आध्यात्मिक गुरुओं की खोज करें: हिंदू गुरु और संत की एक व्यापक सूची

डिस्कवर द स्पिरिचुअल मास्टर्स हिंदू गुरुओं और संतों की एक व्यापक सूची है, जो भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है। इस सूची में कुछ सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली आध्यात्मिक नेता शामिल हैं जिन्होंने सदियों से भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हिंदू धर्म एक विविध और जटिल धर्म है, और इसकी आध्यात्मिक परंपराओं को इसके आध्यात्मिक गुरुओं या गुरुओं की शिक्षाओं के माध्यम से संरक्षित और प्रसारित किया गया है। इन गुरुओं और संतों ने अपने अनुयायियों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन और ज्ञान प्रदान किया है, और उनकी शिक्षाएँ आज भी दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।

सूची में आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, श्री रमण महर्षि, परमहंस योगानंद और कई अन्य जैसे ऐतिहासिक और समकालीन आध्यात्मिक गुरु शामिल हैं। सूची में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के गुरु और संत भी शामिल हैं, जो विभिन्न हिंदू संप्रदायों और आध्यात्मिक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

डिस्कवर द स्पिरिचुअल मास्टर्स भारत की आध्यात्मिक विरासत की खोज और हिंदू धर्म की गहरी समझ हासिल करने में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक अमूल्य संसाधन है। चाहे आप एक आध्यात्मिक साधक हों, धर्म के छात्र हों, या भारत की समृद्ध आध्यात्मिक परंपराओं के बारे में उत्सुक हों, हिंदू गुरुओं और संतों की यह व्यापक सूची निश्चित रूप से प्रेरित और ज्ञानवर्धक है।


स्वामी विवेकानन्द Swami Vivekananda

स्वामी विवेकानन्द (जन्म: 12 जनवरी,1863 - मृत्यु: 4 जुलाई,1902) वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महा... अधिक पढ़ें

अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada

अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद (1 सितम्बर 1896 – 14 नवम्बर 1977) जिन्हें स्वामी श्रील भक्तिवेदांत प्रभुपाद के नाम से भी जाना जाता है,सनातन हिन्दू धर्म के एक प्रसिद्ध गौडीय वैष्णव गुरु तथा धर्मप्रचारक थे। आज संपूर्ण विश... अधिक पढ़ें

Abhinavagupta

अभिनवगुप्त (975-1025) दार्शनिक, रहस्यवादी एवं साहित्यशास्त्र के मूर्धन्य आचार्य। कश्मीरी शैव और तन्त्र के पण्डित। वे संगीतज्ञ, कवि, नाटककार, धर्मशास्त्री एवं तर्कशास्त्री भी थे।अभिनवगुप्त का व्यक्तित्व बड़ा ही रहस्यमय है। महाभ... अधिक पढ़ें

Adi Shankara

आदि शंकर (संस्कृत: आदिशङ्कराचार्यः) ये भारत के एक महान दार्शनिक एवं धर्मप्रवर्तक थे। उन्होने अद्वैत वेदान्त को ठोस आधार प्रदान किया। भगवद्गीता, उपनिषदों और वेदांतसूत्रों पर लिखी हुई इनकी टीकाएँ बहुत प्रसिद्ध हैं। उन्होंने सांख्य... अधिक पढ़ें

Advaita Acharya

अद्वैत आचार्य (मूल नाम कमलाक्ष भट्टाचार्य ; 1434 - 1559), चैतन्य महाप्रभु के सखा तथा हरिदास ठाकुर के गुरु थे। वे श्री चैतन्य महाप्रभु के अन्तरंग पार्षदों में से एक थे तथा सदाशिव एवं महाविष्णु के अवतार माने जाते हैं। यह उनकी... अधिक पढ़ें

Agastyar

अगस्त्य (तमिल:அகத்தியர், अगतियार) एक वैदिक ॠषि थे। ये वशिष्ठ मुनि के बड़े भाई थे। इनका जन्म श्रावण शुक्ल पंचमी (तदनुसार 3000 ई.पू.) को काशी में हुआ था। वर्तमान में वह स्थान अगस्त्यकुंड के नाम से प्रसिद्ध है। इनकी पत्नी लोपामुद्रा व... अधिक पढ़ें

Alvar Saints

आलवार (तमिल: ஆழ்வார்கள்) ([aːɻʋaːr] ; अर्थ : ‘भगवान में डुबा हुआ' ) तमिल कवि एवं सन्त थे। इनका काल 6ठी से 9वीं शताब्दी के बीच रहा। उनके पदों का संग्रह "दिव्य प्रबन्ध" कहलाता है जो 'वेदों' के तुल्य माना जाता है। आलवार सन्त भक्ति आन... अधिक पढ़ें

Anandamayi Ma

{{Multiple issues| आनंदमयी मां भारत की एक अति प्रसिद्ध संत रही जो अनेक महान सन्तों द्वारा वन्दनीय थीं। माँ का जन्म 30 अप्रैल 1896 में तत्कालीन भारत के ब्रह्मन बारिया जिले के के खेऊरा ग्राम में हुआ आजकल वह बांग्लादेश के हिस्सा है... अधिक पढ़ें

Anasuya Devī

मातृश्री अनसूया देवी (जन्म 28 मार्च 1923 -1985) जिन्हे अम्मा के नाम से जाना जाता है, आंध्र प्रदेश कि अध्यात्मिक गुरु थी।

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अंदल

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Andal

आण्डाल, (तमिल : ஆண்டாள்) दक्षिण भारत की सन्त महिला थीं। वे बारह आलवार सन्तों में से एक हैं। उन्हें दक्षिण की मीरा कहा जाता है। अंदाल का जन्म विक्रम सं. 770 में हुआ था। अपने समय की यह प्रसिद्ध आलवार संत थीं। इनकी भक्ति की तुलना राजस्थान ... अधिक पढ़ें

Anukulchandra Chakravarty

अनुकूलचंद्र चक्रवर्ती (14 सितंबर 1888 - 27 जनवरी 1969), जिन्हें श्री श्री ठाकुर के नाम से जाना जाता है, एक चिकित्सक, एक दार्शनिक, एक आध्यात्मिक नेता और देवघर में सत्संग के संस्थापक थे। उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था

Arunagirinathar

अरुणगिरिनाधर (अरुणा-गिरी-नाधर, अरुणकिरिनातर, तमिल: [aɾuɳaɡɯɾɯn̪aːdar]) एक तमिल शैव संत-कवि थे, जो भारत के तमिलनाडु में 15वीं शताब्दी के दौरान रहते थे। अपने ग्रंथ ए हिस्ट्री ऑफ इंडियन लिटरेचर (1974) में, चेक इंडोलॉजिस्ट कामिल ज... अधिक पढ़ें

Avvaiyar

आवैय्यार (तमिल : ஔவையார்) नाम वाली एक से अधिक कवयित्रियाँ तमिल साहित्य में विभिन्न कालों में हुई हैं। ये कवयित्रियाँ तमिल साहित्य के सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण कवियों में से हैं। अबिधान चिन्तामणि के अनुसार 'आवैय्यार' नाम की तीन कवयित्रिया... अधिक पढ़ें

Ayya Vaikundar

अय्या वैकुंदर (सी.1833-सी.1851) (तमिल: அய்யா வைகுண்டர், संस्कृत: अय्या वैघुंढर) जिसे वैकुंडा स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान नारायण और उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी के लिए पैदा हुए एक-परन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण पूर्ण अ... अधिक पढ़ें

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अत्री

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Atri

अत्रि (वैदिक ऋषि) ब्रम्हा जी के मानस पुत्रों में से एक थे। चन्द्रमा, दत्तात्रेय और दुर्वासा ये तीन पुत्र थे। इन्हें अग्नि, इन्द्र और सनातन संस्कृति के अन्य वैदिक देवताओं के लिए बड़ी संख्या में भजन लिखने का श्रेय दिया जाता है। अत्रि स... अधिक पढ़ें

Baba Hari Dass

बाबा हरि दास (जन्म 26 मार्च 1923, अल्मोड़ा) एक योगगुरु तथा धर्म और मोक्ष के व्याख्याकार हैं। उन्होने अष्टाङ्ग योग की पारम्परिक शिक्षा ग्रहण की हुई है। इसके अलावा वे क्रियायोग, आयुर्वेद, सांख्य, तंत्रयोग, वेदान्त तथा संस्कृत के विद्वान हैं।

बाबा मस्तनाथ (जन्म 1764) एक हिंदू संत थे। उनका जन्म भारतीय राज्य हरियाणा के रोहतक जिले के कंसरेती गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम सबला जी रेबारी हिंदू समुदाय से हैं। वे गुरु गोरक्षनाथ जी के अवतार हैं। वे मठ अस्थल बोहर (8वीं श... अधिक पढ़ें

Bahinabai

बहिणाबाई चौधरी (1880 – 3 दिसम्बर 1951 ) एक मराठी कवयित्री थीं।

Bamakhepa

बामाक्षेपा (वामाक्षेपा) (1837-1911) पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला में अवस्थित तारापीठ के एक सिद्ध तांत्रिक संन्यासी हैं | ऐसा माना जाता है कि माँ तारा देवी ने उन्हें प्रत्यक्ष दर्शन दान दिया था | निगमानन्द उनके तन्त्र शिष्य थे|

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बसव

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Basava

गुरु बसव (कन्नड़: ಬಸವಣ್ಣ) या बसवेश्वर (कन्नड़: ಬಸವೇಶ್ವರ), (1134-1196)) एक दार्शनिक और सामाजिक सुधारक थे। उन्होने हिंदू धर्म में जाति व्यवस्था और अनुष्ठान के विरुद्ध संघर्ष किया। उन्हें विश्व गुरु और भक्ति भंडारी भी कहा जाता है। अपनी श... अधिक पढ़ें

Bhadase Sagan Maraj

भडासे सगन महाराज (1929-1971) ट्रिनिडाड के राजनयिक और हिन्दू नेता थे।

Dhanna jatt

धन्ना भगत (जन्म 1415 ई.) एक रहस्यवादी कवि और एक वैष्णव भक्त थे, जिनके तीन भजन आदि ग्रंथ में मौजूद हैं। वह एक कृष्ण भक्त थे। उनके जन्म स्थान को लेकर मत भेद है। कुछ मान्यताओं के अनुसार उनका जन्म स्थान राजस्थान के टोंक जिले में तहसी... अधिक पढ़ें

Bhagawan Nityananda

हिंदू गुरु नित्यानंद (नवंबर/दिसंबर, 1897 - 8 अगस्त 1961) एक भारतीय गुरु थे। उनके उपदेश "चिदाकाश गीता" में प्रकाशित हैं। नित्यानंद का जन्म कोइलैंडी (पंडालायिनी), मद्रास प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (अब कोझिकोड जिले, केरल में) में हुआ था।

Bhakti Charu Swami

भक्ति चारु स्वामी (IAST: भक्ति चारु स्वामी, 17 सितंबर 1945 - 4 जुलाई 2020) इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) के एक भारतीय आध्यात्मिक नेता थे। वह इस्कॉन के संस्थापक ए सी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के शिष्य भी थे।

Bhakti Tirtha Swami

भक्ति तीर्थ स्वामी (IAST: भक्ति-तीर्थ स्वामी; 25 फरवरी, 1950 - 27 जून, 2005), जिन्हें पहले जॉन एहसान और तोशोम्बे अब्दुल कहा जाता था और जिन्हें सम्मानित कृष्णपद (कृष्णपाद) के नाम से भी जाना जाता था, एक गुरु और अंतर्राष्ट्रीय ... अधिक पढ़ें

