शुरू से अब तक बॉलीवुड में सिर्फ स्टारडम ही चलता आया है | पहले हिट एक्टर्स की फिल्मों का बोलबाला था, और अब उनके बेटे – बेटियां या फिर कोई गुड लुकिंग स्टार ही अपनी फिल्मों की कमाई को सौ करोड के क्लब में शामिल कर पाता है | इस बीच अच्छे कलाकारों की फ़िल्मों की पहचान करना काफी मुश्किल हो गया है | सिर्फ दो चार गिने चुने अभिनेता ही बार बार अपनी फ़िल्मों से करोडो कमाई कर रहे है चाहे उनकी एक्टिंग में दम हो या न हो | दर्शक भी अब उनकी पकाऊ एक्टिंग और फ़िल्मों की घिसी पिटी कहानी से बोर हो गए है |
लेकिन कुछ अभिनेता ऐसे हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग और फ़िल्मों की कहानी से बॉलीवुड के प्रति प्यार को लोगों के दिलों में जिन्दा बनाये रखा है | तो आज हम कुछ उन्ही एक्टर्स के बारे में बताएंगे जिनकी फिल्म करोड़ों कमाए या न कमाए लेकिन उनका अंदाज़ और फिल्म की कहानी एक कलाकार की वास्तविकता को दर्शाती है | तो शुरुआत करते हैं अपनी लिस्ट के काउंटडाउन से :
इरफ़ान खान - Irrfan Khan
63Votes1987 में श्रीकांत नामक टीवी सीरीज से अभिनय की शुरुआत करने वाले इरफ़ान नॅशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के छात्र रह चुके हैं | उसके बाद सलाम बॉम्बे जैसी ऑस्कर नोमिनी फिल्म में छोटे से किरदार से हिंदी सिनेमा में कदम रखने वाले इरफ़ान 130 बॉलीवुड- हॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुके हैं | अंतर्राष्ट्रीय फिल्म आलोचकों ने इन्हें भारतीय सिनेमा का एक बेहतरीन कलाकार बताया है, जोकि वाकई सही भी है | इनकी लगभग हर फिल्म इनके अभिनय के के लिए जानी जाती है | पीकू, लाइफ इन अ मेट्रो, लंचबॉक्स, पान सिंह तोमर, हासिल, नेमसेक, मुंबई मेरी जान, लाइफ ऑफ पाई, स्लमडॉग मिलेनियर, मकबूल, डी-डे, जुरासिक वर्ल्ड, तलवार, पार्टीशन, रोग, द किलर और लगभग हर फिल्म ही दर्शकों को इनके अभिनय की कायल बनाती है | बेस्ट एक्टर, बेस्ट नेगेटिव एक्टर, बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर, फिल्मफेयर, नॅशनल अवार्ड, पद्मश्री और न जाने कितने अवार्ड्स से इन्हें नवाजा जा चुका है | पिछले लगभग दो वर्ष से इन्होने कैंसर जैसी घातक बीमारी के इलाज के चलते फिल्मों से ब्रेक लिया और अब साल 2019 में कमबैक किया है |
1999 में सरफ़रोश और शूल जैसी फिल्मो में छोटे-छोटे किरदार निभाने वाले नवाज़ को कई वर्षों तक बॉलीवुड में नोटिस नही किया गया,जिसका अंदाज़ा इनका 60 छोटी बड़ी फ़िल्मों में काम किये जाने से लगाया जा सकता है | बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में पतंग फिल्म में एक्टिंग के लिए तारीफे पाने के बाद बॉलीवुड और दर्शकों ने इन्हें सराखों पर बिठाया | उसके बाद तो इन्होने कहानी, गैंग्स ऑफ वासेपुर, तलाश, द लंचबॉक्स, बदलापुर, किक, बॉम्बे टाकीज़, लायर्स डाइस, बजरंगी भाईजान, माँझी जैसी फ़िल्मों में अपने अभिनय के लिए ढेरों अवार्ड्स और वाह-वाही लूटी | फ़िलहाल इनका नेटफ्लिक्स की बहुचर्चित हिंदी वेब सीरीज़ 'सेक्रेड गेम्स' का क़िरदार "गणेश गायतोंडे" लोगों के दिल-ओ-दिमाग पर छाया हुआ है |
मनोज बाजपेयी - Manoj Bajpayee
