पालक्कड़ दुर्ग

पलक्कड़ किला केरल राज्य के पालक्कड़ जिले में स्थित राज्य के सबसे अच्छे संरक्षित किलों में से एक है। इतिहासकारों के अनुसार पलक्कड़ का राजा कोज़ीकोड़ के शासक ज़मोरीन का हितैषी हुआ करता था। 18वीं शताब्दी के आरम्भ में उन्होंने ज़मोरिन से अलग होने का निर्णय लिया और स्वतंत्र हो गए। तब ज़मोरीन ने पलक्कड़ पर आक्रमण किया जिससे बचने हेतु सहायता मांगने के लिए हैदर अली के पास आए। तब हैदर अली मौके का लाभ उठाया और उस सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान को इस सहायता के एवज में स्वयं अधिकृत कर लिया। इसके बाद 1766 में हैदर अली ने इसका पुनर्निर्माण भी करवाया। 1784 में ग्यारह दिनों के युद्ध के बाद किले को कर्नल फुलरटन के मातहत सेना द्वारा ब्रिटिश अधिकार में ले लिया गया। इसके बाद कोज़िकोड के ज़मोरीन के सैनिकों ने किले पर आक्रमण कर उसे अपने अधिकार में ले लिया कब्ज़ा कर लिया, किन्तु 1790 में अंग्रेजों ने इसे पुनः ले लिया और फिर से किले को पुनर्निर्मित किया। टीपू सुल्तान ने 1799 में अंग्रेजों के साथ एक मुठभेड़ में वीरगति पायी और तभी से उसके नाम पर जाना जाने लगा।

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