जीवनानन्द दास

जीवनानंद दास बोरिशाल (बांग्लादेश) में जन्मे बांग्ला के सबसे जनप्रिय रवीन्द्रोत्तर कवि हैं। उन्हें 1955 में मरणोपरांत श्रेष्ठ कविता के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1926 में उनका पहला कविता संग्रह प्रकाशित हुआ। झरा पालक, धूसर पांडुलिपि, बनलता सेन, महापृथिबी, रूपसी बांगला आदि उनकी बहुचर्चित कृतियाँ हैं।

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