एक ही समस्या पर अपना समय व्यर्थ न करें:
पुराने
समय एक बहुत प्रसिद्द साधु हुआ करते थे | लोग उनके पास अपनी समस्याएं लेकर
आते थे और वे उन्हें सही मार्गदर्शन कराते थे | बहुत से लोग बार बार अपनी
एक ही समस्या को लेकर रोते थे तो इस पर साधु ने उन सभी को एक साथ इकठ्ठा
किया और उन्हें एक चुटकला सुनाया | सभी लोग खूब हँसे |
कुछ देर बाद उन्होंने वही चुटकला दोबारा सुनाया तो केवल कुछ लोग ही हँसे |
और जब उन्होंने तीसरी बार वही चुटकला सुनाया तो कोई भी नहीँ हँसा |
साधु ने कहा ,” जब तुम एक ही चुटकले पर बार बार नहीं हँस सकते तो एक ही परेशानी पर बार बार क्यूँ रोते हो ? ”
अपनी परेशानियों से छुटकारा पाएं :
एक धोबी का प्यारा गधा गड्ढे में गिर गया | उसने काफी कोशिशें कि उसे खींचकर बाहर निकालने की लेकिन कोई फायदा नही हुआ अंत में उसने गधे को जिन्दा दफनाने का सोचा | उसने गधे के ऊपर मिट्टी डाली , गधे को अपने ऊपर भारीपन महसूस हुआ उसने मिट्टी को अपने शरीर के ऊपर से हटाया और उस मिट्टी के ऊपर लेट गया | धोबी ने और मिट्टी डाली , गधे ने फिर से अपने शरीर को हिलाकर मिट्टी को हटाया और फिर उसके ऊपर लेट गया | धोबी जितनी मिट्टी डालता गधा उसे हटाकर उसके ऊपर ही बैठ जाता ,धोबी और गधा ऐसा ही करते रहे और आखिरकार शाम को धोबी गधे को चरागाह में चराई करा रहा था |
हर किसी की एक कहानी है :
एक बार एक चौबीस साल का लड़का ट्रेन की खिडकी से बाहर देखकर चिल्लाया : देखो पिताजी पेड़ पीछे की ओर जा रहे हैं |
पिता
उसकी तरफ मुस्कुराए और बगल में बैठे एक पति पत्नी उस चौबीस वर्षीय लड़के के
बचपने व्यवहार को बड़े दयालुता के साथ देख रहे थे| तभी लड़का एक बार फिर से
बोला : देखो बादल हमारे साथ साथ दौड रहे हैं |
उस जोड़े से रहा नही गया और उन्होंने उस लड़के के पिता से कहा : आप अपने बेटे को किसी अच्छे डॉक्टर के पास क्यों नही ले जाते ?
बुजुर्ग
व्यक्ति ने मुस्कुराकर कहा , ” हम गए थे और अभी हॉस्पिटल से ही वापस आ रहे
हैं | मेरे बेटा जन्म से ही अंधा था और आज उसे नयी आखें मिली हैं |
हर
एक व्यक्ति की एक कहानी होती है , किसी को अपने नजरिये से ना आकें जब तक की
आप उनकी सच्चाई नही जानते क्योंकि हो सकता है कि उनका सच आपको आश्चर्यचकित
कर दे |
कोशिश करना कभी न छोड़ें :
एक
व्यक्ति एक हाथीयों के पास से गुजर रहा था तभी अचानक वह कुछ देखकर रुक गया
| उसने देखा कि इतना विशाल जानवर केवल एक छोटी सी रस्सी से बंधा हुआ है, न
कोई चेन, न कोई पिंजरा और हाथी बड़ी आसानी से उसे तोड़कर भाग भी सकता है
लेकिन वे कोई कोशिश भी नहीं कर रहे और शांत खडे हैं | यह देखकर वह एकदम
चकित रह गया |
उस व्यक्ति ने पास ही खड़े एक ट्रेनर से पूछा कि ये जानवर
