गुरु ग्रंथ साहिब
आदिग्रन्थ सिख समुदाय का प्रमुख धर्मग्रन्थ है। इन्हें ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ भी कहते हैं। इनका संपादन सिख समुदाय के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने किया। गुरु ग्रन्थ साहिब जी का पहला प्रकाश 30 अगस्त 1604 को हरिमंदिर साहिब अमृतसर में हुआ। 1705 में दमदमा साहिब में दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी ने गुरु तेगबहादुर जी के 116 शब्द जोड़कर इसको पूर्ण किया, इनमे कुल 1430 पृष्ठ है।
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364 बेहतरीन दर्शनशास्त्र की पुस्तकें
बेहतरीन दर्शनशास्त्र की पुस्तकें: दर्शन वह ज्ञान है जो परम सत्य और प्रकृति के सिद्धांतों और उनके कारणों से संबंधित है। दर्शन वास्तविकता की परीक्षा के लिए एक दृष्टिकोण है। दार्शनिक चिंतन मूल रूप से जीवन के अर्थ की खोज का पर्याय है। वास्तव में, दर्शन स्वत्व का विज्ञान है, अर्थात प्रकृति और समाज, और […]