55Votesमनोज बाजपेयी भारतीय हिन्दी फ़िल्म उद्योग बॉलीवुड के एक जाने माने अभिनेता हैं। मनोज को प्रयोगकर्मी अभिनेता के रूप में जाना जाता है। उन्होने अपना फ़िल्मी कैरियर 1994 मे शेखर कपूर निर्देशित अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फ़िल्म बैंडिट क्वीन से शुरु किया। बॉलीवुड मे उनकी पहचान 1998 मे राम गोपाल वर्मा निर्देशित फ़िल्म सत्या से बनी। इस फ़िल्म ने मनोज को उस दौर के अभिनेताओं के समकक्ष ला खङा किया। इस फ़िल्म के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुआ।1967 में एक छोटे से रोल से बॉलीवुड में कदम रखने वाले नसीरुद्दीन शाह अब तक लगभग 200 से अधिक बॉलीवुड-हॉलीवुड और अन्य भाषों की फ़िल्मों में काम कर चुके है | तीन नेशनल अवार्ड्स, तीन फिल्मफेयर अवार्ड्स, वेनिस फिल्म फेस्टिवल अवार्ड और लाइफटाइम अचीवमेंट जैसे कई अवार्ड जीत चुके नसीरुद्दीन शाह के शानदार अभिनय के उदहारण; अ वेडनेस्डे, इकबाल , स्पर्श , पार, आक्रोश, चक्र, मोहरा और सरफरोश जैसी फिल्मे हैं |
पंकज त्रिपाठी - Pankaj Tripathi
50Votes5 सितम्बर 1976 को बिहार के एक छोटे से गाँव बेलसंड में पैदा हुए पंकज के माँ-बाप ने शायद ही सोचा हो कि उनका बेटा खेतीबाड़ी न करके अपने संवादों का जादू अपने अभिनय के जरिए दुनियाभर के दर्शकों की जुबान तक पहुंचाएगा | 2004 में रन फिल्म में 20 सेकेंड के रोल से डेब्यू करने वाले पंकज को ख्याति अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर ने दी | लेकिन आज भी पंकज पहले की तरह फिल्मों मे पांच दास मिनट का रोल लेकर खुश हैं और उतने ही स्क्रीन टाइम में अपनी छाप दर्शकों पर छोड़ जाते हैं | फ़िलहाल इन्हें मिर्ज़ापुर के कालीन भैया के नाम से जाना जा रहा है, जोकि इनके करियर की सब्सी बड़ी उपलब्धि भी मानी जा सकती है | अब तक ये पचास से भी अधिक फिल्मों में कम कर चुके हैं |
ओम पुरी - Om Puri
49Votes1972 में मराठी फिल्मों से एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाले ओम पुरी कमर्शियल हिंदी फिल्मों, ब्रिटिश फिल्मों, इन्डेपेंडेंट और आर्ट फिल्मों के लिए जाने जाते थे | लगभग 270 से अधिक छोटी बड़ी फिल्मों में काम कर चुके ओम पुरी को सिग्निफिकेंट कंट्रीब्यूशन और लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड्स से नवाज़ा जा चुका | अ हंड्रेड फुट जर्नी , अर्ध सत्य , ईस्ट इज ईस्ट , कुर्बान , हे राम, गाँधी , आरोहन जैसी कई शानदार फिल्मों में अपने अभिनय के लिए जाने जाते थे |
परेश रावल - Paresh Rawal
37Votes1983 में सौतन फिल्म से डेब्यू करने के बाद लगभग 250 फ़िल्मों में लीड एक्टर ,सपोर्टिंग एक्टर, कॉमेडियन , विलेन और हर तरह की भूमिका निभा चुके परेश ने हेरा फेरी , मुंबई मेरी जान , ओ माय गौड़, टेबल न. 21, मेरे बाप पहले आप , ओए लकी लकी ओए , नो स्मोकिंग और सर जैसी फ़िल्मों में बेहतरीन अभिनय का उदहारण पेश किया है |
रणदीप हुड्डा - Randeep Hooda
