना की गई थी। यह राष्ट्रीय उद्यान स्थापित करने के लिए निजाम द्वारा दान किया गया था।

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नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान

नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान Namdapha National Park
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान पूर्वी हिमालय जैव विविधता स्थल का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है और पूर्वोत्तर भारत में अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। यह क्षेत्रफल की दृश्टि से भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यह पूर्वी हिमालय उप क्षेत्र में स्थित है और इसे भारत में जैव विविधता में सबसे धनी क्षेत्रों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। 27°उ. अक्षांश में स्थित इस उद्यान में दुनिया का सबसे उत्तरी तराई सदाबहार वर्षावन है। यह क्षेत्र व्यापक डिपटॅरोकार्प जंगलों के लिए भी जाना जाता है।

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पम्पादुम शोला नेशनल पार्क

पम्पदुम शोला नेशनल पार्क Pampadum Shola National Park

पम्पादुम शोला राष्ट्रीय उद्यान केरल राज्य, दक्षिण भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है। पार्क का प्रबंधन केरल वन और वन्यजीव विभाग, मुन्नार वन्यजीव प्रभाग द्वारा किया जाता है, साथ में पास के मठिकट्टन शोला नेशनल पार्क, एराविकुलम नेशनल पार्क, अनमुदी शोला नेशनल पार्क, चिनार वन्यजीव अभयारण्य और कुरिन्जिमला अभयारण्य हैं।

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सिमलिपाल राष्ट्रीय अभ्यारण्य

सिमलिपाल राष्ट्रीय अभ्यारण्य Simlipal National Park
सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान भारत के ओडीशा राज्य के मयूरभंज अनुसूचित जिला में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है तथा एक हाथी अभयारण्य है। इस उद्यान का नाम सेमल या लाल कपास के पेड़ों की वजह से पड़ा है जो यहाँ बहुतायत में पाये जाते हैं। यह पार्क 845.70 वर्ग किलोमीटर (326.53 वर्ग मील) के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें जोरांडा और बरेहीपानी जैसे खूबसूरत झरने हैं। इस उद्यान में 99 बाघ, 432 हाथियों के अलावा गौर तथा चौसिंगे भी वास करते हैं। ओडिशा के मयूरभंज जिला मे अवस्थित मयूरभंज राज्य के पूर्ववर्ती शासकों का यह शिकार स्थल प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत शामिल किया गया है। 1956 में इसका चयन आधिकारिक रूप से टाइगर रिजर्व के लिए किया गया था। बारीपदा से 60 किलोमीटर दूर स्थित इसको वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया जो 2277.07 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। घने जंगलों, झरनों और पहाड़ियों से समृद्ध इस पार्क में विविध वन्यजीवों को नजदीक से देखा जा सकता है। बाघ, हिरन, हाथी और अन्य बहुत से जीव इस पार्क में मूलत: पाए जाते हैं।

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वांसदा राष्ट्रीय उद्यान

वांसदा राष्ट्रीय उद्यान Vansda National Park
वांसदा राष्ट्रीय उद्यान भारत के गुजरात राज्य के नवसारी ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जो सन् 1979 में स्थापित किया गया था। राष्ट्रीय उद्यान स्थापित होने से पहले यह क्षेत्र वांसदा के महाराजा का निजि इलाका था। इसी कारण से इस उद्यान का नाम भी वांसदा राष्ट्रीय उद्यान पड़ा।

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मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान

मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान Desert National Park
मरुभूमि राष्ट्रीय उद्यान (Desert National Park) राजस्थान के थार मरुस्थल में अवस्थित है। यह जैसलमेर जिले से 40 किलोमीटर दूर है। यह उद्यान न केवल राज्य का सबसे बड़ा उद्यान है बल्कि पूरे भारत में इसके बराबर का कोई राष्ट्रीय उद्यान नहीं है। उद्यान का कुल क्षेत्र 3162 वर्ग किलोमीटर है। उद्यान का काफी बड़ा भाग लुप्त हो चुकी नमक की झीलों की तलहटी और कंटीली झाड़ियों से परिपूर्ण है। इसके साथ ही रेत के टीलों की भी बहुतायत है। उद्यान का 20 प्रतिशत भाग रेत के टीलों से सजा हुआ है। उद्यान का प्रमुख क्षेत्र खड़ी चट्टानों, नमक की छोटी-छोटी झीलों की तलहटियों, पक्के रेतीले टीलों और बंजर भूमि से अटा पड़ा है। एक नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र के बावजूद यहाँ पक्षी जीवन की बहुतायत है। यह क्षेत्र रेगिस्तान के प्रवासी और निवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग है। कई क़िस्म के बाज़ और गिद्ध इन सबके बीच आम हैं। रेत का मुर्ग छोटे तालाबों या झीलों के पास देखा जाता है। लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (सोन चिरैया), जो कि एक शानदार पक्षी है, यहाँ अपेक्षाकृत अच्छी संख्या में पाया है। यह विभिन्न मौसमों में स्थानीय रूप से प्रवास करता है। नवंबर और जनवरी के बीच का समय यहाँ आने के लिए सबसे उपयुक्त समय है। यह उद्यान 18 करोड़ वर्ष पुराने जानवरों और पौधों के जीवाश्म का एक संग्रह है। इस क्षेत्र में डायनोसोर के कुछ जीवाश्म तो ऐसे पाये गये हैं जो 60 लाख साल पुराने हैं।

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दिहिंग पटकी

दिहिंग पटकी Dehing Patkai National Park

दिहिंग पटकी नेशनल पार्क असम के डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों में स्थित है और 231.65 वर्ग किमी वर्षावन के क्षेत्र को कवर करता है। 13 जून 2004 को इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया। 13 दिसंबर 2020 को असम सरकार ने इसे एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अपग्रेड किया।

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समुद्री राष्ट्रीय उद्यान, मन्नार की खाड़ी

समुद्री राष्ट्रीय उद्यान, मन्नार की खाड़ी Gulf of Mannar Marine National Park
समुद्री राष्ट्रीय उद्यान, मन्नार की खाड़ी (तमिल:கல்ஃப் ஆஃப் மன்னார் மரைன் நேஷனல் பார்க்) भारत के तमिल नाडु राज्य में रामनाथपुरम जिले में मन्नार की खाड़ी में 21 (अब 19) द्वीपों पर आधारित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका कुल क्षेत्रफल 6.23 वर्ग कि॰मी॰ है।

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केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान Keoladeo National Park
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान भारत के राजस्थान में स्थित एक विख्यात पक्षी अभयारण्य है। इसको पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था। इसमें हजारों की संख्या में दुर्लभ और विलुप्त जाति के पक्षी पाए जाते हैं, जैसे साईबेरिया से आये सारस, जो यहाँ सर्दियों के मौसम में आते हैं। यहाँ 230 प्रजाति के पक्षियों ने भारत के राष्ट्रीय उद्यान में अपना घर बनाया है। अब यह एक बहुत बड़ा पर्यटन स्थल और केन्द्र बन गया है, जहाँ पर बहुतायत में पक्षीविज्ञानी शीत ऋतु में आते हैं। इसको 1971 में संरक्षित पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था और बाद में 1985 में इसे 'विश्व धरोहर' भी घोषित किया गया है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान या केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान भारत के राजस्थान में स्थित एक विख्यात पक्षी अभयारण्य है। इसको पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था। इसमें हजारों की संख्या में दुर्लभ और विलुप्त जाति के पक्षी पाए जाते हैं, जैसे साईबेरिया से आये सारस, जो यहाँ सर्दियों के मौसम में आते हैं। यहाँ 230 प्रजाति के पक्षियों ने भारत के राष्ट्रीय उद्यान में अपना घर बनाया है। अब यह एक बहुत बड़ा पर्यटन स्थल और केन्द्र बन गया है, जहाँ पर बहुतायत में पक्षीविज्ञानी शीत ऋतु में आते हैं। इसको 1971 में संरक्षित पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था और बाद में 1985 में इसे 'विश्व धरोहर' भी घोषित किया गया है।