Bhaktisiddhanta Sarasvati

स्वामी भक्तिसिद्धान्त सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद (6 फ़रवरी 1874 – 1 जनवरी 1937) गौडीय वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख गुरू एवं आध्यात्मिक प्रचारक थे।[कृपया उद्धरण जोड़ें] उन्हें 'भक्तिसिद्धान्त सरस्वती ठाकुर' भी कहते ह... अधिक पढ़ें

Bhaktivinoda Thakur

भक्तिविनोद ठाकुर (IAST: Bhakti-vinoda Ṭhākura, बंगाली उच्चारण: bʱɔktibinodo tʰakur) (2 सितंबर 1838 - 23 जून 1914), जन्म केदारनाथ दत्ता (केदार-नाथ दत्ता, बंगाली: [kedɔrnɔtʰ dɔtto]), एक थे हिंदू दार्शनिक, गु... अधिक पढ़ें

Bhaskararaya

भास्कर राय (भास्कर राय माखिन) (1690-1785) को व्यापक रूप से हिंदू धर्म की शाक्त परंपरा में देवी मां की पूजा से संबंधित सभी प्रश्नों पर एक अधिकार माना जाता है। उनका जन्म हैदराबाद, तेलंगाना में एक महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण परिवार मे... अधिक पढ़ें

Bijoy Krishna Goswami

विजयकृष्ण गोस्वामी (बांग्ला: বিজয় কৃষ্ণ গোস্বামী) (2 अगस्त 1841 – 4 June 1899) एक प्रमुख हिन्दू धर्मसुधारक एवं धार्मिक व्यक्ति थे।

Brahma Chaitanya

ब्रह्मचैतन्य या गोंडवलेकर महाराज (19 फरवरी 1845 - 22 दिसंबर 1913) एक भारतीय हिंदू संत और आध्यात्मिक गुरु थे। ब्रह्मचैतन्य हिंदू देवता राम के भक्त थे और उन्होंने अपने नाम "ब्रह्मचैतन्य रामदासी" पर हस्ताक्षर किए। वह तुकामाई के शिष्य थे, और आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए 13-वर्ण राम नाम मंत्र "श्री राम जय राम जय जय राम" का उपयोग करते हुए जप ध्यान की वकालत की।

Brahmanand Swami

ब्रह्मानंद स्वामी (12 फरवरी 1772 - 1832) स्वामीनारायण संप्रदाय के संत और स्वामीनारायण के परमहंस में से एक के रूप में प्रतिष्ठित है। स्वामीनारायण संप्रदाय में उन्हें स्वामीनारायण के अष्ट कवि (आठ कवियों) में से एक के रूप में भ... अधिक पढ़ें

Brahmananda Saraswati

स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती (आईएएसटी: स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती) (21 दिसंबर 1871 - 20 मई 1953), जिन्हें गुरु देव (अर्थ "दिव्य शिक्षक") के रूप में भी जाना जाता है, भारत में ज्योतिर मठ मठ के शंकराचार्य थे। एक सरयूपारीन ब्र... अधिक पढ़ें

Chandrashekarendra Saraswati

जगद्गुरु चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्वामिगल (तमिल : சந்திரசேகரேந்திர சரஸ்வதி சுவாமிகள்) (20 मई 1894 – 8 जनवरी 1994) काँची कामकोटिपीठम के 68वें जगद्गुरु थे। उन्हे प्रायः परमाचार्य या 'महा पेरिययवाल' कहा जाता है।

Chandrashekhara Bharati III

स्वामी चंद्रशेखर भारती (जन्म नरसिंह शास्त्री; 1892-1954) 1912-1954 में श्रृंगेरी शारदा पीठम के जगद्गुरु शंकराचार्य थे। वह 20वीं शताब्दी के दौरान हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक शख्सियतों में से एक थे। वह एक जीवनमुक्त (जीवित रहते हुए मुक्त हुए के लिए संस्कृत) है।

Chattampi Swamikal

चट्टंपी स्वामीकल (25 अगस्त 1853 - 5 मई 1924) एक हिंदू संत और समाज सुधारक थे। उनके विचारों और कार्यों ने केरल में कई सामाजिक, धार्मिक, साहित्यिक और राजनीतिक संगठनों और आंदोलनों की शुरुआत को प्रभावित किया और पहली बार हाशिए ... अधिक पढ़ें

Chaturbhuj Sahay

डॉo चतुर्भुज सहाय (1883 - 1957) भारत के एक सन्त पुरुष एवं समर्थ गुरु थे जिन्होने अपने गुरु महात्मा रामचंद्र जी महाराज के नाम पर मथुरा में रामाश्रम सत्संग,मथुरा की स्थापना की।

Chinmayananda Saraswati

स्वामी चिन्मयानन्द (8 मई 1916 - 3 अगस्त 1993) हिन्दू धर्म और संस्कृति के मूलभूत सिद्धान्त वेदान्त दर्शन के एक महान प्रवक्ता थे। उन्होंने सारे भारत में भ्रमण करते हुए देखा कि देश में धर्म संबंधी अनेक भ्रांतियां फैली हैं... अधिक पढ़ें

Chokhamela

चोखामेला (1300-1400) महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध संत थे जिन्होने कई अभंगों की रचना की है। इसके कारण उन्हें भारत का दलित-महार जाति पहला महान् कवि कहा गया है। सामाजिक-परिवर्तन के आन्दोलन में चोखामेला पहले संत थे, जिन्होंने भक्ति-काल के दौर में सामाजिक-गैर बराबरी को लोगों के सामने रखा। अपनी रचनाओं में वे दलित समाज के लिए खासे चिंतित दिखाई पड़ते हैं।

Dada Bhagwan

दादा भगवान (7 नवंबर, 1908 - 2 जनवरी, 1988), जिन्हें दादाश्री के नाम से भी जाना जाता है, अंबालाल मुलजीभाई पटेल, भारत के गुजरात के एक आध्यात्मिक नेता थे, जिन्होंने अक्रम विज्ञान आंदोलन की स्थापना की थी। वे कम उम्र से ही धार्मिक प... अधिक पढ़ें

Damodardev

दामोदरदेव (असमिया भाषा : দামোদৰ দেৱ; 1488–1598) सोलहवीं शताब्दी के एकशरण धर्म के उपदेशक एवं प्रचारक थे। दामोदरदेव महापुरुष भट्टदेव के बाद साहित्यिकक प्रेरणा बने।

Dayananda Saraswati (Ärsha Vidya)

स्वामी दयानंद सरस्वती (15 अगस्त 1930 - 23 सितंबर 2015) अद्वैत वेदांत के एक प्रसिद्ध पारंपरिक शिक्षक, संन्यास के हिंदू आदेश के एक त्यागी थे, और अर्श विद्या गुरुकुलम और एआईएम फॉर सेवा के संस्थापक थे।

Dhyanyogi Madhusudandas

श्री ध्यानयोगी मधुसूदनदास, जिन्हें काशीनाथ और मधुसूदनदास के नाम से भी जाना जाता है, भारत के बिहार में पैदा हुए एक भारतीय योगी और लेखक थे। उनके शिष्यों में श्री आनंदी मां और ओमदासजी महाराज शामिल थे। वह कुंडलिनी महा योग के उस्ताद थे जो संयुक्त राज्य अमेरिका में इसे लोकप्रिय बनाने के लिए जिम्मेदार थे।

Dnyaneshwar

संत ज्ञानेश्वर महाराष्ट्र तेरहवीं सदी के एक महान सन्त थे| इन्होंने ज्ञानेश्वरी की रचना की। संत ज्ञानेश्वर की गणना भारत के महान संतों एवं मराठी कवियों में होती है। ये संत नामदेव के समकालीन थे और उनके साथ इन्होंने पूरे महाराष्ट्र का भ्रमण कर लोगों को ज्ञान-भक्ति से परिचित कराया और समता, समभाव का उपदेश दिया। वे महाराष्ट्र-संस्कृति के 'आद्य-प्रवर्तकों' में भी माने जाते हैं। शिष्य - साचीदानंद महाराज

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द्रोण

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Drona

द्रोणाचार्य ऋषि भारद्वाज तथा घृतार्ची नामक अप्सरा के पुत्र तथा ध कुरू प्रदेश में पांडु के पुत्रों तथा धृतराष्ट्र पुत्रों के वे गुरु थे। महाभारत युद्ध के समय वह कौरव पक्ष के सेनापति थे। गुरु द्रोणाचार्य के अन्य शिष्यों में एकलव्य का ना... अधिक पढ़ें

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एकनाथ

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Eknath

एकनाथ (आईएएसटी: एका-नाथ, मराठी उच्चारण: [एकनाथ]) (8 नवंबर 1533-1599), जिसे आमतौर पर संत एकनाथ के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय हिंदू संत, दार्शनिक और कवि थे। वह हिंदू देवता विठ्ठल के भक्त थे और वारकरी आंदोलन के एक प्रमुख व्यक्ति हैं। एकनाथ को अक्सर प्रमुख मराठी संत ज्ञानेश्वर और नामदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है।

Gagangiri Maharaj

स्वामी गगनगिरी महाराज एक भारतीय हिंदू संत और नाथ संप्रदाय के गुरु थे। वह आधुनिक भारत के सबसे प्रभावशाली हठयोगियों में से एक हैं। गगनगिरी महाराज अपनी जल तपस्या और गहन ध्यान साधना के लिए विशेष रूप से जाने जाते थे। उन्हें स्वयं आदि दत्तात्रेय का अवतार माना जाता है। स्वामीजी भारतीय साधुओं, योगियों और संतों के बीच व्यापक रूप से सम्मानित व्यक्ति थे।

Gajanan Maharaj

गजानन महाराज Shegaon (Buldhana जिला), महाराष्ट्र, भारत भारत के सुप्रसिद्द संतों में से एक संत है। संत गजानन महाराज संस्थान विदर्भ क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर ट्रस्ट है। गजान महाराज को तिहा प्ररथाम बंकट लाल ने शे संत गजानन महार... अधिक पढ़ें

अय्याला सोमयाजुलु गणपति शास्त्री, जिन्हें गणपति मुनि (1878-1936) के नाम से भी जाना जाता है, रमण महर्षि के शिष्य थे। उन्हें उनके शिष्यों द्वारा "काव्याकंठ" (जिसके गले में कविता है), और "नयना" के रूप में भी जाना जाता था।

Garib Das

संत गरीब दास (1717-1778) भक्ति और काव्य के लिए जाने जाते हैं। गरीब दास ने एक विशाल संग्रह की रचना की जो सदग्रंथ साहिब के नाम से प्रसिद्ध है। गरीब दास साहेब ने सद्गुरु कबीर साहेब की अमृतवाणी का विवरण किया जिसे रत्न सागर भी कहते हैं... अधिक पढ़ें

Gaurakisora Dasa Babaji

गौराकिसोरा दास बाबाजी (आईएएसटी: गौरकिशोर दास बाबाजी; 1838-1915) हिंदू धर्म की गौड़ीय वैष्णव परंपरा से एक प्रसिद्ध आचार्य हैं, और उनके वंश के अनुयायियों द्वारा महात्मा या संत के रूप में माना जाता है। अपने जीवनकाल के दौरान... अधिक पढ़ें