36Votesरणदीप हुड्डा जो की हरियाणा के एक जाट परिवार से है , भारतीय अभिनेता हैं जो हिन्दी फ़िल्मों में नज़र आते हैं। विद्यार्थी जीवन में ही हुड्डा ने अभिनय क्षेत्र में कदम रख दिया था। मेलबॉर्न, ऑस्ट्रेलिया, में अपनी शिक्षा पूरी कर के हुड्डा भारत वापस आ गए और मॉडल तथा रंगमंच अभिनेता के तौर पर कार्य करने लगे। हुड्डा ने अपनी बॉलीवुड कैरियर की शुरुआत 2001 की मीरा नायर की मॉनसून वैडिंग फ़िल्म से की। हालांकि फ़िल्म में अपने अच्छे काम के पश्चात भी इन्होंने अगली परियोजना के लिए चार वर्ष तक की प्रतीक्षा की। 2005 में रिलीज़ हुई राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म डी में अपने किरदार के लिए हुड्डा को आलोचकों की प्रशंसा प्राप्त हुई। डी के बाद हुड्डा ने कई असफ़ल परियोजनाओं में कार्य किया। अगली सफ़लता इन्हें मिलान लुथरिया कई 2010 की फ़िल्म वन्स अपोन अ टाइम इन मुम्बई से मिली, जो इनके कैरियर में निर्णायक बिंदु रहा। इसके पश्चात ये साहिब, बीवी और गैंगस्टर (2011) और जन्नत 2 (2012) में निभाई गई अपनी भूमिकाओं के लिए जाने गए।आशुतोष राना - Ashutosh Rana
34Votesसंघर्ष और दुश्मन जैसी फिल्मों में अपने रोल से भयभीत कर देने वाले बड़ी बड़ी आँखों वाले आशुतोष राना एक मंझे हुए कलाकार हैं | शानदार पर्सनालिटी और डायलॉग डिलीवरी करने वाले आशुतोष तो फिर भी फिल्मों में कम ही रोल्स मिलते हैं जोकि एक अच्छे कलाकार, दर्शक और फिल्म इंडस्ट्री के लिए अच्छी बात नहीं है |
पंकज कपूर - Pankaj Kapoor
32Votes29 मई 1954 को जन्मे एक पुराने फिल्म अभिनेता जो की अपने बेटे के नाम से जाने जाते हैं वो हैं शाहिद कपूर के पिता पंकज कपूर | सन 1982 में आरोहन फिल्म से डेब्यू करने वाले पंकज ने राख, एक डॉक्टर की मौत और मकबूल जैसी फिल्मों के लिए तीन बार नेशनल फिल्म अवार्ड जीता है | लेकिन फिर भी बॉलीवुड ने उन्हें कोई खास पहचान नहीं दी |
के के मेनन - Kay Kay Menon
30Votesसन 66 में केरला में जन्मे कृष्ण कुमार मेनन ने हिंदी के साथ साथ गुजरती, तमिल, तेलुगु, मलयालम आदि भाषा की फिल्मों में काम किया है | के के को लोग नाम से नहीं उनके रोल्स से जानते हैं | 1995 में डेब्यू से ही टेलीविजन और फिल्मों मे अपनी एक्टिंग को जीवंत कर देना उनकी कला है |
नाना पाटेकर - Nana Patekar
29Votesविश्वनाथ “नाना” पाटेकर ने 1978 में मराठी फिल्मों से अभिनय की शुरुआत की और लगभग 80 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं | अपहरण , अंगार , क्रांतिवीर, अग्नि साक्षी और परिंदा जैसी फिल्मो के लिए कई अवार्ड्स जीत चुके नाना अब तक छप्पन , राजनीती , ख़ामोशी , तिरंगा ,शक्ति, वेलकम और द अटैक्स ऑफ 26/11 जैसी कई और फिल्मों की वजह से लोगो के दिलों पर छाये हुए हैं |
रणवीर शौरी - Ranvir Shorey
28Votesहमेशा से ही छोटे बजट की सुन्दर, शानदार और जबरदस्त कहानी के साथ पर्दे पे उतरने वाले रणवीर शौरी को कभी बड़े बजट या लाइमलाइट का स्वाद चखने का मौका नहीं मिला | फिर भी वे लगातार फिल्म और वेब-सीरिज में काम करते आ रहे हैं | फ़िलहाल उन्हें इंटरनेशनली अकलेम्ड हिंदी वेब-सीरिज सेक्रेड गेम्स का हिस्सा बन ने का मौका मिला है |
राजकुमार राव - Rajkumar Rao
26Votes2010 में एक्सपेरिमेंटल फिल्म लव सेक्स और धोखा से डेब्यू करने वाले राजकुमार यादव आज ढेरों अवार्ड्स अपने घर में सजाये बैठे हैं | इनका जन्म 31 अगस्त 1984 को गुडगाँव में हुआ था तथा गैंग्स और वासेपुर ने इनके करियर को नयी रह दी | इसके बाद इन्होने एक से बढ़कर एक कहानी का हिस्सा बन अपने अन्दर के कलाकार को दर्शकों तक पहुँचाया |
