सर्व अंग और आसन अर्थात सर्वांगासन। इस आसन को करने से सभी अंगों को व्यायाम मिलता है इसीलिए इसे सर्वांगासन कहते हैं। सावधानी: कोहनियाँ भूमि पर टिकी हुई हों और पैरों को मिलाकर सीधा रखें। पंजे ऊपर की ओर तने हुए एवं आँखें बंद हों अथवा पैर के अँगूठों पर दॄष्टि रखें।
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