भारत में प्रसिद्ध महल

भारत में बहुत से सुन्दर महल हे जो बहुत आकर्षक और बहुत विशाल और अद्भुद है जैसा की आप निचे देख सकते हे १० सबसे सुन्दर महल की सूची तैयार की गयी हे ,अम्बा विलास महल,लेके महल,उम्मैद भवन पैलेस,रामबाग महल,मार्बल पैलेस, कोलकाता,,फलकनुमा पैलेस आदि|

भारत महान परम्पराओं और शाही अंदाज़ की एक सुंदर भूमि है। ये अंदाज़ यहाँ स्थित भव्य महलों में साफ़ दिखाई देता हैं जो पूरे देश में बिखरे हुए हैं। महानता और भव्यता को दर्शाते ये भव्य महल देश के शाही अतीत की एक शानदार झलक प्रस्तुत करते हैं। इस सूची में भारत के कुछ प्रसिद्ध महलों को दिखाया गया है। इनमें से कुछ महलों को अब लक्ज़री होटलों में बदल दिया गया है ताकि लोगों को शाही गौरव का स्वाद मिल सके। ये महल, महाराजाओं और शाही परिवारों की शानदार जीवन शैली का प्रदर्शन करते हैं। इनमें से कुछ परिवारों ने अपनी विरासत के इस महत्वपूर्ण हिस्से को संरक्षित रक्खा हुआ है। ये महल भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं और इन स्थानों को एक पर्यटक स्थल मे बदल चुके हैं। इन महलों की सुंदरता, कलाकृति और भव्यता वास्तव में दर्शनीय है जिन्हे सभी को देखना चाहिए।


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लक्ष्मी विलास महल

लक्ष्मी विलास महल Laxmi Vilas Palace, Vadodara
लक्ष्मी विलास महल बड़ोदरा में स्थित है। महाराजा पैलेस वास्तव में बड़ोदरा, गुजरात, भारत में महलों की एक श्रृंखला को संदर्भित करता है, क्योंकि गायकवाड़ एक प्रसिद्ध मराठा परिवार है, बड़ोदरा राज्य पर शासन करना शुरू कर दिया। पहले एक सरकार की इमारत थी जिसे सरकार वाडा के रूप में जाना जाता था। पुरानी शास्त्रीय शैली में बनाया गया नज़ारबाग पैलेस के लिए यह इमारत वास्तव में एक महल नहीं थी। इसके बाद, लुक्शमी विलास पैलेस, इंडो-सरैसेनिक रिवाइवल आर्किटेक्चर की एक असाधारण इमारत, 1890 में जीपीबी 180000 की लागत से महाराजा सयाजीराव गायकवाड 3 द्वारा निर्मित किया गया था। यह अब तक का सबसे बड़ा निजी आवास बिका हुआ है और बकिंघम पैलेस के आकार का चार गुना है। निर्माण के समय में यह सबसे आधुनिक सुविधाओं जैसे एलीवेटर और इंटीरियर को बड़े यूरोपीय देश के घर की याद दिलाती है। यह शाही परिवार का निवास है, जो बड़ौदा के निवासियों द्वारा उच्च सम्मान में आयोजित किया जाता है।

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अम्बा विलास महल (मैसूर महल)

अम्बा विलास महल MYSORE PALACE.
महाराजा पैलेस, राजमहल मैसूर के कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ का है। यह पैलेस बाद में बनवाया गया। इससे पहले का राजमहल चन्दन की लकड़ियों से बना था। एक दुर्घटना में इस राजमहल की बहुत क्षति हुई जिसके बाद यह दूसरा महल बनवाया गया। पुराने महल को बाद में ठीक किया गया जहाँ अब संग्रहालय है। दूसरा महल पहले से ज्यादा बड़ा और अच्छा है। मैसूर पैलेस दविड़, पूर्वी और रोमन स्थापत्य कला का अद्भुत संगम है। नफासत से घिसे सलेटी पत्थरों से बना यह महल गुलाबी रंग के पत्थरों के गुंबदों से सजा है। महल में एक बड़ा सा दुर्ग है जिसके गुंबद सोने के पत्तरों से सजे हैं। ये सूरज की रोशनी में खूब जगमगाते हैं। अब हम मैसूर पैलेस के गोम्बे थोट्टी - गुड़िया घर - से गुजरते हैं। यहां 19वीं और आरंभिक 20वीं सदी की गुड़ियों का संग्रह है। इसमें 84 किलो सोने से सजा लकड़ी का हौद भी है जिसे हाथियों पर राजा के बैठने के लिए लगाया जाता था। इसे एक तरह से घोड़े की पीठ पर रखी जाने वाली काठी भी माना जा सकता है।