पीयूष मिश्रा - Piyush Mishra
26Votesपीयूष मिश्रा (जन्म 13 जनवरी 1963) एक भारतीय नाटक अभिनेता, संगीत निर्देशक, गायक, गीतकार, पटकथा लेखक हैं। मिश्रा का पालन-पोषण ग्वालियर में हुआ और 1986 में उन्होंने दिल्ली स्थिति नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने मकबूल, गुलाल, गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फ़िल्मों में गाने गाये हैं | बॉलीवुड में ऐसे कलाकार कि उपस्थिति होना सौभाग्य कि बात है |
दीपक डोबरियाल - Deepak Dobriyal
26Votesदीपक डोबरियाल - नई पीढ़ी के युवा सिनेमा अभिनेता, फिल्म 'दिल्ली -6' मे जलेबी वाला और ओमकारा मे राज्जू से चर्चित। अरविन्द गौड़ के निर्देशन मे 6 वर्ष तक नाटको मे काम करने के बाद गत सालो मे दीपक डोबरियाल ने अपने ताजगी भरे सनसनाते अभिनय से बॉलीवुड मे अलग पहचान बनाई है। 'मकबूल' से लेकर ओमकारा, 1971, शौर्य, दिल्ली-6 तक हर फिल्म में दीपक डोबरियाल ने खुद को साबित किया है। दीपक को ओमकारा के लिये फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला है। इसके बाद तनु वेड्स मनु के पप्पी जी, दबंग के गेंदा और हिंदी मीडियम के शुद्ध गरीब इनके चर्चित रोल रहे |
सौरभ शुक्ला - Saurabh Shukla
24Votesथियेटर और टेलीविजन के बाद बैंडिट क्वीन से फिल्मों में काम कि शुरुआत करने वाले सौरभ शुक्ला को पहचान 'सत्या' फिल्म से मिली | इसके बाद तो इन्होने अर्जुन पंडित, नायक, बादशाह, स्लमडॉग मिलेनियर, बर्फी, जौली एल एल बी. , पी.के. , रेड आदि फिल्मों से दर्शकों में अपने अभिनय कि छाप छोड़ी है |
जिमी शेरगिल - Jimmy Sheirgill
23Votes3 दिसम्बर 1970 को जन्मे जसजीत सिंह गिल ने 1996 में माचिस जैसी अक्लेमड फिल्म से डेब्यू किया | बाद में मोहब्बतें नाम की फिल्म में लीड रोल करने वाले जिमी को बॉलीवुड ने सिर्फ एक साइड हीरो के तौर पे परोसा | हालाँकि पंजाबी फिल्मों में जिमी शेरगिल ने अच्छा नाम किया लेकिन उन्हें वो ख्याति नहीं मिली जिसके की वे वाकई हकदार हैं |
संजय मिश्रा - Sanjay Mishra
22Votes1963 में जन्मे और नेशनल स्कूल और ड्रामा से पढ़े संजय को आपने फिल्मों में हँसते हंसते देखा होगा | 1995 में ओह डार्लिंग ये हैं इंडिया फिल्म से डेब्यू करने वाले संजय टेलीविजन धारावाहिक, ऐड्स-कमर्शियल तथा साठ से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं लेकिन इन्हें आँखों देखी फिल्म के लिए फिल्मफेयर पुरुस्कार मिला जिसमं इन्होने पहली बार लीड रोल में काम किया था |
यशपाल शर्मा - Yashpal Sharma
21Votesयशपाल शर्मा एक भारतीय हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। इन्हें सुधीर मिश्रा की 2003 में बनी फिल्म "हजारों ख्वाइशें ऐसी" के अपने रणधीर सिंह के किरदार के लिए जाना जाता है। इसके अलावा इन्होंने लगान (2001), गंगाजल (2003), अब तक छप्पन (2004), अपहरण (2005), सिंह इज़ किंग (2008), आरक्षण (2011) और राउडी राठौड़ (2012) में भी अपने अच्छे अभिनय के लिए जाने जाते हैं।