ज्ञानानंद (निया-ना-नान-दा) एक भारतीय गुरु थे, जिन्हें अनुयायियों द्वारा स्वामी श्री ज्ञानानंद गिरि के रूप में संदर्भित किया जाता है। वे श्री शिवरत्न गिरि स्वामीगल के मुख्य शिष्य थे और आदि शंकर द्वारा स्थापित चार मठों में से एक ज... अधिक पढ़ें

Gopala Bhatta Goswami

गोपाल भट्ट गोस्वामी (1503–1578) चैतन्य महाप्रभु के सबसे प्रमुख शिष्यों में से एक थे। वे वृन्दावन के प्रसिद्ध छः गोस्वामियों में से एक थे।

Gopalanand Swami

गोपालानंद स्वामी (1781-1852) स्वामीनारायण संप्रदाय के एक परमहंस थे, जिन्हें स्वामीनारायण ने अभिषेक किया था। उन्होंने स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रसार के लिए कई अनुयायियों का काम किया और उनका मार्गदर्शन किया। स्वामीनारायण सम्प... अधिक पढ़ें

Gopi Krishna (yogi)

गोपी कृष्ण (30 मई 1903 - 31 जुलाई 1984) एक योगी, रहस्यवादी, शिक्षक, समाज सुधारक और लेखक थे। उनका जन्म भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर के बाहर एक छोटे से गाँव में हुआ था। उन्होंने अपने शुरुआती साल वहीं बिताए, और बाद ... अधिक पढ़ें

संत गोरा कुम्भार (Sant Gora Kumbhar) (गोरोबा के रूप में भी जाना जाता है) भक्ति आंदोलन और महाराष्ट्र के वारकरी संप्रदाय से जुड़े एक हिंदू संत थे।गोरा कुम्भार और अन्य संतों ने अभंग (शब्दों को नष्ट नहीं किया जा सकता है) के सैकड़ों गीतों को भी लिखा और गाया। वारकरी संप्रदाय का मुख्य सिद्धांत कीर्तन का दैनिक जप था।

Gorakhnath

गुलाबराव महाराज (6 जुलाई 1881 - 20 सितंबर 1915) महाराष्ट्र, भारत के एक हिंदू संत थे। एक अंधे व्यक्ति, उन्हें लोगों को जीवन की दृष्टि देने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने 34 वर्ष के अपने छोटे से जीवन में 6000 से अधिक पृष्ठों, 130 भाष्य और लगभग 25,000 छंदों वाली विभिन्न विषयों पर 139 पुस्तकें लिखीं।

Gunatitanand Swami

गुणितानंद स्वामी (28 सितंबर 1784 - 11 अक्टूबर 1867), जन्म मूलजी जानी, स्वामीनारायण सम्प्रदाय के एक प्रमुख परमहंस थे, जिन्हें स्वामीनारायण द्वारा नियुक्त किया गया था: 22 : 16 : 123  और बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम द्वारा स्वामी... अधिक पढ़ें

Guru Jambheshwar

गुरु जम्भेश्वर, जिन्हें गुरु जंभाजी के नाम से भी जाना जाता है, (1451-1536) बिश्नोई पंथ के संस्थापक थे। उन्होंने सिखाया कि ईश्वर एक दिव्य शक्ति है जो हर जगह व्याप्त है। उन्होंने पौधों और जानवरों की रक्षा करना भी सिखाया क्योंकि वे प्रकृति के साथ शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं।

24 जून 1955 को मालती शेट्टी के रूप में जन्मी गुरुमाई चिद्विलासानन्द (या गुरुमाई या स्वामी चिद्विलासानन्द), सिद्धयोग पथ की गुरु या आध्यात्मिक प्रमुख हैं, जिनके भारत में गणेशपुरी और पश्चिमी दुनिया में आश्रम हैं, जिनका... अधिक पढ़ें

Hans Ji Maharaj

हंस राम सिंह रावत, जिन्हें श्री हंस जी महाराज और कई अन्य मानद उपाधियों से पुकारा जाता है (8 नवंबर 1900 - 19 जुलाई 1966), एक भारतीय धार्मिक नेता थे।
उनका जन्म वर्तमान उत्तराखंड, भारत में हरिद्वार के उत्तर-पूर्व में गढ़-की-... अधिक पढ़ें

Haridasa Thakur

हरिदास ठाकुर (IAST हरिदास) (जन्म 1451 या 1450) एक प्रमुख वैष्णव संत थे जिन्हें हरे कृष्ण आंदोलन के प्रारंभिक प्रचार में सहायक होने के लिए जाना जाता था। उन्हें रूप गोस्वामी और सनातन गोस्वामी के अलावा चैतन्य महाप्रभु का सबसे प्रसिद्ध... अधिक पढ़ें

Hariharananda Giri

हरिहरानंद गिरि (बांग्ला: স্বামী হরিহরানন্দ গিরী) (27 मई 1907 - 3 दिसंबर 2002), एक भारतीय योगी और गुरु थे जिन्होंने भारत के साथ-साथ पश्चिमी देशों में भी शिक्षा दी। उनका जन्म पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में रवींद्रनाथ भट्टा... अधिक पढ़ें

Isaignaniyar

इसैग्ननियार (तमिल: இசைஞானியார், 7वीं शताब्दी), जिसे इसैननियार, इसैग्ननियार, इसैग्ननियार और इसाईजनियार के नाम से भी जाना जाता है और इसे इसाई-ज्ञानी अम्मैयार (इसाई-ज्ञानी अम्मैयार) के नाम से भी जाना जाता है, सुंदरार की माँ है, जो स... अधिक पढ़ें

Jaggi Vasudev

जग्गी वासुदेव (जन्म: 3 सितम्बर, 1957) एक लेखक हैं। उनको "सद्गुरु" भी कहा जाता है। वह ईशा फाउंडेशन नामक लाभरहित मानव सेवी संस्‍थान के संस्थापक हैं। ईशा फाउंडेशन भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, लेबनान, सिंगापुर और ऑस्ट्रे... अधिक पढ़ें

Jalaram Bapa

संत श्री जलाराम बापा (गुजराती: જલારામ) एक हिन्दू संत थे। वे राम-भक्त थे। वे 'बापा' के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 1799 में गुजरात के राजकोट जिले के वीरपुर गाँव में हुआ था।

संत जनाबाई भारत में हिंदू परंपरा में एक मराठी धार्मिक कवि थे, जिनका जन्म संभवत: 13वीं शताब्दी के सातवें या आठवें दशक में हुआ था। 1350 में उनकी मृत्यु हो गई। जनाबाई का जन्म गंगाखेड 1258-1350, महाराष्ट्र में रैंड और करंद नाम के एक जोड... अधिक पढ़ें

Jayatirtha

जयतीर्थ दास इनसे भिन्न हैं। वे हरे कृष्ण आन्दोलन से जुड़े सन्त थे। जयतीर्थ ( 1345 - 1388 ई ) एक हिंदू दार्शनिक, महान द्वैतवादी, नीतिज्ञ और मध्वचार्य पीठ के छठे आचार्य थे। उन्हें टीकाचार्य के नाम से भी जाना जाता है। मध्वाचार्य की कृत... अधिक पढ़ें

Jiva Goswami

श्री जीव गोस्वामी (1513-1598), वृंदावन में चैतन्य महाप्रभु द्वारा भेजे गए छः षण्गोस्वामी में से एक थे। उनकी गणना गौड़ीय सम्प्रदाय के सबसे महान दार्शनिकों एवं सन्तों में होती है। उन्होने भक्ति योग, वैष्णव वेदान्त आदि पर अनेकों ग्रंथ... अधिक पढ़ें

Kalki Bhagwan

कल्कि भगवान (जन्म 7 मार्च 1949 को विजय कुमार नायडू के रूप में), जिन्हें श्री भगवान के नाम से भी जाना जाता है, एक स्वयंभू भारतीय धर्मगुरु, पंथ नेता, व्यवसायी और एक रियल एस्टेट निवेशक हैं। एलआईसी में एक पूर्व क्लर्क, वह भगवान क... अधिक पढ़ें

Kamlesh D. Patel

कमलेश डी. पटेल (जन्म 1956) जिन्हें उनके अनुयायियों के बीच दाजी के नाम से भी जाना जाता है, एक आध्यात्मिक नेता, लेखक और आध्यात्मिक साधना की सहज मार्ग प्रणाली में राज योग गुरुओं की पंक्ति में चौथे हैं। वह 1945 में स्थापित एक गैर-लाभ... अधिक पढ़ें

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कनकदास

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Kanakadasa

कनक दास (1509 – 1609) महान सन्त कवि, दार्शनिक, संगीतकार तथा वैष्णव मत के प्रचारक थे। कनकदास कर्नाटक के महान संतों और दार्शनिकों में से एक थे, उनके माता-पिता ने उनके जन्म के समय उनका नाम थिम्मप्पा रखा था, और उनके आध्यात्मिक शिक्षक... अधिक पढ़ें

Kanhopatra

कन्होपत्रा एक 15 वीं सदी के मराठी संत-कवयत्रि थी। हिंदू धर्म के वारकरी संप्रदाय द्वारा सम्मानित थी। कान्होपत्रा एक वेश्या और नाचने वाली गणीका कि लडकी थी। वह बीदर के बादशाह (राजा) की उपपत्नी से बिना वर्कारी के हिंदू भगवान विठोबा... अधिक पढ़ें

Kanwar Saheb

राधा स्वामी सत्संग, दिनोद (RSSD) एक भारतीय आध्यात्मिक संगठन है जिसका मुख्यालय हरियाणा राज्य के भिवानी जिले के दिनोद गाँव में है। यह राधा स्वामी संप्रदाय को बढ़ावा देता है जिसकी स्थापना जनवरी 1861 में बसंत-पंचमी के दिन (एक वसंत उत्सव) पर शिव दयाल सिंह द्वारा की गई थी। दिनोद (RSSD) में राधा स्वामी सत्संग की स्थापना ताराचंद ने की थी।

Karaikkal Ammaiyar

कारइक्काल अम्मई तमिल सन्त लेखिका थीं। कारइक्काल चोल तमिलनादड्ड के समुद्रि व्यापारिक शहर हे।धानथनथनार नामक सोदागर को जन्म हुआ था।बचपन से अम्माई बगवान की कठिन भक्त थी।कारइक्काल अम्माई ने बचपन मे शिवलिंग रेत के साथ बनाया।अम्म... अधिक पढ़ें

Khatkhate Baba

खटखटे बाबा (1859-1930) एक कश्मीरी संत थे जिनके पास दैवीय शक्तियां होने का आरोप था। कश्मीर में यह माना जाता है कि शिव के एक निवास ने समय के साथ कई पवित्र पुरुषों, संतों, तपस्वियों और संतों को अलौकिक शक्तियों के साथ पैदा किया है। चमत... अधिक पढ़ें

Kirpal Singh

किरपाल सिंह (6 फरवरी 1894 - 21 अगस्त 1974) राधा स्वामी की परंपरा में एक आध्यात्मिक गुरु (सतगुरु) थे। कृपाल सिंह का जन्म पंजाब के सैय्यद कसरान में हुआ था, जो अब पाकिस्तान है। वह अपने शिष्यत्व की अवधि के दौरान लाहौर में रहे और सैन्य खा... अधिक पढ़ें

Kirupanandha Variyar

थिरुमुरुगा किरुपानंद वरियार (1906-1993) भारत के एक शैव आध्यात्मिक गुरु थे। वह एक मुरुगन भक्त थे जिन्होंने राज्य भर में कई मंदिरों के पुनर्निर्माण और कार्यों को पूरा करने में मदद की। वह विभिन्न शैव कथाओं पर अपने प्रवचनों के ... अधिक पढ़ें