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मानस राष्ट्रीय उद्यान

मानस राष्ट्रीय उद्यान Manas National Park
मानस राष्ट्रीय उद्यान या मानस वन्यजीव अभयारण्य, असम, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान हैं। यह अभयारण्य यूनेस्को द्वारा घोषित एक प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल, बाघ के आरक्षित परियोजना, हाथियों के आरक्षित क्षेत्र एक आरक्षित जीवमंडल हैं। हिमालय की तलहटी में स्थित यह अभयारण्य भूटान के रॉयल मानस नेशनल पार्क के निकट है। यह पार्क अपने दुर्लभ और लुप्तप्राय स्थानिक वन्यजीव के लिए जाना जाता है जैसे असम छत वाले कछुए, हेपीड खरगोश, गोल्डन लंगुर और पैगी हॉग। मानस जंगली भैंसों की आबादी के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ एक सींग का गैंडा (भारतीय गेंडा) और बारहसिंघा के लिए विशेष रूप से पाये जाते है। यह भूटान की तराई में बोडो क्षेत्रीय परिषद की देखरेख में 950 वर्ग किलोमीटर से भी बड़े इलाके में फैला हुआ है, जिसके अंतर्गत 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत स्थापित 840.04 वर्ग किलोमीटर का इलाका मानस व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र भी आता है। इसे 1985 में विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया था लेकिन अस्सी के दशक के अंत और नब्बे के दशक के शुरू में बोडो विद्रोही गतिविधियों के कारण इस उद्यान को 1992 में विश्व धरोहर स्थल सूची से हटा लिया गया था। जून 2011 से यह पुनः यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल कर लिया गया है।

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मुर्लेन राष्ट्रीय उद्यान

मुर्लेन राष्ट्रीय उद्यान Murlen National Park
मुर्लेन राष्ट्रीय उद्यान भारत के मिज़ोरम राज्य के चम्फाई जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है और म्यानमार के साथ भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ लगा हुआ है। इसका क्षेत्रफल 200 वर्ग कि॰मी॰ है। यह उद्यान मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल से 245 कि॰मी॰ पूर्व में स्थित है। इस उद्यान में अब तक स्तनधारियों की 15 जातियाँ, पक्षियों की 150 जातियाँ, औषधीय पौधों की 35 जातियाँ, बाँस की 2 जातियाँ तथा ऑर्किड की 4 जातियाँ दर्ज की गई हैं।

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नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान

नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान Nanda Devi National Park
नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान अर्थात् नन्दादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य एक विश्व धरोहर का नाम है। यह भारत के उत्तराखण्ड राज्य में नन्दा देवी पर्वत के आस-पास का इलाका है, जिसे नन्दादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है। नन्दादेवी राष्ट्रीय अभयारण्य लगभग 630.33 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ उत्तर-भारत का विशालतम अभयारण्य है। जिसे सन् 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था तथा फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान सहित सन् 1988 में विश्व संगठन युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में घोषित किया जा चुका है।

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नौर्थ बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान

नौर्थ बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान North Button Island National Park
नौर्थ बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान भारत के केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिटिल अंडमान द्वीप के पास नौर्थ बटन द्वीप पर स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका कुल क्षेत्रफल 0.44 वर्ग कि॰मी॰ है।

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रानी झांसी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान

रानी झांसी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान Rani Jhansi Marine National Park
रानी झांसी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान बंगाल की खाड़ी में स्थित भारत के अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका उद्घाटन सन् 1996 में किया गया था। इसका कुल क्षेत्रफल 256.14 वर्ग कि॰मी॰ है।

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सलीम अली राष्ट्रीय उद्यान

सालिम अली राष्ट्रीय उद्यान Salim Ali National Park
यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। सलीम अली राष्ट्रीय उद्यान या सिटी फ़ॉरेस्ट नेशनल पार्क श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान था। इसने 9.07 किमी 2 के क्षेत्र को कवर किया। 1986 में अधिसूचित, पार्क के नाम ने भारतीय पक्षी विज्ञानी सलीम अली को याद किया। पार्क को 1998 और 2001 के बीच जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने रॉयल स्प्रिंग्स गोल्फ कोर्स में बदल दिया था।

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संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान

संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान Sanjay Gandhi National Park
यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान भारत में मुंबई, महाराष्ट्र राज्य में 87 किमी 2 (34 वर्ग मील) संरक्षित क्षेत्र है। इसकी स्थापना 1996 में बोरिवली में मुख्यालय के साथ की गई थी। यह महानगर सीमा के भीतर मौजूद प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक के रूप में उल्लेखनीय है और दुनिया के सबसे अधिक देखे जाने वाले पार्कों में से एक है।

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साइलेंट वैली राष्ट्रीय उद्यान

साइलेंट वैली राष्ट्रीय उद्यान Silent Valley National Park
साइलेंट वैली राष्ट्रीय उद्यान  भारत के दक्षिणी भारत के केरल राज्य के पालक्काड ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जो नीलगिरि पर्वत में है। इस राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पतियों और जीवों की कुछ दुर्लभ प्रजातियाँ हैं। इस क्षेत्र की खोज 1847 में वनस्पतिशास्त्री रॉबर्ट वाइट ने की थी।

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सिम्बल्बरा नेशनल पार्क

सिम्बल्बरा नेशनल पार्क Simbalbara National Park

सिम्बलबरा नेशनल पार्क भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है, जो हरियाणा की सीमा के साथ-साथ सिरमौर जिला, हिमाचल प्रदेश के पांवटा घाटी में स्थित है। वनस्पति में घने लवण वाले घने साल के जंगल होते हैं। संरक्षित क्षेत्र 1958 में 19.03 किमीlife के साथ सिम्बलबारा वन्यजीव अभयारण्य के रूप में बनाया गया था। 

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सिरोई राष्ट्रीय उद्यान

सिरोई राष्ट्रीय उद्यान Sirohi National Park
सिरोई राष्ट्रीय उद्यान या यैंगैंगपोक्पी लोकचाओ वन्यजीव अभयारण्य भारत के मणिपुर राज्य में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसे सन् 1982 में स्थापित किया गया था और जिसका क्षेत्रफल 184.4 वर्ग कि॰मी॰ है।

