द सोशल कॉन्ट्रेक्ट
सामाजिक संविदा (Social contract) कहने से प्राय: दो अर्थों का बोध होता है। प्रथमत: सामाजिक संविदा-विशेष, जिसके अनुसार प्राकृतिक अवस्था में रहने वाले कुछ व्यक्तियों ने संगठित समाज में प्रविष्ट होने के लिए आपस में संविदा या ठहराव किया, अत: यह राज्य की उत्पत्ति का सिद्धांत है। दूसररे को सरकारी-संविदा कह सकते हैं। इस संविदा या ठहराव का राज्य की उत्पत्ति से कोई संबंध नहीं वरन् राज्य के अस्तित्व की पूर्व कल्पना कर यह उन मान्यताओं का विवेचन करता है जिन पर उस राज्य का शासन प्रबंध चले।
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364 बेहतरीन दर्शनशास्त्र की पुस्तकें
बेहतरीन दर्शनशास्त्र की पुस्तकें: दर्शन वह ज्ञान है जो परम सत्य और प्रकृति के सिद्धांतों और उनके कारणों से संबंधित है। दर्शन वास्तविकता की परीक्षा के लिए एक दृष्टिकोण है। दार्शनिक चिंतन मूल रूप से जीवन के अर्थ की खोज का पर्याय है। वास्तव में, दर्शन स्वत्व का विज्ञान है, अर्थात प्रकृति और समाज, और […]