Kripalu Maharaj

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज (अंग्रेजी: Kripalu Maharaj, संस्कृत: जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज, जन्म: 5 अक्टूबर 1922, मृत्यु: 15 नवम्बर 2013) एक सुप्रसिद्ध हिन्दू आध्यात्मिक गुरु एवं वेदों के प्रकांड विद्वान थे। मूलत: इलाहा... अधिक पढ़ें

Krishna Prem

रोनाल्ड हेनरी निक्सन (10 मई 1898 - 14 नवंबर 1965), जिन्हें बाद में श्री कृष्ण प्रेम या श्री कृष्णप्रेम के नाम से जाना जाता था, एक ब्रिटिश आध्यात्मिक आकांक्षी थे, जो 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में भारत गए थे। अपने आध्यात्मिक शिक्षक श्री ... अधिक पढ़ें

Krishnadasa Kaviraja

कविराज कृष्णदास बंगाल के वैष्णव कवि। बंगाल में उनका वही स्थान है जो उत्तर भारत में तुलसीदास का। इनका जन्म बर्दवान जिले के झामटपुर ग्राम में कायस्थ कुल में हुआ था। इनका समय कुछ लोग 1496 से 1598 ई. और कुछ लोग 1517 से 1615 ... अधिक पढ़ें

Krishnananda Saraswati

स्वामी कृष्णानंद सरस्वती (25 अप्रैल 1922 - 23 नवंबर 2001) शिवानंद सरस्वती के शिष्य थे और 1958 से 2001 तक ऋषिकेश, भारत में डिवाइन लाइफ सोसाइटी के महासचिव के रूप में कार्य किया। 40 से अधिक ग्रंथों के लेखक, और व्यापक रूप... अधिक पढ़ें

Lahiri Mahasaya

श्यामाचरण लाहिड़ी (30 सितम्बर 1828 – 26 सितम्बर 1895) 19वीं शताब्दी के उच्च कोटि के साधक थे जिन्होंने सद्गृहस्थ के रूप में यौगिक पूर्णता प्राप्त कर ली थी। आपको 'लाहिड़ी महाशय' भी कहते हैं। इनकी गीता की आध्यात्मिक व्याख्या आज भी शीर... अधिक पढ़ें

Lakshman Joo

स्वामि लक्ष्मण जू रैना (9 मई 1907 – 27 सितम्बर 1991) कश्मीर शैवदर्शन के महान पण्डित थे। उन्हें उनके अनुयायियों द्वारा लाल साहिब (ईश्वर के दोस्त) के रूप में जाना जाता है जो उन्हें एक साधित संत के रूप में मानते हैं।

Lakshmanananda Saraswati

स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती (c.-1926–23 अगस्त 2008) और उनके चार शिष्यों की 23 अगस्त 2008 को भारत के ओडिशा राज्य में हत्या कर दी गई थी। सरस्वती एक हिंदू साधु और विश्व हिंदू परिषद की नेता थीं। मामले में ईसाई धर्म के सात आदिवासी लोगों और एक माओवादी नेता को दोषी ठहराया गया था।

Lalleshwari

लल्लेश्वरी या लल्ल-द्यद (1320-1392) के नाम से जाने जानेवाली चौदवहीं सदी की एक भक्त कवियित्री थी जो कश्मीर की शैव भक्ति परम्परा और कश्मीरी भाषा की एक अनमोल कड़ी थीं। लल्ला का जन्म श्रीनगर से दक्षिणपूर्व मे स्थित एक छोटे से गाँव मे... अधिक पढ़ें

Madhavdev

माधवदेव (असमिया:মাধৱদেৱ) असमिया भाषा के प्रसिद्ध कवि एवं शंकरदेव के शिष्य थे।

Mahant Swami Maharaj

महंत स्वामी महाराज (जन्म विनू पटेल, 13 सितंबर 1933; अभिषिक्त केशवजीवनदास स्वामी) वर्तमान गुरु और बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के अध्यक्ष हैं, जो एक हिंदू संप्रदाय, स्वामीनारायण संप्रदाय की एक प्... अधिक पढ़ें

Mahavatar Babaji

एक भारतीय संत को लाहिड़ी महाशय और उनके अनेक चेलों ने महावतार बाबाजी का नाम दिया जो 1861 और 1935 के बीच महावतार बाबाजी से मिले। इन भेंटों में से कुछ का वर्णन परमहंस योगानन्द ने अपनी पुस्तक एक योगी की आत्मकथा (1946) में किया ... अधिक पढ़ें

Mangayarkkarasiyar

मंगयारकारसियार (तमिल: மங்கையர்க்கரசியார்) उन 63 नयनमारों या पवित्र शैव संतों में से एक थे जो दक्षिण भारत में पूजनीय हैं। वह उन तीन महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने यह गौरव हासिल किया है। भगवान शिव के प्रति उनकी भक्ति को सेक्किझर द्वारा संकलित साहित्यिक कविता पेरियापुरानम में और साथ ही कवि-संत सुंदरार द्वारा लिखित तिरुथथोंदर थोगई में वर्णित किया गया है।

Manik Prabhu

माणिक प्रभु 19वीं शताब्दी के आरम्भिक काल के एक हिन्दू सन्त, कवि और दार्शनिक थे। दत्तात्रेय सम्प्रादाय के लोग उन्हें दत्तात्रेय का अवतार मानते हैं।

Master C. V. V.

मास्टर कंचुपति वेंकट राव वेंकटसामी राव, जिन्हें मास्टर सी.वी.वी. के नाम से जाना जाता है। (4 अगस्त 1868 - 12 मई 1922) एक भारतीय दार्शनिक, योगी और गुरु थे। मास्टर सीवीवी ने कुछ समय के लिए कुंभकोणम नगर परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और बाद में मानव प्रगति और आध्यात्मिक विकास पर अपने दृष्टिकोण का परिचय देते हुए एक आध्यात्मिक सुधारक बन गए।

Matsyendranath

मत्स्येंद्रनाथ अथवा मचिन्द्रनाथ 84 महासिद्धों (बौद्ध धर्म के वज्रयान शाखा के योगी) में से एक थे। वो गोरखनाथ के गुरु थे जिनके साथ उन्होंने हठयोग विद्यालय की स्थापना की। उन्हें संस्कृत में हठयोग की प्रारम्भिक रचनाओं में से एक कौ... अधिक पढ़ें

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मेही

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Mehi

महर्षि मेंही परमहंस संत मत की परंपरा के संत हैं। उन्हें आमतौर पर 'गुरुमहाराज' के नाम से जाना जाता था। वे 'अखिल भारतीय संतमत सत्संग' के गुरु थे। उन्होंने वेदों, मुख्य उपनिषदों, भगवद गीता, बाइबिल, बौद्ध धर्म के विभिन्न सूत्रों, कुरान, सं... अधिक पढ़ें

Mirra Alfassa

श्री माता (जन्म नाम मिरा अल्फ़ासा) (1878-1973) श्री अरविन्द की शिष्या और सहचरी थी। श्री माँ फ्रांसीसी मूल की भारतीय आध्यात्मिक गुरु थी। हिंदू धर्म लेने से पहले तक उनका नाम था मीरा अलफासा। उन्हें श्री अरविन्द माता कहकर पुकारा क... अधिक पढ़ें

Morari Bapu

मोरारी बापू (जन्म मोरारिदास प्रभुदास हरियाणी) एक हिन्दू आध्यात्मिक नेता और उपदेशक हैं।

Mother Meera

माँ मीरा, जन्म कमला रेड्डी (जन्म 26 दिसंबर 1960) को उनके भक्तों द्वारा दिव्य माँ (शक्ति या देवी) का अवतार (अवतार) माना जाता है।

Muktabai

मुक्ताबाई (1279–1297) हिंदू धर्म के वारकरी संप्रदाय की एक प्रमुख संत थी। निवृत्ती नाथ, सोपान नाथ, ज्ञानेश्वर और मुक्ताबाई यह चार भाई बहन वारकरी संप्रदाय के महत्त्वपूर्ण संतों मे से थे।. इनकी लिखी हरिपाठ, ताटीचे अभंग यह मराठी रचना प्रसिद्ध है।

Muktanand Swami

मुक्तानंद स्वामी (1758-1830), जन्म मुकुंददास, स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामी और परमहंस थे।

स्वामी मुक्तानंद परमहंस (16 मई 1908 - 2 अक्टूबर 1982), जन्म कृष्ण राय, एक योग गुरु थे, जो सिद्ध योग के संस्थापक थे। वे भगवान नित्यानंद के शिष्य थे। उन्होंने कुंडलिनी शक्ति, वेदांत और कश्मीर शैववाद के विषयों पर किताबें लिखीं, जिसमे... अधिक पढ़ें

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नामदेव

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Namdev

नामदेव भारत के प्रसिद्ध संत थे। इनके समय में नाथ और महानुभाव पंथों का महाराष्ट्र में प्रचार था। भक्त नामदेव महाराज का जन्म 26 अकटुबर 1270 (शके 1192) में महाराष्ट्र के सतारा जिले में कृष्णा नदी के किनारे बसे नरसीबामणी नामक गाँव में ए... अधिक पढ़ें

Narasimha Saraswati

नृसिंह सरस्वती (1378−1459) एक हिन्दू सन्त एवं गुरु थे। श्री गुरुचरित के अनुसार वे भगवान दत्तात्रेय के दूसरे अवतार हैं। प्रथम अवतार श्रीपाद वल्लभ थे।

Narayan Maharaj

नारायण महाराज (20 मई 1885 - 3 सितंबर 1945) एक हिंदू भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्हें उनके अनुयायी सद्गुरु मानते थे। वह भारतीय शहर पुणे के पूर्व में केडगाँव गाँव में रहते थे।

Narayana Guru

नारायण गुरु भारत के महान संत एवं समाजसुधारक थे। कन्याकुमारी जिले में मारुतवन पर्वतों की एक गुफा में उन्होंने तपस्या की थी। गौतम बुद्ध को गया में पीपल के पेड़ के नीचे बोधि की प्राप्ति हुई थी। नारायण गुरु को उस परम की प्राप्ति गुफा में हुई।

Narayanprasaddasji Swami

तपोमूर्ति सद्गुरु शास्त्री स्वामी श्री नारायणप्रसादजी (जन्म गिरधर राददिया; शास्त्री स्वामी नारायणप्रसादजी, 14 जनवरी, 1921 - 30 जनवरी, 2018), जिन्हें उनके भक्तों द्वारा तपोमूर्ति शास्त्री स्वामी और गुरुजी के नाम से भ... अधिक पढ़ें

Narottama Dasa

नरोत्तमदास ठाकुर (सं. 1585 की माघ पूर्णिमा -- सं. 1668 की कार्तिक कृष्ण 4) भक्त कवि तथा संगीतज्ञ थे। उन्होने ओड़ीसा तथा बंगाल में गौडीय भक्ति का प्रसार किया। नरोत्तमदास ठाकुर, राजा कृष्णनन्ददत्त के पुत्र थे। इनका जन्मस्थान परगन... अधिक पढ़ें

Narsinh Mehta

नरसी मेहता (गुजराती: નરસિંહ મહેતા; 15वीं शती ई.) गुजराती भक्तिसाहित्य की श्रेष्ठतम विभूति थे। उनके कृतित्व और व्यक्तित्व की महत्ता के अनुरूप साहित्य के इतिहासग्रंथों में "नरसिंह-मीरा-युग" नाम से एक स्वतंत्र काव्यकाल का निर्धारण... अधिक पढ़ें

