Item Category Nakshatras

अभिजित

अभिजित Abhijit

अभिजित भारतीय ज्योतिष में वर्णित एक नक्षत्र है। वर्तमान खगोलशास्त्र में वेगा नामक तारे को अभिजित की संज्ञा दी जाती है। तैत्तिरीय संहिता और अथर्ववेद में 28 नक्षत्रों का ज़िक्र है जिनमें अभिजित भी एक है। भचक्र में इसे सबसे…

रेवती

रेवती Revati

यह एक नक्षत्र है और 32 तारों का एक समूह है। यह मृदु मॅत्र संज्ञक नक्षत्र है। इस नक्षत्र में विद्या का आरंभ, गृह प्रवेश, विवाह, सम्मान प्राप्ति, देव प्रतिष्ठा, वस्त्र निर्माण इत्यादि कार्य संपन्न किए जाते हैं। इसमें दक्षिण…

उत्तराभाद्रपद

उत्तराभाद्रपद Uttara Bhadrapada

उत्तरा भाद्रपद आकाश मंडल में 26वाँ नक्षत्र है। यह मीन राशि के अंतर्गत आता है। इसे दू, थ, झ नाम से जाना जाता है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी शनि है। वहीं राशि स्वामी गुरु है। शनि गुरु में शत्रुता…

पूर्वाभाद्रपद

पूर्वाभाद्रपद Purva Bhadrapada

गुरु का नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद का अंतिम चरण मीन राशि में आता है। इसे ही नाम से पहचाना जाता है। गुरु का नक्षत्र व गुरु की राशि मीन में होने से ऐसा जातक आकर्षक व्यक्तित्व का धनी, गुणवान, धर्म, कर्म…

शतभिषा

शतभिषा Shatabhisha

शतभिषा, नक्षत्रों में 24वाँ नक्षत्र है। इस नक्षत्र का स्वामी राहु है, इसकी दशा में 18 वर्ष है व कुंभ राशि के अंतर्गत आता है। जहाँ नक्षत्र स्वामी राहु है वहीं राशि स्वामी शनि है। राहु का प्रभाव लगभग शनि…

धनिष्ठा

धनिष्ठा Dhanishta

धनिष्ठा नक्षत्र के अंतिम दो चरणों में जन्मा जातक गू, गे नाम से जाना जा सकता है। मंगल इस नक्षत्र का स्वामी है, वहीं राशि स्वामी शनि है। मंगल का नक्षत्र होने से ऐसे जातक ऊर्जावान, तेजस्वी, पराक्रमी, परिश्रम के…

श्रवण

श्रवण Shravana

यह एक नक्षत्र है | श्रावण 22 वां नक्षत्र है जैसा कि हिंदू खगोल विज्ञान, हिंदू कैलेंडर और हिंदू ज्योतिष में उपयोग किया जाता है। यह नक्षत्र मकर राशि से संबंधित है।

उत्तराषाढा

उत्तराषाढा Uttara Ashadha

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। इसका प्रथम चरण भूनाम से धनुराशि में आता है। राशि स्वामी गुरु है तो नक्षत्र स्वामी सूर्य है। सूर्य की दशा में सबसे कम 6 वर्ष की होती है। जो लगभग जन्म से 6…

पूर्वाषाढ़ा

पूर्वाषाढ़ा Purva Ashadha

पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र मंडल का 20वाँ नक्षत्र है। यह धनुराशि में आता है। इस नक्षत्र का स्वामी शुक है तो राशि स्वामी शुक्र। नक्षत्र स्वामी की सर्वाधिक दशा 20 वर्ष की होती है। इसके बाद सूर्य व चंद्र 16 वर्ष की…

मूल नक्षत्र

मूल नक्षत्र Mula (nakshatra)

मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं। यह ये यो भा भी के नाम से जाना जाता है। नक्षत्र का स्वामी केतु है। वहीं राशि स्वामी गुरु है। केतु गुरु धनु राशि में उच्च का होता है…