आरुषि हेमराज हत्याकाण्ड

16 मई 2008 को चौदह वर्षीय आरुशी का मृत शरीर उसके कमरे से बरामद किया गया | उसके अगले दिन मुख्य आरोपी माने जा रहे नौकर हेमराज का शव भी घर की छत पर मिला, इसके बाद आरुशी के माता पिता पर दोनों की हत्या का केस चलाया गया | उसके बाद यह केस CBI को सौंपा गया | यहाँ भी दो बार अलग-अलग टीमों द्वारा जाँच किये जाने पर दो बिलकुल अलग नतीजे सामने आये | पहली टीम द्वारा हेमराज के कुछ साथीयों पर नार्को टेस्ट किया गया जिसमे उन्होंने आरोप क़ुबूल किया और आरुशी के माता पिता (राजेश-नुपुर ) ने नार्को टेस्ट पास किया और दूसरी टीम द्वारा माँ बाप को ही मुख्य आरोपी ठहराया गया | पिछले साल माता पिता को भी बाइज्जत बरी कर दिया गया |

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