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लेक महल

लेके महल LAKE PALACE.
लेक पैलेस जिसे कि पहले जग निवास के नाम से जाना जाता था, 83 कमरों तथा सुइट्स का एक होटल है जिसका निर्माण सफ़ेद पत्थर से हुआ है। यह चार एकड़ के एक नैसर्गिक आधार पर पिछोला झील में उदयपुर राजस्थान में जग निवास द्वीप पर बना हुआ है। होटल अपने अतिथियों के लिए एक स्पीड बोट की सुविधा प्रदान करता है जो कि अतिथियों को शहर से होटल तक पहुंचाती है। अपनी विशिष्ट स्तिथि के कारण इस होटल को भारत तथा दुनिया के सबसे अधिक रोमांटिक होटल के रूप में चिन्हित किया गया है।

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उम्मैद भवन पैलेस

उम्मैद भवन पैलेस  Umaid Bhawan Palace
उम्मैद भवन पैलेस राजस्थान के जोधपुर ज़िले में स्थित एक महल है। यह दुनिया के सबसे बड़े निजी महलों में से एक है। यह ताज होटल का ही एक अंग है। इसका नाम महाराजा उम्मैद सिंह के पौत्र ने दिया था जो वर्तमान में मालिक है। अभी वर्तमान समय में इस पैलेस में 347 कमरे है। इस उम्मैद भवन पैलेस को चित्तर पैलेस के नाम से भी पहले जाना जाता था जब इसका निर्माण कार्य चालू था। यह पैलेस 1943 में बनकर तैयार हुआ था।

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आमेर दुर्ग

आमेर दुर्ग Amer Fort
आमेर दुर्ग भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर के आमेर क्षेत्र में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित एक पर्वतीय दुर्ग है। यह जयपुर नगर का प्रधान पर्यटक आकर्षण है। आमेर का कस्बा मूल रूप से स्थानीय मीणाओं द्वारा बसाया गया था, जिस पर कालांतर में कछवाहा राजपूत मान सिंह प्रथम ने राज किया व इस दुर्ग का निर्माण करवाया। यह दुर्ग व महल अपने कलात्मक विशुद्ध हिन्दू वास्तु शैली के घटकों के लिये भी जाना जाता है। दुर्ग की विशाल प्राचीरों, द्वारों की शृंखलाओं एवं पत्थर के बने रास्तों से भरा ये दुर्ग पहाड़ी के ठीक नीचे बने मावठा सरोवर को देखता हुआ प्रतीत होता है।

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रामबाग महल

रामबाग महल Rambagh Palace
रामबाग़ महल राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित एक महल है लेकिन वर्तमान में यह एक होटल है। यह पहले जयपुर के महाराजा का घर था। 20 वीं सदी की शुरुआत में, इसे एक महल में सर सैमुअल स्विंटन जैकब के डिजाइन में विस्तारित किया गया था। महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय ने रामबाग को अपना मुख्य निवास बनाया और 1931 में कई शाही सुइट्स जोड़े। यह अब ताज होटल्स ग्रुप द्वारा पांच सितारा होटल के रूप में संचालित है।

