छठी योजना

छठी योजना भी आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत के रूप में चिह्नित हैं। यह नेहरूवादी योजना का अंत था और इस अवधि के दौरान इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी। छठी योजना दो बार तैयार की गई । जनता पार्टी द्वारा ( 1978-1983 की अवधि हेतु) ” अनवरत योजना ” बनाई गई । परंतु 1980 में बनी इंदिरा की नई सरकार ने इस योजना को समाप्त कर नई छठी पंचवर्षीय योजना (1980-1985) को लांच की। अब जनता पार्टी के प्रतिमान को हटाकर पुणे नेहरू प्रतिमान को अपनाया गया। इस बिंदु पर जोर दिया गया कि अर्थव्यवस्था का विस्तार करके ही समस्या का समाधान किया जा सकता है । यही कारण है कि छठी पंचवर्षीय योजना को छठी योजनाएं भी कहा जाता है। जनसंख्या को रोकने के क्रम में परिवार नियोजन भी विस्तार किया गया था। चीन के सख्त और बाध्यकारी एक बच्चे नीति के विपरीत, भारतीय नीति बल – प्रयोग की धमकी पर भरोसा नहीं था। भारत के समृद्ध क्षेत्रों में परिवार नियोजन कम समृद्ध क्षेत्रों, जो एक उच्च जन्म दर जारी की तुलना में अधिक तेजी से अपनाया. इसमे आधुनिकीरण शब्द का पहली बार प्रयोग हुआ। रोलिंग प्लान की अवधारणा आयी। इसे सर्वप्रथम गुन्नार मिर्डल ने अपनी पुस्तक ” एशियान ड्रामा” से दिया। इसे भारत मे लागु करने का श्रेय “प्रो0 डी0टी0 लकडवाला” को दिया जाता है।

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