वाटर (फ़िल्म)

अनुराग कश्यप की पटकथा के साथ दीपा मेहता द्वारा लिखित और निर्देशित एक वाटर 2005 की ड्रामा फ़िल्म है। यह 1938 में स्थापित किया गया था और भारत के वाराणसी में एक आश्रम में विधवाओं के जीवन की पड़ताल करता है। फिल्म मेहता के तत्व त्रयी की तीसरी और अंतिम किस्त भी है। यह फायर (1996) और अर्थ (1998) से पहले था। लेखक बप्पी सिधवा ने 2006 का उपन्यास मिल्कवीड प्रेस द्वारा प्रकाशित फिल्म वाटर: ए नॉवेल पर आधारित लिखा। सिधवा का पहला उपन्यास, क्रैकिंग इंडिया पृथ्वी का आधार था, जो त्रयी में दूसरी फिल्म थी। 1940 के दशक में ग्रामीण भारतीय विधवाओं की कहानियों में पानी एक गहरा अंतर्द्वंद है और इसमें विवादास्पद विषयों जैसे कि गलत व्यवहार और अपशगुन शामिल हैं। इस फिल्म का प्रीमियर 2005 के टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ था, जहाँ इसे ओपनिंग नाइट गाला से सम्मानित किया गया था, और उसी साल नवंबर में कनाडा में रिलीज़ किया गया था। इसे भारत में पहली बार 9 मार्च 2007 को रिलीज़ किया गया था।

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