सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2015-16 में की थी जिसे अब स्वीकर कर लिया गया है। इस योजना से सोने की मांग में कमी आएगी और प्रतिवर्ष 300 टन सोने की छड़ें और सिक्कों की खरीदारी के लिए किए जाने वाले निवेश को स्वर्ण बांड में लगाया जा सकेगा।

भारत में सोने की मांग अधिकतर आयात द्वारा पूरी की जाती है। इस योजना से देश के चालू खाते के घाटे को सीमित करने में मदद मिलेगी। एसजीबी को 2015-16 और उसके आगे की अवधि के लिए सरकार के बाजार उधार कार्यक्रम के दायरे में जारी किया जाएगा। वित्त मंत्रालय से सलाह के बाद जारी करने की वास्तविक मात्रा भारतीय रिजर्व बैंक तय करेगा। सोने की कीमतों में बदलाव संबंधी जोखिम को स्वर्ण भंडार निधि द्वारा वहन किया जाएगा। इससे सरकार को ऋण लागत में कमी लाने का लाभ होगा जिसे स्वर्ण भंडार निधि में हस्तांतरित किया जाएगा।

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