इतने शांत क्यों खड़े हैं और इन रस्सियों को तोड़ने का प्रयास क्यों नही कर
रहे हैं |
ट्रेनर ने उसे बताया ,” जब ये हाथी छोटे थे तब मैं इन्हें एसी
ही रस्सी से बाँधता था और उस उम्र पर वो रस्सी इन्हें रोकने के लिए काफी
थी | वे उस रस्सी को को तोड़ नही सकते थे | धीरे धीरे ये बड़े होते गए लेकिन
इन्हें यकीन हो चुका था कि वे रस्सी को तोड़ नही सकते , तो उन्होंने इसे
तोड़ने का प्रयास करना ही बंद कर दिया |
वह व्यक्ति आश्चर्यचकित हो गया |
ये जानवर जो कि कभी भी इन रस्सियों के बंधन को कभी भी तोड़ सकते हैं लेकिन
वे ऐसा नहीं कर रहे हैं क्योंकिउन्हें विश्वास हो गया कि वे नही कर सकते |
वे उसी जगह अटके हैं जहाँ कि वे पहले थे |
इन हाथियों कि तरह ही हम में
से कितने ही ऐसे लोग हैं जोकि कभी भी अपने बंधनों को तोड़ सकते हैं लेकिन वे
प्रयास नही कर रहे हैं क्योंकि वे इस प्रयास में एक बार विफल हो चुके हैं |
असफलता सीख का ही एक हिस्सा है तो हमें जीवन में कभी भी संघर्ष करने से हार नही माननी चाहिए |
हर बार आपको विशेषज्ञ होने की आवश्यकता नही है :
एक दिन मेरे पिताजी ने मुझसे कहा , ” बेटा ,जाओ और कोशिश करो | तुम्हे किसी भी नए काम की शुरूआत करने से पहले उसकी सफलता के लिए विशेषज्ञ होने ही आवश्यकता नही है क्योंकि अनाडीयों ने एप्पल और गूगल बनाये और विशेषज्ञों ने टाइटेनिक बनाया था |”
समस्याओं का प्रभाव :
एक
लड़के ने अपने पिता से कहा कि पिताजी मैं अपनी जिंदगी से बहुत परेशान हूँ
पता नही मैं कैसे इसे आगे तक ले जाऊँगा | मैं संघर्ष और लड़ लड़ कर थक गया
हूँ | ऐसा लगता है कि एक परेशानी खत्म होती है तो दूसरी तैयार हो जाती है |
उस
लड़के का पिता जो कि एक बावर्ची था उसे अपने साथ रसोईघर में ले गया | उसने
तीन बर्तनों में पानी लिया और और एक में आलू, दूसरे में अंडा और तीसरे में
चायपत्ती डालकर तीनों को उबलने के लिए रख दिया |
और बिना कुछ बोले कुर्सी पर बैठ गया और देखने लगा | उसका बेटा अपने पिता की इस हरकत को अजीब तरह से देखने लगा |
कुछ
15-20 मिनट बाद उसने गैस को बंद कर दिया और आलू को को निकलकर एक कटोरे में
रखा , अंडे को दूसरे कटोरे में तथा चाय को एक प्याले में कर दिया और अपने
बेटे से कहा, “तुमने क्या देखा ? ”
बेटे ने जवाब दिया ,” आलू, अंडा और चाय |”
उसने
कहा आओ और आलू को छूकर देखो , लड़के ने महसूस किया कि आलू मुलायम हो गया |
फिर उसने कहा अंडे को तोडो ,लड़के ने अंडे के बाहरी आवरण को तोडा तो देखा कि
अंदर का हिस्सा उबलने के बाद कठोर सा हो गया है | अंत में उसने कहा चाय
को चखो तो चाय कि चुस्की लेने के बाद लड़के के चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी |
लड़के ने पूछा, “इसका क्या मतलब पिताजी ?”
