प्रभात रंजन सरकार (21 मई 1921 – 21 अक्टूबर 1990) एक आध्यात्मिक गुरु, आधुनिक लेखक, भारतीय दार्शनिक, सामाजिक विचारक, योगी, लेखक, पंथ-नेता, कवि, संगीतकार और भाषाविद थे। सरकार को उनके आध्यात्मिक नाम- श्री श्री आनnदमूर्ति से भी जाना जाता है। उनके शिष्य उन्हें ‘बाबा’ (“पिता”) भी कहते हैं। 1955 में सरकार ने एक आध्यात्मिक और सामाजिक संगठन आनंद मार्ग (आनंद का मार्ग) की स्थापना की, जो ध्यान और योग में शिक्षा प्रदान करता है। भारत के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने सरकार के बारे में कहा है: “प्रभात रंजन सरकार भारत के महान आधुनिक दार्शनिकों में से एक थे।”सरकार की साधना पद्धति को वैदिक और तांत्रिक दर्शन का व्यावहारिक संश्लेषण कहा गया है। उन्होंने भौतिकवाद और पूंजीवाद की निंदा की और उन्होंने माना कि ब्रह्मांड की रचना मैक्रोस्कोपिक कोनेशन के परिणामस्वरूप हुई – संपूर्ण ब्रह्मांड ‘कॉस्मिक माइंड’ के भीतर मौजूद है, जो स्वयं अपनी प्रकृति के बंधन के तहत आने वाली चेतना की पहली अभिव्यक्ति है।
सरकार एक उर्वर लेखक थे और उन्होंने व्यापक स्तर पर सृजन किया। उनके द्वारा सृजित सिद्धांत- सामाजिक चक्र का सिद्धांत, प्रगतिशील उपयोग सिद्धांत, माइक्रोविटम सिद्धांत, नव-मानवतावाद का सिद्धांत आदि मानव के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
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