कई किले, शानदार और विशाल हैं, एक लंबा इतिहास है, जो भारत में सदियों और दशकों से जीवित है। ये किले न केवल इतिहास को दर्शाते हैं, बल्कि उन समय की स्थापत्य प्रतिभा को भी दर्शाते हैं। और अगर, आप भी इन चमत्कारों के प्रति आकर्षण रखते हैं, जो अभी भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं|
महान किलों के बगैर भारत देश की कल्पना करना भी मुश्किल है। ये किलें और महल इस देश के इतिहास का एक अभिन्न अंग हैं। इन सभी भव्य संरचनाएं और उनसे जुड़ी कहानियां काफ़ी आकर्षक होती हैं। ये वास्तुशिल्प के चमत्कार हैं जो भारत यात्रा पर निकले पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। इनमें से अधिकांश किले प्राचीन शासकों की वीरता और पराक्रम की गाथाएँ बताते हैं जो इन किलों में रहा करते थें। यहां आप भारत के सबसे लोकप्रिय किलों की सूची पा सकते हैं। लगभग हर भारतीय राज्य में एक प्रभावशाली किला है जो उस काल की स्थापत्य शैली को बहुत खूबसूरती से प्रदर्शित करता है। ये किले भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और महान इतिहास का अनुभव करने में लोगों की मदद करते हैं। भारत सरकार का पर्यटन विभाग इनमें से कई किलों की देखभाल करता है। इन भव्य किलों को जीवन में एक बार अवश्य देखना चाहिए।

चित्तौड़गढ़ दुर्ग भारत का सबसे विशाल दुर्ग है। यह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है जो भीलवाड़ा से कुछ किमी दक्षिण में है। यह एक विश्व विरासत स्थल है। चित्तौड़ मेवाड़ की राजधानी थी। यह इतिहास की सबसे खूनी लड़ाईयों का गवाह ... अधिक पढ़ें

आमेर दुर्ग भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के आमेर क्षेत्र में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित एक पर्वतीय दुर्ग है। यह जयपुर नगर का प्रधान पर्यटक आकर्षण है। आमेर का कस्बा मूल रूप से स्थानीय मीणाओं द्वारा बसाया गया था, जिस पर कालांतर में ... अधिक पढ़ें

लाल किला या लाल क़िला, दिल्ली के ऐतिहासिक, क़िलेबंद, पुरानी दिल्ली के इलाके में स्थित, लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। यद्धपि यह किला काफी पुराना है और ईस किले को पाँचवे मुग़ल शासक शाहजहाँ ने अपनी राजधानी के रूप में चुना था। इस किले को "ला... अधिक पढ़ें

भुजिया किला, जिसे भुजिया किला भी कहा जाता है, भारत के कच्छ जिले में भुज शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक किला है। किले को भुजिया पहाड़ी के ऊपर बनाया गया है। किले का निर्माण जडेजा प्रमुखों द्वारा शहर की रक्षा के लिए किया गया था। भुजिय... अधिक पढ़ें

बेकल किले को 1650 ईस्वी में केलदी के शिवप्पा नायक ने बेकल में बनवाया था। यह 40 एकड़ में फैला केरल का सबसे बड़ा किला है। बेकल किले का निर्माण 1650 ई। में केलडी के शिवप्पा नायक ने बेकल में करवाया था। यह 40 एकड़ (160,000 मी 2) में फै... अधिक पढ़ें
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चित्रदुर्ग, कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में स्थित एक दुर्ग है। चित्रदुर्ग के किले का इतिहास सम्भवतः 15वीं शताब्दी के अंत से 18वीं शताब्दी के प्रारम्भ के बीच का है। इस किले को किसने बनवाया, इसके कोई प्रामाणिक ऐतिहासिक श्रोत नह... अधिक पढ़ें

'बीदर का किला दक्षिणी कर्नाटक के बीदर में स्थित है। बहमनी वंश के शासक अल्ला उद्दीन बहमन ने 1427 में अपनी राजधानी गुलबर्गा से बीदर कर लिया और इस किले तथा अन्य भवनों का निर्माण कराया। बीदर किले के अंदर 30 से अधिक स्मारक हैं। बीदर शहर और किला कर्नाटक राज्य में सबसे उत्तरी बिदर पठार के किनारे पर स्थित है।

