पालतू या साथी जानवर एक जानवर है जिसे मुख्य रूप से किसी व्यक्ति की कंपनी, मनोरंजन के लिए, या काम करने वाले जानवर, पशुधन या प्रयोगशाला जानवर के बजाय भूखे आवारा बिल्ली को लेने और बचाने के लिए दया के कार्य के रूप में रखा जाता है। लोकप्रिय पालतू जानवरों को अक्सर उनके आकर्षक दिखावे, बुद्धिमत्ता और भरोसेमंद व्यक्तित्व के लिए जाना जाता है, या उन्हें सिर्फ इसलिए स्वीकार किया जा सकता है क्योंकि वे एक घर की जरूरत होते हैं।
कुत्ता या श्वान भेड़िया कुल की एक प्रजाति है। यह मनुष्य के पालतू पशुओं में से एक महत्त्वपूर्ण प्राणी है। इनके द्वारा तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली एक भयंकर बीमारी रेबीज होती है। इसकी मादा को कुतिया और शावक को पिल्ला कहते हैं। इसका औसत जीवनकाल लगभग 12 वर्ष होता है।
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बिल्ली एक मांसाहारीस्तनधारी जानवर है। इसकी सुनने और सुँघने की शक्ति प्रखर है और यह कम रोशनी, यहाँ तक कि रात में भी देख सकती हैं। लगभग 9500 वर्षों से बिल्ली मनुष्य के साथी के रूप में है। प्राकृतिक रूप से इनका जीवनकाल लगभग 15 वर्षों का होता है।
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ख़रगोश खरहारूपीगण के खरहादृष्टकुल के, खरहा और पिका के साथ, छोटे स्तनधारी हैं। खनखरहा शशबिल में यूरोपीय ख़रगोश और उसके वंशज, पालतू ख़रगोश की दुनिया की 305 नस्ले शामिल हैं। सिल्वीखरहा में तेरह वन्य ख़रगोश शामिल हैं, जिनमें से सात कपासपुच्छ के प्रकार हैं। अंटार्कटिका को छोड़कर हर महाद्वीप पर परिचय में आया हुआ यूरोपीय ख़रगोश, दुनिया भर में एक जंगली शिकार प्राणी के रूप में और पशुधन और पालतू जानवर के पालतू रूप में परिचित है। पारिस्थितिकी और संस्कृतियों पर इसके व्यापक प्रभाव के साथ, खरगोश (या बनी) दुनिया के कई क्षेत्रों में, दैनिक जीवन का एक हिस्सा है- भोजन, कपड़ों और साथी के रूप में, और कलात्मक प्रेरणा के स्रोत के रूप में।
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हैम्स्टर्स सांध्यचर होते हैं। जंगली क्षेत्रों में वे शिकारियों द्वारा पकड़े जाने से बचने के लिए दिन के उजाले में भूमिगत बिल में छिपे रहते हैं। उनके आहार में सूखे भोजन, बेर, बादाम, ताजे फल और सब्जियों सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य प्रदार्थ शामिल हैं। जंगली क्षेत्रों में ये गेहूं, बादाम और थोड़ी-बहुत फल और सब्जियां खाएंगे जो उन्हें जमीन पर पड़े मिल सकते हैं और कभी-कभी ये छोटे-छोटे फल मक्खी, कीट-पतंग और आहार-कृमि जैसे छोटे-छोटे कीड़े खाएंगे. उनके सिर के दोनों तरफ लम्बे-लम्बे फर-रेखित थैलियां होती हैं जिनका विस्तार उनके कन्धों तक होता है, जिन्हें वे भोजन का संग्रह करने के लिए, अपने निवास स्थान पर ले जाने के लिए या बाद में खाने के लिए भोजन से भर देते हैं।
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पिग या गिनी सूअर (वैज्ञानिक नाम:
केविआ पोर्सेलस), कृतंक परिवार की प्रजाति है। अन्य नाम केवी है जो इसके वैज्ञानिक नाम से आया है। इनके आम नाम के बावजूद, ये जानवर सुअर परिवार से नहीं हैं, न ही ये अफ्रीका में गिनी से आते हैं। वे दक्षिण अमेरिका के एंडीज़ में उत्पन्न हुए।