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वन विहार राष्ट्रीय उद्यान

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान Van Vihar National Park
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल में एक राष्ट्रीय उद्यान है। राष्ट्रीय उद्यान (नेशनल पार्क) का नाम सुनते ही आँखों के सामने दूर तक फैला घना जंगल और खुले घूमते जंगली जानवरों का दृश्य उभर आता है। लेकिन अगर आप कभी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल जाएँ तो वहाँ शहर के बीचोंबीच बना 'वन विहार' राष्ट्रीय उद्यान इन सब बातों को गलत साबित करता प्रतीत होगा। यह 'थ्री इन वन' राष्ट्रीय उद्यान है। यह अनोखा उद्यान नेशनल पार्क होने के साथ-साथ एक चिड़ियाघर (जू) तथा जंगली जानवरों का रेस्क्यू सेंटर (बचाव केन्द्र) भी है। 445 हैक्टेयर क्षेत्र में फैले इस राष्ट्रीय उद्यान में मिलने वाले जानवरों को जंगल से पकड़कर नहीं लाया गया है। यहाँ ज्यादातर वो जानवर हैं जो लावारिस, कमजोर, रोगी, घायल अथवा बूढ़े थे या फिर जंगलों से भटक-कर ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में आ गए थे तथा बाद में उन्हें पकड़कर यहाँ लाया गया। कुछ जानवर दूसरे प्राणी संग्रहालयों से भी यहाँ लाए गए हैं जबकि कुछ सर्कसों से छुड़ाकर यहाँ रखे गए हैं। वन विहार अद्भुत है। पाँच किलोमीटर लंबे इस राष्ट्रीय उद्यान के एक तरफ पूरा पहाड़ और हराभरा मैदानी क्षेत्र है जो जंगलों तथा हरियाली से आच्छादित है। दूसरी ओर भोपाल का मशहूर तथा खूबसूरत बड़ा तालाब (ताल) है। ये संगम अपने आप में बहुत सुंदर लगता है। वन विहार विस्तृत फैला हुआ चिड़ियाघर है। यह प्रदेश का एकमात्र 'लार्ज जू' यानी विशाल चिड़ियाघर है। इससे पहले यह मध्यम श्रेणी के चिड़ियाघर में आता था। यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर भी है जिसकी देखरेख वन विभाग करता है। प्रदेश में दो अन्य चिड़ियाघर भी हैं। ये इंदौर और ग्वालियर में स्थित हैं। लेकिन ये दोनों ही चिड़ियाघर 'स्मॉल जू' यानी छोटे चिड़ियाघरों की श्रेणी में आते हैं और इनकी देखरेख स्थानीय नगर-निगम करता है। ये दोनों ही चिड़ियाघर किसी भी मामले में वन विहार के आस-पास नहीं ठहरते। वन विहार की शानदार खासियतों की वजह से ही इसे 18 जनवरी 1983 को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया जो अपने आप में एक उपलब्धि है। WD WD वन विहार के अंदर घुसने से पहले लगता ही नहीं है कि आप एक खूबसूरत जंगल में प्रवेश करने वाले हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य द्वार बोट क्लब के पास से है। इसका नाम रामू गेट है। इस गेट से दूसरी ओर भदभदा क्षेत्र स्थित चीकू गेट तक की कुल दूरी 5 किलोमीटर है। इस रास्ते को पार करते हुए आपको कई खूबसूरत तथा कभी ना भूलने वाले दृश्य दिखाई देंगे। आप इस विहार में इच्छानुसार पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल, कार या फिर बस से भी घूम सकते हैं। आपको इसके लिए वन विभाग द्वारा निर्धारित किया गया शुल्क चुकाना होगा। इसके बाद आपकी बाँई ओर जानवरों के खुले तथा विशाल बाड़े मिलते जाएँगे जहाँ उनको उनके प्राकृतिक आवास में देखा जा सकता है। शुरुआत सियार तथा हाइना (लगड़बग्घे) के बाड़ों से होती है। इसके बाद भालू, शेर, हिमालयी भालू, तेंदुए और बाघ के बाड़े आते हैं। इन सब बड़े जानवरों को देखने के लिए पार्क में सुबह या शाम का समय सबसे अधिक मुफीद रहता है। दोपहर के समय ये सब जानवर धूप से बचने के लिए कहीं छाँव तलाशकर आराम करते रहते हैं। पानी वाले क्षेत्र में आपको पहाड़ी कछुए, मगरमच्छ और घड़ियाल देखने को मिलेंगे। पार्क के बीचोंबीच स्नेक पार्क भी मिलेगा वहाँ विभिन्न प्रकार के साँप देखने को मिलते हैं। हिरण के बाड़े बच्चों को बहुत आकर्षित करते हैं और मुझे तो वहाँ हिरण सड़क पर हमारे साथ-साथ चलते-घूमते दिखे। इतना ही नहीं वन विहार में बहुतायत में सांभर, चीतल, नीलगाय, कृष्णमृग, लंगूर, लाल मुंह वाले बंदर, जंगली सुअर, सेही और खरगोश हैं। विहार में पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियों को चिन्हित किया गया है। यहाँ कई प्रकार की वनस्पति है जो यहाँ के जंगल को समृद्ध बनाती है। भोपाल के बड़े तालाब का 50 हेक्टेयर हिस्सा वन विहार के साथ-साथ चलता है। यह पूरे भूदृश्य को बहुत मनोरम बना देता है। शाम को यहाँ पक्षियों की चहचहाहट देखने लायक होती है। पर्यटकों के लिए यहाँ ट्रेकिंग का भी इंतजाम है जिसे करके पूरे उद्यान की भौगोलिक स्थिति को पास से देखा तथा महसूस किया जा सकता है। रुकिए, अगर इतना सब घूमकर आप थक गए हैं, थोड़ा विश्राम करना चाहते हैं और आपको भूख भी लगी है तो यहाँ आपके लिए शानदार 'वाइल्ड कैफे' मौजूद है। इस खूबसूरत कैफे में बैठकर आप प्रकृति के साथ लजीज भोजन या नाश्ते का लुत्फ ले सकते हैं। बारिश के समय तो लकड़ियों की ऊँची बल्लियों पर बने इस कैफे के नीचे से पानी भी बहता है जो एक मनोरम वातावरण पैदा कर देता है। नाश्ता कर चुकने के बाद आप कैफे के साथ ही बने 'विहार वीथिका' में जा सकते हैं। वहाँ आपको चित्रों तथा कुछ वास्तविक चीजों के माध्यम से जंगलों तथा जंगली जानवरों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलेंगी। छुट्टियों के दिन : - पार्क सभी शुक्रवार बंद रहता है। - इसके अलावा होली तथा रंगपंचमी को भी पार्क बंद रहता है। महत्वपूर्ण जानकारियाँ : - कब जाएँ : उद्यान पूरे साल भर खुला रहता है। - समय : 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह 7 से शाम 6:30 तक 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह 7 से शाम 6 बजे तक

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अनामुदी शोला नेशनल पार्क

अनामुदी शोला नेशनल पार्क Anamudi Shola National Park

अनामुदी शोला राष्ट्रीय उद्यान एक संरक्षित क्षेत्र है जो केरल राज्य, भारत में इडुक्की जिले के पश्चिमी घाट के साथ स्थित है। यह मन्नवन शोला, इदिवारा शोला और पुल्लार्डी शोला से बना है, जो लगभग 7.5 वर्ग किमी के कुल क्षेत्र को कवर करता है। इस नए पार्क का मसौदा अधिसूचना 21 नवंबर 2003 को जारी किया गया था।

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बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान Bandhavgarh National Park

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है। यह वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था। इसका क्षेत्रफल 437 वर्ग किमी है। यहां बाघ आसानी से देखा जा सकता है। यह मध्यप्रदेश का एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जो 32 पहाड़ियों से घिरा है। यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। बांधवगढ़ 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इस उद्यान में एक मुख्य पहाड़ है जो 'बांधवगढ़' कहलाता है। 811 मीटर ऊँचे इस पहाड़ के पास छोटी-छोटी पहाड़ियाँ हैं। पार्क में साल और बंबू के वृक्ष प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं। बांधवगढ़ से सबसे नजदीक विमानतल जबलपुर में है जो 164 किलोमीटर की दूरी पर है। रेल मार्ग से भी बांधवगढ़ जबलपुर, कटनी और सतना से जुड़ा है। खजुराहो से बांधवगढ़ के बीच 237 किलोमीटर की दूरी है। दोनों स्थानों के बीच केन नदी के कुछ हिस्सों को क्रोकोडाइल रिजर्व घोषित किया गया है।

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बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान Bandipur National Park

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान (कन्नड़ भाषा:ಬಂಡೀಪುರ ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಉದ್ಯಾನ) दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है। यह प्रोजेक्ट टाइगर के तहत सन् 1974 में एक टाइगर रिज़र्व के रूप में स्थापित किया गया था। एक समय यह मैसूर राज्य के महाराजा की निजी आरक्षित शिकारगाह थी। बांदीपुर अपने वन्य जीवन के लिए प्रसिद्ध है और यहाँ कई प्रकार के बायोम हैं, लेकिन इनमें शुष्क पर्णपाती वन प्रमुख है

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बन्नेरुघट्टा जैव उद्यान

बन्नेरुघट्टा जैव उद्यान Bannerghatta National Park

बंगलुरु स्थित बानेरघाट राष्ट्रीय उद्यान जंगली बिल्लियों, भारतीय तेंदुओं, बाघ, चीतों और हाथियों को नैसर्गिक रूप से साक्षात देखने के लिए बेंगलोर से 20 किलो मीटर दक्षिण में बानेरघाट राष्ट्रीय उद्यान बहुत सुंदर स्थल है। जू-सफारी में ड्राइव करते हुए पिंजरों में बंद जानवरों को देखा जा सकता हैं। इस पार्क में एक साँप और मगरमच्छों का फार्म भी है।

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बेतला राष्ट्रीय उद्यान

बेतला राष्ट्रीय उद्यान Betla National Park

बेतला राष्ट्रीय उद्यान झारखंड प्रान्त के लातेहार और पलामू ज़िलों के जंगलो में विस्तृत है। इसमें पालामऊ व्याघ्र आरक्षित वन के 1,026 वर्ग किमी के अलावा 289 वर्ग किमी के अन्य क्षेत्र सम्मिलित हैं।