पिता
ने जवाब दिया कि जब मैंने आलू, अंडे और चाय को एक ही जैसे परिस्थिति में
डाला तो प्रत्येक ने भिन्न भिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं दीं |
आलू
जोकि कठोर था उबलने के बाद मुलायम और कमजोर हो गया | अंडा जोकि जिसके अंदर
का हिस्सा मुलायम और बाहरी हिस्सा कठोर था उबलने के बाद बाहर से कमजोर और
अंदर से कठोर हो गया तथा चायपत्ती ने सबसे अलग प्रतिक्रिया दी उसने पानी को
ही बदकर एक नई चीज़ में तब्दील कर दिया |
“तुम किस जैसे हो ?” पिता ने पूछा ,” जब विपत्ति तुम्हारा दरवाजा खटखटाती है तो तुम उसका सामना कैसे करोगे ?”
“तुम आलू हो , अंडा हो या चायपत्ती ?”
चीजें हमारे आसपास होती हैं , हमारे साथ होती हैं लेकिन केवल यही मायने रखता है कि हमारे ऊपर क्या प्रभाव पड़ता है |
दूसरों की खुशियों के बारे में भी सोचें :
एक
दिन चॉकलेट आइसक्रीम पर छूट चल रही थी | एक दस साल का लड़का स्टोर में गया
और टेबल पर बैठ गया | वेटर उसके लिए पानी का गिलास लाया और पूछा आप क्या
लेंगे सर ?
लड़के ने पूछा,” चॉकलेट आइसक्रीम कितने की है ?”
वेटर ने जवाब दिया , ” 50 रूपये सर |”
लड़के ने अपनी जेब से सिक्के निकालकर गिने और दोबारा पूछा ,” साधारण आइसक्रीम कितने की है ? ”
वेटर ने जवाब दिया ,” 35 रूपये सर |”
लड़के ने फिर सिक्के गिने और साधारण आइसक्रीम लाने को कहा |
वेटर ने आइसक्रीम और बिल लड़के की टेबल पर रख दिए और चला गया | लड़का भी आइसक्रीम खाकर और कैशियर को बिल का भुगतान करके चला गया |
वेटर
जब बाद में आकार टेबल साफ़ करने लगा तो वह भौचक्का रह गया | उसने देखा के
प्लेट के नीचे वह लड़का 15 रूपये रखकर गया है वेटर की टिप के लिए |
आप काम के प्रति ईमानदार रहें :
एक
दुकान पर एक लड़का आया और उसने एक महिला को फोन किया | उसने महिला से पूछा
कि क्या आप मुझे अपने घर गार्डन साफ़ करने के लिए रख सकती हैं | तो महिला ने
जवाब दिया के नहीं हमारे यहाँ तो एक लड़का पहले से ही है इस काम के लिए |
लडके
ने फिर कहा कि मैं उस लड़के से आधी कीमत में ये काम करने को तैयार हूँ |
लेकिन महिला ने कहा कि नहीं हम उस लड़के से काम करायेंगे |
उस लड़के ने फिर कहा कि मैं उस आधी कीमत में ही आपका घर और गाडी भी साफ़ करूँगा | महिला का उत्तर फिर भी ना ही था |
लड़के ने एक-दो बार और निवेदन किया परन्तु महिला ने उससे साफ़ इनकार कर दिया | अंत में लड़के ने फोन काटकर दुकानदार को बिल चुकाया |
दूकानदार ने उससे कहा कि तुम्हे इतनी आवश्यकता है तो मेरी दूकान पर काम करलो, मैं तुम्हें काम और अच्छे पैसे दूँगा |
लड़के
ने मुस्कुराकर जवाब दिया ,” नहीं, मझे काम नही चाहिए | मैं तो बस यह जानना
चाह रहा था कि मेरी मालकिन मेरे काम से संतुष्ट है या नहीं |”
अपना नज़रिया दूसरों पर न थोपे :
एक
बार अमित और सुमित में झगडा हो गया , सुमित का कहना था कि वह सही है और
अमित गलत जबकि अमित का कहना था कि वह सही है और सुमित गलत | दोनों ही खुद
को सही साबित करने पर तुले थे | झगडा काफी आगे बढ़ चुका था कि तभी उनके
शिक्षक वहाँ पंहुचे और उसने पूछा कि क्या मसला है | अमित ने उसे बताया कि
सुमित गलत होकर भी अपने आप को सही मनवाना चाहता है | शिक्षक उन्हें एक कमरे
में ले गया , वहाँ एक बड़ी सी टेबल रखी थी जिसके एक तरफ उसने सुमित को खडा
किया और दूसरी और अमित को | टेबल के बीच में एक कांच की एक वस्तु रखी थी |
शिक्षक ने अमित से पूछा कि उस वस्तु का रंग कैसा है ? अमित ने कहा – काला |
जब उसने सुमित से पूछा तो उसने वस्तु का रंग सफ़ेद बताया | इस बात पर अमित
बड़े गुस्से से उबलने लगा और कहने लगा , ” यह इतना दुष्ट कैसे हो सकता है ?