दौलताबाद किला, जिसे देवगिरी या देवगिरी के नाम से भी जाना जाता है, औरंगाबाद, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक ऐतिहासिक गढ़ है। कुछ समय के लिए दिल्ली सल्तनत की राजधानी और बाद में अहमदनगर सल्तनत की एक माध्यमिक राजधानी के रूप में यह यादव वंश की राजधानी थी।

ग्वालियर दुर्ग ग्वालियर शहर का प्रमुखतम स्मारक है। ग्वालियर दुर्ग का निर्माण कछवाहशासक सूरजसेन ने किया बघेलशासकों ने ग्वालियर पर लगभग 600 से 700 साल तक शासन किया। यह किला 'गोपाचल' नामक पर्वत पर स्थित है। किले के पहले राजा का नाम सूरज... अधिक पढ़ें

कुम्भलगढ़ का दुर्ग राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर महाराणा कुम्भा ने सिक्के डलवाये जिन पर दुर्ग और उसका नाम अंकित था। वास्तुशास्त्र के नियमानुसार बने इस दुर्ग में प्रवेश द्वार, प्राचीर, जलाशय, बाहर जाने के लिए संकटकालीन द्वार, महल, मंदिर, आवासीय इमारतें, यज्ञ वेदी, स्तम्भ, छत्रियां आदि बने है।

गोलकुंडा या गोलकोण्डा दक्षिणी भारत में, हैदराबाद नगर से पाँच मील पश्चिम स्थित एक दुर्ग तथा ध्वस्त नगर है। पूर्वकाल में यह कुतबशाही राज्य में मिलनेवाले हीरे-जवाहरातों के लिये प्रसिद्ध था। इस दुर्ग का निर्माण वारंगल के राजा ने 14वीं शताब... अधिक पढ़ें
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नाहरगढ़ का किला जयपुर को घेरे हुए अरावली पर्वतमाला के ऊपर बना हुआ है। आरावली की पर्वत श्रृंखला के छोर पर आमेर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस किले को सवाई राजा जयसिंह द्वितीय ने सन 1734 में बनवाया था। यहाँ एक किंवदंती है कि कोई... अधिक पढ़ें

मुरुद-जंजीरा भारत के महाराष्ट्र राज्य के रायगड जिले के तटीय गाँव मुरुड में स्थित एक किला हैं। जंजिरा किला पर्यटन के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह भारत के पश्चिमी तट का एक मात्र किला हैं, जो की कभी भी जीता नही जा सका था। यह किला 3... अधिक पढ़ें

श्रीरंगपटना किला एक ऐतिहासिक किला है जो दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक के ऐतिहासिक राजधानी श्रीरंगपट्टनम में स्थित है। 1454 में टिममनना नायक द्वारा निर्मित। किले को पूरी तरह से किलेबंद कर दिया गया था और आक्रमणकारियों के खिलाफ बचत की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए फ्रांसीसी वास्तुकारों की मदद से वास्तुकला को संशोधित किया गया था। कावेरी नदी एक तरफ के किले को घेरती है।

लेह पैलेस एक पूर्व शाही महल है जो भारतीय हिमालय में लेह शहर, लद्दाख से दिखता है। इसका निर्माण सन् 1600 में सेंगे नामग्याल ने करवाया था। 19 वीं शताब्दी के मध्य में डोगरा सेना ने लद्दाख पर अधिकार कर लिया और शाही परिवार को स्टोक पैलेस में जाने के लिए मजबूर कर दिया।

उपरकोट, जूनागढ़, गुजरात, भारत के पूर्व की ओर स्थित एक किला है। मौर्य साम्राज्य के शासनकाल के दौरान गिरनार पहाड़ी की तलहटी में एक किला और कस्बा स्थापित किया गया था और गुप्त काल के दौरान इसका उपयोग जारी रखा गया था, लेकिन सौराष्ट्र... अधिक पढ़ें

जयगढ़ दुर्ग भारत के पश्चिमी राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में अरावली पर्वतमाला में चील का टीला पर आमेर दुर्ग एवं मावता झील के ऊपरी ओर बना किला है। इस दुर्ग का निर्माण मिर्जा राजा जयसिंह ने 1667 ई. में आमेर दुर्ग एवं महल परिसर की सुरक्षा हेतु करवाया था और इसका नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया है।

