धन्ना भगत (जन्म 1415 ई.) एक रहस्यवादी कवि और एक वैष्णव भक्त थे, जिनके तीन भजन आदि ग्रंथ में मौजूद हैं। वह एक कृष्ण भक्त थे। उनके जन्म स्थान को लेकर मत भेद है। कुछ मान्यताओं के अनुसार उनका जन्म स्थान राजस्थान के टोंक जिले में तहसील दूनी के पास धुवा गाँवमें हिन्दू धालीवाल जाट परिवार में हुआ था। एक अन्य श्रोत ठाकुर देशराज द्वारा रचित उपन्यास “जाट इतिहास” के अनुसार इनका जन्म स्थान राजस्थान के जयपुर में फागी तहसील का चौरू गाँव है। चोरू गांव में धन्ना जी के विशाल मंदिर का निर्माण पूरा करके दिनांक 1 जून 2022 को धन्ना जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कि गई ।इनका जन्म बैशाख बुदी 3 संवत 1472 (1415 ई.) को हरितवाल गोत्र के एक जाट परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम रामेश्वर जाट व माता का नाम गंगा बाई गड़वाल था। बचपन में ही इनके पिता चौरू को छोड़कर अभयनगर जाकर रहने लगे, जिसे वर्तमान मे धुंआकला के नाम से जाना जाता है। चौरू मे भी एक हिन्दू मंदिर और एक गुरूद्वारा है।
धुंआकला में इनके स्थान पर इनका मंदिर और गुरूद्वारा बना हुुुआ है। हिन्दु व सिख धर्म के लोगों मे इनकी गहरी आस्था है।इनके मंदिर से कुुछ ही दूरी पर अरावली की पहाड़िया है जहां धन्ना भगत जी जिस गुफा में तपस्या करते थे वहां भगवान शिव का प्राचीन मंदिर स्थित है जिसे धुंधलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
और सिख धर्म के ग्रंथों मे भी धन्ना भगत का उल्लेख है। भक्त धन्ना ने कोई पंथ तो नही चलाया
जिला मुख्यालय से यह स्थान मात्र 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।यहा बाइक,कार व बस द्वारा आया जा सकता है।
नजदीकी हवाईअड्डा जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा है।
नजदीकी रेलवे स्टेशन बनस्थली निवाई रेलवे स्टेशन (BNLW) है।
इसके नजदीकी गाँवो मे घाङ,भरनी आदि है,जहाँ से यहाँ पहुंचा जा सकता है।
मंंदिर धन्ना भगत – धन्ना भगत मन्दिर
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