Nayakanahatti Thipperudra Swamy

नायकनहट्टी थिप्पेरुद्र स्वामी, (सी. 15वीं या 16वीं शताब्दी), जिन्हें तिप्पेस्वामी, थिप्पेस्वामी या थिप्पेस्वामी भी कहा जाता है, एक भारतीय हिंदू आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक थे। वह अपने हिंदू और मुस्लिम दोनों भक्तों द्वारा पूजनीय हैं।
उन्होंने उपदेश दिया कि कयाकवे कैलाश (कर्म ही पूजा है) और मादिदष्टु नीदु भिक्शे (आपका पुरस्कार आपके कार्य के अनुसार होगा)।

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नायनमार

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Nayanars

नयनार (या नयनमार; तमिल: நாயன்மார், रोमानीकृत: नयमार, लिट. 'हाउंड्स ऑफ शिव', और बाद में 'शिव के शिक्षक) छठी से आठवीं शताब्दी सीई के दौरान रहने वाले 63 तमिल हिंदू संतों का एक समूह था, जो हिंदू भगवान शिव। अलवारों के साथ, उनके समकालीन जो... अधिक पढ़ें

Neem Karoli Baba

नीम करौली बाबा या नीब करौरी बाबा या महाराजजी की गणना बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में होती है।[कृपया उद्धरण जोड़ें]इनका जन्म स्थान ग्राम अकबरपुर जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश है जो किहिरनगाँव से 500 मीटर दूरी पर है।[क... अधिक पढ़ें

Nigamananda Paramahansa

स्वामी निगमानन्द परमहंस (18 अगस्त 1880 - 29 नवम्बर 1935) भारत के एक महान सन्यासी ब सदगुरु थे। उनके शिश्य लोगं उन्हें आदरपूर्वक श्री श्री ठाकुर बुलाते हैं। ऐसा माना जाता है की स्वामी निगमानंद ने तंत्र, ज्ञान, योग और प्... अधिक पढ़ें

Nimbarkacharya

निम्बार्काचार्य (संस्कृत: निम्बार्काचार्य, रोमानीकृत: निम्बार्काचार्य) (सी। 1130 - सी। 1200), जिन्हें निम्बार्क, निम्बादित्य या नियमानंद के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू दार्शनिक, धर्मशास्त्री और द्वैतद्वैत (द्वैत-अद्वैत) ... अधिक पढ़ें

Niranjanananda

निरंजनानंद (वरिष्ठ), नित्य निरंजन घोष के रूप में पैदा हुए, जिन्हें आमतौर पर निरंजन के संक्षिप्त नाम से पुकारा जाता है, रामकृष्ण मिशन के प्रमुख भिक्षुओं में से एक थे और रामकृष्ण के प्रत्यक्ष मठवासी शिष्यों में से एक थे। निरंजनानंद उ... अधिक पढ़ें

Nirmala Srivastava

निर्मला श्रीवास्तव (21 मार्च 1923 – 23 फ़रवरी 2011), (विवाह पूर्व: निर्मला साल्वे), जिन्हें अधिकतर लोग श्री माताजी निर्मला देवी के नाम से जानते हैं, सहज योग, नामक एक नये धार्मिक आंदोलन की संस्थापक थीं। उनके स्वयं के बारे में दिये गये इस वकतव्य कि वो, आदि शक्ति का पूर्ण अवतार थीं, को 140 देशों में बसे उनके अनुयायी, मान्यता प्रदान करते हैं।

Nisargadatta Maharaj

निसर्गदत्त महाराज (अप्रैल 17, 1897- सितम्बर 8, 1981) शैव अद्वैत धारा से सम्बंधित इंचगिरी संप्रदाय (नवनाथ एवं लिंगायत परम्परा) के एक भारतीय गुरु थे. उनके प्रवचनों पर आधारित पुस्तक आई ऍम दैट (I Am That ) से भारत से बाहर विशेषतया पश्चिमी देशों में लोगों को उनके बारे में पता चला.

Nishkulanand Swami

निशकुलानंद स्वामी (1766-1848) स्वामीनारायण संप्रदाय के परमहंस और स्वामी थे।

Nityananda Prabhu

नित्यानंद प्रभु (जन्म:1474) चैतन्य महाप्रभु के प्रथम शिष्य थे। इन्हें निताई भी कहते हैं। इन्हीं के साथ अद्वैताचार्य महाराज भी महाप्रभु के आरंभिक शिष्यों में से एक थे। इन दोनों ने निमाई के भक्ति आंदोलन को तीव्र गति प्रदान की। ... अधिक पढ़ें

Om Swami

ओम स्वामी एक भिक्षु एवं 15 पुस्तकों के लेखक है, जिनमे कुंडलिनी: एन अनटोल्ड स्टोरी, अ मिलियन थॉट, द वेलनेस सेंस,व्हेन आल इस नोट वेल और इफ ट्रूथ बी टोल्ड जैसे बेस्ट-सेलर पुस्तकें सम्मिलित है। इफ ट्रूथ बी टोल्ड, उनकी स्व-लिखित संस्मरण ... अधिक पढ़ें

Panth Maharaj

पंत महाराज (3 सितंबर 1855 - 16 अक्टूबर 1905), जन्म दत्तात्रेय रामचंद्र कुलकर्णी, भारत के बेलगावी क्षेत्र में एक हिंदू योगी और गुरु थे और उनके भक्त संत और दत्तात्रेय के अवतार के रूप में माने जाते हैं।

Paramahansa Yogananda

परमहंस योगानन्द (5 जनवरी 1893 – 7 मार्च 1952), बीसवीं सदी के एक आध्यात्मिक गुरू, योगी और संत थे। उन्होंने अपने अनुयायियों को क्रिया योग उपदेश दिया तथा पूरे विश्व में उसका प्रचार तथा प्रसार किया। योगानंद के अनुसार क्रि... अधिक पढ़ें

Parthasarathi Rajagopalachari

श्री पार्थसारथी राजगोपालाचारी (24 जुलाई 1927 - 20 दिसंबर 2014) जिन्हें चारीजी के नाम से जाना जाता है, श्री राम चंद्र मिशन (SRCM) की सहज मार्ग प्रणाली में राजयोग मास्टर्स की पंक्ति में तीसरे थे।

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प्तिनथर

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Pattinathar

पट्टीनाथर (तमिल: பட்டினத்தார், रोमानीकृत: Paṭṭiṉattar) दो अलग-अलग तमिल व्यक्तियों से पहचाना जाने वाला नाम है, एक 10वीं शताब्दी ईस्वी और दूसरा 14वीं शताब्दी ईस्वी।

Pavhari Baba

पवहारी बाबा उन्नीसवीं शताब्दी के एक भारतीय तपस्वी और संत थे। विवेकानंद के अनुसार वे अद्भुत विनय-संपन्न एवं गंभीर आत्म-ज्ञानी थे। उनका जन्म लगभग 1800 ई• में वाराणसी के निकट एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन में वह गाजीपुर के समीप ... अधिक पढ़ें

Potuluri Veerabrahmam

पुतुल्य वीरब्रह्मणंद स्वामी (तेलुगु:పోతులూరి వీరబ్రహ్మేంద్ర స్వామి) एक हिंदू ऋषि और दैवज्ञ थे। उन्हें भविष्य के बारे में भविष्यवाणियों की पुस्तक, कलौना के लेखक माना जाता है। उनके भविष्यद्वाणी के ग्रंथों को गोविंदा वक्य क... अधिक पढ़ें

Prabhat Ranjan Sarkar

प्रभात रंजन सरकार (21 मई 1921 - 21 अक्टूबर 1990) एक आध्यात्मिक गुरु, आधुनिक लेखक, भारतीय दार्शनिक, सामाजिक विचारक, योगी, लेखक, पंथ-नेता, कवि, संगीतकार और भाषाविद थे। सरकार को उनके आध्यात्मिक नाम- श्री श्री आनnदमूर्ति से... अधिक पढ़ें

Pramukh Swami Maharaj

प्रमुख स्वामी महाराज (7 दिसंबर 1921 - 13 अगस्त 2016) हिन्दु धर्म के एक महान संत थे। उनका मूल नाम शान्तिलाल पटेल था। वे 'नारायणस्वरूपदास स्वामी' नाम से दीक्षित हुए थे। वे बोचसन्यासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था क... अधिक पढ़ें

Pranavananda Saraswathi

प्रणवानंद सरस्वती (स्वामी प्रणवानंद; 28 अगस्त 1908 - 28 अगस्त 1982) जिन्हें पहले एन. पोन्नैया के नाम से जाना जाता था, मलेशिया में डिवाइन लाइफ सोसाइटी के संस्थापक सदस्य थे।

Prem Rawat

प्रेम रावत (जन्म;10 दिसम्बर 1957,हरिद्वार,उत्तर प्रदेश) एक विश्वविख्यात अध्यात्मिक गुरु है। जन्म 10 दिसम्बर 1957 में भारत के अध्यात्मिक नगर हरिद्वार में हुआ था। प्रख्यात अधय्त्मिक गुरु हंस जी महाराज इनके पिता थे। ये एक विशेष रूप से ... अधिक पढ़ें

Puran Puri

पूरन पुरी (हिंदी: पूर्ण पुरी, वैकल्पिक वर्तनी पुराण पुरी या प्रौण पुरी) 18वीं सदी के एक सन्यासी भिक्षु और भारत के यात्री थे, जिन्होंने मध्य भारत से श्रीलंका, मलेशिया, मध्य पूर्व, मास्को और तिब्बत की यात्रा की। वह एक खत्री या राजपूत थे, जिनका जन्म 1742 ई. में कन्नौज शहर में हुआ था, जो अब भारत में उत्तर प्रदेश का आधुनिक राज्य है।

Rambhadracharya

जगद्गुरु रामभद्राचार्य (संस्कृत: जगद्गुरुरामभद्राचार्यः) (1950–), पूर्वाश्रम नाम गिरिधर मिश्र चित्रकूट (उत्तर प्रदेश, भारत) में रहने वाले एक प्रख्यात विद्वान्, शिक्षाविद्, बहुभाषाविद्, रचनाकार, प्रवचनकार, दार्शनिक और हिन्दू ... अधिक पढ़ें

Ramdas Kathiababa

रामदास काठियाबाबा (शुरुआती 24 जुलाई 1800 - 8 फरवरी 1909) हिंदू द्वैतद्वैतवादी निम्बार्क संप्रदाय के एक हिंदू संत थे। निम्बार्क समुदाय के 54 वें आचार्य श्री श्री 108 स्वामी रामदास काठिया बाबाजी महाराज, हर जगह काठिया बाबा के नाम से जाने जाते थे उनकाजन्म लगभग दो सौ साल पहले पंजाब राज्य के लोनाचामारी गांव में हुआ था।

Ramdev Pir

रामदेव जी (बाबा रामदेव, रामसा पीर, रामदेव पीर,पीरो के पीर) राजस्थान के एक लोक देवता हैं जिनकी पूजा सम्पूर्ण राजस्थान व गुजरात समेत कई भारतीय राज्यों में की जाती है। इनके समाधि-स्थल रामदेवरा (जैसलमेर) पर भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष द्वितीया स... अधिक पढ़ें

