भीम नायक

भीमा नायक ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ों के विरुद्ध संघर्ष किया था। अंग्रेज सरकार द्वारा उनके खिलाफ दोष सिद्ध होने पर उन्हें पोर्ट ब्लेयर व निकोबार में रखा गया था। भीमा नायक की मृत्यु 29 दिसंबर 1876 को पोर्ट ब्लेयर में हुई थी। भीमा नायक को निमाड़ का राँबिनहुड़ कहा जाता था, इनकी माताजी का नाम सुरसी बाई भील था उन्होंने ही भीमा नायक को ब्रिटिशों से युद्ध करने की प्रेरणा दी थी भीमा नायक के नाम से ब्रिटिश अधिकारी तथा वायसरॉय काँपते थे ! इसी कारण भीमा को अंग्रेज़ों ने छल और धोखे से पकड़ा गया ।

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