मैक्स प्लैंक

जर्मन वैज्ञानिक मैक्स प्लांक (Max Planck) का जन्म 23 अप्रैल 1858 को हुआ था। ग्रेजुएशन के बाद जब उसने भौतिकी का क्षेत्र चुना तो एक अध्यापक ने राय दी कि इस क्षेत्र में लगभग सभी कुछ खोजा जा चुका है अतः इसमें कार्य करना निरर्थक है। प्लांक ने जवाब दिया कि मैं पुरानी चीज़ें ही सीखना चाहता हूँ. प्लांक के इस क्षेत्र में जाने के बाद भौतिकी में इतनी नई खोजें हुईं जितनी शायद पिछले हज़ार वर्षों में नहीं हुई थीं।
प्लांक ने अपने अनुसंधान की शुरुआत ऊष्मागतिकी (Thermodynamics) से की। उसने विशेष रूप से उष्मागतिकी के द्वितीय नियम पर कार्य किया। उसी समय कुछ इलेक्ट्रिक कंपनियों ने उसके सामने एक ऐसे प्रकाश स्रोत को बनाने की समस्या रखी जो न्यूनतम ऊर्जा की खपत में अधिक से अधिक प्रकाश पैदा कर सके। इस समस्या ने प्लांक का रूख विकिरण (Radiation) के अध्ययन की ओर मोड़ा . उसने विकिरण की विद्युत् चुम्बकीय प्रकृति (Electromagnetic Nature) ज्ञात की। इस तरह ज्ञात हुआ कि प्रकाश, रेडियो तरंगें, पराबैंगनी (Ultraviolet), इन्फ्रारेड सभी विकिरण के ही रूप हैं जो दरअसल विद्युत् चुम्बकीय तरंगें हैं।

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