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भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान

भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान Bhitarkanika National Park
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान (Bhitarkanika National Park) भारत के ओड़िशा राज्य के केन्द्रापड़ा ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह 145 वर्ग किमी (56 वर्ग मील) पर फैला हुआ है। इसे 16 सितम्बर 1998 को सन् 1975 में निर्धारित एक केन्द्रीय क्षेत्र को लेकर नामांकित करा गया और 19 अगस्त 2002 को इसे रामसर स्थल का दर्जा मिल गया। ओड़िशा में चिल्का झील के बाद यह दूसरा रामसर स्थल है। यह राष्ट्रीय उद्यान भीतरकनिका वन्य अभयारणय (Bhitarkanika Wildlife Sanctuary) से घिरा हुआ है जो स्वयं एक 672 वर्ग किमी (259 वर्ग मील) के क्षेत्रफल पर विस्तारित है। पूर्व में गहीरमथा बालूतट और समुद्री अभयारण्य है, जो इसके दलदल और मैन्ग्रोव से ढके क्षेत्र को बंगाल की खाड़ी से अलग करता है। ब्राह्मणी, बैतरणी, धामरा और पाठशाला नदियाँ राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य को जल पहुँचाती हैं। यहाँ कई मैन्ग्रोव जातियाँ हैं और यहाँ का भीतरकनिका मैन्ग्रोव पारिक्षेत्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा मैन्ग्रोव पारिक्षेत्र है। राष्ट्रीय उद्यान में खारे पानी के मगरमच्छ, भारतीय अजगर, नाग, काला बाज़ा (आइबिस पक्षी), डार्टर (पनकौआ) और कई अन्य प्राणी व वनस्पति जातियाँ पाई जाती हैं।

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कृष्ण मृग राष्ट्रीय उद्यान

कृष्ण मृग राष्ट्रीय उद्यान Blackbuck National Park, Velavadar
कृष्ण मृग राष्ट्रीय उद्यान भारत के गुजरात राज्य में भावनगर ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इसकी स्थापना सन् 1976 में की गई थी। यह गुजरात के शहर भावनगर से 72 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है।

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बुक्सा टाइगर रिज़र्व

बुक्सा टाइगर रिज़र्व Buxa Tiger Reserve

बुक्सा टाइगर रिज़र्व भारत के उत्तरी पश्चिम बंगाल में एक बाघ अभयारण्य है, जो 760 किमी² के क्षेत्र को कवर करता है। ऊंचाई पर, यह गंगा के मैदानों में 60 मीटर से लेकर उत्तर में हिमालय की सीमा 1,750 मीटर तक है। कम से कम 284 पक्षी प्रजातियां रिजर्व में निवास करती हैं।

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चांदोली राष्ट्रीय उद्यान

चांदोली राष्ट्रीय उद्यान Chandoli National Park
चांदोली राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र में सतारा, कोल्हापुर और सांगली जिलों में फैला एक राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे मई 2004 में स्थापित किया गया था। इससे पहले यह 1985 में घोषित वन्यजीव अभयारण्य था। चांदोली बांध के पास स्थित इस उद्यान का कुल क्षेत्रफल 317.67 वर्ग किलोमीटर है। 2004 में इस उद्यान को राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था। समुद्र स्तर से 1900 से 3300 फीट की ऊंचाई पर राधानगिरी और कोयना वन्यजीव अभयारण्यों के बीच स्थित इस उद्यान को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत केंद्र घोषित किया गया है। चांदोली के लिए निकटतम हवाई अड्डा कोल्हापुर से 30 किलोमीटर दूर उरुन इस्लामपुर हवाई अड्डा है।

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क्लाउडेड लेपर्ड नेशनल पार्क त्रिपुरा

क्लाउडेड लेपर्ड नेशनल पार्क त्रिपुरा Clouded Leopard National Park

क्लाउडेड लेपर्ड नेशनल पार्क भारत के सिपाहिजोला वन्यजीव अभ्यारण्य त्रिपुरा में एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह लगभग 5.08 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है और यह फाएरे के लंगूर सहित प्राइमेट बंदर की चार प्रजातियों का घर है।

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दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान

दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान Dachigam National Park
दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के तथ्य– दाचीगाम भारत देश में जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर से 22 किमी ! उद्यान की स्थापना 1981 में हुई थी। समुद्र तल से उद्यान की औसत ऊंचाई 2990 मीटर है। उद्यान उच्च ऊंचाई वाले शीतोष्ण क्षेत्र में स्थित है। यह 141 किमी में फैला है। इस उद्यान से सबसे करीबी शहर श्रीनगर है।उद्यान में पाए जाने वाले मुख्य पेड़ हैं– हिमालयी नम शीतोष्ण सदाबहार, नम पर्णपाती और झाड़ियां, देवदार, चीड़ एवं शाहबलूत (ओक)। आरंभ में दाचीगाम की स्थापना श्रीनगर शहर को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। यह उद्यान हंगुल या कश्मीरी हिरण के घर के तौर पर जाना जाता है। वसंत और शरद ऋतु में नीचले इलाकों में हिमालयी काला भालू दिखाई देता है। सर्दी के मौसम में यह सो जाता है। लंबी पूंछ वाले मार्मोट गर्मी के मौसम में उपरी इलाकों में बहुत देखे जा सकते हैं जबकि चूहे के जैसे खरहे (Mouse Hare) पूरे वर्ष सक्रिए रहते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान प्रसिद्ध डल झील के जलग्रहण क्षेत्र का लगभग आधे क्षेत्र पर अपना अधिकार रखता है और आज भी श्रीनगर के निवासियों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस उद्यान के महत्वपूर्ण वन्यजीव प्रजातियां हैं– तेंदुआ, हिम तेंदुआ, काला भालू, भूरा भालू, जंगली बिल्ली, हिमालयी मार्मोट, कस्तूरी मृग, सीरो और लाल लोमड़ी (red fox)। पक्षियों में तीतर के कोकलास और मोनल, बुलबुल, मिनिवेट, बार्ड वल्चर, सुनहरे चील आम हैं।इस उद्यान में घूमने का सबसे अच्छा मौसम मार्च से जून के बीच होता है। पर्यटकों के लिए इस उद्यान में लॉज और रेस्ट हाउस हैं। दाचीगाम दो हिस्सों में है। लोअर दाचीगाम में पर्यटक आसानी से जा सकते हैं जबकि अपर दाचीगाम घूमने के लिए पूरे दिन का समय चाहिए और यह यात्रा थोड़ी कठिन भी है।

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हेमिस राष्ट्रीय उद्यान

हेमिस राष्ट्रीय उद्यान Hemis National Park
हेमिस राष्ट्रीय उद्यान या (हेमिस हाई आल्टीटयूड राष्ट्रीय उद्यान) भारत के लद्दाख़ केन्द्रशासित प्रदेश के पूर्वी भाग में काफ़ी ऊंचाई में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह भारत में हिमालय के उत्तर में एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है, भारत में सबसे बड़ा अधिसूचित संरक्षित क्षेत्र (और इस प्रकार भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान) और नंदा देवी बायोस्फ़ियर रिजर्व और आसपास के संरक्षित क्षेत्रों के बाद दूसरा सबसे बड़ा सन्निहित संरक्षित क्षेत्र है। पार्क कई लुप्तप्राय स्तनधारियों की प्रजातियों सहित हिम तेंदुए का भी निवास स्थान है। यह भारत में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित राष्ट्रीय उद्यान हैं।

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इन्देर्किल्ला नेशनल पार्क

इन्देर्किल्ला नेशनल पार्क Inderkilla National Park

इन्देर्किल्ला नेशनल पार्क हिमाचल प्रदेश में एक राष्ट्रीय उद्यान है, जिसे 2010 में स्थापित किया गया था। यह लगभग 104 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। राष्ट्रीय उद्यान कुल्लू जिले में स्थित है और कुल्लू मनाली हवाई अड्डे से 46.1 किलोमीटर दूर है। इसे 2010 में स्थापित किया गया था।

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जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान

जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान Jaldapara National Park

जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान जिसे पहले जलदापाड़ा वन्यजीव अभयारण्य भी कहते थे, पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार उप-मण्डल के अंतर्गत जलपाईगुड़ी ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है, जो कि टोरसा नदी के किनारे है। यह इलाका वस्तुतः पूर्वी हिमालय का तराई क्षेत्र है। इस उद्यान की समुद्र सतह से औसतन ऊँचाई 61 मी. है।

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कालेसर राष्ट्रीय उद्यान

कालेसर राष्ट्रीय उद्यान Kalesar National Park

कालेसर नेशनल पार्क (13,000 एकड़ (53 किमी 2 ) और आसन्न कलेसर वन्यजीव अभयारण्य (13,209 एकड़ (53.45 किमी 2 )) में संरक्षित हैं क्षेत्रों यमुनानगर जिले के हरियाणा में राज्य भारत , से 122 किलोमीटर (76 मील) चंडीगढ़। दोनों हिमाचल प्रदेश में सिम्बलबारा नेशनल पार्क और उत्तराखंड में राजाजी नेशनल पार्क के लिए भी सन्निहित हैं।

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कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान Kanger Ghati National Park
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ प्रान्त के बस्तर जिला में स्थित है। प्रकृति ने कांगेर घाटी को एसा उपहार सौंपा है, जहाँ वन देवी अपने पूरे श्रृंगार मे मंत्रमुग्ध कर देने वाली दृश्यावलियों को समेटे, भूमिगार्भित गुफाओ को सीने से लगाकर यूं खडी होती है मानो आपके आगमन का इंतजार कर रही हो। कांगेर घाटी का दर्शन एक संतोषप्रद अवर्णनीय एवं बेजोड प्राकृतिक अनुभव का उदाहरण है।

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कासु ब्रह्मानन्द रेड्डी राष्ट्रीय उद्यान

कासु ब्रह्मानन्द रेड्डी राष्ट्रीय उद्यान Kasu Brahmananda Reddy National Park
कासु ब्रह्मानन्द रेड्डी राष्ट्रीय उद्यान भारत के आंध्र प्रदेश राज्य की राजधानी हैदराबाद के जुबली हिल्स इलाके में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका क्षेत्रफल मात्र 1.42 वर्ग कि॰मी॰ है। इसको सन् 1994 में स्थापित किया गया था।

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केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान

केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान Keibul Lamjao National Park
केयबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान भारत में मणिपुर राज्य के विष्णुपुर जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह पूर्वोत्तर भारत में स्थित 40 वर्ग कि॰मी॰ के क्षेत्रफल वाला विश्व में इकलौता तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है और मणिपुर की विश्व प्रसिद्ध लोकतक झील का एक अभिन्न हिस्सा है। यह भारत में संकटग्रस्त संगइ का एकमात्र निवास स्थान है।

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कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान Khangchendzonga National Park
कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान या कंचनजंगा (हाइ ऑलटिट्यूड) राष्ट्रीय उद्यान सिक्किम, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान और एक बायोस्फीयर रिज़र्व है। इस उद्यान को अपना नाम कंचनजंगा पर्वत से मिलता है जो 8586 मीटर (28,169 फ़ीट) ऊँची है और विश्व की तीसरी सबसे ऊँची शिखर है। इस उद्यान का कुल क्षेत्रफल 1784 वर्ग कि.है जो कि सिक्किम के कुल क्षेत्रफल का 25.14% है। ज़ेमु हिमनद सहित पार्क में कई हिमनद हैं। कस्तूरी मृग, हिम तेंदुए और हिमालय तहर जैसे वन्यजीव उद्यान में रहते हैं। मनुष्यों द्वारा अभी तक अनन्वेषित यह उद्यान हिम तेंदुआ, हिमालयी काला भालू, तिब्बती एंटीलोप, जंगली गधा, काकड़, कस्तूरी मृग, फ्लाइंग गिलहरी और लाल पांडा का आवास है जो मैगनोलिया, बुरुंश और देवदार के जंगलों के बीच शरण पाते हैं।

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किश्तवार राष्ट्रीय अभ्यारण्य

किश्तवार राष्ट्रीय अभ्यारण्य Kishtwar National Park
किश्तवार राष्ट्रीय अभयारण्य भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह भारत के जम्मू कश्मीर राज्य के किश्तवार जिले में स्थित है ।किश्तवार जिले में स्थित, यह पार्क चिनाब नदी के ऊपर एक पठार पर है। इस जगह के बारे में यह जानना वास्तव में दिलचस्प है कि यहां केसर भी उगाया जाता है। हालांकि सीमित समय के लिए। यह राष्ट्रीय उद्यान लगभग 400 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है। और क्या आप जानते हैं कि किश्तवाड़ राष्ट्रीय उद्यान में वनस्पतियों और जीवों की बहुत विस्तृत विविधता है जिसमें विभिन्न प्रकार की स्तनधारियों की 15 प्रकार की प्रजातियाँ हैं जिनमें कस्तूरी मृग भी शामिल हैं, साथ ही हिमालयी काले और भूरे भालू भी हैं इस प्रकार किसी भी प्रकृति प्रेमी के लिए यह स्थान वास्तव में अवश्य ही एक दर्शनीय स्थल है।

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कुदरेमुख

कुदरेमुख Kudremukh
कुदरेमुख (कन्नड़: ಕುದುರೆಮುಖ) जिसे कई बार कुदुरेमुख भी कहा जाता है, कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर जिला में एक पर्वतमाला है। यहीं निकटस्थ ही के एक कस्बे का नाम भि यही है। यह कर्कला से 48 कि॰मी॰ दूर स्थित है। कुदरेमुख शब्द का मूल यहां के स्थानीय निवासियों द्वारा अश्व के मुख को कहा जाने से पड़ा है। इस पर्वत की चोटी का आकार कुछ इसी प्रकार का है। इसे ऐतिहासिक नाम समसेपर्वत से भी जाना जाता है, क्योंकि इसका रास्ता समसे ग्राम से होकर निकलता था। यह कस्बा मुख्यतः लौह अयस्क के खनन के कारण प्रसिद्ध है, जहां एक सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कुदरेमुख आयरन ओर कंपनी लि. (KIOCL) स्थित है एवं अपने नाम के अनुसार इसी कार्य में संलग्न है। इसके साथ ही यह क्षेत्र नैसर्गिक संपदा के लिये भी मशहूर है। घने जंगल, वन्य जीवन यहां की सुंदरता को चार चांद लगाते हैं। यहां दक्षिण भारत की तीन नदियों का उद्गम है: तुंग, भद्रा एवं नेत्रवती। यहाम के प्रमुख आकर्षणों में एक भगवती दुर्गा का मंदिर एवं एक गुफा में 1.8 मीटर की वाराह मूर्ति हैं।

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कूनो राष्ट्रीय उद्यान

कूनो राष्ट्रीय उद्यान Kuno National Park
कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) भारत के मध्य प्रदेश राज्य में एक संरक्षित क्षेत्र है जिसे सन् 2018 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था। इसकी स्थापना सन् 1981 को एक वन्य अभयारण्य के रूप में की गई थी। या राज्य के श्योपुर और मुरैना ज़िलों पर विस्तारित है।

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माधव राष्ट्रीय उद्यान

माधव राष्ट्रीय उद्यान Madhav National Park

माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है शिवपुरी जिला के ग्वालियर डिवीजन उत्तर पश्चिम में मध्य प्रदेश , भारत । दो राष्ट्रीय राजमार्ग पार्क से होकर गुजरते हैं, आगरा से बॉम्बे पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग 3 और झांसी से शिवपुरी राष्ट्रीय राजमार्ग 27 (पूर्व में NH25)।

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महात्मा गांधी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान

महात्मा गांधी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान Mahatma Gandhi Marine National Park
महात्मा गांधी समुद्री राष्ट्रीय उद्यान भारत के अंडमान द्वीप समूह में का एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह पोर्ट ब्लेयर से 29 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। इस उद्यान का दायरा 281.5 वर्ग कि॰मी॰ का है जिसके अंतर्गत 15 द्वीप और खुली समुद्री खाड़ियाँ आती हैं।

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जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान

जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान Mandla Plant Fossils National Park
जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य में डिंडोरी ज़िले में स्थित एक पौधों के जीवाश्म का राष्ट्रीय उद्यान है। इसकी स्थापना 1968 को हुई। यह म.प्र.का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है। यह डिंंडोरी जिले में शहपुरा के पास स्थित है। 0.270 वर्ग किमी में फैले इस उद्यान में "भूतल जीवाश्म" रखे गये है, जिसमें 40 मिलियन से 150 मिलियन वर्ष पुराने पौधों के जीवाश्म रखे गये है। यह नीलगिरि जीवाश्म के लिये जाना जाता है, जोकि अभी तक का सबसे पुराना जीवाश्म माना जाता है। घुघवा नाम से प्रचलित इस उद्यान में अब तक 18 पादप कुलों के 31 परिवारों के पौधों के जीवाश्म खोजे जा चुके है। इस जीवाश्म क प्रमुख स्थान 'घुघवा' है, जो 6.84 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है, इसके अलावा तीन अन्य स्थल भी खोजे गये है जिसमें उमरिया-सिल्थेर (23.02 एकड़), देवरी खुर्द (16.53 एकड़) और बरबसपुर (16.53 एकड़) शामिल है।

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मरीन नेशनल पार्क, कच्छ की खाड़ी

Marine National Park, Gulf of Kutch Marine National Park, Gulf of Kutch
समुद्री राष्ट्रीय उद्यान, कच्छ की खाड़ी भारत के गुजरात राज्य में स्थित भारत का सर्वप्रथम समुद्री राष्ट्रीय उद्यान है जो 1982 में स्थापित किया गया था।

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मथिकेत्तन शोला राष्ट्रीय उद्यान

मथिकेत्तन शोला राष्ट्रीय उद्यान Mathikettan Shola National Park
मथिकेत्तन शोला राष्ट्रीय उद्यान भारत के केरल राज्य के इड्डुक्कि ज़िले के पूपरा गांव में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका क्षेत्रफल 12.82 वर्ग कि॰मी॰ है।

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मिडल बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान

मिडल बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान Middle Button Island National Park
मिडल बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान भारत के केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिटिल अंडमान द्वीप के पास मिड्ल बटन द्वीप पर स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका कुल क्षेत्रफल 0.64 वर्ग कि॰मी॰ है। अन्य वन्यजीवों के अलावा यहाँ चीतल भी पाया जाता है।

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मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान

मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान Bhagwan Mahaveer Sanctuary and Mollem National Park
मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान कर्नाटक के साथ पूर्वी सीमा पर संगेम तालुक, गोवा में दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट में स्थित 107 वर्ग किलोमीटर का एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह क्षेत्र मोलेम शहर के पास स्थित है और गोवा राज्य की राजधानी पणजी के पूर्व 57 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भगवान महावीर अभयारण्य के साथ मिलकर इसका क्षेत्रफल 240 वर्ग किलोमीटर बन जाता है।

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मोलिंग राष्ट्रीय उद्यान

मोलिंग राष्ट्रीय उद्यान Mouling National Park
मोलिंग राष्ट्रीय उद्यान भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह मुख्य रूप से ऊपरी सियांग जिलेऔर पश्चिम सियांग के कुछ हिस्सों तथा पूर्वी सियांग जिले में फैला हुआ है। यह 1972 में नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान के बाद, राज्य में बनाया जाने वाला दूसरा राष्ट्रीय उद्यान है।

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माउन्ट हैरियट राष्ट्रीय उद्यान

माउन्ट हैरियट राष्ट्रीय उद्यान Mount Harriet National Park
माउन्ट हैरियट राष्ट्रीय उद्यान भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में फ़रारगंज तहसील में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जो 46.62 वर्ग कि॰मी॰ के कुल क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से उत्तर में लगभग 20 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है।

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मृगवनी राष्ट्रीय उद्यान

मृगवनी राष्ट्रीय उद्यान Mrugavani National Park
मृगवनी राष्ट्रीय उद्यान भारत के तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। इसका कुल क्षेत्रफल 3.6 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ कुछ छोटे स्तनधारी जीव पाए जाते हैं।

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मुदुमलै वन्यजीव अभयारण्य

मुदुमलै वन्यजीव अभयारण्य Mudumalai National Park
दक्षिण भारत में अपनी तरह का पहला मुदुमलै वन्यजीव अभयारण्य केरल-कर्नाटक सीमा पर स्थित है। 321 वर्ग किलोमीटर में फैले इस अभयारण्य के पास ही बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान है। इन दोनों उद्यानों को मोयार नदी अलग करती है। मैसूर और ऊटी को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग इस उद्यान से होकर गुजरता है। मुदुमलै में वन्यजीवों की अनेक प्रजातियां देखने को मिलती हैं जैसे लंगूर, बाघ, हाथी, गौर और उड़ने वाली गिलहरियां। इसके अलावा यहां अनेक प्रकार के पक्षी भी देखे जा सकते हैं जैसे मालाबार ट्रॉगन, ग्रे हॉर्नबिल, क्रेस्टिड हॉक ईगल, क्रेस्टिड सरपेंट ईगल आदि। फरवरी से जून के बीच का समय यहां आने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। यहां पर वनस्पति और जन्तुओं की कुछ दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं और कई लुप्तप्राय:जानवरों भी यहां पाए जाते है। हाथी, सांभर, चीतल, हिरन आसानी से देखे जा सकते हैं। जानवरों के अलावा यहां रंगबिरंगे पक्षी भी उड़ते हुए दिखाई देते हैं। अभयारण्य में ही बना थेप्पाक्कडु हाथी कैंप बच्चों को बहुत लुभाता है।

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दर्राह राष्ट्रीय उद्यान

दर्राह राष्ट्रीय उद्यान Mukundara Hills National Park
दर्राह राष्ट्रीय उद्यान या राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव अभयारण्य भारत के राजस्थान राज्य में कोटा से 50 कि॰मी॰ दूर है जो घड़ियालों (पतले मुंह वाले मगरमच्छ) के लिए बहुत लोकप्रिय है। यहां जंगली सुअर, तेंदुए और हिरन पाए जाते हैं। बहुत कम जगह दिखाई देने वाला दुर्लभ कराकल यहां देखा जा सकता है।

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मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान

मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान Mukurthi National Park
मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान दक्षिण भारत के तमिल नाडु राज्य के नीलगिरि ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। मुकुर्थी नेशनल पार्क (MNP) दक्षिण भारत के पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखला में तमिलनाडु राज्य के उत्तर-पश्चिमी कोने में ऊटाकामुंड हिल स्टेशन के पश्चिम में नीलगिरी पठार के पश्चिमी कोने में स्थित एक 78.46 किमी 2 (30.3 वर्ग मील) संरक्षित क्षेत्र है। पार्क अपनी कीस्टोन प्रजातियों, नीलगिरि तहर की रक्षा के लिए बनाया गया था।

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नागरहोल अभयारण्य

नागरहोल अभयारण्य Nagarhole National Park
कर्नाटक में स्थित नागरहोल अपने वन्य जीव अभयारण्य के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह उन कुछ जगहों में से एक है जहां एशियाई हाथी पाए जाते हैं। हाथियों के बड़े-बड़े झुंड यहां देखे जा सकते हैं। मानसून से पहले की बारिश में यहां बड़ी संख्या में रंगबिरंगे पक्षी दिखाई देते हैं। उस समय पूरा वातावरण उनकी चहचहाट से गूंज उठता है। पशुप्रेमियों के लिए यहां देखने और जानने के लिए बहुत कुछ है। एक जमाने में यह जगह मैसूर के राजाओं के शिकार का स्‍थल था। लेकिन बाद में इसे अभयारण्य बना दिया गया। अब यह राजीव गांधी अभयारण्य के नाम से जाना जाता है। यह पार्क दक्कन के पठार का हिस्सा है। जंगल के बीच में नागरहोल नदी बहती है, जो कबीनी नदी में मिल जाती है। कबीनी नदी पर बने बांध के कारण पार्क के दक्षिण में एक झील बन गई है जो इस उद्यान को बांदीपुर टाइगर रिजर्व से अलग करती है।