कांगड़ा दुर्ग हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा कस्बे के बाहरी सेमा में फैला हुआ एक प्राचीन दुर्ग है। इस दुर्ग का उल्लेख सिकन्दर महान के युद्ध सम्बन्धी रिकार्डों में प्राप्त होता है जिससे इसके इसापूर्व चौथी शताब्दी में विद्यमान होना सिद्ध होता है। कांगड़ा, धर्मशाला से 20 किमी दूर है।

रायगढ़ दुर्ग, महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के महाड में पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध दुर्ग है। इसे छत्रपति शिवाजी ने बनवाया था और 1674 में इसे अपनी राजधानी बनाया। यह किला सह्याद्री पर्वतरांग मे स्थित है. समुद्रतळ से 820 मीटर (2700 फुट )... अधिक पढ़ें

रणथंभोर दुर्ग दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग के सवाई माधोपुर रेल्वे स्टेशन से 13 कि॰मी॰ दूर रन और थंभ नाम की पहाडियों के बीच समुद्रतल से 481 मीटर ऊंचाई पर 12 कि॰मी॰ की परिधि में बना एक दुर्ग है। दुर्ग के तीनो और पहाडों में प्राकृतिक ख... अधिक पढ़ें

जैसलमेर दुर्ग स्थापत्य कला की दृष्टि से उच्चकोटि की विशुद्ध स्थानीय दुर्ग रचना है। ये दुर्ग 250 फीट तिकोनाकार पहाडी पर स्थित है। इस पहाडी की लंबाई 150 फीट व चौडाई 750 फीट है। जैसलमेर दुर्ग पीले पत्थरों के विशाल खण्डों से निर्मित ... अधिक पढ़ें

उत्तर प्रदेश राज्य के झाँसी में बंगरा नामक पहाड़ी पर 1613 इस्वी में यह दुर्ग ओरछा के बुन्देल राजा बीरसिंह जुदेव ने बनवाया था। 25 वर्षों तक बुंदेलों ने यहाँ राज्य किया उसके बाद इस दुर्ग पर क्रमश मुगलों, मराठों और अंग्रजों का अधिक... अधिक पढ़ें
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सिंधुदुर्ग, शिवाजी द्वारा सन 1664 में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवन तालुका के समुद्र तट से कुछ दूर अरब सागर में एक द्वीप पर निर्मित एक नौसैनिक महत्व के किले का नाम है। यह मुंबई के दक्षिण में महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र... अधिक पढ़ें

विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग तट पर सबसे पुराना किला, शिलाहर वंश के राजा भोज द्वितीय के शासनकाल के दौरान और शिवाजी द्वारा पुनर्गठन किया गया था। इससे पहले, किले में 5 एकड़ का क्षेत्र शामिल था और चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ था।

लोहागढ़ दुर्ग एक दुर्ग अथवा एक किला है जो भारतीय राज्य राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है। दुर्ग का निर्माण भरतपुर के जाट वंश के(जाटो का प्लेटो अथार्त जाटों का अफलातून) तब कुंवर महाराजा सूरजमल ने 19 फरवरी 1733 ई. में करवाया था... अधिक पढ़ें

शनिवार वाड़ा, पेशवाओं का महल पुणे शहर में ही स्थित है। मराठा साम्राज्य को बुलंदियों पर ले जाने वाले बाजीराव ने 1746 ई. में एक महल का निर्माण करवाया जो शनिवार वाड़ा के नाम से जाना जाता है। 1828 ई. में इस महल में आग लगी और ... अधिक पढ़ें

जूनागढ़ दुर्ग, राजस्थान के बीकानेर में स्थित है। मूलतः इसका नाम चिन्तामणि था। यह राजस्थान के उन मुख्य दुर्गों में से एक है जो पहाड़ी पर नहीं बने हैं। जूनागढ़ किला भारत के राजस्थान के बीकानेर शहर का एक किला है। किले को मूल रूप ... अधिक पढ़ें

नीमराना (वास्तविक उच्चारण :नीमराणा) भारत के राजस्थान प्रदेश के अलवर जिले का एक प्राचीन ऐतिहासिक शहर है, जो नीमराना तहसील में दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर दिल्ली से 122 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह 1947 तक चौहानों द्वारा शासित ... अधिक पढ़ें

