सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ भी हिन्दी कविता के छायावादी युग के प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। निराला जी ऐसे कवि थे, जिन्होंने हिंदी कविताओं में मुक्त छंद के प्रकार से पाठकों को एवं अन्य कवियों को परिचित करवाया। जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ सूर्यकान्त त्रिपाठी हिन्दी साहित्य में छायावाद के 4 प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। वैसे तो कविताओं के अलावा इन्होंने कहानियां, उपन्यास और निबंध भी लिखे हैं, किन्तु इनकी ख्याति विशेष रूप से कविता के कारण ही है।

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