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नमेरी राष्ट्रीय उद्यान

नमेरी राष्ट्रीय उद्यान Nameri National Park
नमेरी राष्ट्रीय उद्यान भारत के असम राज्य के शोणितपुर ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह पूर्वी हिमालय के गिरिपीठ में स्थित है और असम के तेज़पुर शहर से 35 कि॰मी॰ की दूरी पर है।

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नवेगाँव राष्ट्रीय उद्यान

नवेगाँव राष्ट्रीय उद्यान Navegaon National Park
नवेगाँव राष्ट्रीय उद्यान भारत के महाराष्ट्र राज्य के विदर्भ मण्डल के गोंदिया जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जो सन् 1975 में स्थापित किया गया था। इसका क्षेत्रफल 133.88 वर्ग कि॰मी॰ है।

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नेओरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान

न्योरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान Neora Valley National Park
नेओरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान कालीम्पोंग जिले, पश्चिम बंगाल, भारत में स्थित है और इसे 19 86 में स्थापित किया गया था। यह 88 किलोमीटर के क्षेत्रफल पर फैला हुआ है और पूरे पूर्वी भारत में सबसे अमीर जैविक क्षेत्र है। यह सुरुचिपूर्ण लाल पांडा की भूमि है, जो कि प्राचीन अव्यवस्थित प्राकृतिक निवास स्थान में बीहड़ वाले दुर्गम पहाड़ी इलाकों और समृद्ध विविध वनस्पतियों और जीवों के साथ इस पार्क को एक महत्वपूर्ण जंगल क्षेत्र बनाती है।== स्थिति ==भूगोल नीओरा नदी, पश्चिम बंगाल पार्क 15 9 .88 किमी² में फैल गया है। नेओरा घाटी में जंगल इतना शानदार विकास है कि यहां तक ​​कि सूर्य के प्रकाश को जमीन को छूना मुश्किल लगता है। अधिकांश पार्क अभी भी दुर्गम है, यह प्रकृति प्रेमियों / ट्रेकर्स के लिए एक साहसी स्थान बना रहा है जो कि कलिपोंग पहाड़ियों में अभी भी अज्ञात इलाके का पता लगाने के लिए चुनौती ले सकता है। वर्जिन प्राकृतिक वन, घने बांस के पेड़ों, रोडोडेन्ड्रन के पेड़ों की रंगीन चंदवा, हरे भरे घाटी, नदियां नदियों और पृष्ठभूमि में बर्फ के ढंके पहाड़ों के साथ एक सुरम्य परिदृश्य के रूप में धाराएं। यह पार्क राहेला डांडा (रचीला डाँडा) में 10600 फीट की ऊंचाई तक पहुंचता है, जो नोरो घाटी राष्ट्रीय उद्यान का उच्चतम बिंदु है, जो सिक्किम और भूटान की सीमाओं पर है। कालीम्पोंग शहर के लिए नीरो नदी का प्रमुख जल स्रोत है।जैव विविधता इस पार्क से सूचीबद्ध एवियन जीव नामक ए 1, ए 2 और ए 3 श्रेणी IBA साइट कोड IN-WB-06 हैं। प्राकृतिक इतिहास बायोम इस वन्यजीव अभयारण्य के अंदर, पर्यावरण जैव से संबंधित प्राथमिक बायोम हैं: चीन-हिमालयी हिमालय के पूर्वी हिमालय के व्यापक वन वन बायोम 7 हिमालय के उप-उष्णकटिबंधीय चौराहे जंगलों बायोम 8 के चीन-हिमालय उपोत्पादन वन हिमालय के उप-उष्णकटिबंधीय देवदार जंगलों बायोम 9 के इंडो-चीनी उष्णकटिबंधीय नम वन इनमें से सभी भूटान-नेपाल-भारत के पहाड़ी क्षेत्र की ऊंचाई वाली तलहटी की रेखाओं की विशिष्ट वन प्रकार हैं जो 1000 मीटर से 3,600 मीटर के बीच होती हैं। फ्लोरा देश में कुंवारी जंगल के आखिरी इलाके में से एक, नेओरा घाटी, एक अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखती है जहां उष्णकटिबंधीय, उप-उष्णकटिबंधीय, उप-समशीतोष्ण और समशीतोष्ण वनस्पति प्रणाली अभी भी वनस्पतियों और जीवों की संपत्ति का रख-रखाव करती हैं। जंगलों में मिश्रित प्रजातियों जैसे रोडोडेंड्रोन, बांस, ओक, फ़र्न, सैल आदि शामिल हैं। घाटी में ऑर्किड की कई प्रजातियां भी हैं। पशुवर्ग इस क्षेत्र से पता चलता है कि भारतीय तेंदुए, भारतीय प्रजातियों की पांच प्रजातियां, काले भालू, आलसिया भालू, सुनहरी बिल्ली, जंगली सूअर, तेंदुआ बिल्ली, गोरल, सीरोव, भौंकने वाला हिरण, सांभर, हिमालय उड़ान गिलहरी और थार सभी का सबसे आकर्षक लाल पांडा है अन्य लुप्तप्राय स्तनधारी जीवों में, घबराए तेंदुए शायद ही कभी देखा जाता है और पार्क में मौजूद होने की संभावना है। पक्षियों विभिन्न प्रजातियों से संबंधित पार्क में पाए जा सकते हैं। नोरो घाटी राष्ट्रीय उद्यान को इस प्रकार पक्षी के स्वर्ग [8] के रूप में जाना जाता है; सर्दियों के महीनों में भारत के कुछ सबसे ज्यादा मांग वाले पक्षी यहां पाए जाते हैं। 1600 मीटर और 2700 मीटर के बीच अर्ध-सदाबहार वनों में रफस-गले वाले हिस्से, सरीर ट्रोगोपैन, किरमिजी-छाती के कठफोड़वा, दार्जिलिंग के कठफोड़वा, खाड़ी के कठफोड़वा, सुनहरा धारीदार बारबेट, हॉजसन के हॉक कोयल, कम कोयल, भूरा लकड़ी के उल्लू, एशरी लकड़ी की कबूतर, पहाड़ी शाही कबूतर, जेरदन के बाजा, काली ईगल, पहाड़ बाज़ ईगल, गहरे भूरे रंग का चिड़िया, रफ़ी-गढ़वाले फ्लाईकैचर, श्वेत-गढ़वाले फ्लाईकैचर, सफेद भूरे झाड़ी रॉबिन, सफेद पूंछ वाले रोबिन, पीले-चोटी चमड़े की चोटी वाला वॉर्बलर, काले रंग का सामना करना पड़ा वार्बलर, काले रंग का हँसते हुए, शहतीर का ताज पहनाया हँसतेथ्रश, लकीर-ब्रेस्टेड स्किमिटर बब्बलर, स्केल-ब्रेस्टेड विरेन बब्बलर, पायगामी वेरेन बब्बलर, रुफस- फटाफट ब्लास्टर, फायर-टिल्ड सनबर्ड, ब्लू-बैकड एक्सेन्टर, डार्क-ब्रेस्टेड रोज़फिंच, रेड- ब्रेस्टेड, ब्लैक-ब्रेकड फुलवेटा, नाम से लैस किया बैलफिंच, सोना-नेप्ड फिंच और कई अन्य रार्डियां

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नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान

नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान Nokrek National Park
नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान भारत के मेघालय राज्य में पश्चिम गारो हिल्स ज़िले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका क्षेत्रफल 47.48 वर्ग कि॰मी॰ है। यूनेस्को ने इस राष्ट्रीय उद्यान को मई 2009 में बायोस्फीयर रिज़र्व की अपनी सूची में शामिल किया। बालपक्रम राष्ट्रीय उद्यान के साथ, नोकरेक मेघालय में जैव विविधता का केंद्र है।

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न्टङ्की राष्ट्रीय उद्यान

न्टङ्की राष्ट्रीय उद्यान Ntangki National Park
न्टङ्की राष्ट्रीय उद्यान नागालैंड, भारत के पेरेन जिले में स्थित एक वन्यजीव उद्यान है। उद्यान में रहने वाले प्राणियों में दुर्लभ हूलॉक गिब्बन, सुनहरा लंगूर, धनेश, पाम सिवेट, ब्लैक स्टॉर्क, बाघ, व्हाइट ब्रॅस्टेड किंगफ़िशर, गोह, अजगर और भालू हैं।

