कनकलता बरुआ भारत की स्वतन्त्रता सेनानी थीं जिनको अंग्रेजों ने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के समय गोली मार दी। उन्हें बीरबाला भी कहते हैं। वे असम की निवासी थीं। बरुआ का जन्म असम के अविभाजित डारंग जिले के बोरंगाबाड़ी गाँव में कृष्ण कांता और कर्णेश्वरी बरुआ की बेटी के रूप में हुआ था। उनके दादा घाना कांता बरुआ डारंग में एक प्रसिद्ध शिकारी थे।
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