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पद्मनाभपुरम पैलेस

पद्मनाभपुरम पैलेस Padmanabhapuram Palace

पद्मनाभपुरम पैलेस, जिसे कल्कुलम पैलेस के रूप में भी जाना जाता है, एक त्रावणकोर युग का महल है जो भारत के तमिलनाडु राज्य के कन्याकुमारी जिले में पद्मनाभपुरम में स्थित है। इस महल का स्वामित्व, नियंत्रण और रखरखाव पड़ोसी राज्य केरल की सरकार द्वारा किया जाता है।

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मानसून भवन

मानसून भवन Monsoon Palace

इसे मूल रूप से सज्जनगढ़ के नाम से जाना जाता था। इसे सज्जन सिंह ने 19 वीं शताब्दी में बनवाया था। पहले यह वेधशाला के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यह एक लॉज के रूप में तब्दील हो चुका है। लोकेशन: शहर से 8 किलोमीटर पश्चिम में समय: सुबह 10 बजे से 6 बजे तक। सभी दिन खुला। इस दुर्ग को उदयपुर का मुकुटमणि भी कहते है।

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मार्बल पैलेस (कोलकाता)

मार्बल पैलेस, कोलकाता Marble Palace (Kolkata)
मार्बल पैलेस, कोलकाता कोलकाता की प्रसिद्ध इमारत है। हवेली अपनी संगमरमर की दीवारों, फर्श और मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ से यह अपना नाम प्राप्त करती है।

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फलकनुमा पैलेस

फलकनुमा पैलेस Falaknuma Palace
फलकनुमा पैलेस भारत में स्थित हैदराबाद के बहुत ही अधिक श्रेष्ठ स्थानों में से एक है। यह पैगाह हैदराबाद स्टेट से सम्बन्ध रखता है जिस पर बाद में निजामों द्वारा अधिपत्य किया गया। यह फलकनुमा में 32 एकड़ क्षेत्र पर बना हुआ है तथा चारमिनार से 5 किमी की दूरी पर है। इसका निर्माण नवाब वकार उल उमर द्वारा किया गया था जो कि हैदराबाद के प्रधानमन्त्री थे। फलकनुमा का तात्पर्य होता है- “आसमान की तरह” अथवा “आसमान का आइना”

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चौमोहल्ला पैलेस

चौमोहल्ला पैलेस Chowmahalla Palace, Hyderabad
चौमोहल्ला पैलेस हैदराबाद राज्य के निज़ाम का महल है। इसका निर्माण वर्ष 1869 में 5 वें निज़ाम अफ़ज़ल-उद-दौला, अासफ जाह पंचम के शासनकाल के दौरान हुआ था। यह 45 एकड़ के क्षेत्र में फैलता है। आज की तारीक में यह महल 7 वें निजाम के पहले पोते - मुकरम जाह की संपत्ति है।

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कूच बिहार पैलेस

कूच बिहार  पैलेस Cooch Behar Palace
कूचबिहार पैलेस, जिसे विक्टर जुबली पैलेस भी कहा जाता है, कूच बिहार शहर, पश्चिम बंगाल में एक मील का पत्थर है। यह 1887 में लंदन में बकिंघम पैलेस के बाद महाराजा नृपेंद्र नारायण के शासनकाल के दौरान बनाया गया था।

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जयविलास महल

जयविलास महल Jai Vilas Mahal

जयविलास महल, ग्वालियर में सिन्धिया राजपरिवार का वर्तमान निवास स्थल ही नहीं एक भव्य संग्रहालय भी है। इस महल के 35 कमरों को संग्रहालय बना दिया गया है। इस महल का ज्यादातर हिस्सा इटेलियन स्थापत्य से प्रभावित है। इस महल का प्रसिध्द दरबार हॉल इस महल के भव्य अतीत का गवाह है, यहां लगा हुए दो फानूसों का भार दो-दो टन का है, कहते हैं इन्हें तब टांगा गया जब दस हाथियों को छत पर चढा कर छत की मजबूती मापी गई। इस संग्रहालय की एक और प्रसिध्द चीज है, चांदी की रेल जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हैं और विशिष्ट दावतों में यह रेल पेय परोसती चलती है। इटली, फ्रांस, चीन तथा अन्य कई देशों की दुर्लभ कलाकृतियां यहाँ मौजूद हैं।