ये फिल्मों के अलावा टीवी के धारावाहिकों में भी काम किए हैं, जिसमें ज़ी टीवी का "मेरा नाम करेगी रोशन" में कुंवर सिंह की भूमिका के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा ये थिएटर में भी कई सारे नाटकों में काम कर चुके हैं। इन्हें हरियाणवी फिल्म "पगड़ी द ऑनर" के लिए 62वाँ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुका है। इन्हें फिल्मों में अपनी कला दिखाने का पहला मौका गोविन्द निहलानी की फिल्म हज़ार चौरासी की माँ (1998) से मिला, जिसमें इनके साथ जया बच्चन और नन्दिता दास भी काम किए। इसके बाद वे कई फिल्मों में काम करने लगे, जिसमें शूल और अर्जुन पंडित आदि है। लेकिन इन्हें लगान (2001) के लिए नामांकित किया गया और उसके बाद से ही ये सबके सामने आ गए। इसके बाद इन्होंने गंगाजल और अब तक छप्पन जैसी फिल्मों में भी काम किया और श्याम बेनेजल व प्रकाश झा की अधिकांश फिल्मों में नजर आते रहते हैं।
अनुपम खेर - Anupam Kher
19Votesअनुपम खेर हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। वह किरन खेर के पति हैं। 2004 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया।अरशद वारसी - Arshad warsi
18Votes19 अप्रैल 1968 को जन्मे अरशद वारसी ने वैसे कई छोटी बड़ी फिल्मों में कम किया है लेकिन कभी इन्हें एक शानदार कलाकार के तौर पे नहीं देखा गया | 1987 से फिल्मों में डेब्यू करने वाले अरशद को बड़े बजट की फिल्मों मे साइड हीरो और छोटे बजट की फ्लॉप फिल्मों में लीड एक्टर के तौर पे देखा जाता है जोकि इनकी कला के अनुरूप नहीं है |
पवन मल्होत्रा - Pavan Malhotra
17Votesदूरदर्शन के धारावाहिक नुक्कड़, और सर्कस से अभिनय कि शुरुआत करने वाले पवन को आपने भाग मिल्खा भाग, डॉन, रुस्तम, बदमाश कंपनी, ब्लैक फ़्राईडे, बैंग बैंग , केसरी आदि फिल्मों में देखा होगा |
सयाजी शिंदे - Sayaji Shinde
17Votesसयाजी शिंदे भारतीय फिल्म अभिनेता है जिन्होंने तेलुगू, तमिल, मराठी, मलयालम, कन्नड़ और हिन्दी फ़िल्मों में कार्य किया है। वह अपने खलनायक के किरदार के लिये जाने जाते हैं। फ़िलहाल हर दूसरी-तीसरी साउथ इन्डियन फिल्म में आपको दिख जायेंगे |
नो वन किल्ड जेसिका और मेरे ब्रदर की दुल्हन से फ़िल्मी दुनिया में कदम रखने वाले तथा राँझना में 'कुंदन' के दोस्त 'मुरारी' से पहचान पाने वाले जीशान वर्तमान में बॉलीवुड के चमकते सितारे हैं | इन्होने रईस, ट्यूबलाइट, टाइगर जिंदा है , ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान, जीरो, मणिकर्णिका , और आर्टिकल 15 जैसी फिल्मों में काम किया है |
- सुशांत सिंह राजपूत (21 जनवरी 1986 - 14 जून 2020) एक भारतीय अभिनेता थे। राजपूत ने अपने करियर की शुरुआत टेलीविजन धारावाहिकों से की थी । उनका पहला शो स्टार प्लस का रोमांटिक ड्रामा "किस देश में है मेरा दिल" (2008) था, उसके बाद ज़ी टीवी के लोकप्रिय शो पवित्र रिश्ता (2009-11) में उनकी प्रमुख/अभिनीत भूमिका थी। उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 2013 में आई फ़िल्म काय पो छे! से की। इसके बाद उन्होंने शुद्ध देसी रोमांस, पीके, डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी में काम किया। 2016 की फ़िल्म एम॰ एस॰ धोनी: द अनटॉल्ड स्टोरी में उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की मुख्य भूमिका निभाई, जिसके लिए उन्हें सराहा गया। अभिनय के अलावा वे विभिन्न कार्यक्रमों जैसे कि Sushant4Education में भी सक्रिय रूप से शामिल थे। इसके अलावा वे कुछ प्रौद्योगिकी कंपनियों के भी संस्थापक थे। जून 2020 में उन्होंने कथित रूप से अपने मुंबई स्थित घर में आत्महत्या कर ली।
