विषाणु (virus) अकोशिकीय अतिसूक्ष्म जीव हैं जो केवल जीवित कोशिका में ही वंश वृद्धि कर सकते हैं। ये नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से मिलकर गठित होते हैं, शरीर के बाहर तो ये मृत-समान होते हैं परंतु शरीर के अंदर जीवित हो जाते हैं। इन्हे क्रिस्टल के रूप में इकट्ठा किया जा सकता है। एक विषाणु बिना किसी सजीव माध्यम के पुनरुत्पादन नहीं कर सकता है। यह सैकड़ों वर्षों तक सुशुप्तावस्था में रह सकता है और जब भी एक जीवित मध्यम या धारक के संपर्क में आता है उस जीव की कोशिका को भेद कर आच्छादित कर देता है और जीव बीमार हो जाता है। एक बार जब विषाणु जीवित कोशिका में प्रवेश कर जाता है, वह कोशिका के मूल आरएनए एवं डीएनए की जेनेटिक संरचना को अपनी जेनेटिक सूचना से बदल देता है और संक्रमित कोशिका अपने जैसे संक्रमित कोशिकाओं का पुनरुत्पादन शुरू कर देती है। वायरस कोशिका के बाहर तो मरे हुए ऱहते है लेकिन जब ये कोशिका मैंं प्रवेश करते है तो इनका जीवन चक्र प्रारम्भ होने लगता है |

कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह आरएनए वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की से लेकर अत... अधिक पढ़ें

इबोला विषाणु रोग (EVD) या इबोला हेमोराहैजिक बुखार (EHF) इबोला विषाणु के कारण लगने वाला अत्यन्त संक्रामक एवं घातक रोग है। आम तौर पर इसके लक्षण वायरस के संपर्क में आने के दो दिनों से लेकर तीन सप्ताह के बीच शुरू होता है, जिसमें बुखा... अधिक पढ़ें

मारबर्ग वाइरस एक विषाणु है। मारबर्ग वायरस (MARV) मनुष्यों और गैर-अमानवीय प्राइमेट में वायरल रक्तस्रावी बुखार के रूप में मारबर्ग वायरस रोग का कारण बनता है। वायरस को बेहद खतरनाक माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे एक जोखिम समूह 4 पैथोजन (बायोसैफ्टी स्तर 4-समतुल्य समति की आवश्यकता) के रूप में रेट किया है।

रेबीज़ एक विषाणु जनित बीमारी है जिस के कारण अत्यंत तेज इन्सेफेलाइटिस इंसानों एवं अन्य गर्म रक्तयुक्त जानवरों में हो जाता है। प्रारंभिक लक्षणों में बुखार और एक्सपोजर के स्थल पर झुनझुनी शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों के बाद निम्नलिखित ए... अधिक पढ़ें

इनफ्लुएंजा एक विशेष समूह के वायरस के कारण मानव समुदाय में होनेवाला एक संक्रामक रोग है। इसमें ज्वर और अति दुर्बलता विशेष लक्षण हैं। फुफ्फुसों के उपद्रव की इसमें बहुत संभावना रहती है। यह रोग प्राय: महामारी के रूप में फैलता है। बीच-बीच में जहाँ-तहाँ रोग होता रहता है।

रोटावायरस छोटे बच्चों में अतिसार का प्रमुख कारण है यह डबल-स्ट्रैण्डेड आर एन ए विषाणु की एक जाति है। लगभग पाँच वर्ष की आयु में विश्व के लगभग सभी बच्चे रोटावायरस से कम से कम एक बार अवश्य संक्रमित होते हैं।

मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (MERS), जिसे ऊंट फ्लू भी कहा जाता है, MERS-coronavirus (MERS-CoV) के कारण होने वाला एक वायरल श्वसन संक्रमण है। लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। उनमें बुखार, खांसी, दस्त और सांस की तकलीफ शामिल हैं। यह बीमारी आमतौर पर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों में अधिक गंभीर होती है। मृत्यु दर निदान मामलों का लगभग एक तिहाई है।

