अष्टांग नमस्कार

अष्टाङ्ग नमस्कार या अष्टाङ्ग दण्डवत् प्रणाम्, सूर्य नमस्कार का एक चरण है जिसमें शरीर, आठ अंगों के द्वारा भूमि को स्पर्श करती है। ये आठ अंग हैं- दोनों पाँव, दोनों घुटने, छाती, ठुण्डी और दोनों हथेलियाँ। इसको ‘दण्डवत प्रणाम’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस मुद्रा में शरीर ‘दण्डवत’ हो जाता है।

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84 सर्वाधिक लोकप्रिय योग आसनों की सूची

84 सर्वाधिक लोकप्रिय योग आसनों की सूची 2

सुविधापूर्वक एक चित और स्थिर होकर बैठने को आसन कहा जाता है। आसन का शाब्दिक अर्थ है – बैठना, बैठने का आधार, बैठने की विशेष प्रक्रिया आदि। पातंजल योगदर्शन में विवृत्त अष्टांगयोग में आसन का स्थान तृतीय एवं गोरक्षनाथादि द्वारा प्रवर्तित षडंगयोग में प्रथम है। चित्त की स्थिरता, शरीर एवं उसके अंगों की दृढ़ता और […]