राजेश शर्मा - Rajesh Sharma
2Votesराजेश शर्मा एक भारतीय हिन्दी और बंगाली फ़िल्म अभिनेता है। इनका जन्म पंजाब ,लुधियाना में हुआ था। इन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा ,नई दिल्ली से शिक्षा ग्रहण की थी।
राजेश ने बंगाली अभिनेत्री सुदीप्ता चक्रवर्ती से 2005 में शादी की और 2009 में उनसे तलाक लिया और 2011 में संगीता से शादी की है। माचिस फिल्म से सन 1996 में डेब्यू करने के बाद इन्होंने खोसला का घोसला ,स्पेशल 26 जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया है।
आदित्य श्रीवास्तव (जन्म 21 जुलाई 1968 , इलाहाबाद में) एक भारतीय फ़िल्मअभिनेता और टीवी प्रयोक्ता हैं। यह भारत के सबसे लंबे समय तक चलने वाले धारावाहिक सीआईडी में वरिष्ठ निरीक्षक अभिजीत के अभिनय के लिए जाने जाते हैं। इन्होंने हिन्दी फ़िल्मों सत्या (1998), गुलाल (2009), पाँच, ब्लैक फ्राईडे और दिल से में भी निर्णायक भूमिका निभाई है। इसके अलावा कालो फ़िल्म में भी बखूबी भूमिका निभाई है। आदित्य श्रीवास्तव अभी अभिजीत के नाम से काफी प्रसिद्ध हैं।
विजय राज़ - Vijay Raaz
1Votesसन 2004 में रन फिल्म से कौवा बिरयानी नाम से फेमस हुए विजय राज़ का हिंदी फिल्मो का सफर काफी लंबा रहा | कॉमिक रोल्स से शुरुआत करने के बाद हर प्रकार के छोटे बड़े रोल्स में अपनी छाप छोड़ देने वाले विजय लगभग पचास से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं तथा आजकल जन जन में मशहूर हैं |
दो बार के नेशनल अवार्ड विजेता रह चुके अतुल कुलकर्णी को आपने हे राम, चांदनी बार रंग दे बसंती , रईस, अटैक्स ऑफ 26/11, मणिकर्णिका और देल्ही 6 जैसी हिंदी फिल्मों में देखा होगा | साथ ही अतुल कन्नड़, तेलुगु, मराठी, मलयालम आदि भाषाओँ कि फिल्मों में काम करते हैं |
विपिन शर्मा - Vipin Sharma
1Votes'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में रामाधीर सिंह का थप्पड़ खाने और 'तारे जमीन पर' में दर्शील के पिता के रोल में तो सबने इन्हें बखूबी पहचाना होगा लेकिन इनकी पहचान यहीं तक सीमित नहीं है | विपिन पान सिंह तोमर, जन्नत, शाहिद, बुलेट राजा, किक, स्पेशल छब्बीस ,सिम्बा जैसी ढेरों फिल्मों के साथ साथ टेलीविजन शोज़ में भी काम कर चुके हैं |
उडीसा में जन्मे पितोबाश को शोर इन द सिटी के लिए बेस्ट कॉमेडियन का स्टार स्क्रीन अवार्ड मिला | इसके अलावा इन्होने आई ऍम कलाम, थ्री इडियट्स, वंस अपोन अ टाइम इन मुंबई दोबारा, टोटल धमाल ,गो गोवा गोन तथा हॉलीवुड फिल्म मिलियन डॉलर आर्म में भी काम कर चुके हैं |
आदिल हुसैन - Adil Hussain
1Votesआदिल हुसैन (असमिया: আদিল হুছেইন, जन्म 5 अक्टूबर 1963) भारतीय राज्य असम से नाटक, टेलीविजन और फ़िल्म अभिनेता हैं जो हिन्दी सिनेमा की मुख्यधारा के साथ-साथ स्थानीय सिनेमा में भी काम करते हैं। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय फ़िल्मों द रिलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट और लाइफ ऑफ़ पाई (दोनों 2012 में जारी हुई) में काम किया। इसके अलावा वेब सीरीज देल्ही क्राइम और फ़िल्में 2.0 , कबीर सिंह, मुक्ति भवन, फ़ोर्स 2, कमांडो 2, जेड प्लस, एजेंट विनोद, इश्किया आदि तथा विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओँ की फिल्मों में काम किया है |
