जेम्ज़ मैडिसन (James Madison) एक अमेरिकी राजनेता और राजनैतिक दार्शनिक थे जो 1809-1817 काल में अमेरिका के चौथे राष्ट्रपति भी रहे। उन्होंने अमेरिका के संविधान बनवाने में अहम भूमिका अदा की जिस कारण से उन्हें ‘अमेरिकी संविधान का पिता’ भी कहा जाता है। अमेरिका का प्रसिद्ध अधिकार विधेयक भी उन्होंने ही लिखा और पारित करवाया था।1776 में अमेरिका के स्वतन्त्र हो जाने के बाद मैडिसन ने अन्य अमेरिकी राजनैतिक विचारकों के साथ मिलकर संविधान की रचना करी। इसके बाद इस दस्तावेज़ को स्वीकृत करवाकर नए राष्ट्र में लागू करने की ज़रुरत थी। कई राजनेता इसके विरोध में थे और वे चाहते थे कि अमेरिका के तेराह उपनिवेश एक सूत्र में बंधने की बजाए अलग-अलग राष्ट्रों की तरह हों। मैडिसन ने ऐलॅक्सैण्डर हैमिलटन और जॉन जे के साथ मिलकर 1788 में ‘फ़ेडेरेलिस्ट पेपर्ज़’ (अर्थ: संघ-समर्थक काग़ज़ात’) नाम से संविधान के लिए समर्थन बनवाने के लिए एक लेखों की शृंखला प्रकाशित की। 1789 में यह संविधान मंज़ूर होने के बाद लागू हो गया।
मैडिसन की आधुनिक काल में इस बात पर निंदा होती है कि उन्होंने अमेरिका में उस समय की गुलाम-प्रथा में पूरी तरह भागीदारी की। राजनेति के साथ-साथ वह कृषि करते थे और एक समृद्ध ज़मींदार थे। उन्होंने तम्बाकू और अन्य फ़सलों की खेती के लिए सैंकड़ों दासों को रखा हुआ था। इस बात पर विवाद है कि वह आगे चलकर दासप्रथा को ख़त्म करना चाहते थे कि नहीं। कुछ समीक्षक कहते हैं कि उनके कथनों से यह लगता है कि उनमें इस कुप्रथा को अंत करने की इच्छा तो थी लेकिन अमेरिकी इतिहास के उस चरण पर उन्होंने इसे महत्व नहीं दिया।
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