Radhanath Swami

राधानाथ स्वामी (आईएएसटी: राधानाथ स्वामी) (जन्म 7 दिसंबर 1950) एक अमेरिकी गौड़ीय वैष्णव गुरु, समुदाय-निर्माता, कार्यकर्ता और लेखक हैं। वह 40 से अधिक वर्षों से भक्ति योग व्यवसायी और आध्यात्मिक शिक्षक हैं। वह भारत भर में 1.2 मि... अधिक पढ़ें

Raghavendra Tirtha

श्री राघवेंद्र(c.1595 – c.1671) एक हिंदू विद्वान, धर्मशास्त्री और संत थे। उन्हें सुधा परिमलचार्य के रूप में भी जाना जाता था। उनके विविध कृतियों में माधव, जयतीर्थ और व्यासतीर्थ के कार्यों पर टिप्पणी, द्वैत के दृष्टिकोण से प्र... अधिक पढ़ें

Raghunatha Bhatta Goswami

रघुनाथ भट्ट गोस्वामी (1505-1579) वैष्णव संत चैतन्य महाप्रभु के एक प्रसिद्ध अनुयायी थे, और प्रभावशाली गौड़ीय वैष्णव समूह के सदस्य थे जिन्हें सामूहिक रूप से वृंदावन के छह गोस्वामियों के रूप में जाना जाता था। उन्हें गौड़ीय परंपरा में अनुयायियों द्वारा भक्ति योग प्रणाली के एक आदर्श चिकित्सक के रूप में माना जाता है।

Rajinder Singh

राजिंदर सिंह (20 सितंबर 1946 को दिल्ली, भारत में) अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन साइंस ऑफ स्पिरिचुअलिटी (एसओएस) के प्रमुख हैं, जिसे भारत में सावन किरपाल रूहानी मिशन के रूप में जाना जाता है। अपने शिष्यों के लिए उन्हें संत रा... अधिक पढ़ें

Rakeshprasad

राकेशप्रसाद (देवनागरी: राकेशप्रसादजी; जन्म 23 जुलाई 1966) एक हिंदू आध्यात्मिक नेता हैं। उन्हें देवपक्ष गुट द्वारा लक्ष्मीनारायण देव गढ़ी के विवादित नेता के रूप में माना जाता है। राकेशप्रसादजी की धर्म पर संस्कृत और प्राकृत साहित्य म... अधिक पढ़ें

Raghuttama Tirtha

रघुत्तम तीर्थ (संस्कृत: रघुत्तम तीर्थ); IAST: श्री रघुत्तम तीर्थ) (सी. 1548 - सी. 1596), एक भारतीय दार्शनिक, विद्वान, धर्मशास्त्री और संत थे। उन्हें भवबोधाचार्य (भावबोधाचार्य) के नाम से भी जाना जाता था। उनके विविध कार्यों में माधव... अधिक पढ़ें

Ram Chandra (Babuji)

शाहजहाँपुर के राम चंद्र (1899-1983), जिन्हें बाबूजी के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के एक योगी थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय सहज मार्ग नामक राजयोग ध्यान की एक विधि विकसित करने में बिताया। उन्होंने 1945 में श्री राम चंद्र मिशन नामक एक संगठन की स्थापना की, जिसे समर्पित और उनके शिक्षक के नाम पर रखा गया, जिन्हें राम चंद्र भी कहा जाता था।

Ram Thakur

रामथाकुर (बंगाली: শ্রীশ্রী রামঠাকুর রামঠাকুর) (2 फरवरी 1860-1 मई 1949), जन्म राम चंद्र चक्रवर्ती (बंगाली: চন্দ্র চক্রবর্তী চক্রবর্তী চক্রবর্তী), 19 वीं सदी के भारत के दौरान एक भारतीय रहस्यवादी, योगी और आध्यात्मिक मास्टर थे।

Rama Tirtha

स्वामी रामतीर्थ (जन्म: 22 अक्टूबर 1873 - मृत्यु: 17 अक्टूबर 1906) वेदान्त दर्शन के अनुयायी भारतीय संन्यासी थे।

Ramakrishna

रामकृष्ण परमहंस भारत के एक महान संत, आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक थे। इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर जोर दिया। उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं अतः ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का ज... अधिक पढ़ें

Ramalinga Swamigal

अरुतप्रकाश वल्ललार चिदम्बरम रामलिंगम (5 अक्टूबर 1823 – 30 जनवरी 1874) प्रसिद्ध तमिल सन्त एवं कवि थे। दीक्षा से पूर्व उनका नाम रामलिंगम था । उन्हें "रामलिंग स्वामिगल" तथा "रामलिंग आदिगल" नाम से भी जाना जाता है। इन्हें उन सन्तों की श्रेणी में रखा जाता है जिन्हें "ज्ञान सिद्ध" कहा जाता है।

Ramprasad Sen

साधक रामप्रसाद सेन ( 1718 ई या 1723 ई – 1775 ई) ) बंगाल के एक शाक्त कवि एवं सन्त थे। उनकी भक्ति कविताएँ 'रामप्रसादी' कहलातीं हैं और आज भी बंगाल में अत्यन्त लोकप्रिय हैं। रामप्रसादी, बंगला भाषा मेम रचित है जिसमें काली को सम्बोधित करके रची गयीं हैं।

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रविदास

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Ravidas

गुरु रविदास अथवा रैदास मध्यकाल में एक भारतीय संत थे जिन्होंने जात-पात के अन्त विरोध में कार्य किया। इन्हें सतगुरु अथवा जगतगुरु की उपाधि दी जाती है। इन्होने रैदासिया अथवा रविदासिया पंथ की स्थापना की और इनके रचे गये कुछ भजन सिख लोगों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं।

Rupa Goswami

श्री रूप गोस्वामी (1493 – 1564), वृंदावन में चैतन्य महाप्रभु द्वारा भेजे गए छः षण्गोस्वामी में से एक थे। वे कवि, गुरु और दार्शनिक थे। वे सनातन गोस्वामी के भाई थे। इनका जन्म 1493 ई (तदनुसार 1415 शक.सं.) को हुआ था। इन्होंने 22 वर... अधिक पढ़ें

Sant Rampal Ji Maharaj

संत रामपाल दास (अंग्रेजी :Sant Rampal Das) एक भारतीय [आध्यात्मिक] [[कबीर पंथ|कबीर पंथी] गुरु हैं तथा कबीर साहेब जी को भगवान (परमात्मा) बताते हैं। ये सतलोक आश्रम के संस्थापक भी हैं जो कि भारत के विभिन्न राज्य सहित हरियाणा के हिसार क्षेत्र में स्थित है।

पं. सहदेव तिवारी (त्रिनिदियाई हिंदुस्तानी: सहदेव तिवारी) का जन्म 25 फरवरी 1892 को बिहार, भारत के अरवल जिले के सरवन गाँव में हुआ था। वह 1912 में एसएस सतलज जहाज पर एक गिरमिटिया मजदूर के रूप में त्रिनिदाद और टोबैगो आए, और बाद में उन्... अधिक पढ़ें

Samarth Ramdas

समर्थ रामदास (1606 - 1682) महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध सन्त थे। उन्होने दासबोध नामक एक ग्रन्थ की रचना की जो मराठी में है।

Sanatana Goswami

सनातन गोस्वामी (सन् 1488 - 1558 ई), चैतन्य महाप्रभु के प्रमुख शिष्य थे। उन्होने गौड़ीय वैष्णव भक्ति सम्प्रदाय की अनेकों ग्रन्थोंकी रचना की। अपने भाई रूप गोस्वामी सहित वृन्दावन के छ: प्रभावशाली गोस्वामियों में वे सबसे ज्येष्ठ थे।

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शंकरदेव

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Sankardev

श्रीमन्त शंकरदेव (असमिया: শ্ৰীমন্ত শংকৰদেৱ) असमिया भाषा के अत्यन्त प्रसिद्ध कवि, नाटककार, सुगायक, नर्तक, समाज संगठक, तथा हिन्दू समाजसुधारक थे। उन्होने नववैष्णव अथवा एकशरण धर्म का प्रचार करके असमिया जीवन को एकत्रित और संहत किया।

Sant Charandas

सन्त चरणदास (1706 - 1785) भारत के योगाचार्यों की शृंखला में सबसे अर्वाचीन योगी के रूप में जाने जाते है। आपने 'चरणदासी सम्प्रदाय' की स्थापना की। इन्होने समन्वयात्मक दृष्टि रखते हुए योगसाधना को विशेष महत्व दिया।

संत निर्मला (मराठी: संत निर्मळा) 14वीं शताब्दी के महाराष्ट्र, भारत में एक कवि थे। चोखामेला की छोटी बहन के रूप में, उन्हें अपने भाई के साथ समान रूप से पवित्र माना जाता था और इस प्रकार उन्हें एक हिंदू संत भी माना जाता है। निर्मला... अधिक पढ़ें

Sant Soyarabai

सोयाराबाई 14वीं सदी के महाराष्ट्र, भारत में महार जाति की एक संत थीं। वह अपने पति चोखामेला की शिष्या थीं। उसने बहुत कुछ लिखा लेकिन केवल 62 कार्यों के बारे में जाना जाता है। अपने अभंग में वह खुद को चोखामेला की महरी बताती हैं, दलि... अधिक पढ़ें

Sarada Devi

सारदा देवी (बांग्ला : সারদা দেবী) भारत के सुप्रसिद्ध संत स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस की आध्यात्मिक सहधर्मिणी थीं। रामकृष्ण संघ में वे 'श्रीमाँ' के नाम से परिचित हैं।

Satchidananda Saraswati

सच्चिदानंद सरस्वती (IAST: सच्चिदानंद सरस्वती; 22 दिसंबर 1914 - 19 अगस्त 2002), जन्म सी. के. रामास्वामी गाउंडर और आमतौर पर स्वामी सच्चिदानंद के नाम से जाने जाते थे, एक भारतीय योग गुरु और धार्मिक शिक्षक थे, जिन्होंने पश्चिम... अधिक पढ़ें

Satnarayan Maharaj

सतनारायण महाराज, जिन्हें सत महाराज के नाम से भी जाना जाता है, (उच्चारण [sət̪ənɑːrɑːjəɳə məɦɑːrɑːɟə]; 17 अप्रैल, 1931 - 16 नवंबर, 2019) त्रिनिदाद और टोबैगो में एक त्रिनिडाडियन और टोबैगोनियन हिंदू धार्मिक नेता, शिक्षाविद औ... अधिक पढ़ें

Satsvarupa dasa Goswami

सत्स्वरूप दास गोस्वामी (IAST: सत-स्वरूप दास गोस्वामी, देवनागरी: सस्वरूप दास गोस्वामी) (जन्म 6 दिसंबर, 1939 को स्टीफन ग्वारिनो) भक्तिवेदांत स्वामी के एक वरिष्ठ शिष्य हैं, जिन्होंने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसने... अधिक पढ़ें

Satya Narayan Goenka

सत्यनारायण गोयनका (जनवरी 30, 1924 – सितम्बर 29, 2013) विपस्सना ध्यान के प्रसिद्ध बर्मी-भारतीय गुरु थे। उनका जन्म बर्मा में हुआ, उन्होंने सायागयी उ बा खिन का अनुसरण करते हुए 14 वर्षों तक प्रशिक्षण प्राप्त किया। 1969 में वो भारत प्रतिस्थापित हो गये और ध्यान की शिक्षा देना आरम्भ कर दिया और इगतपुरी में, नासिक के पास 1976 में एक ध्यान केन्द्र की स्थापना की।

Satyananda Giri

स्वामी सत्यानन्द गिरि (17 नवम्बर 1896 - 2 अगस्त 1971) भारत के एक साधु तथा युक्तेश्वर गिरि के मुख्य शिष्य थे।