एचआईवी / एड्स, या मानव इम्यूनो वायरस, कुछ लेखकों द्वारा एक वैश्विक महामारी माना जाता है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ वर्तमान में एचआईवी का वर्णन करने के लिए 'वैश्विक महामारी' शब्द का उपयोग करता है। 2018 तक, लगभग 37.9 मिलियन लोग विश्व स्तर पर एचआईवी से संक्रमित हैं। 2018 में एड्स से लगभग 770,000 मौतें हुईं।

चेचक (शीतला, बड़ी माता, स्मालपोक्स) एक विषाणु जनित रोग है। श्वासशोथ एक संक्रामक बीमारी थी, जो दो वायरस प्रकारों, व्हेरोला प्रमुख और व्हेरोला नाबालिग के कारण होती है। इस रोग को लैटिन नाम व्हेरोला या व्हेरोला वेरा द्वारा भी जाना जाता... अधिक पढ़ें

वेस्ट नाइल वायरस ( WNV ) एक एकल-फंसे RNA वायरस है जो वेस्ट नाइल बुखार का कारण बनता है। यह विशेष रूप से जीनस फ्लेववायरस से परिवार फ्लेविविरिडे का सदस्य है, जिसमें जीका वायरस, डेंगू वायरस और पीला बुखार वायरस भी शामिल है। वेस्ट नाइल वायरस मुख्य रूप से मच्छरों द्वारा फैलता है, ज्यादातर क्यूलेक्स की प्रजातियां हैं।

खसरा श्वसन प्रणाली में वायरस, विशेष रूप से मोर्बिलीवायरस के जीन्स पैरामिक्सोवायरस के संक्रमण से होता है। मोर्बिलीवायरस भी अन्य पैरामिक्सोवायरसों की तरह ही एकल असहाय, नकारात्मक भावना वाले आरएनए वायरसों द्वारा घिरे होते हैं। इसके inलक्षणों में ... अधिक पढ़ें

डेंगू बुख़ार एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस के कारण होता है। डेंगू का इलाज समय पर करना बहुत जरुरी होता हैं. मच्छर डेंगू वायरस को संचरित करते (या फैलाते) हैं। डेंगू बुख़ार को "हड्डीतोड़ बुख़ार" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़... अधिक पढ़ें

सार्स कोरोनावाइरस एक विषाणु है। यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। सार्स कोरोनावाइरस द्वारा जनित श्वसन से संबंधित रोग है। नवम्बर 2002 और जुलाई 2003 के बीच, दक्षिणी चीन में सार्स रोग प्रकोप आरम्भ हुआ जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न देश... अधिक पढ़ें

निपा वायरस संक्रमण (एनआईवी) निपा वायरस के कारण एक वायरल संक्रमण है। संक्रमण से लक्षण बुखार, खांसी, सिरदर्द, सांस की तकलीफ और भ्रम से भिन्न होते हैं।. जटिलताओं में मस्तिष्क और दौरे की सूजन शामिल हो सकती है।. यह वायरस टेरोप... अधिक पढ़ें

चूहों या अन्य कुतरने वाले जीवों द्वारा फैलाये गए वायरस का एक समूह जिससे गंभीर बीमारी हो सकती है| हन्टावायरस घातक संक्रमण कर सकता है| इसका संक्रमण चूहों या अन्य कुतरने वाले जीवों के मूत्र से युक्त हवा में सांस ... अधिक पढ़ें

रीनल सिंड्रोम ( एचएफआरएस ) के साथ हन्टावायरस हेमोरेजिक बुखार , बंटाविरेल्स में परिवार हंतावीरिडे से हंतावीरस की प्रजातियों के कारण चिकित्सकीय रूप से समान बीमारियों का एक समूह है। इसे कोरियाई रक्तस्रावी बुखार और महामारी रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है।