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छिपकली स्क्वमाटा जीववैज्ञानिक गण के सरीसृप प्राणियों का एक उपगण है, जिसमें अंटार्कटिका के अलावा लगभग विश्व भर के हर बड़े भू-भाग में मिलने वाली लगभग 6000 ज्ञात जातियाँ शामिल हैं। ध्यान दें कि सर्प भी स्क्वमाटा गण के सदस्य होते हैं और छिपकली व सर्प दोनों एक ही पूर्वज के वंशज हैं लेकिन परिभाषिक रूप से सर्पों को छिपकली नहीं समझा जाता।
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मछली शल्कों वाला एक जलचर है जो कि कम से कम एक जोडा़ पंखों से युक्त होती है। मछलियाँ मीठे पानी के स्त्रोतों और समुद्र में बहुतायत में पाई जाती हैं। समुद्र तट के आसपास के इलाकों में मछलियाँ खाने और पोषण का एक प्रमुख स्रोत हैं। कई सभ्यताओं के साहित्य, इतिहास एवं उनकी संस्कृति में मछलियों का विशेष स्थान है। इस दुनिया में मछलियों की कम से कम 28,500 प्रजातियां पाई जाती हैं जिन्हें अलग अलग स्थानों पर कोई 2,18,000 भिन्न नामों से जाना जाता है | इसकी परिभाषा कई मछलियों को अन्य जलीय प्रणी से अलग करती है, यथा ह्वेल एक मछली नहीं है। परिभाषा के मुताबिक़, मछली एक ऐसी जलीय प्राणी है जिसकी रीढ़ की हड्डी होती है (कशेरुकी जन्तु), तथा आजीवन गलफड़े (गिल्स) से युक्त होती हैं तथा अगर कोई डालीनुमा अंग होते हैं (लिंब) तो वे फ़िन के रूप में होते हैं
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फेरेट (मुस्टेला पुटेरियस फुरो), यूरोपीय पोलकैट का घरेलू रूप है, जो परिवार मस्टलीडे में वेसल, मुस्टेला के समान जीन से संबंधित एक स्तनपायी है। उनके फर आमतौर पर भूरे, काले, सफेद या मिश्रित होते हैं। उनकी औसत लंबाई 51 सेमी (20 इंच) है, जिसमें 13 सेमी (5.1 इंच) पूंछ शामिल है, जिनका वजन लगभग 1.54 पाउंड (0.7-2 किलोग्राम) है, और प्राकृतिक जीवन काल 7 से 10 साल है। फेरेट्स यौन रूप से मंद शिकारी होते हैं, जिनमें नर मादा से काफी बड़े होते हैं।
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पंख वाले या उड़ने वाले किसी भी जन्तु को पक्षी कहा जाता है। जीव विज्ञान में एविस् श्रेणी के जन्तुओं को पक्षी कहते हैं। इस अण्डा देने वाले रीढ़धारी प्राणी की लगभग 10,000 प्रजातियाँ इस समय इस धरती पर निवास करती हैं। इनका आकार 2 इंच से 8 फीट तक हो सकता है तथा ये आर्कटिक से अन्टार्कटिक तक सर्वत्र पाई जाती हैं। पक्षी ऊँचे पहाडों को उड़ कर पार कर जाते हैं। ये गहरे जल में 250 मीटर तक डुबकी लगा लेते हैं। इन्हें ऐसे महासागरों के ऊपर उड़ते देखा गया है जहाँ से तट हजारों किलोमीटर दूर है। इनका शरीर पंखों से ढँका होता है। सभी प्राणियों में पक्षी सबसे अधिक सुन्दर एवं आकर्षक प्राणी हैं। पंख रहते हुए भी कुछ पक्षी उड़ नहीं सकते हैं परन्तु अधिकतर पक्षी आकाश में उड़ते हैं।
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कछुए (Turtles) या कर्म टेस्टूडनीज़ नामक सरीसृपों के जीववैज्ञानिक गण के सदस्य होते हैं जो उनके शरीरों के मुख्य भाग को उनकी पसलियों से विकसित हुए ढाल-जैसे कवच से पहचाने जाते हैं। विश्व में स्थलीय कछुओं और जलीय कछुओं दोनों की कई जातियाँ हैं। कछुओं की सबसे पहली जातियाँ आज से 15.7 करोड़ वर्ष पहले उत्पन्न हुई थीं, जो की सर्वप्रथम सर्पों व मगरमच्छों से भी पहले था। इसलिये वैज्ञानिक उन्हें प्राचीनतम सरीसृपों में से एक मानते हैं। कछुओं की कई जातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं लेकिन 327 आज भी अस्तित्व में हैं। इनमें से कई जातियाँ ख़तरे में हैं और उनका संरक्षण करना एक चिंता का विषय है। इसकी उम्र 300 साल से अधिक होती है
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