रजत कपूर - Rajat Kapoor
1Votesरजत कपूर एक अभिनेता, पटकथा लेखक और डायरेक्टर हैं | रघु रोमियो, आँखों देखी, द गर्ल इन यलो बूट्स, भेजा फ्राई और कपूर एंड संस जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं | इसके अलावा लगभग पचास फिल्मों और नाटकों में अपना योगदान दे चुके हैं |
कुमुद मिश्रा - Kumud Mishra
1Votes1995 में दूरदर्शन के धारावाहिक स्वाभिमान से अभिनय की शुरुआत करने वाले कुमुद को लोगों ने 2011 में रॉकस्टार फिल्म के खटाना भाई के रूप में जाना | बाद इसके इन्होने फिल्मिस्तान, राँझना, एयरलिफ्ट, रुस्तम, सुल्तान, अय्यारी, भारत, आर्टिकल 15 जैसी बड़ी और नामचीन फिल्मों में काम किया है |
मनोज जोशी - Manoj Joshi
1Votesमनोज जोशी हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इन्होने अपना करियर मराठी थिएटर से आरम्भ किया था,साथ ही साथ इन्होने अपना योग्यदान गुजराती एवं हिन्दी थिएटर् में भी दिया। सन 1998 से अब तक इन्होने 60 से अधिक फ़िल्मो में अभिनय किया है, जिनमें अधिकतर हास्य अभिनय है।
इन्होने चाणक्य, एक महल हो सपनो का ,राउ (मराथी),सग दिल,कभी सौतन कभी सहेली जैसे टी वी नाटक में भी अभिनय किया है। सिनेमा जगत में इन्होने अपनी शुरुआत फ़िल्म सरफ़रोश से की। जिसमें इन्होंने SI बाजू की भूमिका निभायी। हंगामा, हलचल, धूम, भागम भाग, फिर हेरा फेरी, चुप चुप के, भूल भूलैया और बिल्लू बार्बर जैसी कई फ़िल्मों में इन्होने अपना अभिनय दिया है।
मनु ऋषि - Manu Rishi
1Votesमनु ऋषि चड्ढा एक भारतीय फिल्म अभिनेता, गीतकार, पटकथा और संवाद लेखक है। इन्होंने दिल्ली में अरविन्द गौड़ के निर्देशन में 6 वर्ष तक नाटकों में काम किया। मनु ऋषि को ओए लक्की! लक्की ओए! फिल्म के लिये वर्ष 2009 का फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार मिला है। इसके बाद इन्होने फंस गए रे ओबामा, बैंड बाजा बारात, आँखों देखि, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, क्या दिल्ली क्या लाहौर, सेटर्स और नानू की जानू फिल्म में काम किया है |
सोचा न था, रोकेट सिंह, बॉम्बे वेलवेट, जन्नत 2, राज़ 3, मिकी वायरस, मोहेंजोदारो, सत्यमेव जयते और ढेर सारे टीवी सीरियल्स में काम कर चुके मनीष का चेहरा सबको याद रह जाता है लेकिन नाम नहीं |
अभिमन्यु सिंह (अंग्रेजी: Abhimanyu Singh) का जन्म पटना, बिहार में हुआ। ये एक भारतीय फिल्म अभिनेता तथा निर्माता है। इन्होंने अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत अक्स (2001) नामक फ़िल्म से की। इन्होंने कई फ़िल्मों में मुख्य किरदार भी निभाया है। अभिमन्यु सिंह ने भारत के कई ऐतिहासिक कथाओं पर कार्यक्रम बनाये हैं जैसे - झांसी की रानी लक्ष्मी बाई ,वीर शिवाजी ,चक्रवर्तीं अशोक सम्राट इत्यादि। 'रक्तचरित्र' का बुक्का रेड्डी तथा 'गुलाल' फिल्म का रणंजय सिंह वाले इनके किरदार से हर कोई वाकिफ है | फ़िलहाल ये हिंदी सिनेमा कि बजाय तमिल तथा तेलुगु सिनेमा में ज्यादा सक्रिय रहते हैं |
