मनुष्य ने दुनिया में कई ऐसी चीजें बनाई हैं, जो सिर्फ शानदार ही नहीं बल्कि काबिल-ए-तारीफ हैं। मनुष्य द्वारा बनाई गई चीजें अक्सर इतनी खूबसूरत होती हैं, कि मानव जाति खुद को ब्रह्मांड में सबसे बड़े कलाकार के रूप में मानने की गलती कर बैठता है। जबकि प्रकृति में पाई जाने वाली सुंदरताओं की सिर्फ एक झलक से हमें पता चल जाता है, कि मनुष्य द्वारा निर्मित वस्तुयें प्राकृतिक सुंदरताओं की तुलना में कुछ भी नहीं है। इस प्रकृति द्वारा निर्मित उन्हीं सुंदर वस्तुओं में झरने भी शामिल हैं। झरने वास्तव में इस विशाल ब्रह्मांड में प्रकृति द्वारा निर्मित वास्तुकला के ऐसे प्रतीक हैं। जो हर किसी आश्चर्य करने के लिए मजबूर कर देते हैं। पर्यावरण में ताजा हवा और सैकड़ों मीटर की ऊंचाइयों से जमीन पर गिरने वाले पानी का ये प्यारा संगीत आकर्षक है। ये एक ऐसा अनुभव है जिसे कि कोई भी व्यक्ति अपने चमत्कारों से नहीं बना सकता है। इसको सिर्फ महसूस किया जा सकता है।
भारत में प्राकृतिक सुंदरता का भंडार है। जो दूर-दूर से सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। झरने प्रकृति का सबसे सुन्दर व अदभुत हिस्सा होते हैं। जो प्रकृति को और निखारकर इसकी सुन्दरता को कई गुना बढ़ा देते हैं। चट्टानों पर सफेद पानी की शानदार सबका मन मोह लेती है। हमारे देश में ऐसे कई जलप्रपात मौजूद हैं, जो अपनी खूबसूरती के कारण लोगों को अपनी तरफ खीचते हैं।

ये झरना मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित है। 98 फीट ऊंचे इस झरने की खासियत मध्य प्रदेश की पृष्ठभूमि है। संगमरमर की चट्टानों से होते हुए गिरने वाला ये झरना पवित्र नदी नर्मदा से बना है। ये विश्व प्रसिद्ध संगमरमर की चट्टानों में सबसे लोकप्रिय भारतीय पर्यटन स्थल में से एक है।

होगेनक्कल झरना बेंगलुरु से 135 कि.मी. दूर तमिलनाडु के धरमपुरी जि़ले में कावेरी नदी पर स्थित है। इसे “भारत का नियाग्रा फाल्स” के रूप में भी जाना जाता है। ये झरना अपने जल के औषधीय गुणों और स्पेशल नौका सवारी के लिए प्रसिद... अधिक पढ़ें

दूधसागर जलप्रपात गोवा और कर्नाटक की सीमा के पास मांडवी नदी पर स्थित है। ये भारत का एकमात्र झरना है, जो दो राज्यों की सीमा पर स्थित है। इसको ‘सी ऑफ मिल्क’ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी ऊंचाई लगभग 1,017 फीट और चौडाई 100 फीट तक है। ये झरना भी विश्व के सुंदर और लोकप्रिय झरनों में से एक है। दूधसागर झरना मानसून के दौरान पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है।

शिवासमुद्रम झरना मैसूर से 100 किमी दूर कावेरी नदी पर स्थित है। ये लगभग 98 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसका उपयोग जल विद्दुत उत्पादन के लिए होता है। इस पर स्थापित जल विद्दुत गृह एशिया का प्रथम जल विद्दुत गृह है, जिसकी स्थापना 1902 में हुई थी।

चेरापूंजी के समीप ये जलप्रपात भारत का सबसे ऊंचा जल प्रपात है। इस जल प्रताप के पास स्थित खड़ी चट्टान से छलांग लगाने वाली स्थानीय लड़की लिकाई के नाम पर इस जल प्रताप का नाम नोहकालीकाई पड़ा। भारत में स्थित ये 1115 फीट ऊंचा सुंदर झरना देश में सबसे बड़ा प्लंज झरना माना जाता है।
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केरल को “गोड्स ओन कंट्री” यानी कि भगवान की धरती कहा जाता है। ये अपने मॉनसून, समुद्री किनारों, प्रकृति और वाटरफॉल्स के लिए भी मशहूर है। यहां कई खूबसूरत और शानदार झरने मौजूद हैं, जो किसी का भी मन मोह सकते हैं। अथिराप्पिल्ली झ... अधिक पढ़ें

छत्तीसगढ़ में स्थित चित्रकूट वाटरफॉल देश का सबसे बड़ा और मनमोह लेने वाले जलप्रताप में से एक है। ये झरना छत्तीसगढ़ में नियाग्रा नदी इंद्रावती में जगदलपुर के पास गिरता है। चित्रकूट झरना लगभग 30 मीटर ऊंचा है। इसका विस्तार इसे बेहद खूबसूरत बनाता है और मॉनसून के समय इसे देखना तो अद्भुत होता है।

जोग प्रपात कर्नाटक में शरावती नदी पर स्थित है। ये भारत में सबसे शानदार और सुंदर झरने के रूप में प्रसिद्द है। ये गेरोसोपा जलप्रपात या जोग फॉल्स के रूप में भी जाना जाता है। कर्नाटक के पास स्थित है ये झरना एक प्रमुख पर्यटक आकर्ष... अधिक पढ़ें

ये वॉटरफॉल कर्नाटक राज्य के कोडगु जिले में स्थित है। ये वॉटरफॉल ब्रह्मगिरी रेंज में स्थित कावेरी की सहायक नदी पर है। चूंकि कावेरी को लक्ष्मण तीर्थ नदी के नाम से भी जाना जाता है, इसलिए इसे लक्ष्मण तीर्थ जलप्रपात भी कहा जाता है। बारिश के मौसम में इस वॉटरफॉल को देखना रोमांचक और कभी ना भूलने वाला अनुभव हो सकता है।

खंडधार झरना उड़ीसा राज्य का सबसे बड़ा झरना है। ये सुंदरगढ़ जिले में हरे भरे जंगल के बीच स्थित है। 801 फीट की कुल ऊंचाई के साथ ये भारत के 12वें स्थान पर स्थित है। ये झरना यहां मौजूद झरनों में से सबसे खूबसूरत है।