सिंधुदुर्ग

सिंधुदुर्ग, शिवाजी द्वारा सन 1664 में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवन तालुका के समुद्र तट से कुछ दूर अरब सागर में एक द्वीप पर निर्मित एक नौसैनिक महत्व के किले का नाम है। यह मुंबई के दक्षिण में महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में स्थित है। शिवाजी महाराज के सैनिक दल में इस किले को बहुत महत्त्व प्राप्त था। किले के क्षेत्र कुरटे बंदरगाह पर 48 एकर पर फैला है। तटबंदी की लंबाई साधारणत: तीन किलोमीटर है। बुरुज की संख्या 52 होकर 45 पथरीले जिने है। इस किले पर शिवाजी महाराज के काल के मीठे पानी के पथरीले कुँए है। उनके नाम दूध कुऑ शक्कर कुँआ ,दही कुँआ है। इस किले की तटबंदी की दीवार में छत्रपती शिवाजी महाराज ने उस काल में तीस से चालीस शौचालय की निर्मिति की है। इन किलो में शिवाजी महाराज के शंकर के रूप का एक मंदिर है। यह मंदिर इ.स. 1695 में शिवाजी महाराज के पुत्र राजाराम महाराज इन्होंने बनाया था।

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