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बेंगलोर पैलेस

बेंगलोर पैलेस Bangalore Palace

बेंगलोर पैलेस बंगलोर विधान सौध के उत्तर-पश्चिम में ऊंचे स्थान पर यह एक सुंदर बगीचे के बीच में स्थित है। यह लंदन के विंडसर-कैसल की झलक देता है। बैंगलोर पैलेस एक शाही महल है जो बेंगलुरु, कर्नाटक, भारत, में स्थित है, जिसका स्वामित्व बैंगलोर के केंद्रीय हाई स्कूल के पहले प्रिंसिपल रेव जे गैरेट के पास था, जो अब सेंट्रल कॉलेज के नाम से प्रसिद्ध है। महल के निर्माण का प्रारंभ उसके लिए जिम्मेदार है।

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किंग कोठी पैलेस

किंग कोठी पैलेस King Kothi Palace

किंग कोठी पैलेस हैदराबाद, तेलंगाना, भारत में एक शाही महल है।

महल का निर्माण कमाल खान ने किया था, और महल के लिए अपनी इच्छा व्यक्त करने के बाद मीर उस्मान अली खान को बेच दिया था। युवा निज़ाम 13 वर्ष की उम्र में ही इसमें अपना घर बसा लिया। पहले, एक नवाब कमल खान ने अपने निवास के लिए इस महल का निर्माण किया: इस प्रकार महल का मुख्य द्वार, पासरबी गलियारे, खिड़कियां और दरवाजे पर "के.के" के संकेत से उत्कीर्ण किए गए। बाद में जब निज़ाम ने इस महल को खरीदा, यह एक राजशाही निवास बन गया था, अब युवा निज़ाम ने इसे अपने गर्व के खिलाफ अन्य नवाब के संक्षेप में महसूस किया; उन्होंने एक फ़र्मान पारित किया और संक्षेप में "के.के." को "किंग कोठी" में बदल दिया, अर्थात राजा की हवेली। यह महल अब 3 भागों में बांटा गया है: पूर्वी हिस्सा सरकारी अस्पताल द्वारा कब्जा कर लिया गया,यह निजाम द्वारा आधिकारिक और औपचारिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता था। पश्चिमी हिस्सा, जो ऊंची दीवारों से ढकी हुई है, में मुख्य आवासीय भवन शामिल हैं। यह नज़री बाग पैलेस या मुबारक मेन्शन के रूप में जाना जाता है और अभी भी निजाम की निजी संपत्ति से संबंधित है। नज़री बाग के मुख्य प्रवेश द्वार में हमेशा एक पर्दा रहता था, इसलिए इसे 'पर्दाा गेट' के नाम से जाना जाने लगा। जब निज़ाम महल से बाहर जाते तब पर्दा संकेतित उठा लिया जाता था।

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ललितामहल

ललितामहल Lalitha Mahal

ललिता महल मैसूर का दूसरा सबसे बड़ा महल है। यह चामुंडी हिल के निकट, मैसूर शहर के पूर्वी ओर कर्नाटक राज्य में स्थित है। इस महल का निर्माण 1921 में मैसूर के तत्कालीन महाराजा कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ के आदेशानुसार हुआ था। इस महल के निर्माण का प्रमुख उद्देश्य तत्कालीन भारत के वाइसरॉय को मैसूर यात्रा के दौरान ठहराना था। वर्तमान में ललितामहल भारत का अतिथिगृह एवं भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) होटल है। यह महल लंदन के सेंट पॉल कैथेड्रल की तर्ज पर बना हुआ है। यह मैसूर शहर की भव्य संरचनाओं में से एक है।