यह हर बार मेरे ही विपरीत बोलता है चाहे गलत क्यों न हो | सबको दिखाई दे
रहा होगा कि इस वस्तु का रंग काला है फिर भी … ”
शिक्षक ने मुस्कुराते
हुए अमित से कहा कि तुम दूसरी और आ जाओ जहाँ कि सुमित है और अब उस वस्तु का
रंग बताओ | जब अमित ने वहाँ जाकर देखा तो आश्चर्य में पड गया , उस वस्तु
का रंग सफ़ेद था | उस तरफ प्रकाश के कारण उस वस्तु का रंग सफ़ेद दिखाई दे रहा
था |
हर इंसान अपना नजरिया दूसरे पर थोपना चाहता है , जबकि उसे दूसरे के पक्ष को भी समझने कि कोशिश करनी चाहिए हो सकता है वह भी सही हो |
जीवन विशाल है, इसका लुत्फ़ उठाएं :
एक दिन प्रोफ़ेसर ने अपनी क्लास के सभी विद्यार्थियों से कहा कि आज में तुम लोगों का सरप्राइज़ टेस्ट लूँगा | टेस्ट के लिए सभी विद्यार्थी तैयार हो गए | प्रोफ़ेसर ने एक खाली कागज़; जिसपर कि एक काले रंग का छोटा सा बिंदु बना था सभी बच्चों को दिखाया और कहा कि अपनी पुस्तक निकालो और तुमने जो देखा उसे अपने उत्तर में लिखो |
सभी विद्यार्थी आश्चर्यचकित हो गए और इस अजीब से प्रश्न का अपने अपने तरीके से जवाब लिखने लगे | क्लास के अंत में जब सभी पुस्तकों के जवाब एक एक करके पढ़ने लगे | हर किसी ने इसका अलग-अलग तरीके से जवाब दिया जैसे कि बिंदु की स्थिती, कागज के बीच में वगेरह, वगेरह |
सभी जवाब पढ़ने के बाद प्रोफेसर ने कहा ,” मैं इस प्रश्न के लिए तुम्हे कोई नंबर नही दूँगा और ना ही पास या फेल करूँगा | मैं तो बस इसके जरिये तुम्हे कुछ सोचने पर मजबूर करना चाहता था | तुम सभी ने बस इस कागज़ पर बिंदु कि स्थिति के बारे में ही ध्यान दिया और लिखा किसी ने भी कागज के सफ़ेद खाली हिस्से पर ध्यान नही दिया |”
ठीक इसी प्रकार हर अपनी निजी जिंदगी में भी छोटी-छोटी समस्याओं और परेशानियों को ही ज्यादा महत्व देते हैं और बस उन्ही पर अपना सार ध्यान लगा देते हैं | लेकिन बाकी बची हुई जिंदगी (जोकि खुशी, सुंदरता और चमत्कारों से भरी है) पर ध्यान नही दे पाते | काले बिंदु जैसी छोटी- छोटी स्वास्थ्य समस्याएं , पैसे की कमी , किसी से अच्छे सम्बंध न होना चीजों को छोड़कर सफ़ेद कागज जैसी बड़ी और खुशहाली भरी जिंदगी को हमें अधिक महत्व देना चाहिए |
खुश रहें और जीवन को सकारात्मक रूप में जीयें |