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ओरांग राष्ट्रीय उद्यान

ओरांग राष्ट्रीय उद्यान Orang National Park
ओरांग राष्ट्रीय उद्यान (Orang National Park) भारत के असम राज्य के उदलगुड़ी और शोणितपुर ज़िलों में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर में पड़ता है। सन् 1985 में इसको अभयारण्य घोषित किया गया था और 13 अप्रैल 1999 में इसे राष्ट्रीय उद्यान बना दिया गया।

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पन्ना राष्ट्रीय उद्यान

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान Panna National Park
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भारत में मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। 1981 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया इस उद्यान का क्षेत्रफल 542.67 वर्ग किलोमीटर है। इसे 25 अगस्त 2011 को बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में नामित किया गया था। पन्ना को 2007 में भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारत के सर्वश्रेष्ठ रखरखाव वाले राष्ट्रीय उद्यान के रूप में उत्कृष्टता का पुरस्कार दिया गया था। केन नदी इस राष्ट्रीय उद्यान का मुख्य आकर्षण है। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने अपना अधिकांश समय पन्ना में बिताया था। इसका उल्लेख महाभारत में भी है। उद्यान को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जैसे कि ताडोबा उत्तर क्षेत्र, मोरहुली क्षेत्र और कोलसा दक्षिण रेंज। उद्यान में तीन जल स्रोत भी हैं, जैसे ताडोबा नदी, ताडोबा झील और कोलासा झील। तीनों क्षेत्रों में सफारी की अनुमति है।

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ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान

ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान Tadoba Andhari Tiger Reserve
ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान भारत के महाराष्ट्र राज्य के चंद्रपुर जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह महाराष्ट्र का सबसे पुराना और सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।

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फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान Valley of Flowers National Park
फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक फूलों की घाटी का नाम है, जिसे अंग्रेजी में Valley of Flowers कहते हैं। यह भारतवर्ष के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में है। यह फूलों की घाटी विश्व संगठन, यूनेस्को द्वारा सन् 1982 में घोषित विश्व धरोहर स्थल नन्दा देवी अभयारण्य नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का एक भाग है। हिमालय क्षेत्र पिंडर घाटी अथवा पिंडर वैली के नाम से भी जाना जाता है,

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वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान

वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान Valmiki National Park
वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान भारत का एक राष्ट्रीय उद्यान है। वाल्‍मीकि नगर, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के सबसे उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक छोटा कस्‍बा है जहां कम आबादी है और यह अधिकांशत: वन क्षेत्र के अंदर है। पश्चिमी चंपारण जिले का एक रेलवे स्‍टेशन नरकटिया गंज के रेल हैड के पास स्थित है। यह पार्क उत्तर में नेपाल के रॉयल चितवन नेशनल पार्क और पश्चिम में हिमालय पर्वत की गंडक नदी से घिरा हुआ है। यहां पर आप बाघ, स्‍लॉथ बीयर, भेडिए, हिरण, सीरो, चीते, अजगर, पीफोल, चीतल, सांभर, नील गाय, हाइना, भारतीय सीवेट, जंगली बिल्लियां, हॉग डीयर, जंगली कुत्ते, एक सींग वाले राइनोसिरोस तथा भारतीय भैंसे कभी कभार चितवन से चलकर वाल्‍मीकि नगर में आ जाते हैं।

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पपिकोंदा नेशनल पार्क

पपिकोंदा नेशनल पार्क Papikonda National Park

पापिकोंडा नेशनल पार्क आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी और पश्चिम गोदावरी जिलों में पापा हिल्स में राजामेन्द्रवरम के पास स्थित है, और 1,012.86 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह एक महत्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्र है और वनस्पतियों और जीवों की कुछ लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है।

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पेरियार राष्ट्रीय उद्यान

पेरियार राष्ट्रीय उद्यान Periyar National Park

पेरियार राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य (PNP) भारत के केरल में इडुक्की और पठानमथिट्टा जिलों में स्थित एक संरक्षित क्षेत्र है। यह एक हाथी आरक्षित और एक बाघ आरक्षित के रूप में उल्लेखनीय है । यह संरक्षित क्षेत्र 925 किमी 2 (357 वर्ग मील) का है, जिसमें से कोर जोन का 305 किमी 2 (118 वर्ग मील) 1982 में पेरियार राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था। पार्क दुर्लभ, लुप्तप्राय और लुप्तप्राय वनस्पतियों और जीवों का भंडार है और केरल की दो महत्वपूर्ण नदियों, पेरियार और पम्बा की प्रमुख जलधाराएँ बनाती हैं ।

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फौंगपुइ राष्ट्रीय उद्यान

फौंगपुइ राष्ट्रीय उद्यान Phawngpui National Park
फौंगपुइ राष्ट्रीय उद्यान भारत के पूर्वोत्तर भारत राज्य मिज़ोरम के फौंगपुइ नीले पर्वत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। फौंगपुइ मिज़ोरम की सबसे ऊँची शिखर है जो राज्य के लौंगत्लाइ ज़िले में है।

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पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान

पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान Pin Valley National Park
पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान भारत के हिमाचल प्रदेश के स्पीति क्षेत्र में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह लाहौल और स्पीति जिले में, स्पीति घाटी के ठंडे रेगिस्तान में स्थित है। यह 1987 में एक उद्यान घोषित किया गया था।

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राजाजी राष्ट्रीय उद्यान

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान Rajaji National Park
यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड के देहरादून से 23 किमी की दूरी पर स्थित है। यह देहरादून (उत्तराखंड) के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से है। 1983 से पहले इस क्षेत्र में फैले जंगलों में तीन अभयारण्य थे- राजाजी,मोतीचूर और चिल्ला। 1983 में इन तीनों को मिला दिया गया। महान स्वतंत्रता सेनानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के नाम पर इसका नाम राजाजी राष्ट्रीय उद्यान रखा गया। 830 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला राजाजी राष्ट्रीय उद्यान अपने यहाँ पाए जाने वाले हाथियों की संख्या के लिए जाना जाता है। इ॥सके अलावा राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में हिरन, चीते, सांभर और मोर भी पाए जाते हैं। राजाजी राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की 315 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ पर एक पेड़ ऐसा भी पाया गया जो अपने साथ 20 पेड़ जोड़ चुका है एक के बाद एक पेड़ ऊपर से नीचे की और ज़मीन पे खड़े हो गये है यह एक ही पेड़ का 21 पेड़ हो चुके है

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सैडल पीक राष्ट्रीय उद्यान

सैडल पीक राष्ट्रीय उद्यान Saddle Peak National Park
सैडल पीक राष्ट्रीय उद्यान भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका क्षेत्रफल 32.54 वर्ग कि॰मी॰ है। यहाँ अन्य पशु-पक्षियों के अलावा अण्डमान का जंगली सुअर, पानी की गोह और शाही कबूतर पाये जाते हैं।

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सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान

सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान Singalila National Park
सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जिलिंग ज़िले में एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान सिंगालीला पर्वतश्रेणी में स्थित है जो संदक्फू चोटी के पास है।

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साउथ बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान

साउथ बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान South Button Island National Park
साउथ बटन आयलैंड राष्ट्रीय उद्यान भारत के केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिटिल अंडमान द्वीप के पास साउथ बटन द्वीप पर स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जिसका कुल क्षेत्रफल 0.03 वर्ग कि॰मी॰ है।

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श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान

श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान Sri Venkateswara National Park
श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान आंध्र प्रदेश, भारत में एक राष्ट्रीय उद्यान और बायोस्फीयर रिजर्व है। इसका कुल क्षेत्रफल 353 वर्ग कि॰मी॰ है।

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सुल्तानपुर राष्ट्रीय अभ्यारण्य

सुल्तानपुर राष्ट्रीय अभ्यारण्य Sultanpur National Park
सुल्तानपुर राष्ट्रीय अभयारण्य भारत का एक सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय उद्यान है जो हरियाणा के सुल्तानपुर गाँव, फरुख्नगर, गुडगाँव जिले और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 50 किलोमीटर दूर स्थित है। .

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