एडी जाकू हमेशा खुद को पहले जर्मन और दूसरे यहूदी को मानते थे। उन्हें अपने देश पर गर्व था। लेकिन नवंबर 1938 में यह सब बदल गया, जब उन्हें पीटा गया, गिरफ्तार किया गया और एक एकाग्रता शिविर में ले जाया गया।
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एडी जाकू हमेशा खुद को पहले जर्मन और दूसरे यहूदी को मानते थे। उन्हें अपने देश पर गर्व था। लेकिन नवंबर 1938 में यह सब बदल गया, जब उन्हें पीटा गया, गिरफ्तार किया गया और एक एकाग्रता शिविर में ले जाया गया।
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