पलक्कड़ किला केरल राज्य के पालक्कड़ जिले में स्थित राज्य के सबसे अच्छे संरक्षित किलों में से एक है। इतिहासकारों के अनुसार पलक्कड़ का राजा कोज़ीकोड़ के शासक ज़मोरीन का हितैषी हुआ करता था। 18वीं शताब्दी के आरम्भ में उन्होंने ज़मो... अधिक पढ़ें

राजगढ़ एक पहाड़ी किला है जो भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित है। इसे मुरुमदेव के नाम से भी जाना जाता है। यह किला लगभग 26 वर्षों तक शिवाजी के शासन में मराठा साम्राज्य की राजधानी था। बाद में राजधानी को रायगढ़ किले में ... अधिक पढ़ें

तोरणा किला, जिसे प्रचंडगढ़ के नाम से भी जाना जाता है, भारत के महाराष्ट्र राज्य में पुणे जिले में स्थित एक बड़ा किला है। यह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 1646 में छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा 16 वर्ष की आयु में मराठा साम्राज्य के नाभिक का निर्माण करने वाला पहला किला था।

मल्हारगढ़ पश्चिमी भारत में एक पहाड़ी किला है जो पुणे से 30 किलोमीटर की दूरी पर सासवड के पास है। इसके आधार पर सोनोरी गांव स्थित होने के कारण इसे सोनोरी किला के नाम से भी जाना जाता है। किले का नाम भगवान मल्हारी के लिए रखा गया था और मराठों द्वारा लगभग 1775 में बनाया गया आखिरी किला था।

पुरंदर किला को शिवाजी के पुत्र संभाजी के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। किले का बार-बार आदिल शाही बीजापुर सल्तनत और मुगलों के खिलाफ शिवाजी के उदय में उल्लेख किया गया है। पुरंधर का किला पुणे के दक्षिण-पूर्व में 50 किमी दूर पश्चिमी घाट में समुद्र तल से 4,472 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
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ओरछा किला भारत के मध्य प्रदेश राज्य के ओरछा नामक स्थान पर बना एक किला है। इसका निर्माण सोलहवीं सदी में राजा रुद्र प्रताप सिंह ने शुरू करवाया था। यह मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में स्थित है। यह बेतवा नदी और जामनी नदी के संगम से एक छोटा सा द्वीप बना है। इसके पूर्वी भाग में बाजार से शहर में आने के लिए ग्रेनाइट पत्थर से पुल बनाया गया है।

वारंगल् दुर्ग तेलंगाना के वरंगल में स्थित एक दुर्ग है। इसका निर्माण 1399 ई में हुआ था। काकतीय वंश के गजपति देव तथा उनकी पुत्री रुद्रम्मा ने इस विशाल दुर्ग का निर्माण कराया था। किले में चार सजावटी द्वार हैं, जिन्हें काकतीय कला थोरनम के रूप में जाना जाता है, जिसने मूल रूप से एक अब बर्बाद हो चुके महान शिव मंदिर के प्रवेश द्वार बनाए हैं।

सिंहगढ़, सिंहगड, (अर्थ : सिंह का दुर्ग) ,भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे ज़िले में स्थित एक पहाड़ी क्षेत्र पर स्थित एक दुर्ग है जो पुणे से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दुर्ग को पहले कोंढाना के नाम से भी जाना जाता था। यह ... अधिक पढ़ें

प्रतापगढ़ दुर्ग (या किला) महाराष्ट्र के सतारा जिले में सतारा शहर से 20 कि॰मी॰ दूरी पर स्थित है। यह मराठा शासक छत्रपती शिवाजी महाराज के अधिकार में था। उन्होंने इस किले को नीरा और कोयना नदियों की ओर से सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य... अधिक पढ़ें

शिवनेरी दुर्ग या शिवनेरी किला, भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे के जुन्नर गांव के पास स्थित एक ऐतिहासिक किला है। शिवनेरी छत्रपति शिवाजी का जन्मस्थान भी है। शिवाजी के पिता, शाहजी बीजापुर के सुल्तान आदिल शाह की सेना में एक सेनापति थे... अधिक पढ़ें