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जल महल

जल महल Jal Mahal

जलमहल राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसागर झील के मध्‍य स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक महल है। अरावली पहाडिय़ों के गर्भ में स्थित यह महल झील के बीचों बीच होने के कारण 'आई बॉल' भी कहा जाता है। इसे 'रोमांटिक महल' के नाम से भी जाना जाता था। जयसिंह द्वारा निर्मित यह महल मध्‍यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्‍त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। जलमहल अब पक्षी अभ्‍यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। यहाँ की नर्सरी में 1 लाख से अधिक वृक्ष लगे हैं जहाँ राजस्थान के सबसे ऊँचे पेड़ पाए जाते हैं।

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बोल्गात्टी पैलेस एंड आइलैंड रिसॉर्ट कोची

बोल्गात्टी पैलेस एंड आइलैंड रिसॉर्ट कोची Bolgatty Palace and Island Resort Cochin

लक्कादीव समुद्र और कोची अंतरराष्ट्रीय मरीना के पास बना, यह आरामदेह रिज़ॉर्ट शिव मंदिर एर्नाकुलम हिंदू मंदिर से 4.7 किमी और मट्टनचेरी पैलेस से 15 किमी दूर है. खूबसूरत स्टाइल वाले कमरों में मुफ़्त वाई-फ़ाई, टीवी और मिनीबार की सुविधा है; कुछ कमरों में बालकनी है या उनसे झील के नज़ारे दिखते हैं. सुंदर सुइट में उठने-बैठने के लिए अलग से जगह मिलती है. होटल में आरामदेह रेस्टोरेंट, लाउंज और आउटडोर पूल है. साथ ही जिम और आयुर्वेदिक उपचार की सुविधा है. दूसरी सुविधाओं में पुस्तकालय और गेम रूम के अलावा नौ होल गोल्फ़ कोर्स, बोट क्रूज़ और बोट जेट्टी शामिल हैं.

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जगन्मोहन पैलेस

जगन्मोहन पैलेस Jaganmohan Palace

जगनमोहन पैलेस भारत के मैसूर शहर में एक महल है। इसका निर्माण 1861 में पूरा हुआ और शुरू में मैसूर के राजाओं को उनके घर के रूप में इस्तेमाल किया गया। अब इसे एक आर्ट गैलरी और एक फ़ंक्शन हॉल के रूप में उपयोग किया जाता है। महल मैसूर के शाही शहर के सात महलों में से एक है।

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कंगला फोर्ट

कंगला फोर्ट Kangla Fort
कंगला महल (Kangla Palace) मणिपुर की राजधानी इम्फाल में स्थित एक पुराना महल है। यह इम्फाल नदी के दोनों (पूर्वी और पश्चिमी) किनारों पर विस्तृत है लेकिन अब इसके अधिकतर भाग के खंडहर ही बचे हैं। मणिपुरी भाषा में 'कंगला' का अर्थ 'सूखी भूमि' होता है और यह महल प्राचीनकाल में मणिपुर के मेइतेइ राजाओं का निवास हुआ करता था। मणिपुर के प्राचीन इतिहास-ग्रंथ 'चेइथारोल कुम्माबा' के अनुसार इस स्थान पर महल 33 ईसवी काल से खड़ा था हालांकि यहाँ समय के साथ-साथ नए निर्माण होते रहे।

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कोवियार पैलेस

कोवियार पैलेस Kowdiar Palace

तिरुवनंतपुरम, केरल, भारत में कोवियार पैलेस का निर्माण 1934 में महाराजा श्री चिथिरा थिरुनल बलराम वर्मा ने अपनी एकमात्र बहन महारानी कार्तिका थिरुनलल लक्ष्मी बाई के लेफ्टिनेंट कर्नल जी वी राजा के विवाह पर किया था।

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मटिया महल

मटिया महल Matiya Mahal

भारत के राजस्थान में हिंडौन में स्थित मटिया महल, हिंडौन की एक प्राचीन धरोहर है। यह शानदार इमारत लगभग 150 फीट लंबी, 150 फीट चौड़ी है। यह इमारत लाल बलुआ पत्थर से बनी है। यह तीन मंजिला इमारत है।