Satyananda Saraswati

″स्वामी सत्यानन्द सरस्वती (24 दिसम्बर 1923 – 5 दिसम्बर 2009), संन्यासी, योग गुरू और आध्यात्मिक गुरू थे। उन्होने अन्तरराष्ट्रीय योग फेलोशिप (1956) तथा बिहार योग विद्यालय (1963) की स्थापना की। उन्होंने 80 से भी अधिक पुस्तकों की रचना की जिसमें से 'आसन प्राणायाम मुद्राबन्ध' नामक पुस्तक विश्वप्रसिद्ध है।

Satyapramoda Tirtha

सत्यप्रमोदा तीर्थ (IAST: सत्यप्रमोदा तीर्थ; 1918 - 3 नवंबर 1997, एक भारतीय हिंदू दार्शनिक, आध्यात्मिक नेता, गुरु, संत और उत्तरादि मठ के पुजारी थे, एक गणित (मठ) जो द्वैत दर्शन को समर्पित है, जिसका एक बड़ा अनुयायी है दक्षिण... अधिक पढ़ें

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शौनक

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Shaunaka

शौनक एक संस्कृत वैयाकरण तथा ऋग्वेद प्रतिशाख्य, बृहद्देवता, चरणव्यूह तथा ऋग्वेद की छः अनुक्रमणिकाओं के रचयिता ऋषि हैं। वे कात्यायन और अश्वलायन के के गुरु माने जाते हैं। उन्होने ऋग्वेद की बश्कला और शाकला शाखाओं का एकीकरण किया। विष्णुपुराण के अनुसार शौनक गृतसमद के पुत्र थे।

Seshadri Swamigal

श्री शेषाद्री स्वामीगल, जिन्हें "सुनहरे हाथ वाले संत" के रूप में भी जाना जाता है, कांचीपुरम, तमिलनाडु में पैदा हुए एक भारतीय संत थे, लेकिन मुख्य रूप से तिरुवन्नामलाई में रहते थे जहाँ उन्होंने समाधि (ध्यान की चेतना की स्थिति) प्राप्त की।

Shivabalayogi

श्री शिवबलायोगी महाराज (24 जनवरी 1935 - 28 मार्च 1994) एक योगी हैं जिन्होंने दावा किया कि उन्होंने बारह वर्षों के कठिन तपस्या के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार प्राप्त किया है, समाधि में प्रतिदिन औसतन बीस घंटे ध्यान किया। उसके बा... अधिक पढ़ें

Shreedhar Swami

श्रीधर स्वामी महाराज (7 दिसम्बर, 1908 – 19 अप्रैल 1973) मराठी और कन्नड के प्रमुख सन्त कवि थे। वे श्रीराम के भक्त एवं समर्थ रामदास के शिष्य थे।

Shrimad Rajchandra

श्रीमद राजचन्द्र, जन्म रायचन्दभाई रावजीभाई मेहता, एक जैन कवि, दार्शनिक और विद्वान थे। उन्हें मुख्यतः उनके जैनधर्म शिक्षण और महात्मा गांधी के आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में जाना जाता है।महात्मा गांधी जी ने अपनी आत्मकथा ... अधिक पढ़ें

Shripad Shri Vallabha

श्रीपाद श्री वल्लभ कलियुग (लौह युग या अंधकार युग) में श्री दत्तात्रेय का पहला पूर्ण अवतार (अवतार) है। श्रीपाद श्री वल्लभा का जन्म 1320 में श्री अप्पाराजा और सुमति सारमा के साथ भाद्रपद सुधा चैविथि (गणेश चतुर्थी) के दिन पितापुरम (आंध्र प्रदेश, भारत) में हुआ था।

Shrivatsa Goswami

श्रीवत्स गोस्वामी (जन्म 27 अक्टूबर 1950) एक भारतीय इंडोलॉजिस्ट विद्वान होने के साथ-साथ गौड़ीय वैष्णव धार्मिक नेता हैं। उनका जन्म वृंदावन के पवित्र वैष्णव तीर्थ स्थल में, एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, जिसके सदस्य चार श... अधिक पढ़ें

Shyama Shastri

श्यामा शास्त्री (तेलुगु: శ్యామ శాస్త్రి) (IAST: श्यामा शास्त्री; 26 अप्रैल 1762 - 1827) या श्यामा शास्त्री एक संगीतकार और कर्नाटक संगीत के संगीतकार थे।
वह कर्नाटक संगीत की त्रिमूर्ति में सबसे पुराने थे, त्यागराज और मुथुस्वामी दीक्षितार अन्य दो थे।

Sitaramdas Omkarnath

श्री श्री सीतारामदास ओंकारनाथ (17 फरवरी 1892 - 6 दिसंबर 1982) एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे। श्री श्री ठाकुर सीतारामदास ओंकारनाथ के रूप में संबोधित, जहां "ओंकार" सर्वोच्च ब्रह्मांडीय ज्ञान और सर्वोच्च चेतना प्राप्त करने क... अधिक पढ़ें

Sivananda Saraswati

शिवानंद सरस्वती (या स्वामी शिवानंद; 8 सितंबर 1887 - 14 जुलाई 1963) एक योग गुरु, एक हिंदू आध्यात्मिक शिक्षक और वेदांत के समर्थक थे। शिवानंद का जन्म तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के पट्टामदई में हुआ था और उनका नाम कुप्पुस्वाम... अधिक पढ़ें

Sivaya Subramuniyaswami

शिवया सुब्रमुनियास्वामी (जन्म रॉबर्ट हैनसेन; 5 जनवरी, 1927 - 12 नवंबर, 2001) एक अमेरिकी हिंदू धार्मिक नेता थे, जिन्हें उनके अनुयायी गुरुदेव के नाम से जानते थे। सुब्रमुनियस्वामी का जन्म कैलिफोर्निया के ओकलैंड में हुआ था... अधिक पढ़ें

Soham Swami

श्यामाकांत वन्द्योपाध्याय ( सोsहं स्वामी; 1858 – 1918) भारत के एक महान अद्वैत वेदान्तवादी गुरु थे। उनका प्रचलित नाम था बाघ स्वामी।उनके गुरु परमहंस तिब्बतीबाबा भी एक उच्च कोटि के महान अद्वैत वेदान्तवादी योगी और गुरु थे।

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सोपान

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Sopan

संत सोपानदेव वारकरी के संत थे और ज्ञानेश्वर के छोटे भाई भी थे।
सोपान (19 नवंबर 1277 ई। - 29 दिसंबर 1296 ई।), पुणे के पास सासवड़ में समाधि प्राप्त की। उन्होंने भगवद गीता के मराठी अनुवाद के आधार पर 50 या इतने ही अभंगों के साथ सोपानदेवी नामक एक पुस्तक लिखी।

Sripadaraja

श्रीपादराजा (संस्कृत: श्रीपादराज; श्रीपादराजा) या श्रीपादराय, जिन्हें उनके परमधर्मपीठीय नाम लक्ष्मीनारायण तीर्थ (सी.1422 - सी.1480) के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू द्वैत दार्शनिक, विद्वान और संगीतकार और मुलबगल में माधवाचार्... अधिक पढ़ें

Sri Chinmoy

चिन्मय कुमार घोष (27 अगस्त 1931 - 11 अक्टूबर 2007), जिन्हें श्री चिन्मय के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय आध्यात्मिक नेता थे, जिन्होंने 1964 में न्यूयॉर्क शहर जाने के बाद पश्चिम में ध्यान सिखाया। चिन्मय ने क्वींस, न्यूयॉर्क में ... अधिक पढ़ें

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श्री एम

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Sri M

श्री एम (जन्म मुमताज अली खान) एक भारतीय योगी, आध्यात्मिक मार्गदर्शक, समाज सुधारक और शिक्षाविद हैं। वह हिंदू धर्म की नाथ उप परंपरा के दीक्षा हैं और श्री महेश्वरनाथ बाबाजी के शिष्य हैं, जो महावतार बाबाजी के शिष्य थे। श्री एम, जिन्हें श्री मधुकर्णनाथ जी के नाम से भी जाना जाता है, मदनपल्ले, आंध्र प्रदेश, भारत में रहते हैं। श्री एम को 2020 में भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण मिला।

Sri Sri Ravi Shankar

रवि शंकर सामान्यतः श्री श्री रवि शंकर के रूप में जाने जाते हैं, (जन्म: 13 मई 1956) विश्व स्तर पर एक आध्यात्मिक नेता एवं मानवतावादी धर्मगुरु हैं। उनके भक्त उन्हें आदर से प्राय: "श्री श्री" के नाम से पुकारते हैं। वे आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन के संस्थापक हैं।

Sudhanshu Ji Maharaj

सुधांशु जी (जन्म 2 मई 1955) भारत के एक प्रचारक और विश्व जागृति मिशन (वीजेएम) के संस्थापक हैं। दुनिया भर में उनके 10 मिलियन से अधिक भक्त हैं और 2.5 मिलियन से अधिक शिष्य हैं।

Swami Abhedananda

स्वामी अभेदानंद (2 अक्टूबर 1866 - 8 सितंबर 1939), जन्म कालीप्रसाद चंद्रा, 19वीं सदी के रहस्यवादी रामकृष्ण परमहंस के प्रत्यक्ष शिष्य और रामकृष्ण वेदांत मठ के संस्थापक थे। स्वामी विवेकानंद ने उन्हें 1897 में न्यू यॉर्क की वे... अधिक पढ़ें

Swami Bhoomananda Tirtha

स्वामी भूमिानंद तीर्थ (देवनागरी: स्वामी भूमानन्द तीर्थ; मलयालम: സ്വാമി ഭൂമാനന്ദ തീർത്ഥ), एक भारतीय संन्यासी और समाज सुधारक हैं। उन्हें वेदांत, भगवद गीता, उपनिषद और श्रीमद् भागवतम पर उनके भाषणों और प्रवचनों और दैनिक जीवन में उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग के लिए जाना जाता है। उन्होंने कुछ हिंदू मंदिरों द्वारा प्रचलित कुछ गैरकानूनी अनुष्ठानों को समाप्त करने के लिए विभिन्न आंदोलनों का भी आयोजन किया है।

Swami Chidbhavananda

स्वामी चिद्भवानंद (11 मार्च 1898 - 16 नवंबर 1985) का जन्म कोयम्बटूर जिले, मद्रास प्रेसीडेंसी, भारत में पोलाची के पास सेनगुत्तिपलायम में हुआ था। उनके माता-पिता ने उनका नाम 'चिन्नू' रखा। उन्होंने स्टेन्स स्कूल, कोयम्बटूर में पढ़... अधिक पढ़ें

Swami Janakananda

स्वामी जनकानंद सरस्वती एक तांत्रिक योग और ध्यान शिक्षक और एक लेखक हैं, जिनका स्कैंडिनेविया और उत्तरी यूरोप में योग और ध्यान के प्रसार में महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है। वे यूरोप में सत्यानंद सरस्वती के सबसे पुराने सक्रिय संन्यासी शिष्य हैं।

Swami Keshwanand Satyarthi

श्री स्वामी केशवानंद सत्यार्थी जी महाराज (5 सितंबर 1943 - 25 जून 2020) श्री नंगली साहिब वंश के एक भारतीय संत थे। आध्यात्मिक संस्था परमहंस सत्यार्थी मिशन का नेतृत्व और संचालन उन्हीं के द्वारा किया जाता था। 1985 में... अधिक पढ़ें