चावलों के खेतों में पनपने वाले मच्छरों से (प्रमुख रूप से क्युलेक्स ट्रायटेनियरहिंचस समूह)। यह मच्छर जापानी एनसिफेलिटिस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं (सेंट लुई एलसिफेलिटिस वायरस एंटीजनीक्ली से संबंधित एक फ्लेविवायरस)। जाप... अधिक पढ़ें

लासा बुखार , जिसे लासा रक्तस्रावी बुखार ( LHF ) के रूप में भी जाना जाता है , एक प्रकार का वायरल रक्तस्रावी बुखार है, जो लासा वायरस के कारण होता है। वायरस से संक्रमित लोगों में से कई में लक्षणों का विकास नहीं होता है। जब लक्षण होते हैं तो उनमें आमतौर पर बुखार , कमजोरी, सिरदर्द, उल्टी और मांसपेशियों में दर्द होता है।

जिका विषाणु फ्लाविविरिडए विषाणु परिवार से है। जो दिन के समय सक्रिय रहते हैं। इन्सानों में यह मामूली बीमारी के रूप में जाना जाता है, जिसे जिका बुखार, जिका या जिका बीमारी कहते हैं। 1947 के दशक से इस बीमारी का पता चला। यह अफ्रीका से एशिया तक फैला हुआ है। यह 2014 में प्रशांत महासागर से फ्रेंच पॉलीनेशिया तक और उसके बाद 2015 में यह मेक्सिको, मध्य अमेरिका तक भी पहुँच गया।

पीतज्वर या 'यलो फीवर' (Yellow fever) एक संक्रामक तथा तीव्र रोग हैं, जो सहसा आरंभ होता है। इसमें ज्वर, वमन, मंद नाड़ी, मूत्र में ऐल्वुमेन की उपस्थिति, रक्तस्राव तथा पीलिया के लक्षण होते हैं। इस रोग का कारक एक सूक्ष्म विषाणु होता है, जिसका संवहन ईडीस ईजिप्टिआई (स्टीगोमिया फेसियाटा) जाति के मच्छरों द्वारा होता है। यह रोग कर्क तथा मकर रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीका तथा अमरीका के भूभागों में अधिक होता है।

यकृतशोथ ख (हेपाटाइटिस बी) हेपाटाइटिस बी वायरस (HBV) के काऱण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है जो मनुष्य के साथ बंदरों की प्रजाति के लीवर को भी संक्रमित करती है, जिसके कारण लीवर में सूजन और जलन पैदा होती है जिसे हेपाटाइटिस कहते हैं। मूलत... अधिक पढ़ें

यकृतशोथ ग (हेपेटाइटिस सी) एक संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस सी वायरस एचसीवी (HCV) की वजह से होता है और यकृत को प्रभावित करता है. इसका संक्रमण अक्सर स्पर्शोन्मुख होता है लेकिन एक बार होने पर दीर्घकालिक संक्रमण तेजी से यकृत (फाइब्रोस... अधिक पढ़ें

यकृतशोथ क (हैपेटाइटिस ए) एक विषाणु जनित रोग है। यकृतशोथ क यकृत की सूजन होती है जो यकृतशोथ क विषाणु के कारण होती है। इसमें रोगी को काफ़ी चिड़चिड़ापन होता है। इसे विषाणुजनित (वाइरल) यकृतशोथ भी कहते हैं। यह बीमारी दूषित भोजन ग्रहण ... अधिक पढ़ें

चिकन पॉक्स (छोटी माता) वेरीसेल्ला जोस्टर वाइरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी है। यह बहुत ही संक्रामक होती है और संक्रमित निसृत पदार्थों को सांस के साथ अंदर ले जाने से फैलती है। इसमें बुखार आ जाता है और शरीर पर ददोरा हो ज... अधिक पढ़ें