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उज्जयंत महल

उज्जयंत महल Ujjayanta Palace

त्रिपुरा में अगरतला स्थित उज्जयंत महल एक शाही महल है। यह महल एक वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। उज्जयंत पैलेस एक संग्रहालय और त्रिपुरा साम्राज्य का पूर्व महल है जो अगरतला में स्थित है, जो अब भारतीय राज्य त्रिपुरा की राजधानी है। महल का निर्माण महाराजा राधा किशोर माणिक्य देबबर्मा द्वारा 1899 और 1901 के बीच किया गया था और यह मुगल शैली से प्रेरित बगीचों से घिरी दो झीलों के किनारे पर स्थित है। यह अक्टूबर 1949 में त्रिपुरा के भारत में विलय तक सत्तारूढ़ माणिक्य राजवंश का घर था। इस महल को त्रिपुरा सरकार ने 1972-73 में शाही परिवार से खरीदा था।

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लालगढ़ महल

लालगढ़ महल Lalgarh Palace

लालगढ़ महल राजस्थान में बीकानेर का एक महल और विरासत का होटल है, जिसे 1902 और 1926 के बीच इंडो-सरैसेनिक शैली में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने अपने पिता महाराजा लालसिंह की स्मृति में बनवाया था। नगर के बाहर की इमारतों में लालगढ़ महल बड़ा भव्य है।

बीकानेर शहर इस महल से केवल 3 किलोमीटर दूर है।

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हवामहल

हवामहल Hawa Mahal

हवा महल भारतीय राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक राजसी-महल है। इसे सन 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था और इसे किसी 'राजमुकुट' की तरह वास्तुकार लाल चंद उस्ता द्वारा डिजाइन किया गया था। इसकी अद्वितीय पांच-मंजिला इमारत जो ऊपर से तो केवल डेढ़ फुट चौड़ी है, बाहर से देखने पर मधुमक्खी के छत्ते के समान दिखाई देती है, जिसमें 953 बेहद खूबसूरत और आकर्षक छोटी-छोटी जालीदार खिड़कियाँ हैं, जिन्हें झरोखा कहते हैं। इन खिडकियों को जालीदार बनाने के पीछे मूल भावना यह थी कि बिना किसी की निगाह पड़े "पर्दा प्रथा" का सख्ती से पालन करतीं राजघराने की महिलायें इन खिडकियों से महल के नीचे सडकों के समारोह व गलियारों में होने वाली रोजमर्रा की जिंदगी की गतिविधियों का अवलोकन कर सकें। इसके अतिरिक्त, "वेंचुरी प्रभाव" के कारण इन जटिल संरचना वाले जालीदार झरोखों से सदा ठंडी हवा, महल के भीतर आती रहती है, जिसके कारण तेज़ गर्मी में भी महल सदा वातानुकूलित सा ही रहता है।

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पुरानी हवेली

पुरानी हवेली Purani Haveli

पुरानी हवेली भारत के हैदराबाद, तेलंगाना, में स्थित एक महल है। यह हैदराबाद राज्य के निज़ाम का आधिकारिक निवास था। यह मीर अकबर अली खान सिकंदर जाह, आसिफ़ जाह तृतीय (1803-1829) के लिए उनके पिता असफ जहां द्वितीय द्वारा बनायी गयी थी।

सिकंदर जाह कुछ समय के लिए यहां रहते थे और बाद में खिलवत महल में चले गए।

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सकथन थम्पुरण पैलेस

सकथन थम्पुरण पैलेस Sakthan Thampuran Palace

सकथन थाम्पुरन पैलेस भारत के केरल राज्य में त्रिशूर शहर में स्थित है। इसका नाम वडक्करे पैलेस के रूप में रखा गया है, इसे 1795 में केरल-डच शैली में पुनर्निर्माण किया गया था तत्कालीन कोचीन रियासत के रामवर्मा थमपुरन द्वारा|

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