रजित कपूर - Rajit Kapur
1Votesओरिजिनल ब्योमकेश बख्शी , तथा मेकिंग ऑफ महात्मा नामक फिल्म में महात्मा गाँधी का किरदार निभाने वाले रजित को बॉलीवुड ने काम दिया लेकिन वो सही पहचान नहीं | हालाँकि रजित कपूर ने राज़ी, उरी, वेल डन अब्बा, वेलकम टू सज्जनपुर, गुज़ारिश, शैतान, किक आदि फिल्मों में काम किया है |
नीरज कबी - Neeraj Kabi
1Votesसेल्फ मेड एक्टर, एक्टिंग कोच, थियेटर डायरेक्टर नीरज काबी को शिप ऑफ थीसिस ने देशभर में पहचान दिलाई | इसके बाद डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी, तलवार, वायसराय हाउस , गली गुलियाँ जैसी फिल्मों के साथ साथ, सेक्रेड गेम्स, फाईनल कॉल, संविधान आदि वेब सीरीज में कम करते रहे हैं | महात्मा गाँधी तथा मोंक के रोल इन्होंने एक से अधिक बार किये हैं |
मथुरा में जन्मे इस अभिनेता और स्क्रीन राईटर को जीवंत रोल बना देने के लिए जाना जाता है | छोटी-बड़ी हर तरह कि फिल्मों में ये छोटे छोटे रोल करते हैं लेकिन इतने कम स्क्रीन टाइम में भी अपने अभिनय के भाग को दर्शकों को रटा देते हैं | 2003 में फिल्म हासिल से शुरुआत के बाद बंटी-बबली, जब वी मेट, अग्निपथ, पान सिंह तोमर, आँखों देखि , शुभ मंगल सावधान, अंग्रेजी में कहते हैं, फेमस आदि फिल्मों में काम कर चुके हैं तथा अब हर वर्ष लगभग पांच से छः फिल्मों में आपको दिख जायेंगे |
शैतान फिल्म में डेब्यू के लिए वाह-वाही लूट ले जाने वाले गुलशन देवैया दम मारो दम, हेट स्टोरी, रामलीला, हंटर, अ डेथ इन द गंज तथा मर्द को दर्द नहीं होता जैसी फिल्मों तथा एरोज नाउ की वेब सीरीज स्मोक में काम कर चुके हैं |
अक्षय खन्ना - Akshaye Khanna
1Votesअक्षय खन्ना एक हिन्दी फिल्म अभिनेता हैं। यह सत्तर – अस्सी के दशक के मशहूर अभिनेता विनोद खन्ना के पुत्र है और इनके बड़े भाई राहुल खन्ना एक प्रसिद्ध वी जे हैं।आर. माधवन - R. Madhavan
1Votesमाधवन हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। उन्हें चार फिल्मफेयर पुरस्कार और तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार मिला है, साथ ही अन्य संगठनों की मान्यता और नामांकन भी शामिल है। उन्हें भारत के कुछ कलाकारों में से एक के रूप में वर्णित किया गया है जो सात अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों में दिखाई देने वाली भारतीय-अपील को प्राप्त करने में सक्षम हैं। 2000 के दशक के मध्य में, माधवन ने तीन अत्यधिक सफल प्रोडक्शंस, राकेश ओमप्रकाश मेहरा की रंग दे बसंती (2006), मणिरत्नम के बायोपिक गुरु (2007) और राजकुमार हिरानी के 3 ईडियट्स में काम किया।अभय देयोल - Abhay Deol
1Votesअभय देयोल (पंजाबी: ਅਭੇ ਦੇਓਲ, जन्म: 15 मार्च 1976) एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता हैं। अभय निर्माता और निर्देशक अजीत सिंह देओल के पुत्र हैं। उनके चाचा प्रसिद्ध अभिनेता धर्मेंद्र हैं और अभिनेता सनी देओल, बॉबी देओल और अभिनेत्री ईशा देओल उनके चचेरे भाई-बहन हैं।- कुणाल रॉय कपूर एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता और निर्देशक, और अपनी फिल्मों देली बेली (2011), नौटंकी साला! (2013) और द फाइनल एक्सिट (2017) के लिये जाने जाते है।