Swami Nithyananda

नित्यानंद (जन्म अरुणाचलम राजशेखरन; 1 जनवरी 1978), अनुयायियों के बीच नित्यानंद परमशिवम या परमहंस नित्यानंद के रूप में जाने जाते हैं, एक भारतीय हिंदू गुरु, धर्मगुरु और पंथ नेता हैं। वह नित्यानंद ध्यानपीठम के संस्थापक हैं, एक ट्रस्... अधिक पढ़ें

Swami Purnachaitanya

स्वामी पूर्णचैतन्य (स्वामी पूर्णचैतन्य), 26 अक्टूबर 1984 को फ्रीक अलेक्जेंडर लूथरा के रूप में पैदा हुए, एक लेखक, डच लाइफ कोच और सार्वजनिक वक्ता हैं। वह बैंगलोर, भारत में आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन में काम करते हैं, भारत औ... अधिक पढ़ें

Swami Sri Yukteswar Giri

श्री युक्तेश्वर गिरि (बांग्ला : শ্রী যুক্তেশ্বর গিরী) (10 मई 1855 - 9 मार्च 1936) महान क्रियायोगी एवं उत्कृष्ट ज्योतिषी थे । वे लाहिड़ी महाशय के शिष्य और स्वामी सत्यानन्द गिरि तथा परमहंस योगानन्द के गुरु थे। उनका मूल ना... अधिक पढ़ें

Swami Rama

यह लेख स्वामी राम के बारे में है, स्वामी रामतीर्थ के लिए उस लेख पर जाँय। स्वामी राम (1925–1996) एक योगी थे जिन्होने 'हिमालयन इन्टरनेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ योगा सांइस एण्ड फिलासफी' सहित अनेकानेक संस्थानों की स्थापना की। उन्होने लगभग 44 सर्वाधिक विक्रीत पुस्तकों की भी रचना की।

Swami Ramanand

विक्रम संवत 1795 (1738 AD) में अयोध्या में एक ब्राह्मण परिवार में रामानंद स्वामी (जन्म राम शर्मा)। उनके माता-पिता अजय शर्मा (पिता) और सुमति (मां) थे। उन्हें कृष्ण के घनिष्ठ मित्र उद्धव का अवतार माना जाता था। रामानंद उद्धव संप... अधिक पढ़ें

Swami Ramdas

स्वामी रामदास ([sʋaːmiː raːmdaːs]; संस्कृत: स्वामी रामदास, रोमानीकृत: स्वामी रामदास, जन्म 10 अप्रैल 1884 को विट्टल राव) एक भारतीय संत, दार्शनिक, परोपकारी और तीर्थयात्री थे। स्वामी रामदास अपने 30 के दशक के उत्तरार्ध में एक भटकने... अधिक पढ़ें

Swami Samarth

श्री स्वामी समर्थ (मराठी: श्री स्वामी समर्थ) को अक्कलकोट के स्वामी के रूप में भी जाना जाता है, दत्तात्रेय परंपरा के एक भारतीय आध्यात्मिक गुरु थे। वह महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित विभिन्न भारतीय राज्यों में एक व्यापक रूप से ज्ञात... अधिक पढ़ें

Swaminarayan

स्वामीनारायण (IAST: स्वामीनारायण, 3 अप्रैल 1781 - 1 जून 1830), जिन्हें सहजानंद स्वामी के नाम से भी जाना जाता है, एक योगी और तपस्वी थे, जिन्हें अनुयायियों द्वारा भगवान कृष्ण की अभिव्यक्ति या पुरुषोत्तम की उच्चतम अभिव्यक्ति के रूप में ... अधिक पढ़ें

Swami Swarupanand

श्री बेली राम जी, श्री स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज (1 फरवरी 1884 - 9 अप्रैल 1936), श्री परमहंस अद्वैत मत वंश के एक भारतीय गुरु थे। उन्हें "श्री नंगली निवासी भगवान जी", "हरि हर बाबा", "सद्गुरुदेव जी" और "द्वितीय गुरु" के र... अधिक पढ़ें

Swarupananda

स्वरूपानंद (28 दिसंबर 1886 - 21 अप्रैल 1984) विवेकानंद के प्रत्यक्ष मठवासी शिष्य और चंपावत के पास मायावती में 1899 में विवेकानंद द्वारा स्थापित अद्वैत आश्रम के पहले अध्यक्ष थे। आश्रम धार्मिक मठ व्यवस्था, रामकृष्ण मठ की एक शाखा है, जिसे विवे... अधिक पढ़ें

Tibbetibaba

तिब्बतीबाबा (तिब्बती बाबा) भारत के एक महान अद्वैत वेदान्तवादी योगी और गुरु थे। प्रसिद्ध वेदान्तवादी योगी सोहम स्वामी उनके शिष्य थे।

Trailanga

त्रैलंग स्वामी (जिन्हें तैलंग स्वामी भी कहते हैं) (ज्ञात 1529 ई. या 1607 -1887) एक हिन्दू योगी थे, जो अपने आध्यात्मिक शक्तियों के लिये प्रसिद्ध हुए। ये जीवन के उत्तरार्द्ध में वाराणसी में निवास करते थे। इनकी बंगाल में भी बड़ी मान्यत... अधिक पढ़ें

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तुकाराम

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Tukaram

संत तुकाराम (1608-1650), जिन्हें तुकाराम के नाम से भी जाना जाता है सत्रहवीं शताब्दी एक महान संत कवि थे जो भारत में लंबे समय तक चले भक्ति आंदोलन के एक प्रमुख स्तंभ थे ।

Tyagaraja

त्यागराज (तेलुगु: శ్రీ త్యాగరాజ; तमिल தியாகராஜ சுவாமிகள் ; 4 मई, 1767 – 6 जनवरी, 1847) भक्तिमार्गी कवि एवं कर्णाटक संगीत के महान संगीतज्ञ थे। उन्होने समाज एवं साहित्य के साथ-साथ कला को भी समृद्ध किया। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने सैंकड़ों भक्ति गीतों की रचना की जो भगवान राम की स्तुति में थे और उनके सर्वश्रेष्ठ गीत पंचरत्न कृति अक्सर धार्मिक आयोजनों में गाए जाते हैं।

Upasani Maharaj

उपासनी महराज का जन्म का नाम काशीनाथ गोविंदराव उपासनी था (मई 15, 1870 – दिसंबर 24, 1941)। उनके शिष्य उन्हें सिद्ध पुरुष मानते थे। शिरड़ी के साईं बाबा से उन्होंने दीक्षा ली थी। महाराष्ट्र के सकोरी में उनका निवास था।

U. G. Krishnamurti

उप्पलुरी गोपाल कृष्णमूर्ति (9 जुलाई 1918 - 22 मार्च 2007) एक बुद्धिजीवी थे जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान की स्थिति पर सवाल उठाया था। अपनी युवावस्था में एक धार्मिक मार्ग का अनुसरण करने और अंततः इसे अस्वीकार करने के बाद, यू.जी. ... अधिक पढ़ें

उत्पलदेव (सी। 900-950 सीई) कश्मीर के एक भारतीय दार्शनिक और धर्मशास्त्री थे। वह त्रिक शैव परंपरा से संबंधित थे और अद्वैतवादी आदर्शवाद के प्रत्यभिज्ञा स्कूल के सबसे महत्वपूर्ण विचारक हैं। उनका ईश्वरप्रत्यभिज्ञ-कारिका (आईपीके, भगवान क... अधिक पढ़ें

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वल्लभ

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Vallabha

वल्लभाचार्य महाप्रभु (1479-1531 CE), जिन्हें वल्लभ, महाप्रभुजी और विष्णुस्वामी या वल्लभ आचार्य के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू भारतीय संत और दार्शनिक हैं जिन्होंने भारत के ब्रज (व्रज) क्षेत्र में वैष्णववाद के कृष्ण-केंद्रित पुष... अधिक पढ़ें

Vadiraja Tirtha

श्री वदिराजा तीर्थरु (सी.1480 - सी.1600) एक द्वैत दार्शनिक, कवि, यात्री और रहस्यवादी थे। अपने समय के एक बहुज्ञ, उन्होंने माधव धर्मशास्त्र और तत्वमीमांसा पर कई रचनाएँ लिखीं, जो अक्सर विवादात्मक थीं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कई ... अधिक पढ़ें

Vidyaranya

माधवाचार्य, द्वैतवाद के प्रवर्तक मध्वाचार्य से भिन्न हैं। माधवाचार्य या माधव विद्यारण्य (1296 -- 1386), विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक हरिहर राया प्रथम एवं बुक्का राया प्रथम के संरक्षक, सन्त एवं दार्शनिक थे। उन्होने दोनो भाइयों क... अधिक पढ़ें

Vishuddhananda Paramahansa

स्वामी विशुद्धानन्द परमहंसदेव एक आदर्श योगी, ज्ञानी, भक्त तथा सत्य संकल्प महात्मा थे। परमपथ के इस प्रदर्शक ने योग तथा विज्ञान दोनों ही विषयों में परमोच्च स्थिति प्राप्त कर ली थी।

Vishwesha Tirtha

श्री विशवेशा तिरथारू, आधिकारिक तौर पर śrī śrī 1008 śrī viśveśa-tīrtha śrīpād kannada: ಶ್ರೀ ಶ್ರೀ ೧೦೮ ಶ್ರೀಪಾದಂಗಳವರು ಶ್ರೀಪಾದಂಗಳವರು (27 अप्रैल 1931-29 दिसंबर 2019) के रूप में जाना जाता है, एक भारतीय हिंदू गुरु, सेंट और प्रेसिडेंट स... अधिक पढ़ें

Vyasatirtha

व्यासतीर्थ (सी.. 1460 - सी. 1539), जिन्हें व्यासराज या चंद्रिकाचार्य भी कहा जाता है, एक हिंदू दार्शनिक, विद्वान, नीतिज्ञ, टिप्पणीकार और माधवाचार्य के वेदांत के द्वैत क्रम से संबंधित कवि थे। विजयनगर साम्राज्य के संरक्षक संत के रूप में... अधिक पढ़ें

Yogaswami

जाफना के ज्ञान गुरु शिव योगस्वामी (तमिल: சிவயோகசுவாமி, सिंहली: යොගස්වාමි; 1872-1964) 20वीं सदी के एक आध्यात्मिक गुरु, एक शिवज्ञानी और अनाथा सिद्धर के रूप में बौद्ध धर्म के भक्त थे और कई हिंदू थे। वह नंदीनाथ सम्प्रदाय की कैलास परम्परा के ... अधिक पढ़ें

Yogi Ramsuratkumar

योगी रामसूरतकुमार (1 दिसंबर 1918 - 20 फरवरी 2001) एक भारतीय संत और रहस्यवादी थे। उन्हें "विसिरी समियार" के रूप में भी जाना जाता था और उन्होंने अपने ज्ञानोदय के बाद का अधिकांश समय तमिलनाडु के एक छोटे से शहर तिरुवन्नमलाई मे... अधिक पढ़ें

Yogiji Maharaj

योगीजी महाराज (23 मई 1892 - 23 जनवरी 1971), जन्म जीना वासनी, एक हिंदू स्वामी थे और बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) में स्वामीनारायण के चौथे आध्यात्मिक उत्तराधिकारी थे: 55 : 10  स्वामीनारायण सम्प्रदाय की ए... अधिक पढ़ें

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सर्वश्रेष्ठ हिंदू गुरु और संत सर्वाधिक लोकप्रिय हिंदू गुरु और प्रबुद्ध व्यक्ति