पोमेरेनियन

पोमेरेनियन (अक्सर पोम के नाम से या अधिक विनोद से पोम पोम के रूप में जाना जाता है) स्पिट्ज नस्ल का कुत्ता है जिसका नाम केंद्रीय यूरोप (आज पूर्वी जर्मनी और उत्तरी पोलैंड का हिस्सा है) के पोमेरेनिया क्षेत्र पर रखा गया है। लेकिन कुछ लोग उसे पॉमेरियन और पामोलियन कहते है , पर वो गलत है इसका नाम पोमेरेनियन ही है | छोटे आकार की वजह से इसे छोटे कुत्ते की नस्ल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, पोमेरेनियन विशाल आकार वाले स्पिट्ज प्रकार के कुत्तों, खासकर जर्मन स्पिट्ज के वंशज हैं। फ़ेडरेशन सैनोलॉजिक इंटरनेशनेल द्वारा इसे जर्मन स्पिट्ज नस्ल का हिस्सा निर्धारित किया गया है और कई देशों में ये ज्वेर्गस्पिट्ज (बौने स्पिट्ज) या ट्वाय जर्मन स्पिट्ज के नाम से जाने जाते हैं।
17 वीं और 18 वीं शताब्दियों के दौरान कुछ शाही मालिकों की वजह से यह नस्ल लोकप्रिय हो गयी। उस समय रानी विक्टोरिया के पास विशेष रूप से एक छोटा पोमेरेनियन था और इसलिये यह नस्ल विश्वस्तर पर लोकप्रिय हो गयी। रानी विक्टोरिया के जीवनकाल में ही इस नस्ल का आकार 50% घट गया था। पोमेरेनियन स्थिर, सुसंगत, आज्ञाकारिता प्रशिक्षण देने पर अच्छी तरह से बर्ताव करते हैं, अन्यथा वही करते हैं जो उनका मन करता है। वे बाहर से कोई आवाज मिलने पर जवाब में भौंकने के लिए जाने जाते हैं। कुल मिलाकर पोमेरेनियन बहादुर और स्वस्थ कुत्ता है। इनमे सबसे आम बीमारी है लक्सेटिंग पटेल्ला. सांस की नली का विफल होना भी चिंता का कारण हो सकता है। कभी-कभार वे त्वचा की बीमारी, जिसे बोलचाल की भाषा में “काली त्वचा की बीमारी” या असमय गंजापन कहते हैं, से ग्रस्त हो सकते हैं। यह एक आनुवांशिक बीमारी है जिससे कुत्तों की त्वचा काली हो जाती है या उसके सारे या अधिकांश बाल झड़ जाते हैं। और इसको बचपनमे ज्यादा हाथ लगाने से इसके बाल गिरने भी शुरु हो सकते है | संयुक्त राज्य अमेरिका में यह नस्ल इस समय की 15 शीर्ष लोकप्रिय नस्लों में शामिल है और छोटे कुत्तों के शौकीनों की वजह से इनकी लोकप्रियता दुनिया भर में बढ़ गयी है। वे बहुत ही छोटे कुत्ते हैं फिर भी कभी-कभी अपने मालिकों की सुरक्षा कर लेते हैं। सहसा आक्रमण होने पर अपने आकार की वजह से वे दब भी सकते हैं।

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